अंतर्राष्ट्रीय संबंध
विशेष: लक्षद्वीप
- 27 Jan 2024
- 17 min read
संदर्भ क्या है?
भारत के प्रधानमंत्री की हाल ही में लक्षद्वीप यात्रा के दौरान, भारत और मालदीव के बीच एक राजनयिक विवाद उत्पन्न हो गया जब मालदीव के तीन उप मंत्रियों ने नकारात्मक टिप्पणियाँ की।।
- भारत के प्रधानमंत्री लक्षद्वीप द्वीप समूह (Lakshadweep Islands) में पर्यटन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वहाँ की यात्रा पर गए थे।
भारत-मालदीव संबंधों के संबंध में महत्त्वपूर्ण विशेषताएँ क्या हैं?
- ऐतिहासिक संबंध:
- वर्ष 1965 में अंग्रेज़ों द्वारा इस द्वीप को अपने नियंत्रण से मुक्त किये जाने के बाद से ही भारत और मालदीव के बीच राजनयिक और राजनीतिक संबंध चले आ रहे हैं।
- भारत वर्ष 1965 में मालदीव की स्वतंत्रता के बाद स्वतंत्र मालदीव को मान्यता देने तथा उसके साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले शुरूआती देशों में शामिल था।
- मालदीव में वर्ष 1988 के तख्तापलट के प्रयास के दौरान भारत की त्वरित प्रतिक्रिया और तत्काल सहायता ने मालदीव के साथ विश्वसनीय और स्थायी मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों के विकास की नींव रखी।
- वर्ष 2004 में मालदीव में सुनामी और दिसंबर 2014 में माले में जल संकट के दौरान भी भारत, मालदीव की सहायता करने वाला पहला देश था।
- वर्ष 2008 में लोकतांत्रिक परिवर्तन के बाद से, भारत को मालदीव में राजनीतिक, सैन्य, व्यापार और नागरिक समाज के लोगों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ गहरे संबंध विकसित करने में कई वर्षों का समय लगा है।
- वर्ष 1965 में अंग्रेज़ों द्वारा इस द्वीप को अपने नियंत्रण से मुक्त किये जाने के बाद से ही भारत और मालदीव के बीच राजनयिक और राजनीतिक संबंध चले आ रहे हैं।
- भारत के लिये मालदीव का महत्त्व:
- भारत के दक्षिण में स्थित, मालदीव हिंद महासागर में अत्यधिक रणनीतिक महत्त्व रखता है क्योंकि यह अरब सागर और उससे आगे के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है।
- मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र (Indian Ocean Region- IOR) में भारत का एक प्रमुख समुद्री पड़ोसी है, जो भारतीय मुख्य भूमि (पश्चिमी तट) से 300 समुद्री मील और लक्षद्वीप में मिनिकॉय द्वीप से 70 समुद्री मील की दूरी पर स्थित है।
- इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती भागीदारी के बीच मालदीव की स्थिति भारत के लिये महत्त्वपूर्ण रणनीतिक महत्त्व रखती है।
- पिछले कुछ वर्षों में मालदीव-भारत संबंध अधिकतर सौहार्द्रपूर्ण रहे हैं, लेकिन वर्ष 2013 से 2018 तक प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (PPM) की अध्यक्षता के दौरान चीन की ओर मालदीव का झुकाव उल्लेखनीय था।
- सांस्कृतिक संबंध:
- भारत और मालदीव के बीच सांस्कृतिक तथा ऐतिहासिक संबंधों की जड़ें सदियों पुरानी हैं।
