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आंतरिक सुरक्षा

विभिन्न सुरक्षा बल और उनका अधिदेश

  • 18 Nov 2024
  • 36 min read

प्रिलिम्स के लिये:

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF), असम राइफल्स (AR), सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG), सशस्त्र सीमा बल (SSB)

मेन्स के लिये:

भारत में विभिन्न सुरक्षा बलों के अधिदेश, सीमा एवं आंतरिक सुरक्षा में सुरक्षा बलों की भूमिका।

भारत में सुरक्षा बलों की रूपरेखा क्या है?

भारतीय सुरक्षा ढाँचे में भारतीय सशस्त्र बल, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और सामरिक बल कमान शामिल हैं, जो देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

  • कानून और व्यवस्था की ज़िम्मेदारी:
    • कानून और व्यवस्था मुख्य रूप से राज्य की ज़िम्मेदारी है, जिसमें अधिकांश पुलिसिंग कार्य अलग-अलग राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रबंधित किये जाते हैं।
    • प्रमुख शहरों में महानगरीय पुलिस बल अपने-अपने राज्य सरकारों के अधीन कार्य करते हैं।
  • संघीय कानून प्रवर्तन निरीक्षण:
    • अधिकांश संघीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को गृह मंत्रालय द्वारा विनियमित किया जाता है जो आंतरिक सुरक्षा प्रयासों का समन्वय करता है।
  • अधिदेश और मंत्रालय निरीक्षण:
    • बाह्य सुरक्षा: इसका प्रबंधन मुख्य रूप से रक्षा मंत्रालय द्वारा गृह मंत्रालय के सहयोग से किया जाता है।
    • आंतरिक सुरक्षा: गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय के सहयोग से इस पहलू की देखरेख करता है तथा उग्रवाद, अलगाववाद और नागरिक अशांति जैसी चुनौतियों का समाधान करता है।
  • सुरक्षा बलों के प्रकार:
    • भारतीय सशस्त्र बल: बाह्य सुरक्षा और राष्ट्रीय रक्षा के लिये उत्तरदायी।
    • केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF): इन्हें अर्धसैनिक बल भी कहा जाता है, ये आंतरिक सुरक्षा, कानून प्रवर्तन और सीमा सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
  • विशेष इकाइयाँ:
    • सुरक्षा ढाँचे में विभिन्न शाखाओं में समर्पित विशेष बल शामिल हैं।
    • आतंकवाद-रोधी, शहरी युद्ध तथा VIP सुरक्षा के लिये विशेष इकाइयाँ आतंकवाद-रोधी अभियानों एवं शहरी संघर्षों को संभालने, उच्च जोखिम वाली स्थितियों में और कमज़ोर लोगों के लिये सुरक्षा बनाए रखने हेतु तैयार हैं।

भारतीय सशस्त्र बलों की संगठनात्मक संरचना क्या है?

