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प्रश्न :
प्रश्न. सूचना और संचार प्रौद्योगिकी भ्रष्टाचार को कम करने में कैसे मदद कर सकती है? अपने उत्तर को किन्हीं दो उदाहरणों के साथ स्पष्ट कीजिये। (250 शब्दों)
17 Nov, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) का संक्षिप्त परिचय देते हुए अपना उत्तर प्रारंभ कीजिये।
- भ्रष्टाचार को कम करने में ICT के उपयोग पर चर्चा कीजिये।
- भ्रष्टाचार को कम करने में मदद करने वाले आईसीटी के कम से कम दो उदाहरण दीजिये ।
- उपयुके निष्कर्ष लिखिये।
परिचय:
- सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) एक व्यापक क्षेत्र है, जिसमें सूचना के संचार के लिये हर तरह की प्रौद्योगिकी समाहित है। यह वो प्रौद्योगिकी है जो कि सूचना के संचालन (रचना, भंडारण और उपयोग) की योग्यता रखता है |
- संचार के विभिन्न माध्यमों (रेडियो, टेलिविजन, सेलफोन, कम्प्यूटर, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, विभिन्न सेवाओं और अनुप्रयोगों) से सूचना के प्रसारण की सुविधा प्रदान करता है।
रूपरेखा :
सूचना प्रौद्योगिकी के विभिन्न घटक
- कंप्यूटर हार्डवेयर प्रौद्योगिकी
- इसके अन्तर्गत माइक्रो-कम्प्यूटर, सर्वर, बड़े मेनफ्रेम कम्प्यूटर के साथ-साथ इनपुट, आउटपुट एवं संग्रह (storage) करने वाली युक्तियाँ (devices) आतीं हैं।
- कंप्यूटर साफ्टवेयर प्रौद्योगिकी
- इसके अन्तर्गत प्रचालन प्रणाली (Operating System), वेब ब्राउजर, डेटाबेस प्रबन्धन प्रणाली (DBMS), सर्वर तथा व्यापारिक/वाणिज्यिक सॉफ्टवेयर आते हैं।
- दूरसंचार व नेटवर्क प्रौद्योगिकी
- इसके अन्तर्गत दूरसंचार के माध्यम, प्रक्रमक (Processor) तथा इंटरनेट से जुड़ने के लिये तार या बेतार पर आधारित सॉफ्टवेयर, नेटवर्क-सुरक्षा, सूचना का कूटन (क्रिप्टोग्राफी) आदि हैं।
- मानव संसाधन
- तंत्र प्रशासक (System Administrator), नेटवर्क प्रशासक (Network Administrator) आदि
- भ्रष्टाचार को कम करने में आईसीटी का उपयोग:
- ICT उपकरण स्वतः ही भ्रष्टाचार को कम नही करते हैं ; बल्कि यह आईसीटी उपकरण और स्थानीय निकायों के बीच सामंजस्य पर निर्भर करता है, जिसमें प्रौद्योगिकी का सही ढंग से उपयोग करने का कौशल व समर्थन शामिल हैं।
- प्रौद्योगिकी ने सूचना के युग की शुरुआत की है, ताकि सूचना को निर्बाध रूप से प्रसारित किया जा सके। संस्थान सार्वजनिक सेवाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी /सेवाओं को प्रदान करनें में प्रौद्योगिकी का लाभ उठा कर पारदर्शिता ला सकतें हैंं। इसके अतिरिक्त , सूचना आज एक महत्वपूर्ण संपत्ति है, जिसका उपयोग तकनीकी नवाचारों को मज़बूती प्रदान करने के लिये किया जाता है जो एकीकरण को बढ़ावा देता हैं। विश्व आर्थिक मंच के अनुसार, सूचना सार्वजनिक डेटाबेस को पार संदर्भित करके "धोखाधड़ी जोखिमों, जटिल नेटवर्क और भ्रष्ट प्रक्रियाओं का पता लगाना और रोकना" संभव बना सकता है।
- प्रौद्योगिकी नौकरशाही प्रक्रियाओं के स्वचालन के माध्यम से लालफीताशाही को भी कम कर सकती है। जटिल प्रक्रियाएँ बोझिल होती हैं और आमतौर पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती हैंं| जब नागरिकों व सार्वजनिक अधिकारियों के बीच आमने-सामने बातचीत के लिये कोई अवसर नहीं होगा तो डिजिटल प्रक्रियाएं रिश्वत मांगने या स्वीकार करने के अवसरों को काफी हद तक कम कर देगीं ।
- ICT कई तरीकों से सार्वजनिक संवीक्षा को प्रभावित करके भ्रष्टाचार-विरोधी प्रक्रियाओं का समर्थन भी कर सकता है: जैसे कि भ्रष्टाचार से संबंधित प्रक्रियाओं पर पकड़ को मज़बूत करना, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना, नागरिक भागीदारी और सरकार-नागरिक बातचीत को सुविधाजनक बनाना। हालाँकि, ICT डार्क वेब, क्रिप्टोकरेंसी, या केंद्रीकृत डेटाबेस जैसी प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग के माध्यम से भ्रष्टाचार के नए अवसर भी प्रदान कर सकता है।
- उदाहरण:
- सूचना का अधिकार अधिनियम (2005): यह एक उत्कृष्ट उदाहरण है कि यदि नागरिकों को जानकारी तक पहुँच के अवसर दिये जाते हैं तो नागरिक सरकार की निगरानी कैसे कर सकते हैं व सरकार की जबावदेही सुनिश्चित कर सकते हैं। इसके अलावा प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण ने देश के दूरदराज के हिस्सों में भी स्मार्ट फोन और इंटरनेट की पहुँच सुनिश्चित की है, प्रौद्योगिकी इस विचार को और आगे बढ़ा सकती है वह भी किफायती तरीके से।
- प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) योजनाएँ: जनधन-आधार-मोबाइल की 'JAM ट्रिनिटी' ने बिचौलियों को मुख्य रूप से समाप्त कर दिया है , कार्यप्रणाली की खामियों में सुधार करके धोखाधड़ी के जोखिमों का पता लगाना और उन्हें रोकना आसान बना दिया है। परिणामस्वरूप, DBT मॉडल के तहत लागू होने वाली 351 योजनाओं ने बिचौलियों के हाथों में पड़ने से 1.70 लाख करोड़ रुपये बचाए हैं। योजना का मुख्य आधार डिजिटल आईडी प्रोग्राम था, जिसका उपयोग सरकारी सब्सिडी, लाभ और सेवा देने के लिये किया जा रहा है।
निष्कर्ष:
भारत डिजिटलीकरण के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, हालाँकि ग्रामीण भारत में कवर करने के लिये और भी आधार हैं।। वितरण प्रणालियों में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिये प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (PMGDISHA) जैसे डिजिटल साक्षरता कार्यक्रमों को भी लागू किया जा सकता है। इसके अलावा सरकार की आंतरिक प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण और डेटा-संचालित तकनीकी नवाचार ऐसे क्षेत्र हैं जिनका और अधिक निरीक्षण किया जाना चाहिये ताकि भ्रष्टाचार के जोखिमों का पता लगाया जा सके तथा कार्यप्रणाली को और अधिक क्रियाशील व मज़बूत बनाया जा सके।
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