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स्टेट पी.सी.एस.

  • 22 Feb 2025
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मध्य प्रदेश Switch to English

इंडियन बॉयसन (गौर) का पुनर्विस्‍थापन

चर्चा में क्यों?

वन विभाग एवं भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून द्वारा 50 बॉयसन (गौर) का पुनर्विस्थापन किया जाएगा।

मुख्य बिंदु 

  • पुनर्विस्थापन के बारे में:
    • पुनर्विस्थापन का कार्य दो चरणों में किया जाएगा। यह पुनर्विस्थापन सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व से बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में 20 से 24 फरवरी तक किया जाएगा।
    • पुनर्विस्थापन (Reintroduction) का अर्थ है किसी प्रजाति को उसके प्राकृतिक आवास में फिर से बसाना, जहाँ वह पहले मौजूद थी।
  • पुनर्विस्थापन का उद्देश्य:
  • पुनर्विस्थापन का महत्त्व:
    • 2011-12 में पहले भी 50 बॉयसन का पुनर्वास किया गया था, जिससे उनकी संख्या 170 से अधिक हो गई है।
    • यह कदम बॉयसन के संरक्षण की दिशा महत्त्वपूर्ण है, ताकि भविष्य में इनकी स्थिर और स्वस्थ जनसंख्या बनी रहे।
    • उनका पुनर्वास वन्यजीवों के लिये एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देगा और अन्य प्रजातियों के लिये भी लाभदायक साबित होगा।

इंडियन बॉयसन (गौर) के बारे में:

  • यह भारत में पाए जाने वाले जंगली मवेशियों की सबसे बड़ी प्रजाति है और यह सबसे बड़ा मौजूदा बोवाइन (गोजातीय) जीव है।
  • बॉयसन घासों और पौधों की वृद्धि को नियंत्रित करते हैं, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र स्वस्थ रहता है।
  • दुनिया में गौर की संख्या लगभग 13,000 से 30,000 है, जिनमें से लगभग 85% भारत में मौजूद हैं।
  • अवस्थिति:
    • यह मूलतः दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाता है।
    • भारत में ये पश्चिमी घाट में बहुत अधिक पाए जाते हैं। मुख्य रूप से नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान, बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान, मासीनागुड़ी राष्ट्रीय उद्यान और बिलिगिरिरंगना हिल्स (बीआर हिल्स) में पाए जाते हैं।
    • ये बर्मा और थाईलैंड में भी पाए जाते हैं।





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नक्शा कार्यक्रम

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री ने मध्य प्रदेश के रायसेन में शहरी बस्तियों के भूमि सर्वेक्षण के लिये नक्शा कार्यक्रम की शुरुआत की।

मुख्य बिंदु 

  • नक्शा कार्यक्रम के बारें में 
    • डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (DILRMP) के तहत "नक्शा" (NAKSHA - National Geospatial Knowledge-based Land Survey of Urban Habitations) कार्यक्रम की शुरुआत की गई है।
    • इस पहल के अंतर्गत 152 शहरों में पायलट प्रोजेक्ट चलाया जाएगा, जिनमें मध्य प्रदेश के 9 ज़िलों  के 10 नगर (शाहगंज, छनेरा, अलीराजपुर, देपालपुर, धार कोठी, मेघनगर, माखन नगर (बाबई), विदिशा, सांची, उन्हेल) भी शामिल हैं।
  • उद्देश्य 
    • इस पहल का उद्देश्य शहरी भूमि रिकॉर्ड प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन लाना और सटीक भू-स्थानिक डाटा पर आधारित एक व्यापक भूमि प्रबंधन प्रणाली विकसित करना है।
    • यह पहल:
      • नागरिकों को सशक्त बनाएगी और उनके जीवन को सुगम बनाएगी।
      • शहरी नियोजन में सुधार लाने में सहायक होगी।
      • भूमि संबंधी विवादों को कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
      • आईटी-आधारित संपत्ति रिकॉर्ड प्रणाली के माध्यम से पारदर्शिता, दक्षता एवं सतत् विकास को बढ़ावा देगी। 

डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (DILRMP)

  • परिचय: 
    • केंद्र सरकार ने 21 अगस्त, 2008 को देश में भूमि अभिलेख प्रणाली के आधुनिकीकरण के लिये राष्ट्रीय भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (NLRMP) मंज़ूरी दी थी, जिसे वर्ष 2016 में पुनः आरंभ किया गया और इसका नाम बदलकर डिजिटल इंडिया भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (DILRMP) कर दिया गया।
    • यह केंद्र द्वारा 100% वित्तपोषण वाली एक केंद्रीय क्षेत्रक योजना है। 
  • उदेश्य:
    • अद्यतन भूमि अभिलेखों, संचालित और स्वचालित उत्परिवर्तन, पाठ्य और स्थानिक अभिलेखों के बीच एकीकरण, राजस्व एवं पंजीकरण के बीच अंतर-संयोजन, वर्तमान विलेख पंजीकरण तथा प्रकल्पित शीर्षक प्रणाली को शीर्षक गारंटी के साथ निर्णायक शीर्षक के साथ बदलने के लिये एक प्रणाली की शुरुआत करना।


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राजस्थान बजट 2025-26

चर्चा में क्यों?

