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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

क्वांटम सैटेलाइट

  • 24 Dec 2024
  • 12 min read

प्रिलिम्स के लिये:

क्वांटम उपग्रह, क्वांटम भौतिकी, एन्क्रिप्शन, क्वांटम एंटैंगलमेंट, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ

मेन्स के लिये:

राष्ट्रीय क्वांटम मिशन, क्वांटम प्रौद्योगिकियाँ और उनके निहितार्थ

स्रोत: द हिंदू 

चर्चा में क्यों?

सुरक्षित संचार को आगे बढ़ाने के लिये क्वांटम भौतिकी का उपयोग करके, भारत का राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) का लक्ष्य 2-3 वर्षों में एक क्वांटम उपग्रह लॉन्च करना है। यह पहल भारत को अगली पीढ़ी की तकनीक में अग्रणी बनाने हेतु महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

क्वांटम उपग्रह क्या है?

  • परिचय: क्वांटम उपग्रह एक संचार उपग्रह है जो अपने संकेतों को सुरक्षित करने के लिये क्वांटम भौतिकी का उपयोग करता है, जिससे यह अवरोधन के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी हो जाता है।
    • यह क्वांटम क्रिप्टोग्राफी (एक विधि जो डेटा को एन्क्रिप्ट और संचारित करने के लिये क्वांटम यांत्रिकी का उपयोग करती है), विशेष रूप से क्वांटम की-डिस्ट्रीब्यूशन (QKD) का उपयोग करता है, ताकि संचरण के दौरान छिपकर सुनने की क्षमता का पता लगाकर डेटा की सुरक्षा की जा सके।
  • क्वांटम क्रिप्टोग्राफी:
    • एन्क्रिप्शन बेसिक्स: संदेशों को पारंपरिक एन्क्रिप्शन तकनीकों, जैसे कि सीज़र साइफर का उपयोग करके एक सीक्रेट कोड में इनकोड किया जाता है। बिना कुंजी के संदेश को डिकोड नहीं किया जा सकता है।
      • हालाँकि, ये विधियाँ क्वांटम कंप्यूटरों के लिये असुरक्षित हैं, जो पारंपरिक सुपर कंप्यूटरों की तुलना में कोड को अधिक तेज़ी से क्रैक कर सकते हैं।
  • क्वांटम एन्क्रिप्शन: यह संदेशों को सुरक्षित करने के लिये क्वांटम की-डिस्ट्रीब्यूशन (QKD) का उपयोग करता है।
    • क्वांटम मापन में, जब किसी क्वांटम प्रणाली, जैसे कि फोटॉन (प्रकाश का एक छोटा कण) को मापा जाता है, तो उसकी अवस्था बदल जाती है। 
      • यदि कोई गुप्तचर कुंजी ले जाने वाले फोटॉन को मापने का प्रयास करता है, तो यह हस्तक्षेप फोटॉन की स्थिति को बदल देता है। परिणामस्वरूप, संचार करने वाले वैध पक्ष तुरंत पता लगा लेंगे कि कुंजी/की में परिवर्तन किया गया है। 
    • इसके अलावा, क्वांटम एंटैंगलमेंट के कारण एक फोटॉन में कोई भी परिवर्तन करने से दूसरे पर तुरंत प्रभाव पड़ता है, जिससे गुप्त रूप से डेटा में परिवर्तन करना असंभव हो जाता है।
    • किसी भी अवरोधन की पहचान करके, QKD "बिना शर्त सुरक्षा (Unconditional Security)" प्रदान करता है और सुरक्षित संचार की गारंटी देता है।
  • QKD में वैश्विक विकास: चीन वर्तमान में विश्व का सबसे बड़ा QKD नेटवर्क संचालित करता है, जिसमें तीन क्वांटम उपग्रह और चार ग्राउंड स्टेशन शामिल हैं।

क्वांटम कुंजी वितरण की सीमाएँ क्या हैं?

  • तकनीकी परिपक्वता: भारत में यह तकनीक अभी भी प्रायोगिक चरण में है, और बड़े पैमाने पर QKD नेटवर्क का व्यावसायिक कार्यान्वयन अभी तक संभव नहीं है।
  • बुनियादी ढाँचे की लागत: QKD को क्रियान्वित करने के लिये विशेष हार्डवेयर और बुनियादी ढाँचे की आवश्यकता होती है, जिससे पारंपरिक क्रिप्टोग्राफी विधियों की तुलना में लागत बढ़ जाती है।
  • एकीकरण: QKD को मौजूदा संचार नेटवर्क के साथ एकीकृत करना और पारंपरिक एन्क्रिप्शन प्रणालियों के साथ संगतता सुनिश्चित करना एक महत्त्वपूर्ण तकनीकी चुनौती प्रस्तुत करता है।
  • प्रमाणीकरण का अभाव: QKD संचरण के स्रोत को प्रमाणित करने के लिये एक विश्वसनीय साधन प्रदान नहीं करता है, जिससे यह संभावित खतरों के प्रति संवेदनशील हो जाता है, जहाँ एक विरोधी एक वैध पक्ष का प्रतिरूपण कर सकता है।

राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) क्या है?

