प्रारंभिक परीक्षा
एड्रियाटिक सागर
प्रमुख बिंदु
- भौतिक भूगोल:
- भूमध्य सागर की शाखा, इटली और बाल्कन प्रायद्वीप के बीच स्थित है।
- यह वेनिस की खाड़ी से दक्षिण में ओट्रांटो जलडमरूमध्य तक फैला हुआ है, जो इसे आयोनियन सागर से जोड़ता है।
- सीमावर्ती देश: इटली, क्रोएशिया, बोस्निया और हर्जेगोविना, मोंटेनेग्रो, अल्बानिया तथा स्लोवेनिया।
प्रारंभिक परीक्षा
इब्सामार VII
आईएनएस तरकश 10-12 अक्तूबर, 2022 तक भारत, ब्राज़ील एवं दक्षिण अफ्रीका की नौसेनाओं के बीच एक संयुक्त बहुराष्ट्रीय समुद्री अभ्यास (IBSAMAR) के सातवें संस्करण में भाग लेने के लिये दक्षिण अफ्रीका के पोर्ट गकेबेरहा (जो पोर्ट एलिजाबेथ के रूप में भी जाना जाता है) पहुँचा।
- IBSAMAR इब्सा त्रिपक्षीय रक्षा सहयोग का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
इब्सामार VII:
- यह भारत, ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका की नौसेनाओं के बीच एक संयुक्त बहुराष्ट्रीय समुद्री अभ्यास है जो वर्तमान में 10-12 अक्तूबर, 2022 तक दक्षिण अफ्रीका में आयोजित किया जा रहा है।
- इसका पिछला संस्करण (इब्सामार VI) वर्ष 2018 में दक्षिण अफ्रीका के सिमंस टाउन में आयोजित किया गया था।
- भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्त्व तेग क्लास गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट, आईएनएस तरकश, एक चेतक हेलीकॉप्टर और मरीन कमांडो फोर्स (MARCOS) के कर्मियों द्वारा किया जाता है।
- इब्सामार VII के बंदरगाह चरण में पेशेवर आदान-प्रदान जैसे क्षति नियंत्रण और अग्निशमन अभ्यास, VBSS/क्रॉस बोर्डिंग व्याख्यान तथा विशेष बलों के बीच बातचीत शामिल है।
- संयुक्त समुद्री अभ्यास समुद्री सुरक्षा, संयुक्त अभियानगत प्रशिक्षण, सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं को साझा करने और सामान्य समुद्री खतरों को दूर करने के लिये अंतर-संचालन क्षमता को मज़बूत करेगा।
भारत के अन्य समुद्री अभ्यास:
- थाईलैंड: भारत-थाईलैंड समन्वित गश्ती (भारत-थाई CORPAT)
- युनाइटेड किंगडम: कोंकण - शक्ति
- इंडोनेशिया: समुद्र शक्ति
- सिंगापुर: सिंगापुर-भारत समुद्री द्विपक्षीय अभ्यास (SIMBEX)
- कतर: जायरे-अल-बहर
- जापान: समुद्री साझेदारी अभ्यास (MPX)
IBSA:
- परिचय:
- IBSA, दक्षिण-दक्षिण सहयोग और विनिमय (South-South Cooperation and Exchange) को बढ़ावा देने हेतु भारत, ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका के मध्य एक त्रिपक्षीय विकासात्मक पहल है।
- दक्षिण-दक्षिण सहयोग (SSC) का विचार कोई नया नहीं है बल्कि इस फोरम के उद्भव की पहल बांडुंग सम्मेलन 1955, गुटनिरपेक्ष आंदोलन 1961, G77 समूह, अंकटाड, ब्यूनस आयर्स प्लान ऑफ एक्शन-1978 और वर्ष 2009 की नैरोबी घोषणा में देखी जा सकती है।
- गठन:
- इस समूह को औपचारिक रूप और IBSA संवाद मंच/फोरम का नाम उस दौरान दिया गया जब तीनों देशों के विदेश मंत्रियों ने 6 जून, 2003 को ब्रासीलिया (ब्राज़ील) में मुलाकात की और ब्रासीलिया घोषणा जारी की गई।
- मुख्यालय:
- IBSA का कोई मुख्यालय या स्थायी कार्यकारी सचिवालय नहीं है।
- IBSA फंड/कोष:
- वर्ष 2004 में इस कोष की स्थापना की गई। IBSA कोष (भारत, ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका में गरीबी एवं भूख उन्मूलन सुविधा) एक अनूठा कोष है जिसके माध्यम से सदस्य विकासशील देशों में इब्सा वित्तपोषण के साथ विकास परियोजनाओं को निष्पादित किया जाता है।
- इस कोष का प्रबंधन संयुक्त राष्ट्र (UN) ऑफिस फॉर साउथ-साउथ कोऑपरेशन (UNOSSC) द्वारा किया जाता है। प्रत्येक IBSA सदस्य देश को इस कोष में प्रतिवर्ष 1 मिलियन डालर का योगदान करना आवश्यक है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)प्रश्न. हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (IONS) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: b व्याख्या:
अतः विकल्प (b) सही है। |
स्रोत: पी.आई.बी.