19 फरवरी, 2025 को राजस्थान की उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री ने राजस्थान बजट 2025-26 विधानसभा में पेश किया

मुख्य बिंदु

  • बजट के बारे में:
    • यह पहला ग्रीन थीम आधारित बजट है, जिसमें ग्रामीण विकास, बुनियादी ढाँचे और नवीकरणीय ऊर्जा पर विशेष ज़ोर दिया गया है

    • बजट में महिलाओं, किसानों और युवाओं की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए अनेक योजनाएँ बनाई गई हैं

 

  • मुख्य घोषणाएँ:
    • पेयजल:

      • आगामी वर्ष में बीस लाख घरों में कनेक्शन देने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल हेतु 425 करोड़ का प्रावधान।
      • मुख्यमंत्री जल जीवन मिशन (शहरी) की शुरुआत की गई है जिसके तहत 5830 करोड़ का प्रावधान। 
    • ऊर्जा:
      • आगामी वर्ष में  6400 मेगावाट से अधिक बिजली का उत्पादन करना।
      • 50 हज़ार नए कृषि कनेक्शन और पाँच लाख घरेलू कनेक्शन देना।
      • 765KV का एक, 400KV के पाँच, 220KV के 13 और 132KV के 28 और 33/11KV के 133 जीएसएस बनेंगे।
      • आगामी वर्ष में निजी क्षेत्र के माध्यम से 10 गीगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। 
      • मुख्यमंत्री निशुल्क बिजली योजना के तहत 150 यूनिट प्रति माह बिजली निशुल्क दी जाएगी।
    • परिवहन विकास:
      • सड़कों के विकास के लिये 5000 करोड़ रुपए  से अधिक के कार्य किये जाएंगे।
      • नौ ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे पर 60000 करोड़ रूपए खर्च होंगे।
      • प्रत्येक विधानसभा में 10-10 करोड़ रूपए से नॉन पैवेबल सड़क कार्य होंगे।
      • 5 हज़ार से अधिक आबादी वाले 250 गाँवों में 500 करोड़ की लागत से ‘अटल प्रगति पथ’ बनेंगे।
      • 500 नई रोडवेज बसें जीसीसी मॉडल पर उपलब्ध कराई जाएंगीं, साथ ही शहरी क्षेत्रों के लिये 500 बसें राजकीय शहरी ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएंगीं।
      • जयपुर मेट्रो: 12000 करोड़ की लागत से सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र से अंबावाड़ी एवं विद्याधरनगर (टोडी मोड़ तक) विस्तार होगा, इसके साथ ही जगतपुरा, वैशाली नगर के लिये डीपीआर बनेंगी।
      • ‘पंचगौरव योजना’ के अंतर्गत 550 करोड़ रुपए का प्रावधान।
      • स्वामित्त योजना में 2 लाख परिवारों को पट्टे दिए जाएंगे।
      • मनरेगा के अंतर्गत 3400 लाख मानव दिवसों का सृजन किया जाएगा।  
      • जयपुर की ट्रैफिक व्यवस्था सुधार में 250 करोड़ खर्च होगे। इसके अलावा जयपुर में बने बीआरटीएस कोरिडोर को हटाया जाएगा।
      • डांग, मगरा, मेवात एवं ब्रिज क्षेत्रीय विकास योजनओं हेतु 100-100 करोड़ रुपए  का प्रावधान। 
      • दिल्ली-जयपुर, जयपुर-आगरा और जयपुर-कोटा हाईवे पर सड़क सुधार कर 'Zero Accident Zones' का निर्माण।
      • 20 ट्रॉमा सेंटर्स का PPP मोड में सुदृढ़ीकरण हेतु ₹50 करोड़ का प्रावधान।
      • 25 एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस की सुविधा।
    • नगरीय विकास:
      • पार्किंग, रिनोवेशन, रेजीडेंशियल फ्लैट, बस स्टैंड आदि के विस्तार एवं विकास के लिये 780 करोड़ रुपए  का प्रावधान।
      • 7 वर्षो की अवधि की पंडित दीनदयाल उपाध्याय शहरी विकास योजना के लिये 12050 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
      • प्रदेश के समस्त शहरों में 50 हज़ार स्ट्रीट लाइट लगाये जाएंगे।
      • 500 पिंक टॉयलेट्स के निर्माण हेतु 175 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
      • 30 नगर परिषदों में Mechanised Transfer Stations की स्थापना की जाएगी।  