- 12वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध तक, बौद्ध धर्म मालदीव में प्रमुख धर्म था।
- मालदीव में बौद्ध धर्म की वज्रयान शाखा का एक शिलालेख मौजूद है, जो प्राचीन काल में भी मौजूद था।
- क्षेत्रीय स्थिरता:
- एक स्थिर और समृद्ध मालदीव की परिकल्पना हिंद महासागर क्षेत्र में शांति तथा सुरक्षा को बढ़ावा देने वाली भारत की "नेबरहुड फर्स्ट" नीति के अनुरूप है।
- मालदीव के लिये भारत का महत्व:
- आवश्यक आपूर्ति: भारत चावल, मसालों, फलों, सब्ज़ियों और दवाओं सहित रोज़मर्रा की आवश्यक वस्तुओं का एक महत्त्वपूर्ण आपूर्तिकर्त्ता है।
- बुनियादी ढाँचा: भारत सीमेंट और रॉक बोल्डर जैसी सामग्री प्रदान करके मालदीव के बुनियादी ढाँचे के निर्माण में भी सहायता करता है।
- शिक्षा: भारत मालदीव के उन छात्रों के लिये प्राथमिक शिक्षा प्रदाता के रूप में कार्य करता है जो भारतीय संस्थानों में उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं, जिसमें योग्य छात्रों के लिये छात्रवृत्ति भी शामिल है।
- आपदा सहायता: जब भी कोई संकट आया, जैसे– सुनामी या पेयजल की कमी, भारत ने लगातार सहायता प्रदान की है।
- चिकत्सा सहायता: कोविड-19 महामारी के दौरान आवश्यक वस्तुओं एवं समर्थन का प्रावधान एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में भारत की भूमिका को प्रदर्शित करता है।
- रक्षा: भारत का सुरक्षा सहायता प्रदान करने में ऑपरेशन कैक्टस के माध्यम से वर्ष 1988 में तख्तापलट के प्रयास के दौरान हस्तक्षेप करने तथा मालदीव की सुरक्षा के लिये संयुक्त नौसैनिक अभ्यास आयोजित करने का इतिहास रहा है।
- संयुक्त अभ्यासों में शामिल हैं- "एकुवेरिन", "दोस्ती" एवं "एकथा"।
- वर्ष 1988 से रक्षा और सुरक्षा भारत और मालदीव के बीच सहयोग का एक प्रमुख क्षेत्र रहा है।
- भारत मालदीव के राष्ट्रीय रक्षा बल (Maldivian National Defense Force- MNDF) के लिये सबसे बड़ी संख्या में प्रशिक्षण प्रदान करता है, जो उनकी लगभग 70% रक्षा प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करता है।
- मालदीव में विभिन्न ऑपरेशन
- ऑपरेशन कैक्टस 1988: ऑपरेशन कैक्टस के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने तख्तापलट की कोशिश को नाकाम करने में मालदीव सरकार की मदद की है।
- ऑपरेशन नीर 2014: ऑपरेशन नीर (Operation Neer) के तहत भारत ने पेयजल संकट से निपटने के लिये मालदीव को पेयजल की आपूर्ति की।
- ऑपरेशन संजीवनी (2020): भारत ने मालदीव को ऑपरेशन संजीवनी के तहत COVID-19 से निपटने के लिये सहायता के रूप में 6.2 टन आवश्यक दवाओं की आपूर्ति की।
- ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट (2023): भारत ने मालदीव की कनेक्टिविटी और विकास को बढ़ाते हुए राजधानी माले को तीन अन्य द्वीपों से जोड़ने वाले 6.7 किमी. लंबे पुल का वित्तपोषण और निर्माण किया।
मालदीव:
