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ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी का उपचार

  • 18 Jul 2023
  • 4 min read

तमिलनाडु, भारत के डॉक्टरों और जापान के वैज्ञानिकों के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास के परिणामस्वरूप  ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (DMD) के लिये रोग-संशोधित उपचार का विकास हुआ है।

DMD और प्रमुख निष्कर्षों के लिये रोग संशोधित उपचार: 

  •  इस उपचार में बीटा-ग्लूकन नामक एक खाद्य योज्य का उपयोग किया जाता है, जो यीस्ट ऑरियोबैसिडियम पुलुलांस के N-163 स्ट्रेन से प्राप्त होता है।
  •  छह महीने तक चले क्लिनिकल अध्ययन में DMD से पीड़ित 27 बच्चे शामिल थे, जिनमें से 18 उपचार समूह में और 9 नियंत्रण समूह में थे।
    • अध्ययन में शामिल सभी पीड़ितों (उम्र>3) को नियमित उपचार के अलावा खाद्य पूरक के रूप में बीटा-ग्लूकन दिया गया।
  • अध्ययन के निम्नलिखित उल्लेखनीय निष्कर्ष प्राप्त हुए:
    • मांसपेशियों की कमज़ोरी और क्षति में कमी: साक्ष्य में उपचार समूह के बीच मांसपेशियों की कमज़ोरी और क्षति में कमी के संकेत मिले हैं।
      • इससे मांसपेशियों की ताकत में भी सुधार होता है।  
    • सुरक्षित और प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं में कमी: प्रतिभागियों में कोई प्रतिकूल प्रतिक्रिया नहीं देखी गई है तथा उपचार के दौरान यकृत और गुर्दे पर कोई दुष्प्रभाव नहीं देखा गया है।

नोट: बीटा-ग्लूकन एक पॉलीसेकेराइड (जटिल शर्करा) है जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, इम्यूनोमॉड्यूलेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं।

ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी:  

  • परिचय:  
    • ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (DMD) एक दुर्लभ आनुवांशिक बीमारी है जो मांसपेशियों द्वारा डिस्ट्रोफिन का उत्पादन करने में असमर्थता को दर्शाती है। यह एक एंजाइम है जो मांसपेशियों की टूट-फूट के साथ-साथ इसके पुनर्जनन में सहायता करता है।  
    • यह केवल बालकों को प्रभावित करती है। 
    • डिस्ट्रॉफिन की अनुपस्थिति से मांसपेशियों को नुकसान होता है जिसके परिणामस्वरूप मांसपेशियों में कमज़ोरी आती है तथा शुरुआती किशोरावस्था में व्हीलचेयर पर निर्भर रहने की स्थिति उत्पन्न होती है जिस कारण समय से पहले मृत्यु हो सकती है।
  • सामान्य लक्षण:
    • मांसपेशियों में कमज़ोरी और ऐट्रफी (मांसपेशियों की शिथिलता) जो पैरों और श्रोणि से शुरू होती है तथा बाद में बाँहों, गर्दन और शरीर के अन्य भागों को प्रभावित करती है।
    • लने, दौड़ने, कूदने, सीढ़ियाँ चढ़ने और लेटने या उठने- बैठने में कठिनाई।
    • बार-बार गिरना, लड़खड़ाना (चलने का असामान्य तरीका) और पैर की उंगलियों से चलना।
  • व्यापकता:
    • DMD वैश्विक महामारी विज्ञान पर वर्ष 2020 के एक अध्ययन के अनुसार, समग्र वैश्विक DMD का प्रसार प्रति 1,00,000 पुरुषों पर 7.1 मामले और सामान्य आबादी में प्रति 1,00,000 पर 2.8 मामले थे।
    • साथ ही जापान में इसके लगभग 5,000 और भारत में 80,000 मरीज़ हैं।
  • वर्तमान उपचार: 
    • वर्तमान में DMD का कोई ज्ञात इलाज नहीं है। उपचार का उद्देश्य जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिये लक्षणों को नियंत्रित करना है।
    • DMD के लिये उपलब्ध उपचारों में जीन थेरेपी, एक्सॉन-स्किपिंग एवं रोग-संशोधक एजेंट जैसे सूजन-रोधी दवाएँ और स्टेरॉयड शामिल हैं।

स्रोत : द हिंदू

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