  • परिचय:
    • भारतीय सशस्त्र बलों में निम्नलिखित शामिल हैं:
      • भारतीय सेना: भूमि-आधारित संचालन के लिये ज़िम्मेदार।
      • भारतीय नौसेना: समुद्री हितों की रक्षा के लिये।
      • भारतीय वायु सेना: हवाई रक्षा प्रदान करने के लिये।
    • इन वर्दीधारी सेवाओं को भारतीय तटरक्षक बल, अर्धसैनिक बलों और अन्य संगठनों द्वारा समर्थन दिया जाता है।
    • भारत के राष्ट्रपति भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर हैं।
    • मंत्रिमंडल राष्ट्रीय रक्षा के लिये ज़िम्मेदार है, जिसे रक्षा मंत्रालय के माध्यम से सशस्त्र बलों को देश की रक्षा के लिये नीति और संसाधन प्रदान करके किया जाता है।
    • भारत सरकार भारत और उसके क्षेत्रों की रक्षा के लिये ज़िम्मेदार है।
  • भारतीय सेना:
    • भारतीय सेना या भारतीय थल सेना भारत की सशस्त्र सेनाओं का भूमि-आधारित घटक है, जिसकी उत्पत्ति ईस्ट इंडिया कंपनी की सशस्त्र सेनाओं से हुई है।
    • यह ब्रिटिश भारतीय सेना और उसके बाद स्वतंत्रता के बाद भारतीय सेना के रूप में विकसित हुई।
      • नेतृत्व: भारतीय सेना की कमान चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (COAS) के हाथों में होती है।
      • आकार और रैंकिंग: इसे विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सक्रिय सेना के रूप में मान्यता प्राप्त है।
      • मिशन: भारतीय सेना का प्राथमिक मिशन बाहरी आक्रमण और खतरों के खिलाफ भारत की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता तथा सद्भाव की रक्षा करके राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
      • मानवीय भूमिका: अपनी रक्षा ज़िम्मेदारियों के अलावा भारतीय सेना प्राकृतिक आपदाओं और आपात स्थितियों के दौरान मानवीय सहायता भी प्रदान करती है।
    • पैरा कमांडो भारतीय सेना के विशेष बलों में सबसे प्रसिद्ध हैं, जो दुश्मन की सीमा के पीछे, आतंकवाद विरोधी और उग्रवाद विरोधी अभियानों के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बचाव अभियान चलाते हैं।
  • भारतीय नौसेना:
    • भारतीय नौसेना एक संतुलित और एकजुट त्रि-आयामी बल है जो समुद्र की सतह के ऊपर, नीचे एवं समुद्र की सतह पर प्रभावी ढंग से कार्य करने तथा राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने में सक्षम है।
    • नेतृत्व: नौसेना की कमान रक्षा मंत्रालय (नौसेना) के एकीकृत मुख्यालय से नौसेना प्रमुख (CNS) के अधीन होती है, जिनकी सहायता के लिये वाइस चीफ ऑफ द नेवल स्टाफ (VCNS) और तीन प्रमुख स्टाफ  डिप्टी चीफ ऑफ द नेवल स्टाफ (DCNS), चीफ ऑफ पेरसोंनेल  (COP) एवं चीफ ऑफ मटेरियल (COM) अधिकारी होते हैं।
    • कमान: नौसेना के तीन प्राथमिक कमान हैं:
      • पश्चिमी नौसेना कमान (मुंबई) - अरब सागर के लिये परिचालन कमान।
      • पूर्वी नौसेना कमान (विशाखापत्तनम) - बंगाल की खाड़ी के लिये परिचालन कमान।
      • दक्षिणी नौसेना कमान (कोच्चि) - प्रशिक्षण कमान।
    • बेड़े और फ्लोटिला: नौसेना की परिचालन क्षमता को दो मुख्य बेड़े द्वारा बढ़ाया जाता है: मुंबई में स्थित पश्चिमी बेड़ा और विशाखापत्तनम में स्थित पूर्वी बेड़ा। स्थानीय नौसेना रक्षा के लिये मुंबई, विशाखापत्तनम और पोर्ट ब्लेयर में भी फ्लोटिला तैनात हैं।
    • नौसेना की उपस्थिति: नौसेना के जहाज़ पूर्वी और पश्चिमी तटों तथा द्वीप क्षेत्रों में तैनात हैं, जिससे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में नौसेना की निरंतर उपस्थिति सुनिश्चित होती है।
    • अंडमान और निकोबार कमान: अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की रक्षा तीनों सशस्त्र सेवाओं की संयुक्त ज़िम्मेदारी है, जिसका समन्वय पोर्ट ब्लेयर स्थित अंडमान एवं निकोबार कमान द्वारा किया जाता है। यह भारतीय सशस्त्र बलों में एकमात्र त्रि-सेवा कमान है, जिसका नेतृत्व बारी-बारी से नियुक्त कमांडर-इन-चीफ द्वारा किया जाता है।
    • लक्षद्वीप द्वीप समूह: लक्षद्वीप द्वीप समूह की स्थानीय नौसैनिक रक्षा का प्रबंधन नेवल ऑफिसर-इन-चार्ज, लक्षद्वीप द्वारा किया जाता है।
    • मरीन कमांडो फोर्स (MCF) जिसे MARCOS के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय नौसेना की एक विशेष बल इकाई है जो आतंकवाद विरोधी, समुद्री डकैती विरोधी और अन्य विशेष अभियानों में विशेषज्ञता रखती है।
  • भारतीय वायुसेना:
    • भारतीय वायु सेना की आधिकारिक स्थापना 8 अक्तूबर 1932 को हुई थी और यह अमेरिका, रूस तथा चीन के बाद विश्व की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना है।
    • इसकी प्राथमिक ज़िम्मेदारी भारतीय हवाई क्षेत्र को सुरक्षित रखना और संघर्षों के दौरान हवाई युद्ध करना है।
    • इसने कई संयुक्त राष्ट्र (UN) शांति अभियानों में भाग लिया है।
    • चीफ ऑफ एयर स्टाफ (एयर मार्शल) भारत में वायु सेनाओं का कमांडर होता है।
    • गरुड़ कमांडो फोर्स भारतीय वायु सेना की विशेष बल इकाई है, जो हवाई क्षेत्र की सुरक्षा, दुश्मन की हवाई रक्षा का दमन, खोज और बचाव और मानवीय सहायता में लगी हुई है।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) क्या है?