    • औद्योगिक विकास:
      • औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करने हेतु 'Single Window–One Stop Shop' के माध्यम से ऑनलाइन अनुमतियों की संख्या बढ़ाकर 149 करना। 
      • विभागों के लिये Competitive Index लागू होगा। Rising Rajasthan के MoUs को प्रभावी बनाने हेतु PMU गठित किया जाएगा। Flatted Factory की व्यवस्था लागू।  Plug and Play Model के तहत औधोगिक क्षेत्र विकसित किया जाएगा। 
      • सेवा क्षेत्र में निवेश के लिये Global Capability Centre (GCC) Policy और व्यापार संवर्धन हेतु Rajasthan Trade Promotion Policy लागू होगी।
      • औद्योगिक पार्कों के विकास में कोटा में टॉय पार्क, निम्बाहेड़ा–चित्तौड़गढ़ व बूंदी में स्टोन पार्क, सोनियाणा–चित्तौड़गढ़ में सेरामिक पार्क, DMIC के तहत फार्मा पार्क, भीलवाड़ा में टेक्सटाइल पार्क का विस्तार तथा सांगानेर–जयपुर में ब्लॉक प्रिंटिंग ज़ोन स्थापित किये  जाएंगे। 
      • 18 नए औद्योगिक क्षेत्रों के आधारभूत विकास हेतु ₹150 करोड़ का प्रावधान। निजी औद्योगिक पार्कों में CETP के लिये सहायता दी जाएगी। DMIC (Delhi Mumbai Industrial Corridor) से जुड़े दो लॉजिस्टिक पार्क बनाए जाएंगे और PM Gati Shakti अपडेट सिस्टम विकसित किया जाएगा।
    • पर्यटन, कला एवं संस्कृति:
      • पर्यटन विकास के लिये ₹975 करोड़ रुपए का प्रावधान। 
      • जयपुर में IIFA Awards आयोजन। Heritage Tourism के तहत 10 Iconic Tourist Destinations विकसित किये  जाएंगे, जबकि Night Tourism को बढ़ावा देने हेतु ₹100 करोड़ रुपए का प्रावधान। 
      • ऐतिहासिक कलात्मक हवेलियों का शेखावाटी हवेली संरक्षण योजना एवं Heritage Walk के तहत संरक्षण कार्य किये  जाएंगे। जयपुर अल्बर्ट हाल म्यूजियम के उन्नयन के लिये ₹25 करोड़ रुपए का प्रावधान।
      • आदिवासी पर्यटन हेतु ₹100 करोड़ रुपए से Tribal Tourist Circuit विकसित होगा।
      • Flying Training Organisation (FTO) प्रतापगढ़, झालावाड़ा एवं झुंझुनू में की स्थापना। जयपुर, जोधपुर व उदयपुर में Hop-on-Hop-off  बस सेवा।
      • विभिन्न मंदिरों के उन्ननयन हेतु ₹101 करोड़ का प्रावधान, मंदिरों में भोग राशि ₹3,000 प्रतिमाह और पुजारियों का मानदेय ₹7,500 प्रतिमाह किया गया।
    • युवा विकास एवं कल्याण:
      • राजस्थान रोज़गार  नीति-2025 लाने की घोषणा। 
      • 500 करोड़ का ‘विवेकानंद रोज़गार  सहायता कोष’ की स्थापना होगी।
      • आगामी वर्ष में 1.25 लाख पदों पर भर्तियां होगी। निजी क्षेत्र में लाख 1.50 लाख युवाओं को रोज़गार  दिया जाएगा।
      • ‘विश्वकर्मा युवा उधमी प्रोत्साहन योजना’ का शुभारंभ होगा। युवाओं को ₹2 करोड़ तक के ऋण पर 8% ब्याज अनुदान एवं 5 लाख युवाओं को मार्जिन मनी सहायता।
      • प्रत्येक संभाग में उन्नत कौशल और कैरियर परामर्श केंद्र की स्थापना।
      • जयपुर, जोधपुर एवं उदयपुर में वैदिक गुरुकुल एवं वैदिक पर्यटन केंद्रों की स्थापना की जाएगी।
      • द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता प्रशिक्षकों की भूमि आवंटित की जाएगी।
      • उदयपुर, कोटा, बीकानेर, भरतपुर एवं अजमेर संभाग में पैरास्पोर्ट्स के लिये स्पेशल स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स बनेंगे। 
    • चिकित्सा एव स्वास्थ्य:
      • आमजन को नि:शुल्क जाँच व दवा हेतु ₹3,500 करोड़ का 'MAA कोष' का गठन। MAA योजना में Interstate Portability लागू। 
      • 7 वर्ष से अधिक वृद्धजनों को घर पर नि:शुल्क दवा। सभी ज़िला चिकित्सालयों में Diabetic Clinics स्थापित। TB मुक्त प्रदेश हेतु CHC पर Digital X-ray, TRU-NAAT व CB-NAAT मशीनों की उपलब्धता होगी।