- मालदीव, हिंद महासागर में एक टोल गेट: इस द्वीप शृंखला के दक्षिणी और उत्तरी भाग में दो महत्त्वपूर्ण 'सी लाइन्स ऑफ कम्युनिकेशन' (Sea Lines Of Communication- SLOCs) स्थित हैं।
- ये SLOC पश्चिम एशिया में अदन की खाड़ी और होर्मुज की खाड़ी और दक्षिण पूर्व एशिया में मलक्का जलडमरूमध्य के बीच समुद्री व्यापार प्रवाह के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।
- इसकी भौतिक अवस्थिति में मुख्य रूप से प्रवाल भित्ति और एटोल शामिल हैं तथा अधिकांश क्षेत्र विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zones- EEZs) के अंतर्गत आते हैं।
- मालदीव मुख्य रूप से निचले द्वीपों का एक द्वीपसमूह है, जो बढ़ते समुद्री जलस्तर के कारण खतरे में पड़ गया है।
- मालदीव में बड़े पैमाने पर चीनी निवेश है और वह चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) में भागीदार बन गया है। चीन ने "स्ट्रिंग ऑफ द पर्ल्स" पहल के हिस्से के रूप में मालदीव में बंदरगाहों, हवाई अड्डों, पुलों और अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे के विकास सहित विभिन्न परियोजनाओं को वित्तपोषित और निर्मित किया।
- आठ डिग्री चैनल भारतीय मिनिकॉय (लक्षद्वीप द्वीप समूह का हिस्सा) को मालदीव से अलग करता है।
लक्षदीप:
- परिचय:
- 32 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला भारत का सबसे छोटा केंद्रशासित प्रदेश, लक्षद्वीप एक द्वीप समूह है, जिसमें कुल 36 द्वीप शामिल हैं।
- इस केंद्रशासित प्रदेश में केवल एक ज़िला है और इसमें 12 प्रवाल मूलक (एटोल), तीन रीफ, पाँच जलमग्न तट और दस ऐसे द्वीप शामिल हैं जहाँ लोग निवास करते हैं।
- सभी द्वीप केरल के तटीय शहर कोच्चि से 220 से 440 किमी. दूर अरब सागर में स्थित हैं।
- यह एक प्रशासक के माध्यम से सीधे केंद्र के नियंत्रण में होता है।
- यहाँ द्वीपों के तीन मुख्य समूह हैं:
- अमिनिदिवी द्वीप समूह
- लेकाडाइव द्वीप समूह
- मिनिकॉय द्वीप समूह
- अमिनिदिवी द्वीप सबसे उत्तर में स्थित है जबकि मिनिकॉय द्वीप सबसे दक्षिण में है।
- सभी प्रवाल मूल (एटोल) के छोटे द्वीप हैं और फ्रिंजिंग रीफ से घिरे हुए हैं।
- इसकी राजधानी कवरत्ती है और यह इस केंद्रशासित प्रदेश का प्रमुख शहर भी है।
- यह द्वीप कोच्चि से नियमित उड़ानों के माध्यम से जुड़ा हुआ है। अगत्ती से कवरत्ती तक हेलीकाप्टर ट्रांसफर पूरे वर्ष उपलब्ध है।
- यहाँ द्वीपों के तीन मुख्य समूह हैं:
- जलवायु:
- लक्षद्वीप की जलवायु उष्णकटिबंधीय है और इसका औसत तापमान 27°C - 32°C तक रहता है।
- 32 डिग्री सेल्सियस के औसत तापमान के साथ अप्रैल और मई के माह यहाँ सबसे गर्म होते हैं। सामान्यतः यहाँ की जलवायु आर्द्र, ऊष्ण एवं सुखद होती है।
- मानसून के दौरान मौसम में काफी उतार-चढ़ाव के कारण जहाज़ आधारित पर्यटन बंद हो जाता है।
- अक्तूबर से मार्च तक समय द्वीपों पर रहने के लिये आदर्श समय है।.