  • परिचय
    • चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के पद की सिफारिश वर्ष 2001 में कारगिल समीक्षा समिति की रिपोर्ट की समीक्षा करने वाले मंत्रियों के समूह (GoM) द्वारा की गई थी।
    • इस भूमिका की तैयारी के लिये, वर्ष 2002 में एकीकृत रक्षा स्टाफ की स्थापना की गई थी । लेफ्टिनेंट जनरल डी.बी. शेकतकर के नेतृत्व में एक रक्षा विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के बाद वर्ष 2019 में CDS पद आधिकारिक तौर पर बनाया गया था, जिसमें जनरल बिपिन रावत देश के पहले CDS थे और उन्हें 31 दिसंबर, 2019 को नियुक्त किया गया था।     
  • भूमिका एवं ज़िम्मेदारी: 
    • CDS का मुख्य कार्य भारतीय सेना की त्रि-सेवाओं के बीच अधिक-से-अधिक परिचालन तालमेल को बढ़ावा देना और अंतर-सेवा विरोधाभास को कम-से-कम करना है।
    • वह रक्षा मंत्रालय में नवनिर्मित सैन्य मामलों के विभाग (DMA) का प्रमुख भी है तथा रक्षा मंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार के रूप में कार्य करेगा
    • जबकि सेना प्रमुख अपने-अपने क्षेत्रों पर सलाह देते हैं, DMA के प्रमुख के तौर पर CDS को चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के स्थायी अध्यक्ष के रूप में अंतर-सेवा खरीद निर्णयों को प्राथमिकता देने का अधिकार प्राप्त है।
  • महत्त्व:
    • तालमेल: CDS की भूमिका केवल त्रि-सेवा सहयोग ही नहीं है, बल्कि रक्षा मंत्रालय, नौकरशाही और सशस्त्र सेवाओं के बीच बेहतर सहयोग को बढ़ावा देना भी है।
    • संयुक्त अभियान: चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (COSC) के स्थायी अध्यक्ष के रूप में, CDS तीनों सेनाओं के संगठनों के प्रशासन पर ध्यान केंद्रित करता है तथा परिचालन संयुक्तता को बढ़ाता है। 
    • थिएटर कमांड: DMA की स्थापना से संयुक्त/थिएटर कमांड की सुविधा मिलेगी, जिसमें CDS थल सेना, नौसेना और वायु सेना में तैनाती की देखरेख करेगा।
    • परमाणु कमांड: CDS परमाणु कमांड शृंखला में एक प्रमुख अधिकारी के रूप में सामरिक बल कमांड को भी प्रशासित करेगा। जिससे भारत की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।
    • संसाधन प्राथमिकता: CDS घटते रक्षा बजट के बीच पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों को प्राथमिकता देगा।

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) क्या हैं?