      • HIV संक्रमित व जोखिमग्रस्त महिलाओं की Cervical Cancer जाँच।
      • नि:शुल्क नेत्र जाँच  व ऑपरेशन हेतु MAA नेत्र वाउचर योजना लागू।
      • 148 अर्बन आयुष्मान आरोग्य मंदिर (UAAM) स्थापित होंगे।
      • बीकानेर चिकित्सालय में Vitreo Retina Surgery Unit का उन्नयन।
      • जयपुर, बीकानेर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा में 120-बेड  क्षमता के स्पाइनल इंजरी सेंटर की क्षमता में वृद्धि।
      • कोटा मेडिकल कॉलेज में कैंसर यूनिट व कॉटेज वार्ड हेतु ₹195 करोड़।
      • प्रत्येक संभाग मुख्यालयों पर अल्ट्रा एडवांस्ड बर्न केयर सेंटर की स्थापना।
      • राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) जयपुर उन्नयन हेतु ₹500 करोड़; 750 चिकित्सक व 1,500 पैरामेडिकल पद सृजित किये जाएंगे।
      • 'Fit Rajasthan' अभियान हेतु ₹50 करोड़ प्रावधान; आहार में तेल की मात्रा 10% घटाने पर ज़ोर।
      • नवीन आयुष नीति: गाँवों को आयुष्मान आरोग्य ग्राम घोषित कर ₹11 लाख प्रोत्साहन।
      • 7 ज़िलों (हनुमानगढ़, सवाई माधोपुर, जैसलमेर, पाली, सिरोही, चितौड़गढ़ एवं डूंगरपुर) में खाद्य प्रयोगशालाओं की स्थापना की जाएगी।
    • सामाजिक सुरक्षा:
      • सामाजिक सुरक्षा के तहत मिलने वाली पेंशन अब 1250 रूपए प्रतिमाह होगी।
      • असंगठित श्रमिकों के लिये Gig and Unorganised Workers Fund में ₹350 करोड़ का प्रावधान।
      • बालिकाओ को 35 हज़ार स्कूटी वितरण का प्रावधान।  
      • प्रत्येक ब्लॉक में उच्च माध्यमिक विद्यालय या महाविद्यालय में ‘रानी लक्ष्मीबाई केंद्र’ स्थापित होगा।
      • लखपति दीदी श्रेणी में 20 लाख महिलाओं को लाने का लक्ष्य।
      • घुमंतू समुदायों के लिये ‘दादूदयाल घुमंतू सशक्तिकरण योजना’ शुरू।
      • अनुजा., ओबीसी व अल्पसंख्यक निगम ऋणों के लिये वन टाइम सेटलमेंट योजना (OTSS)
      • 5 हज़ार उचित मूल्यों की दुकानों पर ‘अन्नपूर्णा भंडार’ की स्थापना।
      • गर्भवती महिलाओ को अतिरिक्त पोषण हेतु मुख्यमंत्री सुपोषण Nutri-Kit योजना लागू। 
    • कानून व्यवस्था तथा सुशासन:
      • 'राजस्थान नागरिक सुरक्षा अधिनियम' के तहत Surveillance एवं सुरक्षा तंत्र सुदृढ़ीकरण।
      • 2 वर्षों में: पुलिस को 1,000 वाहन एवं 3,500 नवीन पद सृजित।
      • Sardar Patel Centre for Cyber Control and War-Room की स्थापना पर ₹350 करोड़ व्यय का प्रावधान।
      • विचाराधीन बंदियों की पेशी हेतु 400 Video Conference (VC) Nodes की स्थापना।
      • 7 केंद्रीय कारागृहों में अवैध मोबाइल सिग्नल रोकने हेतु T-HCBS प्रणाली की स्थापना
      • सजायाप्ता बंदियों के लिये न्यूनतम मजदूरी का प्रावधान।
      • अजमेर कारागर प्रशिक्षण संस्थान का उन्नयन।
      • अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय: शाहपुरा (जयपुर), रिंगस (सीकर)।
      • पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय: रायपुर–ब्यावर, खाटूश्यामजी (सीकर)।
      • 8 नए साइबर पुलिस थाने स्थापित करने का प्रावधान।
      • आगामी वर्ष में 3 हज़ार से अधिक जनसंख्या वाले पंचायत मुख्यालयों में ‘अटल ज्ञान केंद्र’ स्थापित होंगे।
      • अंबेडकर संविधान अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान की स्थापना।
      • विभागीय कार्यों के डिजिटलीकरण व पेपरलेस प्रणाली हेतु अधिकारियों-कर्मचारियों को टैबलेट्स हेतु ₹250 करोड़ व्यय का प्रावधान।
      • ₹400 करोड़ से आधुनिक RajNET 2.0 प्रणाली लागू। RajNET 2.0 से कनेक्टिविटी क्षमता में दोगुनी वृद्धि।
