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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

आतंकवाद-रोधी प्रयासों में भारत का योगदान

  • 23 May 2024
  • 15 min read

प्रिलिम्स के लिये:

संयुक्त राष्ट्र काउंटर-टेररिज़्म ट्रस्ट फंड (CTTF), संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद-निरोध कार्यालय, ग्लोबल काउंटर-टेररिज़्म स्ट्रैटेजी, काउंटरिंग फाइनेंसिंग ऑफ टेररिज़्म (CFT), काउंटरिंग टेररिस्ट ट्रैवल प्रोग्राम (CTTP), संयुक्त राष्ट्र काउंटर- आतंकवाद कार्यान्वयन कार्य बल (CTITF), संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद रोधी केंद्र (UNCCT), आतंकवाद वित्तपोषण

मेन्स के लिये:

आतंकवाद वित्तपोषण, सीमा सुरक्षा, क्षेत्रीय स्थिरता, आतंकवाद का मुकाबला करने में भारत का प्रयास 

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत ने संयुक्त राष्ट्र काउंटर-टेररिज़्म ट्रस्ट फंड (CTTF) में एक महत्त्वपूर्ण वित्तीय योगदान दिया है, जो वैश्विक स्तर पर आतंकवाद से निपटने के लिये अपनी चल रही प्रतिबद्धता में एक महत्त्वपूर्ण क्षण है।

  • अपने वर्तमान योगदान के साथ, ट्रस्ट फंड को भारत की संचयी वित्तीय सहायता अब 2.55 मिलियन डॉलर हो गई है।

संयुक्त राष्ट्र काउंटर-टेररिज़्म ट्रस्ट फंड क्या है?

  • परिचय:
    • संयुक्त राष्ट्र काउंटर-टेररिज़्म ट्रस्ट फंड (UNCTTF) का उद्देश्य आतंकवाद का मुकाबला करने में वैश्विक प्रयासों का समर्थन करना है।
      • इसकी स्थापना वर्ष 2009 में हुई थी और वर्ष 2017 में इसे संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद-निरोध कार्यालय (UNOCT) में शामिल किया गया था।
    • यह फंड आतंकवाद के वित्तपोषण और आतंकवादियों की आवाजाही तथा यात्रा पर अंकुश लगाने जैसी महत्त्वपूर्ण चुनौतियों से निपटने के लिये, विशेष रूप से पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका में सदस्य देशों की क्षमता बढ़ाने पर केंद्रित है।
  • UNCTTF द्वारा समर्थित वैश्विक कार्यक्रम:
    • क्षमता निर्माण: ट्रस्ट फंड सदस्य देशों को आतंकवाद से प्रभावी ढंग से लड़ने की उनकी क्षमता को मज़बूत करने में सहायता करता है।
      • इस सहायता में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिये प्रशिक्षण, कानूनी संरचनाओं में सुधार और आतंकवाद विरोधी कर्मियों की तकनीकी विशेषज्ञता को बढ़ाना शामिल है।
    • काउंटरिंग फाइनेंसिंग ऑफ टेररिज़्म (CFT): नियामक ढाँचे को मज़बूत करने, वित्तीय ट्रैकिंग क्षमताओं को बढ़ाने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देकर आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने और मुकाबला करने के लिये ट्रस्ट फंड महत्त्वपूर्ण है।
    • काउंटरिंग टेररिस्ट ट्रैवल प्रोग्राम (CTTP): यह कार्यक्रम सीमा सुरक्षा को बढ़ाकर, उन्नत यात्री जानकारी का उपयोग करके और अंतर्राष्ट्रीय सूचना विनिमय तथा सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देकर आतंकवादी गतिविधियों को रोकना चाहता है।
    • ट्रस्ट फंड संयुक्त राष्ट्र वैश्विक आतंकवाद-विरोधी रणनीति के चार स्तंभों के संतुलित कार्यान्वयन का भी समर्थन करता है, आतंकवाद के मूल कारणों को संबोधित करना, आतंकवाद से लड़ना, राज्य क्षमता का निर्माण करना और मानवाधिकारों का सम्मान सुनिश्चित करना।

संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद-निरोध कार्यालय (UNOCT): 

  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2017 में संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद-निरोध कार्यालय (United Nations Office of Counter Terrorism- UNOCT) की स्थापना की।
  • इसे महासभा के आतंकवाद-रोधी अधिदेशों पर नेतृत्व प्रदान करने और संयुक्त राष्ट्र प्रणाली की आतंकवाद-विरोधी गतिविधियों में समन्वय तथा सामंजस्य बढ़ाने के लिये बनाया गया था।
  • UNOCT संयुक्त राष्ट्र वैश्विक आतंकवाद विरोधी रणनीति को लागू करने में सदस्य राज्यों का समर्थन करता है।

वैश्विक आतंकवाद विरोधी प्रयासों में भारत का योगदान क्या है?

