उत्तराखंड Switch to English
मसूरी में छठा क्षमता निर्माण कार्यक्रम
चर्चा में क्यों?
हाल ही में श्रीलंका समाजवादी गणराज्य के सिविल सेवकों के लिये छठा क्षमता निर्माण कार्यक्रम मसूरी में राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (NCGG) में शुरू हुआ।
मुख्य बिंदु
- कार्यक्रम की अवधि एवं प्रतिभागी:
- यह कार्यक्रम 9 से 20 दिसंबर 2024 तक आयोजित किया जाएगा।
- इस कार्यक्रम में श्रीलंका के 40 मध्य-कैरियर सिविल सेवक भाग ले रहे हैं, जिनमें विभागीय सचिव, सहायक विभागीय सचिव, ज़िला सचिव तथा लोक प्रशासन, गृह मामले, कृषि एवं पशुधन तथा स्वास्थ्य जैसे प्रमुख मंत्रालयों के अधिकारी शामिल हैं।
- प्रतिभागियों में श्रीलंका विकास प्रशासन संस्थान (SLIDA) के अधिकारी भी शामिल हैं।
- कार्यक्रम का उद्देश्य शासन और प्रशासन की व्यापक समझ प्रदान करना है।
- सत्र निम्नलिखित पर केंद्रित होंगे:
- बुनियादी प्रशासन
- स्वास्थ्य देखभाल और सार्वजनिक प्रशासन में नीतिगत ढाँचे।
- शासन में प्रौद्योगिकी, विशेषकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की भूमिका।
- सफल शासन मॉडल, जिसमें शहरी और गैर-जैवनिम्नीकरणीय अपशिष्ट प्रबंधन की अंतर्दृष्टि के साथ अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियाँ शामिल हैं।
- कवर किये गये विषयों में शामिल हैं:
- शासन के परिवर्तित मानक
- ई-ऑफिस, आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना।
- रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (RERA), जलवायु परिवर्तन प्रभाव, आधार।
- महत्त्वपूर्ण संस्थानों का क्षेत्रीय दौरा जैसे:
- वन अनुसंधान संस्थान (FRI), ज़िला प्रशासन गाजियाबाद और साइबर सुरक्षा सेल नोएडा।
- ग्लोबल रोबोटिक्स कंपनी, पीएम गति शक्ति अनुभूति केंद्र, भारत मंडप और प्रधानमंत्री संघ्रालय।
- ताजमहल की यात्रा।
- NCGG की वैश्विक प्रशिक्षण भूमिका:
- वर्ष 2014 में स्थापित NCGG ने 214 वरिष्ठ श्रीलंकाई अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है।
- इसने मलेशिया, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, केन्या, दक्षिण अफ्रीका और फिजी सहित 34 देशों के अधिकारियों को शासन प्रशिक्षण प्रदान किया है।
आयुष्मान भारत-PMJAY
- पीएम-जेएवाई दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है जो पूरी तरह से सरकार द्वारा वित्तपोषित है।
- फरवरी 2018 में लॉन्च की गई यह योजना द्वितीयक और तृतीयक देखभाल के लिये प्रति परिवार 5 लाख रुपए की बीमा राशि प्रदान करती है।
- स्वास्थ्य लाभ पैकेज में सर्जरी, चिकित्सा और डे केयर उपचार, दवाओं और निदान की लागत शामिल है।
उत्तर प्रदेश Switch to English
जेवर हवाई अड्डे पर पहली वैलिडेशन फ्लाइट की लैंडिंग
चर्चा में क्यों?