- जून से अक्तूबर तक दक्षिण पश्चिम मानसून सक्रिय रहता है और औसत वर्षा 10-40 मिमी होती है।
- सापेक्षिक आर्द्रता 70-75% है।
- वार्षिक वर्षा दक्षिण से उत्तर की ओर घटती जाती है। वर्ष में औसतन 80-90 दिन वर्षा वाले होते हैं।
- अक्तूबर से मार्च तक पवनें हल्की से मध्यम गति के साथ प्रवाहित होती हैं।
- जनसंख्या:
- यहाँ की 93% से अधिक आबादी स्थानिक है जिनमें मुस्लिम धर्म के अधिकांश सुन्नी संप्रदाय के शफी पंथ (Shafi School) से संबंधित हैं।
- यहाँ के सभी द्वीपों (मिनिकॉय को छोड़कर) में मलयालम भाषा बोली जाती है, यहाँ के स्थानीय लोग महल (Mahl) बोली बोलते हैं जो दिवेही (Divehi) लिपि में लिखी जाती है और यह मालदीव में भी बोली जाती है।
- सभी स्वदेशी आबादी को उनके आर्थिक और सामाजिक पिछड़ेपन के कारण अनुसूचित जनजाति के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इस केंद्रशासित प्रदेश में कोई अनुसूचित जाति नहीं है।
- लोगों का मुख्य व्यवसाय मछली पकड़ना, नारियल की खेती और रस्सी बनाना (Coir Twisting) है। यहाँ पर्यटन एक उभरता हुआ उद्योग है।
- जैविक कृषि क्षेत्र: हाल ही में भारत की भागीदारी गारंटी प्रणाली (Participatory Guarantee System - PGS) के तहत संपूर्ण लक्षद्वीप को एक जैविक कृषि क्षेत्र घोषित किया गया है।
- ब्लू फ्लैग प्रमाणन: लक्षद्वीप में दो नए समुद्र तटों - मिनिकॉय थुंडी तट और कदमत तट को ब्लू फ्लैग प्रमाणन प्रदान किया गया है।
ब्लू फ्लैग प्रमाणन
- यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त एक इको-लेबल है जिसे 33 मानदंडों के आधार पर प्रदान किया जाता है। इन मानदंडों को 4 प्रमुख शीर्षकों में विभाजित किया गया है, जो इस प्रकार हैं-
- पर्यावरण शिक्षा और सूचना
- नहाने के पानी की गुणवत्ता
- पर्यावरण प्रबंधन
- समुद्र तटों पर संरक्षण और सुरक्षा सेवाएँ
- ब्लू फ्लैग समुद्र तटों को दुनिया का सबसे साफ समुद्र तट माना जाता है। यह एक ईको-टूरिज़्म मॉडल है, जो पर्यटकों/समुद्र तट पर आने वालों को नहाने के लिये साफ एवं स्वच्छ जल, सुविधाओं, सुरक्षित एवं स्वस्थ वातावरण प्रदान करने के साथ क्षेत्र के सतत् विकास को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।
- यह प्रतिष्ठित सदस्यों- संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP), संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO), डेनमार्क स्थित एनजीओ फाउंडेशन फॉर एन्वायरनमेंटल एजुकेशन (FEE) और इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंज़र्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) से गठित एक अंतर्राष्ट्रीय जूरी द्वारा प्रदान किया जाता है।
- ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन की तरह ही भारत ने भी अपना इको-लेबल बीच एन्वायरनमेंट एंड एस्थेटिक्स मैनेजमेंट सर्विसेज़’ (Beach Environment and Aesthetics Management Services- BEAMS) लॉन्च किया है।
निष्कर्ष
भारत और मालदीव लंबे समय से सहयोगी रहे हैं, कई परियोजनाओं पर साथ मिलकर काम कर रहे हैं। लेकिन मालदीव की मौजूदा स्थिति के कारण संबंधों पर असर पड़ा है। एक-दूसरे के हितों और चिंताओं का सम्मान करने वाले समाधान बनाने के लिये, दोनों पक्षों को संवाद करना चाहिये। उन्हें ऐसे किसी भी कार्य को करने से बचना चाहिये जो स्थिति को बढ़ा सकता है या बाहरी हस्तक्षेप की मांग कर सकता है। वे सहयोग करके हिंद महासागर के लिये एक सफल और शांतिपूर्ण भविष्य की गारंटी दे सकते हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष प्रश्नप्रिलिम्सप्रश्न. निम्नलिखित में से कौन सा द्वीप युग्म 'दस डिग्री चैनल' द्वारा एक-दूसरे से विभाजित होता है? (2014) (a) अंडमान और निकोबार उत्तर: (a) मेन्स:प्रश्न. 'मोतियों की माला' से आप क्या समझते हैं? यह भारत को कैसे प्रभावित करती है? इसका मुकाबला करने के लिये भारत द्वारा उठाए गए कदमों की संक्षेप में रूपरेखा प्रस्तुत कीजिये। (2013) प्रश्न. पिछले दो वर्षों के दौरान मालदीव में राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा कीजिये। क्या उन्हें भारत के लिये चिंता का कारण होना चाहिये? (2013) |