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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 08 Nov, 2019
  • 9 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 8 नवंबर, 2019

नौसैनिक अभ्यास ‘समुद्र शक्ति’

Maritime Exercise ‘Samudra Shakti'

हाल ही में भारतीय और इंडोनेशियाई नौसेना के बीच नौसैनिक अभ्यास ‘समुद्र शक्ति’ (Samudra Shakti) का आयोजन किया गया।

Samudra Shakti

समुद्र शक्ति:

  • इस अभ्यास का आयोजन बंगाल की खाड़ी में किया गया।
  • इसमें भारतीय नौसेना का पनडुब्बी रोधी युद्धक कॉरवेट- आईएनएस कमोर्ता (INS KAMORTA) और इंडोनेशियाई युद्धक जहाज़ केआरआई उस्मान हारून (KRI Usman Haroon) भाग ले रहे हैं।
  • 12 नवंबर, 2018 को भारत और इंडोनेशिया के बीच पहले द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास ‘समुद्र शक्ति’ का आयोजन किया गया था।
  • इस संयुक्त युद्धाभ्यास में आपसी तालमेल (Co-operation), युद्धाभ्यास, वायु रक्षा अभ्यास, फायरिंग ड्रिल, हेलिकॉप्टर संचालन एवं बोर्डिंग ऑपरेशन शामिल हैं।

बिम्‍सटेक बंदरगाह सम्मेलन

BIMSTEC Port Conclave

आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में जहाज़रानी मंत्रालय द्वारा पहले ‘बिम्‍सटेक बंदरगाह’ सम्मेलन (BIMSTEC Port Conclave) का उद्घाटन किया गया।

Bimstec

बिम्‍सटेक बंदरगाह सम्मलेन

  • इस सम्‍मेलन का उद्देश्य आयात-निर्यात तथा तटीय जहाज़रानी को प्रोत्‍साहित कर आर्थिक सहयोग बढ़ाने की संभावना को तलाशना है।
  • BIMSTEC के सभी सात सदस्‍य देशों के साथ-साथ व्यापार और विभिन्न जहाज़रानी संघों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस दो दिवसीय सम्मेलन में भाग लिया।
  • सम्‍मेलन के दौरान पाँच सत्र हुए-
    • पहले सत्र का उद्देश्य बंदरगाहों पर आधारित ‘औद्योगिक और पर्यटन विकास’ के क्षेत्र को प्रोत्साहित करना तथा बंदरगाहों के नज़दीक औद्योगिक क्लस्टर विकसित करने पर चर्चा करना था।
    • दूसरे सत्र का उद्देश्य- विस्तार आपूर्ति शृंखलाओं और उपलब्ध समाधानों की पृष्ठभूमि में बंदरगाहों तथा टर्मिनलों की उभरती भूमिका पर चर्चा करना था।
    • तीसरे सत्र का उद्देश्य सुरक्षा खतरों पर चर्चा करना था तथा इस सत्र का विषय (Theme) ‘सुरक्षित और संरक्षित बंदरगाह’ थी।
    • चौथा सत्र ‘पोर्ट्स सर्विसेज़: डिलीवरिंग वैल्यू’ (Ports Services: Delivering Value) पर आधारित था जिसका उद्देश्‍य कारोबारी सुगमता के लिये उठाये गए विभिन्‍न कदमों पर चर्चा हेतु एक मंच प्रदान करना है।
    • अंतिम सत्र 'ग्रीन पोर्ट ऑपरेशंस' अर्थात् पर्यावरण अनुकूल बंदरगाह संचालन पर आधारित था।

बिम्‍सटेक

  • बिम्‍सटेक एक क्षेत्रीय संगठन है, जिसमें बंगाल की खाड़ी क्षेत्र और आसपास के सात देश (भारत, बांग्‍लादेश, म्‍याँमार, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान, नेपाल) शामिल हैं।
  • यह संगठन क्षेत्रीय एकता का प्रतिनिधित्‍व करता है।
  • बिम्सटेक का उद्देश्य क्षेत्रीय संसाधनों और भौगोलिक लाभ का उपयोग करके आम हित के विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग से व्यापार में तेज़ी लाना तथा विकास को गति देना है।

कालापानी क्षेत्र

Kalapani Territory

हाल ही में भारत द्वारा जारी नए राजनीतिक मानचित्र में कालापानी क्षेत्र (Kalapani Territory) की सीमा को लेकर नेपाल ने औपचारिक विरोध किया।