CAPF का संगठन:

  • सीमा सुरक्षा बल: 
    • असम राइफल्स (AR), सीमा सुरक्षा बल (BSF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) को सीमा सुरक्षा बल के रूप में नामित किया गया है।
  • विशेष संचालन: 
    • राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) उच्च-ज़ोखिम वाले ऑपरेशनों के लिये एक विशेष कमांडो इकाई के रूप में कार्य करता है।
    • विशेष सुरक्षा समूह (SPG) प्रधानमंत्री (PM) और पूर्व प्रधानमंत्री तथा उनके निकटतम परिवार के सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करता है ।
  • आंतरिक सुरक्षा:
    • केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) औद्योगिक सुविधाओं और महत्त्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिये ज़िम्मेदार है।
    • केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) कानून और व्यवस्था बनाए रखने, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने और आतंकवाद विरोधी अभियानों में नागरिक प्राधिकारियों को सहायता प्रदान करता है।

असम राइफल्स (AR):

  • परिचय:
    • असम राइफल्स भारत के सबसे पुराने केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों में से एक है।
    • इसकी स्थापना वर्ष 1835 में ब्रिटिश चाय बागानों को आदिवासी हमलों से बचाने के लिये 'कछार लेवी' के रूप में की गई थी।
    • इसने असम क्षेत्र को प्रशासन और वाणिज्य के लिये खोलने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया तथा समय के साथ इसे "नागरिक के दाहिने हाथ और सेना के बाएँ हाथ" (Right Arm Of The Civil And Left Arm Of The Military) के रूप में जाना जाने लगा।
  • वर्तमान तैनाती:
    • बल की जम्मू और कश्मीर में दो बटालियन हैं तथा एक राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) बटालियन भी है जो प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में सक्रिय रूप से कार्यरत है। 
    • इसके अतिरिक्त, संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में असम राइफल्स की राइफलवुमेन टीम को शामिल करना वैश्विक मंच पर सामाजिक और मानवीय प्रयासों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
  • स्वतंत्रता के बाद की प्रमुख भूमिकाएँ:
    • 1962 के चीन-भारत युद्ध के दौरान पारंपरिक युद्ध में शामिल।
    • 1987 में श्रीलंका में भारतीय शांति सेना के हिस्से के रूप में अंतर्राष्ट्रीय ऑपरेशन में भाग लिया (ऑपरेशन पवन)।
    • भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्रों में शांति स्थापना में भूमिका निभाई।
  • दोहरा नियंत्रण:
    • असम राइफल्स एकमात्र अर्द्धसैनिक बल है जिसमें दोहरी नियंत्रण संरचना है, जहां प्रशासनिक नियंत्रण गृह मंत्रालय (MHA) के पास है और परिचालन नियंत्रण रक्षा मंत्रालय (MoD) के अधीन भारतीय सेना के पास है।

 सीमा सुरक्षा बल (BSF)

