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विश्व दूरसंचार दिवस 2023

  • 19 May 2023
  • 12 min read

प्रिलिम्स के लिये:

विश्व दूरसंचार दिवस, संचार साथी पोर्टल, केंद्रीय उपकरण पहचान रजिस्टर, अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU)

मेन्स के लिये:

भारत के दूरसंचार क्षेत्र की उपलब्धियाँ, धोखाधड़ी गतिविधियों को संबोधित करने में संचार साथी पोर्टल की भूमिका, भारत को वैश्विक दूरसंचार शक्ति के रूप में स्थापित करना

चर्चा में क्यों?  

17 मई, 2023 को भारत ने दूरसंचार क्षेत्र में प्रगति और उपलब्धियों का उत्सव मनाते हुए विश्व दूरसंचार दिवस मनाया। 

  • दूरसंचार उद्योग में पारदर्शिता, सुरक्षा और जवाबदेही बढ़ाने के लिये संचार साथी पोर्टल इसी दिन लॉन्च किया गया था।
  • वर्ष 2023 में यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF) के 20 वर्ष पूरे होने का भी प्रतीक है।

विश्व दूरसंचार दिवस:

  • परिचय: 
    • अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) की स्थापना और 1865 में पहले अंतर्राष्ट्रीय टेलीग्राफ कन्वेंशन पर हस्ताक्षर करने के चलते 1969 से प्रतिवर्ष विश्व दूरसंचार दिवस मनाया जाता है।
      • इसका उद्देश्य दूरसंचार के महत्त्व और सामाजिक एवं आर्थिक विकास में इसके योगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
    • वर्ल्ड समिट ऑफ इंफॉर्मेशन सोसाइटी (WSIS) ने 17 मई को विश्व सूचना समाज दिवस के रूप में घोषित करने का आह्वान किया।
    • वर्ष 2006 में ITU ने दोनों को मिला दिया और 17 मई को विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस (WTISD) के रूप में मनाया।
  • थीम: 
    • विश्व दूरसंचार दिवस 2023 की थीम "सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों के माध्यम से सबसे कम विकसित देशों को सशक्त बनाना" है।
  • मुख्य विशेषताएँ: 
    • स्टार्ट-अप द्वारा दूरसंचार क्षेत्र में नवाचारों को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी लगाना।
    • लास्ट माइल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले भारतीय उद्यमियों को मान्यता देना।
      • ‘उद्यमी भारत’ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिये भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक कार्यक्रम है।
    • प्रथम अंतर्राष्ट्रीय क्वांटम कम्युनिकेशन कॉन्क्लेव पर एक रिपोर्ट जारी करना।
      • क्वांटम प्रौद्योगिकियों में रोडमैप एवं विकास और विभिन्न क्षेत्रों में उनके संभावित प्रभाव पर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा साझा की गई अंतर्दृष्टि।
    • USOF और BharatNet द्वारा डिजिटल डिवाइड को पाटने और कम सेवा वाले क्षेत्रों को कनेक्टिविटी प्रदान करने में निभाई गई महत्त्वपूर्ण भूमिका पर ध्यान केंद्रित करना।

संचार साथी पोर्टल: 

  • परिचय: 
    • दूरसंचार विभाग (DoT) के तहत टेलीमैटिक्स के विकास केंद्र (C-DOT) द्वारा विकसित संचार साथी पोर्टल, भारत में दूरसंचार क्षेत्र में क्रांति ला रहा है।
  • उद्देश्य: 
    • संचार साथी पोर्टल का प्राथमिक उद्देश्य दूरसंचार उद्योग में प्रचलित विभिन्न धोखाधड़ी गतिविधियाँ जैसे- पहचान की चोरी, जाली KYC और बैंकिंग धोखाधड़ी को संबोधित करना है।
    • पोर्टल के माध्यम से उन्नत तकनीकों और रूपरेखाओं का लाभ उठाने के उद्देश्य से उपयोगकर्त्ताओं को एक सुरक्षित और भरोसेमंद दूरसंचार अनुभव प्रदान करना है।
    • सुधार:
      • CEIR (केंद्रीय उपकरण पहचान रज़िस्टर):
        • चोरी या खोए हुए मोबाइल फोन को ब्लॉक करने के लिये लागू किया गया।
        • उपयोगकर्त्ता चोरी हुए उपकरणों को सत्यापित करने और उन्हें ब्लॉक करने के लिये पुलिस शिकायत की एक प्रति के साथ IMEI नंबर जमा कर सकते हैं।
        • दूरसंचार सेवा प्रदाताओं और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ एकीकृत किया गया।
        • चोरी हुए उपकरणों को भारतीय नेटवर्क में प्रयोग करने से रोकता है तथा आवश्यकता पड़ने पर कानून प्रवर्तन द्वारा पता लगाने की अनुमति देता है।
      • अपने मोबाइल कनेक्शन को जानें:
        • उपयोगकर्त्ताओं को उनके नाम पर पंजीकृत मोबाइल कनेक्शन की जाँच करने की अनुमति देता है।
        • अनधिकृत या कपटपूर्ण कनेक्शनों की पहचान करने में सक्षम बनाता है।
        • उपयोगकर्त्ता धोखाधड़ी या अनावश्यक कनेक्शन की रिपोर्ट कर सकते हैं, पुन: सत्यापन को ट्रिगर कर सकते हैं और रिपोर्ट किये गए कनेक्शन को समाप्त कर सकते हैं।
      • ASTR (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और फेशियल रिकग्निशन पावर्ड सॉल्यूशन फॉर टेलीकॉम सिम सब्सक्राइबर वेरिफिकेशन):
        • कपटपूर्ण या ज़ाली दस्तावेज़ों का उपयोग करके कनेक्शन प्राप्त करने वाले ग्राहकों की पहचान करने के लिये विकसित किया गया।
        • चेहरे की पहचान और डेटा विश्लेषण तकनीकों का उपयोग करता है।
        • कागज़ आधारित KYC दस्तावेज़ों के माध्यम से प्राप्त कनेक्शनों का विश्लेषण करता है।
  • प्रभाव: 
    • इसके तहत 40 लाख से अधिक फर्जी कनेक्शनों की पहचान की गई, साथ ही 36 लाख से अधिक को पोर्टल का उपयोग करके कनेक्शन समाप्त कर दिया गया है।
    • उपयोगकर्त्ताओं हेतु एक सुरक्षित और भरोसेमंद दूरसंचार अनुभव प्रदान करता है।
    • यह पहचान की चोरी, जाली KYC, मोबाइल उपकरण की चोरी और बैंकिंग धोखाधड़ी से सुरक्षा करता है।
    • यह उपयोगकर्त्ता के संदर्भ में  सुरक्षित है और टेलीकॉम बिल के मसौदे का समर्थन करता है।

