लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 13 Sep, 2023
  • 10 min read
प्रारंभिक परीक्षा

G-20 शिखर सम्मेलन स्थल पर शोभायमान कोणार्क चक्र

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

18वाँ G20 शिखर सम्मेलन 9-10 सितंबर, 2023 को 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' विषय के अंतर्गत नई दिल्ली में पहली बार आयोजित किया गया।

  • यह शिखर सम्मेलन भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर ,प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आयोजित किया गया। भारत की सांस्कृतिक विविधता और विरासत को प्रदर्शित करने के रूप में शिखर सम्मेलन स्थल पर पर अन्य देशों के स्वागत हेतु ओडिशा के सूर्य मंदिर के ऐतिहासिक कोणार्क चक्र की भित्ति को दर्शाने वाली एक दीवार लगाई गई है।

कोणार्क सूर्य मंदिर के बारे में मुख्य तथ्य: 

  • परिचय:
    • कोणार्क सूर्य मंदिर भारत के ओडिशा राज्य के पुरी ज़िले में समुद्र तट पर स्थित कोणार्क में 13वीं सदी का सूर्य मंदिर है।
    • इस मंदिर के निर्माण का श्रेय लगभग 1250 ई.पू. पूर्वी गंग राजवंश के राजा नरसिम्हादेव प्रथम को दिया जाता है।
    • हिंदू भगवान सूर्य को समर्पित यह मंदिर 100 फुट ऊँचे रथ की तरह दिखता है, जिसमें विशाल चक्र और घोड़े हैं, जो सभी पत्थर से बनाए गए हैं।
    • यह मंदिर यूनेस्को (UNESCO) के विश्व धरोहर स्थल के साथ ही हिंदुओं के लिये एक प्रमुख तीर्थ स्थल भी है तथा इसे भारतीय 10 रुपए के नोट के पीछे की तरफ दर्शाया गया है।
    • सूर्य मंदिर कलिंग मंदिर वास्तुकला की पराकाष्ठा है।
    • वर्ष 1676 की शुरुआत में यूरोपीय नाविकों द्वारा मंदिर को "ब्लैक पैगोडा" भी कहा जाता था क्योंकि यह एक विशाल परस्पर टॉवर जैसा दिखता था और काले पत्थरों से निर्माण के कारण  काला दिखाई देता था। इसी तरह पुरी के जगन्नाथ मंदिर को "व्हाइट पैगोडा" कहा जाता था।
  • प्रमुख विशेषताएँ:
    • यह मंदिर सूर्य देव के रथ का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें सात घोड़ों द्वारा खींचे गए बारह जोड़े चक्र हैं जो पूरे आकाश में इसकी गति को दर्शाते हैं।
      • चक्रों में 24 तीलियाँ हैं जो एक दिन के 24 घंटों का प्रतीक हैं। चक्र धूपघड़ी (Sundials) के रूप में भी कार्य करते हैं, क्योंकि तीलियों द्वारा डाली गई छाया दिन के समय का संकेत देती है।
    • मंदिर में कई विशिष्ट और सुव्यवस्थित त्रिविमीय इकाइयाँ हैं।
      • विमान (मुख्य अभयारण्य) के ऊपर एक शिखर (मुकुट आवरण) के साथ ऊँचा टॉवर था, जिसे रेखा देउल के नाम से भी जाना जाता था, जिसे 19वीं शताब्दी में ढहा दिया गया था।
      • पूर्व की ओर जहमोगाना (दर्शक कक्ष या मंडप) अपने पिरामिडनुमा आकृति के साथ खंडहरों की प्रभावी संरचना है।
      • पूर्व की ओर सुदूर नटमंदिर (नृत्य कक्ष), जो अब बिना छत के है, एक ऊँचे मंच पर स्थापित है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. नागर, द्रविड़ और वेसर हैं: (2012)

(a) भारतीय उपमहाद्वीप के तीन मुख्य नस्लीय समूह
(b) तीन मुख्य भाषायी प्रभाग जिनमें भारत की भाषाओं को वर्गीकृत किया जा सकता है
(c) भारतीय मंदिर वास्तुकला की तीन मुख्य शैलियाँ
(d) भारत में प्रचलित तीन प्रमुख संगीत घराने

उत्तर: C


मेन्स:

प्रश्न. भारतीय दर्शन एवं परंपरा ने भारतीय स्मारकों की कल्पना और आकार देने तथा उनकी कला में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विवेचना कीजिये। (2020)

प्रश्न. भारतीय कला विरासत का संरक्षण वर्तमान समय की आवश्यकता है। चर्चा कीजिये। (2018)


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 13 सितंबर, 2023

राष्ट्रपति ने किया किसानों के अधिकारों और पारंपरिक बीज किस्मों की रक्षा का आह्वान