  • परिचय:
    • सीमा सुरक्षा बल (BSF) भारत में वर्ष 1965 में एक अर्द्धसैनिक बल की स्थापना की गई, जिसकी स्थापना मुख्य रूप से देश की भूमि सीमा की रक्षा करने और रेखा में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिये की गई थी। 
  • ज़िम्मेदारियाँ:
    • शांतिकालीन ज़िम्मेदारियाँ:
      • सुरक्षा को बढ़ावा देना: सीमावर्ती क्षेत्रों में समुदायों के बीच सुरक्षा की भावना को बढ़ावा देना।
      • सीमा पार अपराधों की रोकथाम: भारतीय क्षेत्र में अनाधिकृत प्रवेश की रोकथाम।
      • तस्करी का मुकाबला: सीमा पर तस्करी और अन्य अवैध गतिविधियों को रोकना।
    • युद्धकालीन ज़िम्मेदारियाँ:
      • क्षेत्र में स्थिति का नियंत्रण: कम खतरे वाले क्षेत्र में अपनी स्थिति बनाए रखना ताकि सेना आक्रामक अभियानों पर ध्यान केंद्रित कर सके। जब तक कोई बड़ा हमला न हो जाए, BSF इकाइयाँ विशिष्ट क्षेत्रों में तैनात रह सकती हैं।
      • महत्त्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा: शत्रुओं के हमलों के खिलाफ महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे, जैसे हवाई अड्डों, की सुरक्षा करना।
      • सीमित आक्रामक कार्यवाहियाँ: व्यापक सैन्य रणनीतियों के अनुरूप, शत्रु की अनियमित सेनाओं के विरुद्ध सीमित आक्रामक अभियान चलाना।
      • खुफिया जानकारी और छापे: परिचालन आवश्यकताओं के आधार पर सेना द्वारा सौंपे गए छापे सहित विशेष खुफिया जानकारी से संबंधित कार्यों को निष्पादित करना।
      • स्थानीय दिशानिर्देश: नेविगेशन में सहायता के लिये नामांकित क्षेत्र में मार्गदर्शक के रूप में सेवा करना।
      • कानून और व्यवस्था बनाए रखना: सेना के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में कानून और व्यवस्था बनाए रखना, तथा आवश्यकता पड़ने पर सिविल पुलिस के प्रयासों में सहयोग करना।
      • एस्कॉर्ट्स प्रदान करना: विभिन्न कार्यों में एस्कॉर्ट सेवाएँ प्रदान करना।
      • युद्धबंदियों की सुरक्षा: युद्ध बंदी शिविरों को सुरक्षित करना।
      • शरणार्थी नियंत्रण: शरणार्थियों के प्रबंधन में सहायता करना, तथा उपलब्ध होने पर सिविल पुलिस और स्थानीय बलों का उपयोग करना।
      • घुसपैठ रोधी कर्त्तव्य: निर्दिष्ट क्षेत्रों में घुसपैठ को रोकने के लिये अभियान चलाना, तथा विशिष्ट ज़िम्मेदारियाँ अभी भी परिभाषित की जा रही हैं।
      • संयुक्त अभियान: BSF प्रायः विशेषकर बढ़ी हुई सुरक्षा स्थितियों के दौरान संयुक्त अभियानों के लिये अन्य सैन्य और अर्द्धसैनिक बलों के साथ सहयोग करती है।

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP)

  • परिचय: 
    • ITBP की स्थापना 24 अक्तूबर, 1962 को हुई थी।
    • यह भारत-तिब्बत सीमा और 3,488 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा के पहाड़ी क्षेत्रों की रक्षा करने तथा भारत की उत्तरी सीमाओं की निगरानी करने के लिये ज़िम्मेदार है।
    • वर्ष 2004 में, ITBP ने सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में असम राइफल्स की जगह ले ली। यह बल निम्नलिखित राज्यों में भारत-चीन सीमा की सुरक्षा करता है:
      • जम और कश्मीर
      • हिमाचल प्रदेश
      • उत्तराखंड
      • सिक्किम
      • उत्तर प्रदेश
  • ज़िम्मेदारियाँ:
    • ITBP सीमा उल्लंघन का पता लगाने और उसे रोकने के साथ-साथ अवैध आव्रजन और सीमा पार तस्करी पर नज़र रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
    • इसके अतिरिक्त, इसने कोसोवो, सिएरा लियोन, हैती, पश्चिमी सहारा, बोस्निया, हर्जेगोविना, अफगानिस्तान और सूडान जैसे देशों में विभिन्न संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में भाग लिया है।
    • ITBP हिमालयी क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं के लिये 'प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता' के रूप में राहत और बचाव अभियान चलाता है, तथा विभिन्न आपदाओं के कारण संकट में फंसे हज़ारों नागरिकों को सहायता प्रदान करने के लिये पिछले कई वर्षों में सैकड़ों खोज, बचाव और राहत अभियान चलाता रहा है।

सशस्त्र सीमा बल (SSB)

