प्रारंभिक परीक्षा
संयुक्त समुद्री बल (CMF)
- 28 Sep 2022
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हाल ही में INS सुनयना संयुक्त समुद्री बल (CMF) के वार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास ऑपरेशन सदर्न रेडीनेस में भाग लेने के लिये पोर्ट विक्टोरिया, सेशेल्स पहुँचा।
- यह न केवल हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के लिये भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को मज़बूत करता है, बल्कि CMF अभ्यास में भारतीय नौसेना के जहाज़ की पहली भागीदारी को भी चिह्नित करता है।
संयुक्त समुद्री बल (CMF):
- विषय:
- यह एक बहुराष्ट्रीय समुद्री साझेदारी है, जिसका उद्देश्य उच्च समुद्रों पर अवैध और गैर-अधिकृत राष्ट्रों का विरोध करने तथा लगभग 3.2 मिलियन वर्ग मील अंतर्राष्ट्रीय जल में सुरक्षा, स्थिरता एवं समृद्धि को बढ़ावा देकर नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय आदेश (RBIO) के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना है। इसमें दुनिया के कुछ सबसे महत्त्वपूर्ण नौवहन मार्ग शामिल हैं।
- CMF की कमांड अमेरिकी नौसेना के वाइस एडमिरल के पास है।
- सदस्य देश:
- 34 देश CMF के सदस्य हैं: ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, बेल्जियम, ब्राज़ील, कनाडा, डेनमार्क, मिस्र, फ्राँस, जर्मनी, ग्रीस, इराक, इटली, जापान, जॉर्डन, कोरिया गणराज्य, कुवैत, मलेशिया, नीदरलैंड, न्यूज़ीलैंड, नॉर्वे, पाकिस्तान, फिलीपींस, पुर्तगाल, कतर, सऊदी अरब, सेशेल्स, सिंगापुर, स्पेन, थाईलैंड, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यमन।
- भारत CMF का सदस्य नहीं है। अप्रैल (2022) में आयोजित भारत-अमेरिका 2+2 संवाद में भारत ने घोषणा की थी कि वह एक सहयोगी भागीदार के रूप में CMF में शामिल होगा।
- 34 देश CMF के सदस्य हैं: ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, बेल्जियम, ब्राज़ील, कनाडा, डेनमार्क, मिस्र, फ्राँस, जर्मनी, ग्रीस, इराक, इटली, जापान, जॉर्डन, कोरिया गणराज्य, कुवैत, मलेशिया, नीदरलैंड, न्यूज़ीलैंड, नॉर्वे, पाकिस्तान, फिलीपींस, पुर्तगाल, कतर, सऊदी अरब, सेशेल्स, सिंगापुर, स्पेन, थाईलैंड, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यमन।
- प्रमुख कार्य क्षेत्र:
- CMF के मुख्य कार्य क्षेत्र हैं, नशीले पदार्थों, तस्करी एवं समुद्री डकैती को रोकना, क्षेत्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करना, समग्र सुरक्षा और स्थिरता में सुधार के लिये प्रासंगिक क्षमताओं को मज़बूत करने हेतु अन्य क्षेत्रीय भागीदारों के साथ जुड़ना।
- अनुरोध किये जाने पर समुद्र में CMF संपत्ति, पर्यावरण और मानवीय घटनाओं की रोकथाम पर भी कार्य करेगा।