हाल ही में नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (NIA) ने एक बड़ी उपलब्धि प्राप्त की, जब इसकी पहली सत्यापन उड़ान सफलतापूर्वक उतरी, जिससे यह परिचालन तत्परता के और समीप पहुँच गया।
मुख्य बिंदु
- सत्यापन उड़ान की सफल लैंडिंग:
- सत्यापन उड़ान इंडिगो द्वारा संचालित की गई थी।
- परियोजना की प्रगति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिये साइट श्रमिकों की विशेष सराहना की गई।
- उड़ान के उद्देश्य:
- उड़ान ने हवाई अड्डे की पहुँच और प्रस्थान प्रक्रियाओं, नेविगेशनल सहायता और हवाई यातायात नियंत्रण प्रणालियों की सटीकता का परीक्षण और पुष्टि की।
- मंत्रिस्तरीय टिप्पणियाँ और दृष्टिकोण:
- केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने टीम के प्रयासों की सराहना की और इस बात पर ज़ोर दिया:
- इस हवाई अड्डे में हवाई यात्रा और क्षेत्रीय संपर्क को बदलने की क्षमता है।
- इसका डिज़ाइन उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।
- वर्ष 2025 में इसके खुलने पर टर्मिनल की क्षमता प्रतिवर्ष 12 मिलियन यात्रियों की होगी।
- इस विकास के साथ, उत्तर प्रदेश का 17वाँ परिचालन हवाई अड्डा होगा।
- केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने टीम के प्रयासों की सराहना की और इस बात पर ज़ोर दिया:
- स्थिरता पर ध्यान:
- मंत्री ने निम्नलिखित के माध्यम से स्थिरता पर ज़ोर दिया:
- हवाई अड्डे को बिजली प्रदान करने के लिये सौर ऊर्जा का उपयोग।
- पर्यावरण अनुकूल बुनियादी ढाँचे का विकास सरकारी प्राथमिकताओं के अनुरूप।
- मंत्री ने निम्नलिखित के माध्यम से स्थिरता पर ज़ोर दिया:
- आर्थिक एवं विकासात्मक प्रभाव:
- इस परियोजना से हज़ारों नौकरियाँ उत्पन्न होने की आशा है।
- इसके पूरा होने पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिलने और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलने तथा एशिया के सबसे बड़े हवाई अड्डे के रूप में कार्य करने की भी आशा है।
नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (NIA)
- जेवर स्थित नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को देश के पहले ट्रांजिट हब के रूप में विकसित किया जा रहा है तथा इसे भारत में पहली बार एशिया-प्रशांत ट्रांजिट हब के रूप में विकसित करने की आकांक्षा है।
- इसे स्विट्ज़रलैंड के ज्यूरिख हवाई अड्डे के मॉडल के आधार पर विकसित किया गया है, जिसका लक्ष्य यात्री और उड़ान संचालन क्षमताओं को विश्व स्तरीय मानकों तक बढ़ाना है।
- ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का निर्माण पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर ज़िले के जेवर क्षेत्र में किया जा रहा है।
- यह दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दूसरा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा।
बिहार Switch to English
बिहार खेल प्रतिभा खोज प्रतियोगिता
चर्चा में क्यों?
हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री ने पटना के पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में मशाल प्रज्वलित कर खेल जगत की सबसे बड़ी प्रतिभा खोज प्रतियोगिता' बिहार खेल प्रतिभा खोज प्रतियोगिता' का शुभारंभ किया।
मुख्य बिंदु
- भागीदारी और दायरा:
- इसमें 40,000 सरकारी माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के लगभग 60 लाख बच्चे भाग लेंगे।
- प्रतियोगिता में बाहरी स्कूलों के बच्चों को भी भाग लेने का मौका मिलेगा।
- कुल पुरस्कार राशि 10 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है।
- खेल पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना:
- इसका उद्देश्य बिहार में खेल संस्कृति का दृढ़ निर्माण करना है।
- यह राजगीर में आयोजित महिला एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी हॉकी की सफलता पर आधारित है, जहाँ भारत ने अपना खिताब बनाए रखा।
- इसे भविष्य की खेल प्रतिभाओं को पोषित करने की दिशा में एक कदम के रूप में डिज़ाइन किया गया है।
- ओलंपिक आकांक्षाएँ:
- दीर्घकालिक लक्ष्यों में से एक वर्ष 2032 और 2036 ओलंपिक खेलों के लिये संभावित पदक दावेदारों की पहचान करना और उन्हें तैयार करना है।
- प्रतियोगिता:
- प्रतिभागी तीन चरणों, ब्लॉक, ज़िला और राज्य स्तर पर प्रतिस्पर्द्धा करेंगे।
- प्रतियोगिता में प्रमुख खेलों में एथलेटिक्स, कबड्डी, फुटबॉल, वॉलीबॉल शामिल हैं।
- विजेताओं को मान्यता एवं प्रोत्साहन पैकेज के भाग के रूप में खेल किट और प्रमाण-पत्र प्रदान किये जाएँगे ।
हरियाणा Switch to English
बीमा सखी योजना
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री ने हरियाणा के पानीपत में भारतीय जीवन बीमा निगम की 'बीमा सखी योजना' का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने करनाल में महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर की आधारशिला भी रखी।
मुख्य बिंदु
- बीमा सखी योजना:
- यह 18-70 वर्ष की आयु की महिलाओं के लिये बनाया गया है, जिसका ध्यान वित्तीय साक्षरता और बीमा जागरूकता पर केंद्रित है।
- इसमें तीन वर्ष का प्रशिक्षण और वजीफा, LIC एजेंट या विकास अधिकारी बनने के अवसर और 2 लाख महिलाओं के लिये रोज़गार सृजन शामिल है।
- इससे "सभी के लिये बीमा" के मिशन को मज़बूती मिलेगी, सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा और गरीबी उन्मूलन होगा।
- महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय:
- यह 495 एकड़ में विस्तृत है, जिसमें अनुसंधान केंद्र, एक बागवानी महाविद्यालय और पाँच स्कूल हैं।
- इसका उद्देश्य फसलों में विविधता लाना और विश्व स्तरीय बागवानी प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना है।
- कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने निम्नलिखित बातों पर भी प्रकाश डाला:
- पानीपत से शुरू किये गए ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान ने पिछले दशक में हज़ारों बेटियों का जीवन बचाने में योगदान दिया है।
- महिलाओं के लिये विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला गया, जिनमें शामिल हैं:
- महिलाओं को बैंक सखी, बीमा सखी और कृषि सखी के रूप में प्रशिक्षण देना।
- मातृत्व अवकाश को बढ़ाकर 26 सप्ताह करना।
- वित्तीय समावेशन के लिये जन धन योजना जैसे कार्यक्रम शुरू किए गए , जिससे 30 करोड़ महिलाएँ लाभान्वित होंगी।
- उन्होंने ग्रामीण आर्थिक परिवर्तन की आधारशिला के रूप में स्वयं सहायता समूहों (SHG) पर ज़ोर दिया, जिनसे 10 करोड़ से अधिक महिलाएँ जुड़ी हैं।
- लखपति दीदी अभियान जैसी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया, जिसके कारण 1.15 करोड़ महिलाएँ प्रतिवर्ष 1 लाख रुपए से अधिक कमाने में सक्षम हुई हैं।
- उन्होंने जन धन योजना द्वारा लाए गए परिवर्तन पर प्रकाश डाला, जिससे निम्नलिखित योजनाओं से लाभ का सीधा हस्तांतरण सुनिश्चित हुआ:
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना
- परिचय:
- यह योजना प्रधानमंत्री द्वारा 22 जनवरी, 2015 को शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य बाल लिंग अनुपात (CSR) में कमी लाना तथा जीवन-चक्र में महिला सशक्तीकरण से संबंधित मुद्दों का समाधान करना था।
- यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MW&CD), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MH&FW) तथा शिक्षा मंत्रालय का त्रि-मंत्रालयीय प्रयास है।
- मुख्य उद्देश्य:
- लिंग-पक्षपाती लिंग-चयनात्मक उन्मूलन की रोकथाम।
- बालिकाओं के जीवन और संरक्षण को सुनिश्चित करना।
- बालिकाओं की शिक्षा एवं भागीदारी सुनिश्चित करना।
- बालिकाओं के अधिकारों की रक्षा करना।
हरियाणा Switch to English
मार्बल्ड डक
चर्चा में क्यों?
हाल ही में पक्षी प्रेमियों को सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान में एक दुर्लभ शीतकालीन प्रवासी, मार्बल्ड डक को देखकर बहुत खुशी हुई। सुल्तानपुर में इस प्रजाति को आखिरी बार 1990 में देखा गया था।
मुख्य बिंदु
- भौतिक विशेषताएँ:
- भूरे-सफेद पंख वाला मध्यम आकार का बत्तख।
- बड़े सिर और हल्की आँखों के पैच द्वारा प्रतिष्ठित।
- यह मछलियों और जलीय पौधों पर निर्भर है।
- वैश्विक संरक्षण स्थिति:
- अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) द्वारा इसे विश्व स्तर पर "संकटग्रस्त" के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- जनसंख्या में गिरावट का कारण निवास स्थान का विनाश और शिकार बताया गया।
- भौगोलिक सीमा और आदतें:
- इसका मूल स्थान यूरोप है, जहाँ यह गर्मियों के महीनों में प्रजनन करता है।
- तीन अलग-अलग क्षेत्रों में प्रजनन के लिये जाना जाता है: पूर्वी भूमध्यसागरीय, पश्चिमी भूमध्यसागरीय और ईरान।
- प्रजनन के लिये निचली भूमि, उथले स्वच्छ जल वाले आवासों को पसंद करता है।
- भारत में घटना:
- दिल्ली-NCR में शायद ही कभी देखा गया; अंतिम बार वर्ष 2022 में भिंडावास वेटलैंड में दर्ज किया गया।
- हरियाणा में सीमित संख्या में देखा गया, 2000 के दशक में गुड़गाँव में देखा गया।
- पिछले अवलोकनों में गुजरात और राजस्थान शामिल हैं।
सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान
- परिचय:
- सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान पक्षी प्रेमियों के लिये एक स्वर्ग है। यह प्रवासी और स्थानीय पक्षियों के लिये प्रसिद्ध है।
- अप्रैल 1971 में, पार्क के अंदर सुल्तानपुर झील (1.21 वर्ग किमी का क्षेत्र) को पंजाब वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1959 की धारा 8 के तहत अभयारण्य का दर्जा दिया गया था।
- जुलाई 1991 में वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के अंतर्गत पार्क का दर्जा बढ़ाकर राष्ट्रीय उद्यान कर दिया गया।
- जगह:
- यह पार्क हरियाणा के गुड़गाँव ज़िले में स्थित है। पार्क की दूरी दिल्ली से लगभग 50 किलोमीटर और गुड़गाँव से 15 किलोमीटर है।
- पार्क में महत्त्वपूर्ण जीव:
- स्तनधारी: काला हिरण, नीलगाय, हॉग हिरण, सांभर, तेंदुआ आदि।
- पक्षी: साइबेरियन क्रेन, ग्रेटर फ्लेमिंगो, डेमोइसेल क्रेन आदि।
राजस्थान Switch to English
जयपुर में आवासीय कॉलोनी में तेंदुआ घुसा
चर्चा में क्यों?
हाल ही में विद्याधर नगर इलाके में उस समय दहशत फैल गई जब एक तेंदुआ एक रिहायशी कॉलोनी में घुस आया और उसने तीन लोगों पर हमला कर दिया। बाद में वन विभाग की टीम ने जंगली बिल्ली को बेहोश कर उसे बचा लिया।
मुख्य बिंदु
- तेंदुआ:
- इसका वैज्ञानिक नाम पेंथेरा पार्डस है।
- तेंदुआ पैंथेरा वंश की बड़ी बिल्लियों में सबसे छोटा है, जैसे बाघ, शेर, जगुआर, तेंदुआ और हिम तेंदुआ। यह विभिन्न प्रकार के आवासों में अनुकूलन करने की अपनी क्षमता के लिये जाना जाता है।
- तेंदुआ एक रात्रिचर प्राणी है, जो रात में शिकार करता है।
- यह अपने क्षेत्र में पाए जाने वाले शाकाहारी जानवरों की छोटी प्रजातियों जैसे चीतल, हॉग डियर और जंगली सूअर को खाता है।
- तेंदुओं में मेलानिज्म एक सामान्य घटना है, जिसमें पशु की पूरी त्वचा काले रंग की होती है, जिसमें धब्बे भी शामिल हैं।
- मेलेनिस्टिक तेंदुए को अक्सर ब्लैक पैंथर कहा जाता है और गलती से इसे एक अलग प्रजाति मान लिया जाता है।
- प्राकृतिक वास:
- यह उप-सहारा अफ्रीका, पश्चिमी और मध्य एशिया के छोटे भागों , भारतीय उपमहाद्वीप से लेकर दक्षिण-पूर्व और पूर्वी एशिया तक विस्तृत क्षेत्र में पाया जाता है ।
- भारतीय तेंदुआ (पेंथेरा पार्डस फ्यूस्का) एक तेंदुआ है जो भारतीय उपमहाद्वीप में व्यापक रूप से वितरित है।
- भारत में जनसंख्या:
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी हालिया रिपोर्ट 'भारत में तेंदुओं की स्थिति, 2018' के अनुसार, वर्ष 2014 के अनुमान से भारत में तेंदुओं की आबादी में 60% की वृद्धि हुई है।
- वर्ष 2014 के अनुमान के अनुसार तेंदुओं की जनसंख्या लगभग 8,000 थी जो बढ़कर 12,852 हो गयी है।
- अनुमान है कि तेंदुओं की सबसे अधिक संख्या मध्य प्रदेश (3,421) में है, उसके बाद कर्नाटक (1,783) और महाराष्ट्र (1,690) का स्थान है।
- खतरा:
- खाल और शरीर के अंगों के अवैध व्यापार के लिये अवैध शिकार
- आवास की हानि और विखंडन
- मानव-तेंदुआ संघर्ष
- संरक्षण की स्थिति:
- IUCN रेड लिस्ट: असुरक्षित
- CITES: परिशिष्ट-I
भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूची-I
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