  • परिचय: 
    • सशस्त्र सीमा बल (SSB) की स्थापना 1962 में चीनी आक्रमण के जवाब में मई 1963 में विशेष सेवा ब्यूरो के रूप में की गई थी। 
    • जनवरी 2001 में इसे गृह मंत्रालय के अधीन कर दिया गया और जून 2001 में इसे भारत-नेपाल सीमा के लिये प्रमुख खुफिया एजेंसी के रूप में नामित किया गया, बाद में मार्च 2004 में इसका विस्तार भारत-भूटान सीमा तक कर दिया गया। 
    • राष्ट्रीय सुरक्षा में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका के लिये SSB को प्रेसिडेंट्स कलर प्रदान किया गया।
  • ज़िम्मेदारियाँ: 
    • SSB का उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा को बढ़ावा देना, सीमा पार अपराधों और अनाधिकृत प्रवेश या निकास को रोकना तथा तस्करी से निपटना है। 
    • इसके कार्मिकों को दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के तहत इन कर्तव्यों को प्रभावी ढंग से पूरा करने का अधिकार दिया गया है।
  • सामुदायिक सहभागिता
    • SSB 15 सीमावर्ती राज्यों के 78,000 गाँवों में समुदायों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ती है, और इसे "पीपुल्स फोर्स" का खिताब प्राप्त है।
    • इस सहभागिता ने सक्रिय नागरिकता और राष्ट्रीय सुरक्षा में भागीदारी को बढ़ावा दिया है।
  • ऐतिहासिक योगदान: 
    • SSB ने विभिन्न राष्ट्रीय प्रयासों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिनमें वर्ष 1965 और वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध, उत्तर बंगाल में वर्ष 1968 की बाढ़ के दौरान आपदा राहत तथा वर्ष 1987 में श्रीलंका में भारतीय शांति सेना (IPKF) के अभियान शामिल हैं।
    • इसका योगदान आंतरिक सुरक्षा संचालन, चुनाव कर्त्तव्यों और खुफिया एजेंसियों के लिये विशेष प्रशिक्षण प्रदान करने तक फैला हुआ है।
    • यह प्रमुख आपदाओं के दौरान आपदा राहत में शामिल रहा है, जिससे अर्द्धसैनिक बलों के बीच इसकी प्रतिष्ठा स्थापित हुई है।

भारत में विशेष अभियानों के लिये कौन से सुरक्षा बल ज़िम्मेदार हैं?

राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG)

  • परिचय:
    • राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) की स्थापना वर्ष 1984 में आतंकवाद से निपटने के लिये एक संघीय आकस्मिक बल के रूप में की गई थी।
    • इसका मिशन एक विशेष बल को प्रशिक्षित करना, सुसज्जित करना और तैयार रखना है जो आतंकवाद का तेज़ी से और प्रभावी ढंग से मुकाबला करने में सक्षम हो, तथा अपने आदर्श वाक्य 'सर्वत्र सर्वोत्तम सुरक्षा' के अनुरूप कार्य करे।
  • संरचना:
    • इसे ब्रिटेन की स्पेशल एयर सर्विस (SAS) और जर्मनी की GSG-9 के आधार पर तैयार किया गया है, जिसमें दो पूरक तत्त्व हैं - विशेष कार्यवाही समूह (SAG) जिसमें सेना के जवान शामिल हैं, तथा विशेष रेंजर समूह (SRG) जिसमें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य पुलिस बलों के जवान शामिल हैं।
  • भूमिकाएँ: 
    • NSG कमांडो को आतंकवादी खतरों को निष्क्रिय करने, अपहरण की स्थितियों (वायु और भूमि दोनों पर) को संभालने और उच्च ज़ोखिम वाले परिदृश्यों में आतंकवादियों से निपटने का काम सौंपा गया है। 
    • उनकी भूमिकाओं में बम निरोधक (IED का पता लगाना और उन्हें निष्क्रिय करना), विस्फोट के बाद जाँच (PBI) करना और अपहरण की स्थिति में बंधकों को बचाना शामिल है। 
    • इसके अतिरिक्त, NSG कमांडो को आतंकवाद-रोधी, अपहरण-रोधी और बम निरोधक कार्यों में विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है, तथा वे उच्च ज़ोखिम वाले व्यक्तियों को ‘निकट सुरक्षा’ प्रदान करते हैं।
    • उन्होंने 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों का मुकाबला करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