प्रारंभिक परीक्षा
विश्व स्लॉथ बियर दिवस
पहला विश्व स्लॉथ बियर दिवस 12 अक्तूबर, 2022 को भारतीय उपमहाद्वीप में स्थानिक भालू प्रजातियों के बारे में जागरूकता पैदा करने और संरक्षण प्रयासों को मज़बूत करने के लिये मनाया गया था।
- यह वन्यजीव SOS इंडिया द्वारा प्रस्तावित किया गया था, जो दो दशकों से भी अधिक समय से स्लॉथ बियर संरक्षण हेतु एक संगठन है और (अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ) IUCN-स्पीशीज़ सर्वाइवल कमीशन (SSC) स्लॉथ बियर विशेषज्ञ टीम ने इस दिन को स्वीकार किया और विश्व भर में मनाए जाने की घोषणा की।
स्लॉथ बियर:
- विषय:
- स्लॉथ बियर दुनिया भर में पाई जाने वाले भालू की 8 प्रजातियों में से एक है।
- स्लॉथ बियर मुख्य रूप से दीमक और चींटियाँ खाते हैं तथा अन्य भालू प्रजातियों के विपरीत यह नियमित रूप से अपने शावकों को अपनी पीठ पर ले जाते हैं।
- इन्हें मधु (हनी) बहुत पसंद है, इसीलिये इनका अन्य नाम “हनी बियर” भी है।
- स्लॉथ बियर हाइबरनेट नहीं करते हैं।
- ये फुर्तीले होते हैं और सबसे दुर्जेय जंगली जानवरों में से एक माने जाते हैं।
- इन्हें सबसे कम शोधित भालू प्रजाति के रूप में भी जाना जाता है।
- वैज्ञानिक नाम: मेलूरसस अर्सिनस (Melursus Ursinus)।
- आवास स्थान: इसे हनी बीयर (Honey Bear) और हिंदी भालू भी कहा जाता है, यह उर्सिडा/उर्सिडी (Ursidae) परिवार का हिस्सा है। ये भारत और श्रीलंका के उष्णकटिबंधीय या उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
- स्लॉथ बियर, वैश्विक आबादी के लगभग 90% भारत में पाए जाते हैं।
- संरक्षण स्थिति:
- IUCN की रेड लिस्ट: सुभेद्य (Vulnerable)
- CITES: परिशिष्ट-I
- भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूची-I
- लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर अभिसमय (CITES): परिशिष्ट-1
- खतरा:
- निवास स्थान की हानि, शरीर के अंगों के लिये अवैध शिकार स्लॉथ बीयर की प्रजाति के लिये सबसे बड़ा खतरा है। स्लॉथ बीयर को तमाशा दिखाने या प्रदर्शन में उपयोग (कलंदर नामक एक जातीय समूह द्वारा) के लिये पकड़ लिया जाता है। साथ ही उनके आक्रामक व्यवहार और फसलों को नुकसान पहुँचाने के कारण भी स्लॉथ बीयर का शिकार किया जाता है।
- कई रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन दशकों में मुख्य रूप से निवास स्थान की हानि, आवास विखंडन, अवैध शिकार और मानव-भालू संघर्ष में वृद्धि के कारण उनकी आबादी में 40 से 50% की गिरावट आई है।
- संरक्षण के प्रयास:
- वन्यजीव SOS भालू बचाव केंद्र स्लॉथ बियर का संरक्षण कर रहे हैं और उन्हें उनके प्राकृतिक आवास में पुन: बसाने का कार्य कर रहे हैं, जहाँ उन्हें चिकित्सा देखभाल भी मिलती है।
- इसके अलावा यह सुनिश्चित करने के लिये कि कलंदर समुदाय जीवित रहने के लिये जंगली जानवरों का शिकार न करें, वन्यजीव SOS ने कलंदरों के साथ कार्य करके उन्हें आजीविका के वैकल्पिक रूप और शिक्षा तक पहुँच प्रदान की।
- विश्व स्लॉथ बियर दिवस की घोषणा के माध्यम से, वन्यजीव SOS और IUCN- प्रजाति जीवन रक्षा आयोग (Species Survival Commission) स्लॉथ बियर विशेषज्ञ टीम का उद्देश्य विश्व के बाकी हिस्सों के लिये स्लॉथ बियर और उनके आवासों के संरक्षण को उनके रेंज में बढ़ावा देना है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित में से जानवरों का कौन सा समूह लुप्तप्राय प्रजातियों की श्रेणी में आता है? (2012) (a) ग्रेट इंडियन बस्टर्ड, कस्तूरी मृग, लाल पांडा और एशियाई जंगली गधा उत्तर: (a) व्याख्या:
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विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 13 अक्तूबर, 2022
अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस
विश्व स्तर पर आपदा न्यूनीकरण और इसके कारण उत्पन्न होने वाले जोखिम को कम करने के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने हेतु प्रतिवर्ष 13 अक्तूबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस’ का आयोजन किया जाता है। ‘अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस’ की स्थापना वर्ष 1989 में दुनिया भर में आपदा न्यूनीकरण के कार्य को बढ़ावा देने हेतु ‘संयुक्त राष्ट्र महासभा’ (UNGA) के आह्वान पर की गई थी। वर्ष 2022 में इस दिवस की थीम “2030 तक लोगों के लिये बहु-खतरा प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों और आपदा जोखिम की जानकारी एवं आकलन की उपलब्धता तथा पहुँच में पर्याप्त वृद्धि” है, जो सेंडाई फ्रेमवर्क के लक्ष्य G पर केंद्रित है।
36वें राष्ट्रीय खेलों का समापन
36वें राष्ट्रीय खेल गुजरात के सूरत में भव्य समारोह के साथ 12 अक्तूबर को सम्पन्न हो गए। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए अपने संबोधन में कहा कि वह दिन दूर नहीं जब भारत ओलंपिक की मेज़बानी करेगा। उन्होंने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्त्व में देश में खेलों के लिये सकारात्मक माहौल बनाया गया है। उपराष्ट्रपति ने खेल भावना विकसित करने पर ज़ोर दिया। इसी के मद्देनज़र भारतीय ओलंपिक संघ ने ओलंपिक खेलों के 37वें संस्करण की मेज़बानी के लिये गोवा में इसकी संभावनाओं की भी चर्चा की। खेल जगत के कई गणमान्य व्यक्तियों और लोकसभा अध्यक्ष ओमप्रकाश बिरला, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, गुजरात के खेल मंत्री हर्ष संघवी तथा बड़ी संख्या में खिलाड़ियों ने इस समापन समारोह में हिस्सा लिया। राष्ट्रीय खेलों के अंतिम दिन सर्विसेज़ ने शानदार प्रदर्शन के साथ 61 स्वर्ण सहित कुल 128 पदक अपने नाम किये और शीर्ष पर रहा। महाराष्ट्र ने 39 स्वर्ण के साथ दूसरा तथा हरियाणा ने 38 स्वर्ण लेकर तीसरा स्थान हासिल किया।
‘ग्रामीण उद्यमी कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम’
केंद्रीय उद्यमिता, कौशल विकास, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री 14 अक्तूबर को रांची में ‘ग्रामीण उद्यमी कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम’ (ग्राम अभियंता कार्यक्रम) के दीक्षांत समारोह को संबोधित करेंगे। इस दीक्षांत समारोह में झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस 165 प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र प्रदान करेंगे। ग्रामीण उद्यमी कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम, प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ दृष्टिकोण पर आधारित है, इसका लक्ष्य ग्रामीण युवाओं को विशिष्ट कौशल प्राप्त करने के अवसर प्रदान कर सशक्त बनाना है। संबंधित पायलट प्रोजेक्ट इस वर्ष मई में मध्य प्रदेश के भोपाल में शुरू किया गया था और इसके तहत पाँच राज्यों (मध्य प्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र) को कवर किया गया था, पहले चरण के दौरान 152 अभ्यर्थियों ने नामांकन कराया, जिनमें से 132 अभ्यर्थियों ने सफलतापूर्वक पाठ्यक्रम पूरा किया और उन्हें प्रमाण पत्र दिये गए। इस दौरान प्रशिक्षण पाँच विषयों यथा विद्युत एवं सौर ऊर्जा, कृषि यंत्रीकरण, ई-गवर्नेंस, नलसाज़ी (प्लंबिंग) व चिनाई, दुपहिया वाहनों की मरम्मत और रखरखाव में प्रदान किया गया। इसका अगला चरण चार राज्यों यथा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा में आयोजित किया जाएगा, जिसमें कुल 165 अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र दिये जाएंगे। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्थानीय ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं को मज़बूत करना और आजीविका के अवसरों के लिये प्रवास एवं साथ ही शहरों पर निर्भरता को सीमित करना है।