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मध्य प्रदेश

CAG ने मध्य प्रदेश पीएम आवास योजना में खामियाँ उजागर कीं

  • 29 Feb 2024
  • 7 min read

चर्चा में क्यों?

भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक ने मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना - ग्रामीण (PMAY-G) के कार्यान्वयन में अनियमितताओं को चिह्नित किया है।

मुख्य बिंदु:

  • सार्वजनिक आवास कार्यक्रम को केंद्र द्वारा वर्ष 2016 में गरीबी उन्मूलन के एक साधन के रूप में पेश किया गया था। इसका उद्देश्य वर्ष 2022 तक ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे और जीर्ण-शीर्ण घरों में रहने वाले लोगों को बुनियादी सुविधाओं के साथ पक्के घर उपलब्ध कराना था।
    • अंतरिम बजट 2024 में वित्त मंत्रालय ने PMAY-G के तहत अगले 5 वर्षों में 2 करोड़ अतिरिक्त घरों के निर्माण की घोषणा की।
  • CAG की रिपोर्ट में वर्ष 2016-21 से इस योजना के कार्यान्वयन की बात की गई है, जब 26,28,525 घरों को मंज़ूरी दी गई थी और 24,723 करोड़ रुपए लाभार्थियों को दिये गए थे।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि:
    • स्वीकृत आवासों में से 82.35% पूर्ण हो चुके हैं।
    • हालाँकि इस योजना में यह अनिवार्य है कि वाहन या मछली पकड़ने वाली नाव वाले परिवारों को बाहर रखा जाए, 10 लेखापरीक्षित ज़िलों में घर की मंज़ूरी से पहले 2,037 लाभार्थियों के पास दो/तीन/चार पहिया वाहन थे।
    • 2,037 अयोग्य लाभार्थियों में से 1,555 को 15.66 करोड़ रुपए की PMAY-G सहायता।
    • 64 मामलों में एक ही लाभार्थी को दो बार आवास स्वीकृत किये गए। 98 मामलों में, एक घर वास्तविक लाभार्थी को और दूसरा उसके परिवार के सदस्यों को स्वीकृत किया गया था, जिनकी योजना के लिये पहचान नहीं की गई थी।
    • लाभार्थियों के डुप्लिकेट की पहचान करने के लिये पोर्टल में अलर्ट करने की कोई व्यवस्था नहीं है।
    • कुल 18,935 स्वीकृत मामलों में से 8,226 लाभार्थियों ने प्राथमिकता सूची में अधिक वंचित लाभार्थियों को हटा दिया।
    • रिपोर्ट में लाभार्थियों को किश्तें देने में देरी भी देखी गई, जिसके कारण घर बनाने में देरी हुई।
    • 90 मामलों में नाबालिगों को PMAY-G आवास स्वीकृत किया गया और उनके रिश्तेदारों को लाभ प्रदान किया गया।
    • आवास सॉफ्ट डेटा की जाँच की गई क्योंकि 1,246 मामलों में लाभार्थियों के नाम का उल्लेख नहीं किया गया था और 950 मामलों में लाभ जारी किया गया था।
      • आवास सॉफ्ट, एक वेब-आधारित लेन-देन संबंधी इलेक्ट्रॉनिक सेवा वितरण मंच है, जिसका उपयोग योजना के कार्यान्वयन और निगरानी में किया जाता है।
    • योजना की रूपरेखा यह निर्धारित करती है कि "विधवा/अविवाहित/अलग हुए व्यक्ति के मामले को छोड़कर घर का आवंटन पति और पत्नी के नाम पर संयुक्त रूप से किया जाएगा" का भी उल्लंघन किया गया था।

प्रधानमंत्री आवास योजना - ग्रामीण (PMAY-G)

  • इसे ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा वर्ष 2022 तक ‘सभी के लिये आवास’ के उद्देश्य को प्राप्त करने हेतु शुरू किया गया था। ज्ञात हो कि पूर्ववर्ती ‘इंदिरा आवास योजना’ (IAY) को 01 अप्रैल, 2016 को ‘प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण’ के रूप में पुनर्गठित किया गया था।
  • इसमें शामिल मंत्रालय ग्रामीण विकास मंत्रालय है।
  • जीवन व्यतीत कर रहे ग्रामीण परिवारों को आवासीय इकाइयों के निर्माण और मौजूदा अनुपयोगी कच्चे मकानों के उन्नयन में गरीबी रेखा (BPL) से नीचे वाले लोगों की पूर्ण अनुदान के रूप में सहायता प्रदान करना।
  • लाभार्थियों में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति से संबंधित लोग, मुक्त बंधुआ मज़दूर और गैर-एससी/एसटी वर्ग, विधवा महिलाएँ, रक्षाकर्मियों के परिजन, पूर्व सैनिक तथा अर्द्धसैनिक बलों के सेवानिवृत्त सदस्य, विकलांग व्यक्ति एवं अल्पसंख्यक शामिल हैं।
  • यूनिट सहायता की लागत को केंद्र और राज्य सरकारों के बीच मैदानी क्षेत्रों में 60:40 के अनुपात में तथा उत्तर-पूर्वी एवं पहाड़ी राज्यों के लिये 90:10 के अनुपात में साझा किया जाता है।

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक

  • अनुच्छेद 148 CAG के एक स्वतंत्र कार्यालय का प्रावधान करता है। यह भारत की सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्था है।
    • CAG से संबंधित अन्य प्रावधानों में अनुच्छेद 149-151 (कर्त्तव्य और शक्तियाँ, संघ व राज्यों के खातों का स्वरूप तथा अंकेक्षण रिपोर्ट), अनुच्छेद 279 (निवल आय का परिकलन इत्यादि) तथा तीसरी अनुसूची (शपथ अथवा प्रतिज्ञान) एवं छठी अनुसूची (असम, मेघालय, त्रिपुरा व मिज़ोरम राज्यों में जनजातीय क्षेत्रों का प्रशासन) शामिल हैं।
  • जनता के धन का संरक्षक और केंद्र एवं राज्य दोनों स्तरों पर देश की संपूर्ण वित्तीय प्रणाली को नियंत्रित करता है।
  • भारत के राष्ट्रपति द्वारा 6 वर्ष की अवधि या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, के लिये नियुक्त किया जाता है।
  • CAG को राष्ट्रपति द्वारा संसद के दोनों सदनों द्वारा विशेष बहुमत से पारित प्रस्ताव के आधार पर, या तो साबित कदाचार या अक्षमता के आधार पर हटाया जा सकता है।

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