विशेष सुरक्षा समूह (SPG):

  • इसकी स्थापना वर्ष 1985 में प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके निकटतम परिवार के सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करने के लिये की गई थी।
  • पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद इसका गठन किया गया था। संसद ने SPG अधिनियम, 1988 पारित कर इस समूह को भारत के प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिये समर्पित कर दिया।
  • राजीव गांधी की हत्या (1991) के बाद, SPG अधिनियम में संशोधन किया गया, जिसके तहत सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवारों को कम से कम 10 वर्षों की अवधि के लिये SPG सुरक्षा प्रदान की गयी।
  • SPG अधिकारी अपने उच्च नेतृत्व गुणों, व्यावसायिकता और निकटवर्ती सुरक्षा के ज्ञान के लिये जाने जाते हैं।
  • वे समग्र सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने के लिये आसूचना ब्यूरो (IB) और राज्य/संघ राज्य क्षेत्र पुलिस बलों के साथ मिलकर काम करते हैं।

भारतीय तटरक्षक:

  • परिचय: 
    • भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard- ICG) की स्थापना अगस्त 1978 में तटरक्षक अधिनियम, 1978 द्वारा एक स्वतंत्र सशस्त्र बल के रूप में की गई थी।
    • इसकी स्थापना वर्ष 1978 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद रुस्तमजी समिति की सिफारिशों के आधार पर की गई थी, जिसमें एक बहुआयामी तट रक्षक बल की परिकल्पना की गई थी।
    • यह प्रभावी समुद्री कमान के लिये भारत भर में पाँच क्षेत्रीय मुख्यालयों के माध्यम से कार्य करता है।
    • यह रक्षा मंत्रालय के अधीन भारत के समुद्री क्षेत्रों को सुरक्षित रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  •  भूमिकाएँ: 
    • समुद्री कानून प्रवर्तन: ICG भारत के समुद्री मार्गों के माध्यम से तस्करी की निगरानी करता है और उसे रोकता है, तथा प्रादेशिक जल, समीपवर्ती क्षेत्रों और विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zone- EEZ) पर अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करता है।
    • पर्यावरण संरक्षण: यह भारतीय जलक्षेत्र में तेल रिसाव से निपटने के लिये समन्वय सहित समुद्री पर्यावरण संरक्षण के लिये ज़िम्मेदार है।
    • नागरिक प्राधिकरण को सहायता: ICG बाढ़, चक्रवात और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के दौरान नागरिक प्राधिकरणों की सहायता करता है, हाल ही में महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोवा में ऐसा ही हुआ है।
    • समुद्री सुरक्षा: पड़ोसी देशों के साथ कार्य करते हुए, ICG अंतर्राष्ट्रीय समुद्री अपराधों की समस्या का समाधान करता है तथा सागर (क्षेत्र में सभी के लिये सुरक्षा और विकास) और नेबरहुड फर्स्ट जैसी नीतियों के तहत हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देता है।
    • आपदा प्रबंधन: इसे इस क्षेत्र में "प्रथम प्रतिक्रियाकर्त्ता" (First Responder) के रूप में जाना जाता है, ICG ने श्रीलंका के तट पर MV एक्स-प्रेस पर्ल घटना के दौरान 'सागर आरक्षा-II' जैसे ऑपरेशनों के माध्यम से प्रमुख पारिस्थितिक आपदाओं को टाला है।

भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिये कौन से सुरक्षा बल ज़िम्मेदार हैं?