Kalapani

कालापानी

  • कालापानी क्षेत्र भारतीयों के एक तीर्थस्थल के रूप में जाना जाता है।
  • इसके अलावा यह काली नदी का उद्गम स्थल भी है।
  • यही काली नदी कालापानी से भारत और नेपाल दोनों देशों का सीमांकन करती है जो आगे चलकर टनकपुर में शारदा नदी के नाम से जानी जाती है।

रानोंग बंदरगाह

Ranong Port

हाल ही में भारत और थाईलैंड के रानोंग बंदरगाह (Ranong Port) के बीच आर्थिक सहयोग के लिये समझौते को अंतिम रूप दिया गया है।

Ranong Port

रानोंग बंदरगाह

  • भारत और थाईलैंड के बीच नए समुद्री मार्ग को बढ़ावा देने के लिये पोर्ट अथॉरिटी ऑफ थाईलैंड (Port Authority Of Thailand- PAT) रानोंग पोर्ट को लॉजिस्टिक गेटवे के रूप में विकसित कर रहा है।
  • इसके साथ ही भारत और थाईलैंड के बीच समुद्री यात्रा का समय 10-15 दिन से घटकर 7 दिन रह जाएगा।
  • वर्तमान में मालवाहक जहाज़, मलेशिया के रास्ते होते हुए कृष्णापट्टनम बंदरगाह से चोन बुरी (Chon Buri) में चबांग बंदरगाह (Chabang Port) और बैंकॉक के बैंकॉक बंदरगाह तक की यात्रा करते हैं।
  • इस समुद्री मार्ग के विकसित हो जाने से रानोंग बंदरगाह भारतीय वस्तुओं के लिये मुख्य प्रवेश बिंदु बनने की क्षमता रखता है।
  • समकालीन संदर्भ में भारत की एक्ट ईस्ट ’नीति (Act East Policy) की थाईलैंड की’ लुक वेस्ट ’नीति (Look West Policy) द्वारा सराहना की जाती रही है जिससे दोनों देशों के बीच गहरा, मज़बूत और बहुमुखी रिश्ता बन गया है।
  • थाईलैंड के पश्चिमी तट पर स्थित बंदरगाह (रानोंग बंदरगाह) और भारत के पूर्वी तट के बंदरगाहों, जैसे- चेन्नई, विशाखापत्तनम तथा कोलकाता के बीच सीधी कनेक्टिविटी से दोनों देशों के मध्य आर्थिक साझेदारी मज़बूत होगी।

बंगाल विभाजन

Partition of Bengal

हाल ही में पश्चिम बंगाल विरासत आयोग (West Bengal Heritage Commission) ने वर्ष 1947 में देश के विभाजन के दौरान हुए बंगाल विभाजन को समर्पित एक संग्रहालय स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है।

  • संग्रहालय में बंगाल विभाजन के ऐतिहासिक तथ्यों तथा उसके प्रभावों को विस्तारपूर्वक प्रदर्शित किया जाएगा।
  • संग्रहालय को अलीपुर जेल में स्थापित किया जाएगा जिसे अब एक विरासत भवन में बदला जा रहा है।
  • वर्ष 1947 में भारत के विभाजन के कारण पाकिस्तान के निर्माण के दौरान बंगाल और पंजाब प्रांतों का विभाजन हुआ।
  • इसने न केवल हिंसा को बढ़ावा दिया बल्कि मानव इतिहास के सबसे बड़े सामूहिक प्रवास का उदाहरण बना।
  • विभाजन के बाद, बंगाल को पूर्वी बंगाल और पश्चिम बंगाल में विभाजित किया गया।
  • पूर्वी बंगाल पाकिस्तान का हिस्सा बन गया और वर्ष 1956 में पूर्वी पाकिस्तान के रूप में इसका नामकरण किया गया।
  • वर्ष 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध (Bangladesh liberation War) के बाद यह बांग्लादेश के रूप में यह एक स्वतंत्र राष्ट्र बना।
  • प्रस्तावित संग्रहालय में विभाजन पर आधारित दस्तावेजों, लेखों, वृत्तचित्रों और फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा तथा उसके माध्यम से बंगाल विभाजन के कारण तथा उसके प्रभावों को दर्शाया जाएगा।

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