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गुरुत्वाकर्षण ऊर्जा भंडारण

  • 18 Jan 2025
  • 5 min read

स्रोत: डाउन टू अर्थ

चर्चा में क्यों?

ग्रेविटी एनर्जी स्टोरेज (गुरुत्वाकर्षण ऊर्जा भंडारण) नवीकरणीय ऊर्जा की एक प्रमुख चुनौती के समाधान हेतु एक अभिनव और लागत प्रभावी समाधान के रूप में उभर रहा है। यह पारंपरिक बैटरी ऊर्जा भंडारण के लिये एक आशाजनक विकल्प के रूप में भी कार्य कर रहा है।

गुरुत्वाकर्षण ऊर्जा भंडारण क्या है?

  • परिभाषा: यह एक नवीन प्रौद्योगिकी है, जिसमे गुरुत्वाकर्षण बल का प्रयोग कर ऊर्जा संग्रहीत की जाती है।
  • संचालन का सिद्धांत: गुरुत्वाकर्षण ऊर्जा भंडारण का मूल सिद्धांत स्थितिज ऊर्जा में निहित है।  
  • इसमें अतिरिक्त ऊर्जा उत्पादन के दौरान भारी पिंडों को उठाना और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें विद्युत् उत्पादन के लिये छोड़ना शामिल है।
  • ऊर्जा रूपांतरण: एक टरबाइन या जनरेटर पिस्टन की अवरोही गति को विद्युत् में परिवर्तित करता है।
    • एक सामान्य डिज़ाइन में एक भारी पिस्टन के साथ एक तरल पदार्थ से भरा सिलेंडर शामिल होता है।

  • अतिरिक्त विद्युत् उत्पादन के दौरान, पिस्टन को ऊपर उठा दिया जाता है, जिससे ऊर्जा संग्रहित होती है। 
  • जब ऊर्जा की आवश्यकता होती है तो पिस्टन को नीचे की ओर कर दिया जाता है, जिससे पानी के माध्यम से टरबाइन को घुमाकर विद्युत् उत्पन्न की जाती है।
  • पर्यावरणीय स्थिरता: गुरुत्वाकर्षण ऊर्जा प्रणालियाँ दीर्घकालिक और पर्यावरण के अनुकूल होती हैं, क्योंकि वे पारंपरिक बैटरी भंडारण की तरह रासायनिक ऊर्जा भंडारण पर निर्भर नहीं करती हैं।
  • लाभ:
    • विविध स्थानों पर क्रियान्वित: पंप-हाइड्रो प्रणालियों के विपरीत, जिनके लिये विशिष्ट भौगोलिक विशेषताओं की आवश्यकता होती है, गुरुत्वाकर्षण ऊर्जा प्रणालियों को विविध स्थानों पर क्रियान्वित किया जा सकता है।
    • मापनीयता: प्रणालियों को विभिन्न ऊर्जा क्षमताओं के लिये अनुकूलित किया जा सकता है, जिससे वे ग्रिड-स्केल भंडारण के लिये आदर्श बन जाते हैं ।
    • दीर्घायु: न्यूनतम यांत्रिक गिरावट, कम रखरखाव के साथ दशकों तक संचालन सुनिश्चित करता है।

गुरुत्वाकर्षण ऊर्जा भंडारण भारत में नवीकरणीय ऊर्जा की चुनौतियों का समाधान कैसे कर सकता है?

  • अंतराल की समस्या: सौर और पवन ऊर्जा स्थिर नहीं हैं, वे मौसम और दिन के समय पर निर्भर करती हैं। 
    • राष्ट्रीय सौर मिशन और पवन ऊर्जा क्षमता के विस्तार जैसी योजनाओं के साथ, गुरुत्वाकर्षण ऊर्जा भंडारण, रुकावट की समस्या को दूर करके ग्रिड को स्थिर करने में मदद कर सकता है।
  • आपूर्ति और मांग में संतुलन बनाए रखने के लिये, विशेष रूप से अधिकतम उपयोग या कम उत्पादन अवधि के दौरान, विश्वसनीय ऊर्जा भंडारण आवश्यक है।
  • उच्च ऊर्जा क्षमता: बड़ी मात्रा में ऊर्जा का भंडारण किया जा सकता है, जिससे कम नवीकरणीय उत्पादन के अंतर को कम किया जा सकता है।
  • कम पर्यावरणीय प्रभाव: यह हानिकारक रासायनिक प्रतिक्रियाओं को कम करता है, प्रभाव और निपटान संबंधी समस्याओं को न्यूनतम करता है, तथा हरित ग्रह की ओर संक्रमण में सहायता करता है।
  • भारत का नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा: भारत का लक्ष्य अपनी नवीकरणीय ऊर्जा पहल के तहत वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता हासिल करना है।
    • गुरुत्वाकर्षण ऊर्जा भंडारण, देश भर में स्थापित की जा रही बड़े पैमाने की सौर और पवन परियोजनाओं के लिये विश्वसनीय और लागत प्रभावी भंडारण प्रदान करके इन प्रयासों को पूरा कर सकता है।

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न 

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)

  1. अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को 2015 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में लॉन्च किया गया था।
  2. गठबंधन में संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश शामिल हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d)  न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (a)

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