      • आपदा रिकवरी डेटा सेंटर जोधपुर में स्थापित होगा।
      • ब्रह्मगुप्त फ्रंटियर टेक्नोलॉजीज सेंटर हेतु ₹300 करोड़ का प्रावधान।
      • प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में विधायक जनसुनवाई केंद्र स्थापित होगा।
      • नए 8 ज़िलों में ज़िला स्तरीय कार्यालयों हेतु ₹1,000 करोड़ का प्रावधान।
    • कार्मिक कल्याण:
      • सभी मानदेय कर्मियों के मानदेय में आगामी वर्ष 10% वृद्धि।
      • NFSA डीलरों के कमीशन में 10% वृद्धि।
      • न्यायिक सेवा के पेंशनर्स को 70 वर्ष की आयु पर 5% अतिरिक्त भत्ता।
      • सरकारी कर्मचारियों को 1 अप्रैल 2024 से बढ़ी हुई Gratuity का लाभ मिलेगा।
      • पत्रकार कल्याण राशि 1 लाख से बढ़कर 3 लाख रुपए  किया गया।
      • पत्रकारों को Exposure Tour की सुविधा उपलब्ध।
    • कृषि बजट:
      • राम जल सेतु लिंक परियोजना के लिये ₹9,300 करोड़ रुपए का प्रावधान।
      • मनोहरथाना सिंचाई परियोजना हेतु ₹2,250 करोड़ का प्रावधान।
      • धौलपुर लिफ्ट परियोजना एवं कालीतीर परियोजनाओं के लिये ₹950 करोड़ रुपए का प्रावधान।।
      • 100 एनिकटों का निर्माण व जीर्णोद्धार हेतु ₹500 करोड़ रुपए का प्रावधान।
      • Micro Irrigation: 1 लाख हेक्टेयर+ क्षेत्र में योजना, 3.50 लाख हेक्टेयर में Drip व Sprinkler सिस्टम हेतु ₹1,250 करोड़ व्यय का प्रावधान।
      • 25 हज़ार फार्म पोंड, 10 हज़ार डिग्गियाँ, 50 हज़ार सौर पम्प व 20 हज़ार किमी पाइपलाइन हेतु ₹900 करोड़ का प्रावधान।
      • PM किसान सम्मान निधि: वार्षिक सहायता ₹9,000 किया गया।
      • गेहूं के MSP पर बोनस ₹150 प्रति क्विंटल।
      • राजस्थान कृषि विकास योजना (RajKVY) के तहत आगामी वर्ष में ₹1,350 करोड़ के कार्य प्रस्तावित।
      • 1,000 Custom Hiring Centres स्थापित किये जाएंगे।
      • आधुनिक कृषि उपकरणों के लिये ₹300 करोड़ का अनुदान, 1 लाख किसानों को लाभ मिलेगा।
      • मृदा शक्ति संवर्द्धन योजना के तहत हरी खाद के लिये 3 लाख ढैंचा बीज मिनीकिट उपलब्ध।
      • कृषि क्षेत्र में नवाचार हेतु AI Excellence Centre की स्थापना की जाएगी।
      • बांसवाड़ा में Centre of Excellence for Maize व भरतपुर में Centre of Excellence for Honey Bee-keeping की स्थापना की जाएगी।
      • 75 हज़ार किसानों के लिये 30 हज़ार किमी. तारबंदी हेतु ₹324 करोड़ व्यय।
      • एक लाख भूमिहीन कृषि श्रमिकों को ₹5,000 तक के कृषि यंत्र व उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे।
      • 100 Farmer Producer Organizations (FPOs) सदस्य कृषकों को विदेश (Israel सहित) व 5 हज़ार कृषकों को राज्य से बाहर प्रशिक्षण हेतु भेजा जाएगा।
      • Global Rajasthan Agri-Tech Meet (GRAM) का आयोजन होगा।
      • 35 लाख से अधिक किसानों को ₹25,000 करोड़ के ऋण देने का प्रावधान। ₹768 करोड़ ब्याज अनुदान पर व्यय का प्रावधान।
      • Gopal Credit Card के तहत 2.50 लाख गोपालकों को ब्याज मुक्त ऋण हेतु ₹150 करोड़ का प्रावधान।
      • दीर्घकालीन सहकारी कृषि व गैर-कृषि क्षेत्र हेतु ₹400 करोड़ के ऋण पर 5% ब्याज अनुदान।
      • नवीन स्थापित 8 ज़िलों  में क्रय-विक्रय सहकारी संघ (KVSS) स्थापित होंगे।
      • अनूपगढ़-श्रीगंगानगर में मिनी फूड पार्क एवं सांचौर-जालोर में एग्रो फूड पार्क बनेंगे।
      • कृषि उत्पादों की गुणवत्ता सुधार हेतु Power Cleaning Machines।
      • बांरा में लहसुन उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना।
    • पशुपालन एवं डेयरी:
      • मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना: बीमित पशुपालकों की संख्या दोगुनी, ₹200 करोड़ अतिरिक्त व्यय का प्रावधान।
      • पशुधन निःशुल्क आरोग्य योजना: औषधियों व टीकों की संख्या बढ़कर 200।
      • दुग्ध उत्पाद व पशुआहार संयंत्र: Milk Plants की क्षमता वृद्धि व विस्तार हेतु ₹540 करोड़।
      • नवीन दुग्ध संयंत्र: अलवर, उदयपुर, बांसवाड़ा, भरतपुर एवं सवाई माधोपुर में , ₹225 करोड़ लागत।
      • नवीन बाईपास प्रोटीन पशुआहार संयंत्र: राजसमंद–नाथद्वारा व उदयपुर में ₹150 करोड़ व्यय।
      • दुग्ध संग्रहण लक्ष्य: 13 लाख लीटर, 1,000 नई सहकारी समितियाँ/संग्रह केंद्र स्थापित।
      • गौशालाएँ व नंदीशालाएँ: प्रति पशु अनुदान ₹50 प्रतिदिन।
      • 200 ग्राम पंचायतों में नए पशु चिकित्सा उप केंद्र स्थापित होंगे।
      • बस्सी–जयपुर में Sex Sorted Semen Lab स्थापित किया जाएगा।
      • 100 पशु चिकित्सा अधिकारी व 1,000 पशुधन निरीक्षक नियुक्त होंगे।
    • ग्रीन बजट:
      • राज्य का पहला ग्रीन बजट प्रस्तुत किया गया।
      • 10 प्रमुख क्षेत्रों पर फोकस– (1) जलवायु परिवर्तन अनुकूलन (2) वन एवं पर्यावरण- जैव विविधता/पारिस्थितिकी (3) सतत कृषि, जल संचयन/पुनर्भरण (4) सतत भूमि उपयोग (5) हरित ऊर्जा (6) पुनर्चक्रण एवं अपशिष्ट निपटान- परिपत्र अर्थव्यवस्था (7) स्वच्छ तकनीक विकास (8) हरित लेखा परीक्षा (9) क्षमता निर्माण-शिक्षा, कौशल (10) हरित वित्त पोषण।
      • 5 वर्षीय ‘जलवायु अनुकूलन योजना–2030’ लागू।
  • ₹150 करोड़ की लागत से  Centre of Excellence for Climate Change स्थापित होगा।
  • हरित क्षेत्र विस्तार हेतु Tree Outside Forest (ToFR) Policy व एग्रो-फॉरेस्ट्री नीति लागू।
  • सवाई माधोपुर में घड़ियाल पालन ​​केंद्र स्थापित होंगे।
  • नेशनल नैचुरल फार्मिंग मिशन: आगामी वर्ष 2.50 लाख किसानों को अनुदान।
  • जैविक खेती: 1 लाख किसानों को जैव एजेंट्स व बायोपेस्टिसाइड्स का लाभ।
  • लघु एवं सीमांत किसानों को बैल से खेती हेतु ₹30 हज़ार का प्रोत्साहन, गोबर गैस संयंत्र पर सब्सिडी।
  • मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0: 4700+ गाँवों में Water Harvesting Structures पर ₹2,700 करोड़ व्यय का प्रावधान।
  • विकसित राजस्थान @2047: GIS आधारित Green Land Use Perspective Plan।
  • सौर उपकरणों के बढ़ते उपयोग हेतु सोलर दीदी  के रूप में नवीन मानदेय, 25 हज़ार महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • PHED (Public Health Engineering Department)  के पंपिंग स्टेशनों को Hybrid Annuity Model (HAM) मॉडल से सौर ऊर्जा से जोड़ा जाएगा।
  • Circular Economy के व्यापक प्रसार के लिये Rajasthan Circular Economy Incentive Scheme–2025 का प्रावधान।
  • Recycling/Reuse हेतु R&D को ₹2 करोड़ के अनुदान का प्रावधान।
  • Circular Economy के क्षेत्र में कार्यरत MSMEs व Startups को ऋण पर 0.5% अतिरिक्त छूट प्रदान किया जाएगा।
  • राज्य में Rajasthan Vehicle Scrap Policy लागू।
  • सभी ज़िला मुख्यालयों पर Waste to Wealth Parks, ग्राम पंचायतों में बर्तन बैंक की स्थापना किया जाएगा।
  • ₹250 करोड़ से स्वच्छ एवं हरित प्रौद्योगिकी विकास केंद्र की स्थापना।
  • आगामी 3 वर्षों में ₹900 करोड़ से स्वच्छ और हरित-पारिस्थितिकी शहर का विकास।
  • सतत विकास लक्ष्य समन्वय और त्वरण केंद्र (SDGCAC) की स्थापना।
  • कार्बन क्रेडिट के तर्ज पर Rajasthan Green Credit Mechanism एवं Tradable Credits विकसित किया जाएगा।
  • ₹100 करोड़ से Rajasthan Green Challenge Fund, ₹250 करोड़ से हरित आरावली विकास परियोजना प्रारंभ।

