ग्रोथ-इंडिया टेलीस्कोप (GROWTH-India Telescope)
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत के हनले, लद्दाख (Hanle, Ladakh) में स्थित भारतीय खगोलीय वेधशाला (Indian Astronomical Observatory) में 0.7m ग्रोथ-इंडिया दूरबीन ने अपना पहला वैज्ञानिक अवलोकन किया है, उल्लेखनीय है कि यह अवलोकन नोवा विस्फोट (nova explosion) का अनुवर्ती (follow up) अध्ययन है।
टेलीस्कोप के बारे में
- ग्रोथ इंडिया नामक इस टेलीस्कोप ने 6 माह पहले ही काम करना शुरू किया है।
- नोवा M31N-2008 का अवलोकन इस दूरबीन द्वारा प्राप्त पहला वैज्ञानिक अवलोकन है। उल्लेखनीय है कि M31N-2008 नामक आवर्ती नोवा में कई बार विस्फोट हुआ है लेकिन हालिया विस्फोट नवंबर 2018 में हुआ।
- संभवतः यह दूरबीन पूरी तरह से रोबोटिक है, अतः यह स्वयं कार्य करने में सक्षम है।
- यह लगभग 10 से 15 सेकंड में आकाश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में अपना ध्यान केंद्रित कर सकता है।
- इसका कैमरा हज़ारों-लाखों प्रकाश वर्ष दूर स्थित खगोलीय पिंडों को देख सकता है।
नोवा क्या है?
- नोवा किसी सफ़ेद बौने तारे की सतह पर हाइड्रोजन एकत्रित होने के बाद उसमें होने वाला एक तीव्र विस्फोट है। इस विस्फोट में अनियंत्रित गति से नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion) होता है। इसके कारण तारे की चमक में अस्थायी वृद्धि होती है।
- सुपरनोवा के विपरीत यह तारा विस्फोट के बाद अपनी पहले की अवस्था में वापस लौट आता है।
अवलोकन का महत्त्व
- नोवा विस्फोट का अवलोकन खगोल विज्ञान में भले ही एक छोटा कदम हो लेकिन भारतीय वैज्ञानिकों के लिये यह एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि यह इस दूरबीन द्वारा प्राप्त यह पहला अवलोकन है।
GROWTH के बारे में
- ग्रोथ-इंडिया टेलीस्कोप ग्लोबल रिले ऑफ़ ऑब्जरवेटरी वाचिंग ट्रांजिएंट्स हैपन (Global Relay of Observatories Watching Transients Happen) का हिस्सा है।
- भारत के अलावा संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, जर्मनी, ताइवान, यूके और इज़राइल के विश्वविद्यालय और अनुसंधान संस्थान इस पहल का हिस्सा हैं।
- इस पहल के तीन लक्ष्य हैं-
- जब भी लीगो (LIGO) समूह बाइनरी न्यूट्रॉन स्टार के विलय की पहचान करता है तब उसके आस-पास के क्षेत्रों में विस्फोटों की खोज करना
- उसके पास स्थित युवा सुपरनोवा (supernova) विस्फोटों का अध्ययन करना
- आस-पास के क्षुद्र ग्रहों (asteroids) का अध्ययन करना।