  • परिचय: वर्ष 2023-24 से वर्ष 2030-31 तक 60,000 करोड़ रुपए के निवेश के साथ वर्ष 2023 में लॉन्च किये गए NQM का उद्देश्य भारत में क्वांटम प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाना और भारत को क्वांटम प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों (QTA) में वैश्विक नेतृत्वकर्त्ता के रूप में स्थापित करना है।
  • उद्देश्य: NQM का लक्ष्य सुपरकंडक्टिंग और फोटोनिक प्लेटफार्मों का उपयोग करके क्वांटम कंप्यूटर विकसित करना (8 वर्षों में 50-1000 भौतिक क्यूबिट (क्वांटम बिट्स) के साथ मध्यवर्ती-स्तरीय क्वांटम कंप्यूटर का निर्माण करना) है।
    • यह भारत और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 2000 किलोमीटर के भीतर उपग्रह-आधारित सुरक्षित क्वांटम संचार स्थापित करेगा।
    • NQM 2000 किलोमीटर से अधिक के इंटर-सिटी क्वांटम कुंजी वितरण का समर्थन करेगा और मल्टी-नोड क्वांटम नेटवर्क विकसित करेगा। यह सटीक अनुप्रयोगों के लिये परमाणु घड़ियों के निर्माण पर भी ध्यान केंद्रित करता है।
  • महत्त्व: NQM का लक्ष्य भारत को क्वांटम प्रौद्योगिकियों में वैश्विक नेतृत्वकर्त्ता के रूप में स्थापित करना है, जो वर्तमान प्रणालियों से परे उन्नत क्षमताओं के साथ पारंपरिक भौतिकी की सीमाओं को पार करेगा।
  • कार्यान्वयन: इस मिशन के अंतर्गत शीर्ष शैक्षणिक और राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास संस्थानों के सहयोग से चार विषयगत केंद्र स्थापित किये जाएँगे। इन केंद्रों के कार्यक्षेत्र क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम संचार, क्वांटम सेंसिंग व मेट्रोलॉजी तथा क्वांटम सामग्री एवं उपकरण होंगे।
    • क्वांटम प्रौद्योगिकी को अग्रगामी बनाकर ये केंद्र अभिनव ज्ञान और अनुसंधान को बढ़ावा देंगे।
  • क्षेत्रीय प्रभाव: इस मिशन से संचार, स्वास्थ्य, वित्तीय सेवाएँ, ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों को लाभ होगा। इसके विशिष्ट अनुप्रयोगों में औषधि डिज़ाइन, अंतरिक्ष अन्वेषण और बैंकिंग और सुरक्षा शामिल हैं।

आगे की राह

  • पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी: QKD की सीमाओं के कारण, कुछ विशेषज्ञ पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करने की सलाह देते हैं, जिसमें क्वांटम-प्रतिरोधी एल्गोरिदम का परंपरागत एन्क्रिप्शन तकनीकों से संयोंजन होता है, जो QKD की हार्डवेयर सीमाओं के लिये एक विकल्प प्रदान करती है।
  • क्वांटम प्रमाणीकरण: क्वांटम प्रमाणीकरण प्रोटोकॉल का निर्माण जिसमें एन्क्रिप्शन और पहचान सत्यापन दोनों को सुनिश्चित किया जाना शामिल हो, अत्यावश्यक होगा। इससे सुरक्षा शृंखला में सुधार होगा और सिस्टम प्रतिरूपण एवं डेटा उल्लंघनों के प्रति प्रतिरोधी बन जाएगा।
  • लघुकरण और सुदृढ़ीकरण: स्केलेबल परिनियोजन के लिये लघु, ऊर्जा-कुशल और लागत प्रभावी क्वांटम उपकरणों का विकास करने से रक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसे उद्योगों में प्रौद्योगिकी सुलभ हो जाएगी।
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: मानकीकृत और अंतर-संचालनीय क्वांटम संचार नेटवर्क के लिये वैश्विक सहयोग महत्वपूर्ण है। भारत को अंतर्राष्ट्रीय मानकों को प्रभावित करना चाहिये और अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से यह सुनिश्चित करना चाहिये कि उसके क्वांटम सिस्टम अंतर-संचालनीय हों और वैश्विक सुरक्षा आवश्यकताओं के अनुरूप हों।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न. राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के उद्देश्यों और महत्त्व तथा भारत के तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र पर इसके संभावित प्रभाव की विवेचना कीजिये।"

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा वह संदर्भ है जिसमें "क्यूबिट" शब्द का उल्लेख किया गया है? (2022)

(a) क्लाउड सेवाएँ
(b) क्वांटम कंप्यूटिंग
(c) दृश्य प्रकाश संचार तकनीक
(d) बेतार (वायरलेस) संचार तकनीक 

उत्तर: (b)

व्याख्या:

क्वांटम सुप्रीमेसी:

  • क्वांटम कंप्यूटर 'क्यूबिट' (या क्वांटम बिट्स) में गणना करते हैं। वे क्वांटम यांत्रिकी के गुणों का उपयोग करते हैं, वह विषय जो परमाणु मापक्रम पर द्रव्य के व्यवहार से संबंधित है।

अतः विकल्प (b) सही है।


मेन्स:

प्रश्न. "चौथी औद्योगिक क्रांति (डिजिटल क्रांति) के प्रादुर्भाव ने ई-गवर्नेन्स को सरकार का अविभाज्य अंग बनाने में पहल की है"। विवेचना कीजिये। (2020) 

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