  

विवरण

वर्ष 2025-26 के बजट अनुमान

राजस्व प्राप्तियाँ

₹2,94,536.49 करोड़

राजस्व व्यय

₹3,25,545.90 करोड़

राजस्व घाटा

₹31,009.41 करोड़

राजकोषीय घाटा

₹84,643.63 करोड़ (GSDP का 4.25%)

अनुमानित GSDP (वर्ष 2025-26)

₹19,89,000 करोड़ से अधिक

लक्ष्य (वर्ष 2030 तक)

$350 बिलियन की अर्थव्यवस्था निर्माण




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उत्कृष्टता केंद्र

चर्चा में क्यों?

हरियाणा के खेल मंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में उन्नत खेल सुविधाएँ प्रदान करने के लिये  प्रयास तेज़ कर रही है, जिससे खिलाड़ियों को ओलंपिक, विश्व चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों जैसी वैश्विक प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी।

मुख्य बिंदु

  • बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली:
    • सरकार राज्य भर की खेल नर्सरियों में पारदर्शिता बढ़ाने के लिये बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली शुरू करेगी।
    • यह प्रणाली सबसे पहले पंचकूला के ताऊ देवी लाल खेल स्टेडियम में लागू की जाएगी तथा बाद में इसे हरियाणा के अन्य स्टेडियमों और खेल नर्सरियों वाले स्कूलों में भी लागू किया जाएगा।
    • इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आहार भत्ता केवल पात्र खिलाड़ियों को ही वितरित किया जाए।
  • खिलाड़ियों के लिये  बीमा कवरेज:
    • खेल विभाग खिलाड़ियों को बीमा कवरेज प्रदान करेगा।
    • इससे प्रशिक्षण या प्रतियोगिता के दौरान चोट लगने की स्थिति में उचित उपचार सुनिश्चित हो सकेगा।
  • खेल अवसंरचना में सुधार:
    • ज़िला स्तर तथा ब्लॉक स्तर पर राजीव गांधी खेल स्टेडियमों का रखरखाव एवं मरम्मत किया जाएगा।
    • खेल सुविधाओं को बढ़ाने के लिये  स्वच्छता और खेल के मैदानों के जीर्णोद्धार पर ध्यान दिया जाएगा।
    • बहुउद्देशीय हॉल और अन्य सुविधाओं का समय पर निर्माण सुनिश्चित करने के लिये  खेल विभाग के इंजीनियरिंग विंग को मज़बूत किया जाएगा।
  • उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना:
    • सोनीपत में कुश्ती उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा, जबकि पानीपत में मुक्केबाज़ी उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा।
    • दोनों केंद्रों में छात्रावास की सुविधा होगी, जिससे एथलीटों को अपने प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी।
    • मार्शल आर्ट प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिये यमुनानगर में बंदा सिंह बहादुर मार्शल आर्ट स्कूल स्थापित किया जाएगा।
  • निगरानी और जवाबदेही:
    • खेल निदेशक और उप निदेशक को ज़िलों का दौरा करने, स्टेडियम की स्थिति का आकलन करने और आवश्यक सुधारों पर रिपोर्ट संकलित करने के निर्देश दिये गए हैं।
    • उचित प्रशिक्षण मानक सुनिश्चित करने के लिये लापरवाह खेल प्रशिक्षकों की सूची बनाई जाएगी।
  • खेल आयोजनों की योजना और समय-निर्धारण:
    • अधिकारियों को वार्षिक खेल कैलेंडर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।
    • एथलीटों को असुविधा से बचाने के लिये प्रतियोगिताओं की मेज़बानी करने वाले किसी भी ज़िले में आयोजनों की तैयारी कम-से-कम एक महीने पहले कर ली जानी चाहिये।


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हरियाणा के ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिये अनुदान

चर्चा में क्यों?