  • द्विपक्षीय:
    • भारत आतंकवाद-निरोध पर यूनाइटेड किंगडम, फ्राँस और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संयुक्त कार्य समूहों की बैठकें आयोजित करता है।
    • बहुपक्षीय:
      • आतंकवादी वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिये प्रभावी और निरंतर प्रयास।
      • संयुक्त राष्ट्र के नियामक प्रयासों को वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (Financial Action Task Force- FATF) जैसे अन्य मंचों के साथ समन्वयित करने की आवश्यकता है।
      • यह सुनिश्चित करना कि सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध व्यवस्था राजनीतिक कारणों से अप्रभावी न हो।
      • आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और ठोस कार्रवाई जिसमें आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों को नष्ट करना आदि महत्त्वपूर्ण अनिवार्यताएँ शामिल हैं।
      • इन संबंधों को पहचानें और हथियारों और अवैध मादक पदार्थों की तस्करी जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराध के साथ आतंकवाद के गठजोड़ को तोड़ने के लिये बहुपक्षीय प्रयासों को मज़बूत करना।
      • ब्रिक्स: भारत ब्रिक्स सहित बहुपक्षीय मंचों पर आतंकवाद के मुद्दे को सक्रिय रूप से उठा रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम मिले हैं, जिसमें ब्रिक्स के तहत पाँच उप-कार्य समूहों का गठन शामिल है, जो आतंकवादी वित्तपोषण, ऑनलाइन आतंकवाद, कट्टरपंथ, विदेशी आतंकवादी लड़ाकों और क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
      • UNSC CTC: वर्ष 2022 में भारत ने क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से आतंकवादी वित्तपोषण और नए युग के आतंकवाद में ड्रोन के उपयोग पर चर्चा करने के लिये UNSC की काउंटर टेररिज़्म कमेटी (Counter Terrorism Committee- CTC) की एक विशेष बैठक की मेजबानी की।  
      • भारत ने CTC पर विचार के लिये पाँच बिंदु सूचीबद्ध किये:
      • UNCTTF में भारत का योगदान:  भारत आतंकवाद के खतरे से निपटने के उद्देश्य से सक्रिय रूप से कार्यक्रमों का समर्थन कर रहा है और इस प्रकार आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में बहुपक्षीय प्रयासों का समर्थन करने के प्रति अपने समर्पण को रेखांकित करता है।
    • वित्तीय सहायता का उद्देश्य काउंटरिंग टेररिस्ट ट्रैवल प्रोग्राम (CTTP) और काउंटरिंग फाइनेंसिंग ऑफ टेररिज़्म (CFT) जैसे UNOCT कार्यक्रमों का समर्थन करना है।
    • महत्त्व:
      • ये कदम ग्लोबल साउथ के नेतृत्वकर्त्ता के रूप में भारत के उदय और आतंकवाद के लिये ज़ीरो टॉलरेंस की भारत की प्राथमिकता के अनुरूप हैं।
      • भारत के सहयोगात्मक प्रयास आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने और सीमाओं के पार आतंकवादियों की आवाजाही को रोकने के लिये देशों की क्षमताओं को बढ़ाने में सहायता करते हैं।
      • अफ्रीका में आतंकवाद के बढ़ते खतरे को संबोधित करके (UNCTTF के माध्यम से) भारत का उद्देश्य अफ्रीकी देशों को आतंकवाद का मुकाबला करने और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों में सहायता करना है। 

    आतंकवाद से संबंधित चुनौतियाँ क्या हैं?