  • भारत के राष्ट्रपति ने नई दिल्ली में किसानों के अधिकारों पर पहली वैश्विक संगोष्ठी का उद्घाटन किया, इसका आयोजन खाद्य और कृषि के लिये पादप आनुवंशिक संसाधनों पर अंतर्राष्ट्रीय संधि (International Treaty on Plant Genetic Resources for Food and Agriculture- ITPGRFA) तथा खाद्य एवं कृषि संगठन (Food and Agriculture Organization- FAO) द्वारा किसानों के अधिकारों पर चर्चा करने के लिये किया गया था।
  • इसमें 'अन्नदाता' (भोजन प्रदाता) के रूप में किसानों की प्रमुख भूमिका पर प्रकाश डाला गया तथा उनके अधिकारों व भविष्य को सुरक्षा प्रदान करने पर चर्चा की गई
    • विश्व के केवल 2.4% भूमि क्षेत्र के साथ भारत में ज्ञात सभी पादपों व पशुओं की प्रजातियों का 7-8% पाया जाता है। यह कृषक वर्ग के प्रयासों का परिणाम है जिन्होंनें मनुष्यों और पशुओं के लिये पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु स्थानीय किस्मों के संरक्षण का कार्य, जंगली पौधों को उपयोगी बनाने और फसल की पारंपरिक किस्मों की खेती की
  • राष्ट्रपति ने पौधों की नई किस्मों को विकसित करने वाले सभी किसानों के प्रयासों को मान्यता देने के लिये प्लांट जीनोम सेवियर फार्मर रिवॉर्ड 2021-22 भी प्रदान किया।
  • इस पुरस्कार में एक प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न और 1,50,000 रुपए की नकद राशि शामिल है

और पढ़ें…प्लांट जीनोम सेवियर फार्मर रिवॉर्ड

विश्व ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी दिवस

विश्व ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (DMD) दिवस प्रत्येक वर्ष 7 सितंबर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य DMD के बारे में जागरूकता बढ़ाना तथा इस दुर्लभ अपक्षयी बीमारी से प्रभावित व्यक्तियों के जीवन में सुधार करना है।

  • इस वर्ष के विश्व DMD दिवस की थीम "ड्यूकेन: ब्रेकिंग बैरियर्स" है।
  • DMD एक दुर्लभ आनुवंशिक स्थिति है जो मांसपेशियों को धीरे-धीरे कमज़ोर करती है तथा प्रत्येक पाँच हज़ार लड़कों में से लगभग एक को प्रभावित करती है।
    • यह स्थिति X- क्रोमोसोम उत्परिवर्तन के परिणामस्वरूप होती है तथा चलने में कठिनाइयों का कारण बनती है, इसके बाद अन्य शारीरिक गतिविधियों को करने में असुविधा होती है।
    • अंततः DMD श्वास और हृदय क्रिया जैसे महत्त्वपूर्ण कार्यों को प्रभावित करता है क्योंकि हृदय भी एक मांसपेशी है।
      • वर्तमान में, DMD का कोई ज्ञात उपचार नहीं है। इसके उपचार का उद्देश्य जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिये लक्षणों को नियंत्रित करना है।
  • सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के आधीन दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग (DEPwD), DMD के बारे में जागरूकता पैदा करने में सक्रिय रूप से शामिल है।

रक्षा मंत्री ने 90 सीमा अवसंरचना परियोजनाओं का किया उद्घाटन 

रक्षा मंत्री ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control -LAC) पर हर मौसम में कनेक्टिविटी और सैन्य तैयारी बढ़ाने के लिये कुल 90 सीमा बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया।

  • उनमें से उल्लेखनीय अरुणाचल प्रदेश में नेचिफू सुरंग है, जो रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण तवांग सेक्टर को वार्षिक रूप से कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।
  • इसके अतिरिक्त विश्व की सबसे ऊँची सुरंग शिंकू ला सुरंग का निर्माण, हिमाचल प्रदेश में लाहौल-स्पीति क्षेत्र को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।

लीबिया में विनाशकारी बाढ़

हाल ही में पूर्वी लीबिया में विनाशकारी बाढ़ की घटना देखी गई, तूफान डेनियल के कारण आई इस बाढ़ के कारण व्यापक जन-धन की हानि हुई। 

  • दशकों के युद्ध और एक केंद्रीय सरकार की कमी के अभाव के कारण देश के बुनियादी ढाँचे को काफी क्षति पहुँची है और हाल की मूसलाधार बारिश ने देश की स्थिति को अतिसंवेदनशील बना दिया है।
  • संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, लीबिया एकमात्र ऐसा देश है जिसके पास कोई जलवायु रणनीति नहीं है।
  • यह आपदा लीबिया में स्थिरता, एकता और व्यापक शासन की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है, क्योंकि देश आंतरिक अशांति से लेकर प्रवासियों के शोषण तथा तेल राजस्व विवादों तक कई संकटों से जूझ रहा है।

और पढ़ें…लीबिया में संघर्ष, बारहमासी आपदा - बाढ़


close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2