केंद्र सरकार ने बिहार, हरियाणा और सिक्किम के ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिये वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान पंद्रहवें वित्त आयोग (XV FC) अनुदान वितरित किया है।

मुख्य बिंदु

  • अनुदान का आवंटन:
    • हरियाणा:
      • हरियाणा के ग्रामीण स्थानीय निकायों को 202.47 करोड़ रुपए की अनटाइड अनुदान की दूसरी किस्त प्राप्त हुई।
      • यह धनराशि 18 पात्र ज़िला पंचायतों, 142 पात्र ब्लॉक पंचायतों और 6,195 पात्र ग्राम पंचायतों के लिये निर्धारित की गई है।
    • बिहार:
      • बिहार को 821.80 करोड़ रुपए की अनटाइड ग्रांट की दूसरी किस्त प्राप्त हुई।
      • ये धनराशि 38 ज़िला पंचायतों, 530 पात्र ब्लॉक पंचायतों और 8,052 पात्र ग्राम पंचायतों को आवंटित की गई है, जिन्होंने रिलीज के लिये अनिवार्य शर्तें पूरी की हैं।
    • सिक्किम:
      • सिक्किम को 6.26 करोड़ रुपए की कुल संयुक्त अनुदान की दूसरी किस्त प्राप्त हुई।
      • ये धनराशि 4 पात्र ज़िला पंचायतों और 186 पात्र ग्राम पंचायतों को आवंटित की गई, जिन्होंने जारी करने के लिये अनिवार्य शर्तें पूरी कीं।
      • अनटाइड एवं टाइड अनुदानों का उपयोग:
    • अप्रतिबंधित अनुदान:
      • पंचायती राज संस्थाएँ और ग्रामीण स्थानीय निकाय इन अनुदानों का उपयोग संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में सूचीबद्ध 29 विषयों के अंतर्गत स्थान-विशिष्ट आवश्यकताओं के लिये कर सकते हैं।
      • इन अनुदानों का उपयोग वेतन और स्थापना लागतों के लिये नहीं किया जा सकता।
    • बंधे हुए अनुदान:

वित्त आयोग

  • यह एक संवैधानिक निकाय है, जो संवैधानिक व्यवस्था और वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार केंद्र और राज्यों के बीच तथा राज्यों के बीच कर आय के वितरण की विधि और नियम निर्धारित करता है।
  • संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत भारत के राष्ट्रपति को पाँच वर्ष के अंतराल पर या उससे पहले एक वित्त आयोग का गठन करना आवश्यक है।
  • प्रथम वित्त आयोग की स्थापना वर्ष 1951 में हुई थी और अब तक पंद्रह वित्त आयोग स्थापित हो चुके हैं।

 15वाँ वित्त आयोग

  • एन.के. सिंह की अध्यक्षता में 15वें वित्त आयोग का गठन भारत के राष्ट्रपति द्वारा 27 नवंबर 2017 को योजना आयोग की समाप्ति और वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू होने की पृष्ठभूमि में किया गया था।
  • नवंबर 2019 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15वें वित्त आयोग को पहले वित्त वर्ष 2020-21 के लिये अपनी पहली रिपोर्ट प्रस्तुत करने और वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक के लिये अंतिम रिपोर्ट 30 अक्टूबर, 2020 तक प्रस्तुत करने के लिये इसके कार्यकाल को बढ़ाने की मंजूरी दी थी।


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राष्ट्रीय ई-विधान आवेदन

चर्चा में क्यों?

उत्तराखंड विधानसभा ने राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन (NeVA) को अपना लिया है और इसे डिजिटल सदन में परिवर्तित कर दिया है।

मुख्य बिंदु

  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और अध्यक्ष रितु खंडूरी ने उत्तराखंड विधानसभा में राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन (NeVA) का उद्घाटन किया।
  • इस कार्यक्रम में राज्यपाल गुरमीत सिंह भी शामिल हुए।
  • राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन के बारे में:
  • डिजिटल इंडिया पहल के तहत, भारत सरकार ने देश की सभी विधानसभाओं को कागज़ रहित प्रारूप में परिवर्तित करने और उन्हें एक मंच पर एकीकृत करने के लिये केंद्र प्रायोजित 'राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन' योजना शुरू की है।
  • योजना कार्यान्वयन लागत का 60% हिस्सा भारत सरकार और 40% हिस्सा राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम

  • वर्ष 2015 में शुरू किये गए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में बदलना है।
  • इसके प्रमुख उद्देश्यों में डिजिटल बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करना, डिजिटल रूप से सेवाएँ प्रदान करना और डिजिटल वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना शामिल है।



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