भारत के दूरसंचार क्षेत्र का परिदृश्य: 

  • परिचय: 
    • वर्ष 2020-2021 में दूरसंचार उद्योग ने भारत के सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product- GDP) में 6% का योगदान दिया एवं वर्ष 2020 से 2025 तक 9.4% की CAGR से बढ़ने की उम्मीद है। भारत वैश्विक स्तर पर डेटा के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है।
    • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दूरसंचार विभाग के तहत दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों हेतु 12,195 करोड़ रुपए की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (Production Linked Incentive- PLI) योजना को मंज़ूरी दी।
    • 5G-केंद्रित प्रौद्योगिकियों में कुशल श्रमिकों की बढ़ती मांग: भारत को वर्ष 2025 तक इंटरनेट ऑफ थिंग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में लगभग 22 मिलियन कुशल श्रमिकों की आवश्यकता होगी।
  • दूरसंचार क्षेत्र में हालिया विकास: 
    • 5G लॉन्च: 
      • विभिन्न शहरों में परीक्षण किये गए।
      • वर्ष 2026 तक अपेक्षित वैश्विक 5G सब्सक्रिप्शन 3.5 बिलियन तक पहुँच जाएगा।
    • भारतनेट
      • ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने की परियोजना।
      • 180,000 से अधिक ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया है।
      • अगस्त 2023 तक सभी आबादी वाले गाँवों को कवर करने हेतु 7.8 बिलियन डॉलर के परिव्यय के साथ संशोधित कार्यान्वयन रणनीति।
    • यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF): 
      • USOF यह सुनिश्चित करता है कि ग्रामीण और दूर-दराज़ के क्षेत्रों में लोगों हेतु आर्थिक रूप से कुशल कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (Information and Communications Technology- ICT) सेवाओं तक सार्वभौमिक गैर-भेदभावपूर्ण पहुँच हो।
      • यह ग्रामीण क्षेत्रों में दूरसंचार सेवाओं का विस्तार करने हेतु सांविधिक निधि की व्यवस्था करता है।
      • यह भारतनेट, मोबाइल कनेक्टिविटी, सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट आदि जैसी योजनाओं का समर्थन करता है।
    • भारतीय दूरसंचार विधेयक प्रस्ताव 2022:
      • दूरसंचार विभाग ने इंटरनेट-आधारित ओवर-द-टॉप (OTT) दूरसंचार सेवाओं को विनियमित करने हेतु भारतीय दूरसंचार विधेयक प्रस्ताव 2022 जारी किया।
    • दूरसंचार क्षेत्र में सुधार: 
      • समायोजित सकल राजस्व (Adjusted Gross Revenue- AGR) की परिभाषा का युक्तिकरण।
      • स्पेक्ट्रम बकाए पर रोक और कार्यकाल में वृद्धि।
      • स्पेक्ट्रम शेयरिंग, सरेंडर और ट्रेडिंग की अनुमति।
      • बैंक गारंटी का युक्तिकरण और विदेशी निवेश की सीमा में वृद्धि।
      • लाइसेंसिंग और विनियामक अनुपालन को सहज  बनाने के उपाय।

  यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स: 

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा/से भारत सरकार के ‘डिजिटल इंडिया’ योजना का/के उद्देश्य है/हैं?  (2018) 

  1. भारत की अपनी इंटरनेट कंपनियों का गठन, जैसा कि चीन ने किया। 
  2. एक नीतिगत ढाँचे की स्थापना जिससे बड़े आँकड़े एकत्रित करने वाली समुद्रपारीय बहु-राष्ट्रीय कंपनियों को प्रोत्साहित किया जा सके कि वे हमारी राष्ट्रीय भौगोलिक सीमाओं के अंदर अपने बड़े डेटा केंद्रों की स्थापना करें। 
  3. हमारे अनेक गाँवों को इंटरनेट से जोड़ना तथा हमारे बहुत से विद्यालयों, सार्वजनिक स्थलों एवं प्रमुख पर्यटक केंद्रों में वाई-फाई की सुविधा प्रदान करना। 

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: 

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3  
(c) केवल 2 और 3 
(d) 1, 2 और 3 

उत्तर: (b) 

स्रोत: पी.आई.बी.

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