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF):

  • परिचय:
    • CISF की स्थापना वर्ष 1969 में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) की सुरक्षा के लिये तीन बटालियनों के साथ की गई थी। यह महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा करने वाली एक बहु-कुशल सुरक्षा एजेंसी बन गई है।
  • मुख्य ज़िम्मेदारियाँ: 
    • परमाणु प्रतिष्ठानों, अंतरिक्ष प्रतिष्ठानों, हवाई अड्डों, बंदरगाहों और बिजली संयंत्रों की सुरक्षा करता है ।
    • प्रमुख सरकारी भवनों, दिल्ली मेट्रो, संसद भवन परिसर और जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय जेलों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
    • प्रतिष्ठित विरासत स्मारकों की सुरक्षा करना।
    • यह अपने सुरक्षा कवर के अंतर्गत 115 प्रतिष्ठानों को अग्निशमन सेवाएँ प्रदान करता है।
    • यह एक विशेष इकाई संचालित करके VIP सुरक्षा प्रदान करता है, जो महत्त्वपूर्ण संरक्षित व्यक्तियों को 24/7 सुरक्षा प्रदान करती है।

केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF):

  • परिचय: 
    • CRPF गृह मंत्रालय के अधीन भारत के प्रमुख केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में से एक है
    • यह आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 
  • ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: 
    • वर्ष 1939 में क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस के रूप में गठित CRPF भारत के सबसे पुराने अर्द्धसैनिक बलों में से एक है। 
    • स्वतंत्रता के बाद वर्ष 1949 में संसद के एक अधिनियम के माध्यम से इसका नाम बदलकर केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल कर दिया गया।
    • इसने स्वतंत्रता के बाद रियासतों को भारतीय संघ में एकीकृत करने में योगदान दिया, विशेष रूप से गुजरात के जूनागढ़ और काठियावाड़ को, तथा इन क्षेत्रों को भारतीय संघ में शामिल करने में सहायता की। 
  • ज़िम्मेदारियाँ: 
    • भीड़ और दंगा नियंत्रण
    • आतंकवाद और उग्रवाद विरोधी अभियान
    • वामपंथी उग्रवाद का प्रबंधन
    • VIP और महत्त्वपूर्ण स्थापना सुरक्षा प्रदान करना
    • पर्यावरण संरक्षण, जिसमें वनस्पति और जीव संरक्षण भी शामिल है
    • युद्ध के दौरान लड़ाकू भूमिकाएँ 
    • संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भागीदारी
    • प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बचाव एवं राहत कार्य।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)  

प्रश्न: कभी-कभी समाचार में उल्लिखित 'टर्मिनल हाई ऑल्टिट्यूड एरिया डिफेंस (टी.एच.ए.ए.डी.)' क्या है? (2018)

(a) इज़रायल की एक राडार प्रणाली
(b) भारत का घरेलू मिसाइल-प्रतिरोधी कार्यक्रम
(c) अमेरिकी मिसाइल-प्रतिरोधी प्रणाली
(d) जापान और दक्षिण कोरिया के बीच एक रक्षा सहयोग

उत्तर: c 


प्रश्न: हिंद महासागर नौसैनिक परिसंवाद (सिम्पोज़ियम) (IONS) के संबंध में निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2017)

  1. प्रारंभी (इनाँगुरल) IONS भारत में 2015 में भारतीय नौसेना की अध्यक्षता में हुआ था।
  2. IONS एक स्वैच्छिक पहल है जो हिंद महासागर क्षेत्र के समुद्रतटवर्ती देशों (स्टेट्स) की नौसेनाओं के बीच समुद्री सहयोग को बढ़ाना चाहता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (b) 


प्रश्न: 'INS अस्त्रधारिणी' का, जिसका हाल ही में समाचारों में उल्लेख हुआ था, निम्नलिखित में से कौन-सा सर्वोत्तम वर्णन है?

(a) उभयचर युद्धपोत
(b) नाभिकीय शक्ति-चालित पनडुब्बी
(c) टॉरपीडो प्रमोचन और पुनरप्राप्ति (recovery) जलयान
(d) नाभिकीय शक्ति-चालित विमान-वाहक

उत्तर: (C)


मेन्स:

प्रश्न: S-400 हवाई रक्षा प्रणाली, विश्व में इस समय उपलब्ध अन्य किसी प्रणाली की तुलना में किस प्रकार से तकनीकी रूप से श्रेष्ठ है? (2021)

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