    • आतंकवाद की कोई वैश्विक परिभाषा नहीं: आतंकवाद के लिये सार्वभौमिक रूप से स्वीकृत परिभाषाओं की अनुपस्थिति विशिष्ट गतिविधियों के वर्गीकरण को जटिल बनाती है, जिससे आतंकवादियों को लाभ मिलता है और यह कुछ देशों को वैश्विक संस्थानों में कार्रवाई को अवरुद्ध करने में सक्षम बनाता है।
    • आतंकवाद के जाल का विस्तार: इंटरनेट आतंकवादियों को नए सदस्यों की भर्ती करने और कई वेबसाइटों तथा सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्मों पर अपने उद्देश्य का विस्तार करने हेतु संदेशों को पहुँचाने और उनका प्रचार करने के लिये एक अनियमित मंच प्रदान करता है।
    • आतंकवाद का वित्तपोषणः IMF और विश्व बैंक के अनुसार, अपराधी प्रतिवर्ष अनुमानित 2 से 4 ट्रिलियन डॉलर का धनशोधन करते हैं, जबकि आतंकवादी दान और वैकल्पिक प्रेषण प्रणालियों के माध्यम से संबंधित आर्थिक गतिविधियों को छिपाते हैं।
    • साइबर हमला: विश्व एक मूल्यवान संसाधन के रूप में डेटा के साथ डिजिटल रूप से आपस में जुड़ रहा है, जहाँ आतंकवादी अपने लक्ष्यों की पूर्ति के लिये सरकारों और समाजों को डराने या मजबूर करने के लिये साइबर हमलों का उपयोग करते हैं।

    आगे की राह 

    • आतंकवाद के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को वैश्विक स्तर पर आतंकवाद से लड़ने के लिये राजनीतिक मतभेदों को दूर करना होगा, आतंकवाद की एक वैश्विक परिभाषा स्थापित करनी होगी और वैश्विक सुरक्षा एवं शांति सुनिश्चित करने के लिये राज्य प्रायोजकों पर प्रतिबंध लगाना होगा।
    • राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाना: सैन्य विशेषज्ञता और खुफिया जानकारी के स्रोतों को मज़बूत करने से राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने के साथ-साथ सीम-पार आतंकवादी गतिविधियों से सुरक्षा को बेहतर किया जा सकता है।
    • आतंकवादी वित्तपोषण पर अंकुश लगाना: आतंकवादी वित्तपोषण के खिलाफ प्रभावी लड़ाई के लिये  सीमा-पार लेनदेन की निगरानी, ​​नेटवर्क ट्रैकिंग और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के मध्य अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एवं FATF जैसे वैश्विक मानकों का पालन करना आवश्यक है।
    • मज़बूत साइबर-रक्षा तंत्र विकसित करना: एक अनुकूलनीय साइबर रक्षा रणनीति स्थापित करना आवश्यक है, जिसके लिये व्यक्तियों, संगठनों और महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे को लक्षित करने वाले दुर्भावनापूर्ण खतरों से निपटने हेतु बहुस्तरीय दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है।

    दृष्टि मेन्स प्रश्न:

    प्रश्न 1. 21वीं सदी में आतंकवाद की उभरती प्रकृति एवं वैश्विक शांति और सुरक्षा पर इसके प्रभाव की जाँच कीजियेI 

    प्रश्न 2. आंतरिक और बाह्य दोनों आयामों पर विचार करते हुए, आतंकवाद के संबंध में भारत की हालिया चिंताओं पर चर्चा कीजिये। इन चुनौतियों से निपटने में भारत की वर्तमान आतंकवाद विरोधी रणनीतियों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन कीजियेI 

      UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न   

    मेन्स: 

    प्रश्न. आतंकवाद की महाविपत्ति राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये एक गम्भीर चुनौती है। इस बढ़ते हुए संकट का नियंत्रण करने के लिये आप क्या-क्या हल सुझाते हैं? आतंकी निधीयन के प्रमुख स्रोत क्या हैं? (2017)

    प्रश्न. डिजिटल मीडिया के माध्यम से धार्मिक मतारोपण का परिणाम भारतीय युवकों का आई.एस.आई.एस. में शामिल हो जाना रहा है। आई.एस.आई.एस. क्या है और उसका ध्येय (लक्ष्य) क्या है? आई.एस.आई.एस. हमारे देश की आंतरिक सुरक्षा के लिये किस प्रकार खतरनाक हो सकता है? (2015)

    प्रश्न. कुछ रक्षा विश्लेषक इलेक्ट्रॉनिकी संचार माध्यम द्वारा युद्ध को अलकायदा और आतंकवाद से भी बड़ा खतरा मानते हैं। आप 'इलेक्ट्रॉनिकी संचार माध्यम युद्ध' (Cyber Warfare) से क्या समझते हैं? भारत ऐसे जिन खतरों के प्रति संवेदनशील है उनकी रूपरेखा खींचिये और देश की उनसे निपटने की तैयारी को भी स्पष्ट कीजिये। (2013)

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