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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

भारत और क्वांटम कंप्यूटिंग

  • 09 Sep 2022
  • 10 min read

प्रिलिम्स के लिये:

क्वांटम कंप्यूटिंग, किस्किट चैलेंज, क्वांटम कंप्यूटिंग प्रयोगशाला, क्वांटम प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों पर राष्ट्रीय मिशन, टेलीमैटिक्स के विकास के लिये केंद्र (CDOT), आई-हब क्वांटम टेक्नोलॉजी फाउंडेशन, उन्नत कंप्यूटिंग विकास केंद्र (CDAC) क्वांटम प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों पर राष्ट्रीय मिशन।

मेन्स के लिये:

क्वांटम कंप्यूटिंग का महत्त्व।

चर्चा में क्यों?

IBM के एक अध्ययन के अनुसार, भारत क्वांटम कंप्यूटिंग में बढ़ती रूचि देख रहा है, जिसमें छात्रों, विकासकर्त्ताओं और अकादमिक सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। नतीजतन, देश क्वांटम कंप्यूटिंग के लिये प्रतिभा केंद्र के रूप में उभर रहा है।

क्वांटम कंप्यूटिंग

  • परिचय:
    • क्वांटम कंप्यूटिंग एक तेज़ी से उभरती हुई तकनीक है जो पारंपरिक कंप्यूटरों के लिये बहुत जटिल समस्याओं को हल करने हेतु क्वांटम यांत्रिकी के नियमों का उपयोग करती है।
      • क्वांटम यांत्रिकी भौतिकी की उपशाखा है जो क्वांटम के व्यवहार का वर्णन करता है जैसे- परमाणु, इलेक्ट्रॉन, फोटॉन, और आणविक एवं उप-आणविक क्षेत्र।
    • यह अवसरों से परिपूर्ण नई तकनीक है जो हमें विभिन्न संभावनाएँ प्रदान करके कल हमारी दुनिया को आकार देगी।
    • यह आज के पारंपरिक कंप्यूटिंग प्रणालियों की तुलना में सूचना को संसाधित करने का एक मौलिक रूप से अलग तरीका है।
  • विशेषताएँ:
    • पारंपरिक कंप्यूटर से अलग:
      • जबकि आज के पारंपरिक कंप्यूटर बाइनरी 0 और 1 अवस्थाओं के रूप में जानकारी संग्रहीत करते हैं, क्वांटम कंप्यूटर क्वांटम बिट्स का उपयोग करके गणना करने के लिये प्रकृति के मूलभूत नियमों पर आधारित होते हैं।
        • बिट के विपरीत जो कि 0 या 1 क्यूबिट अवस्थाओं के संयोजन में हो सकता है, इसके विपरीत क्वांटम बड़ी गणना की अनुमति देता है और उन्हें जटिल समस्याओं को हल करने की क्षमता देता है जो कि सबसे शक्तिशाली पारंपरिक सुपर कंप्यूटर भी सक्षम नहीं हैं।

Qubit

  • महत्त्व:
    • क्वांटम कंप्यूटर सूचना में हेरफेर करने के लिये क्वांटम यांत्रिक परिघटना को शामिल कर सकते हैं और आणविक एवं रासायनिक अंतः क्रिया की प्रक्रियाओं, अनुकूलन समस्याओं का समाधान करने एवं कृत्रिम बुद्धि की शक्ति को बढ़ावा दे सकतें है।
    • ये नई वैज्ञानिक खोजों, जीवन रक्षक दवाओं और आपूर्ति शृंखलाओं में सुधार, लॉजिस्टिक और वित्तीय डेटा के मॉडलिंग के अवसर प्रदान कर सकते हैं।

क्वांटम कम्प्यूटिंग के लिये IBM इंडिया की पहल:

  • किस्किट (Qiskit) चैलेंज: किस्किट क्वांटम डेवलपर समुदाय के लिये IBM द्वारा निर्मित एक ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट किट है।
  • किस्किट इंडिया वीक ऑफ क्वांटम: IBM नियमित रूप से भारत-केंद्रित कार्यक्रमों का आयोजन करता है जैसे कि किस्किट इंडिया वीक ऑफ क्वांटम, जो महिलाओं को क्वांटम में अपनी यात्रा शुरू करने के लिये मनाया गया जिसमे लगभग 300 छात्रों ने भाग लिया था।
  • किस्किट पाठ्यपुस्तक: किस्किट पाठ्यपुस्तक तमिल, बंगाली और हिंदी में उपलब्ध है और अकेले वर्ष 2021 में भारत में छात्रों द्वारा 30,000 से अधिक बार इसका उपयोग किया गया था।
  • IBM क्वांटम एजुकेटर्स प्रोग्राम: IBM क्वांटम एजुकेटर्स प्रोग्राम के माध्यम से भारत में अग्रणी शिक्षण संस्थानों के साथ सहयोग कर रहा है।
    • इन संस्थानों के संकाय और छात्र शैक्षिक उद्देश्यों के लिये IBM क्लाउड पर IBM क्वांटम सिस्टम, क्वांटम लर्निंग रिसोर्सेज और क्वांटम टूल्स का उपयोग करने में सक्षम होंगे।

भारत सरकार द्वारा शुरू की गई प्रमुख पहलें:

  • क्वांटम प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों पर राष्ट्रीय मिशन: सरकार ने अपने वर्ष 2021 के बजट में क्वांटम कंप्यूटिंग, क्रिप्टोग्राफी, संचार और सामग्री विज्ञान में विकास को बढ़ावा देने के लिये क्वांटम प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों पर राष्ट्रीय मिशन की ओर 8000 करोड़ रुपए आवंटित किये।
  • क्वांटम कंप्यूटिंग प्रयोगशाला: दिसंबर 2021 में भारतीय सेना द्वारा मध्य प्रदेश के महू में एक सैन्य इंजीनियरिंग संस्थान में एक क्वांटम कंप्यूटिंग प्रयोगशाला और एक कृतिम बुद्धिमत्ता केंद्र स्थापित किया गया। इसे राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (NSCS) का भी समर्थन प्राप्त है।
  • क्वांटम कम्युनिकेशन लैब: सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (CDOT) ने अकतूबर 2021 में एक क्वांटम कम्युनिकेशन लैब लॉन्च की। यह 100 कि.मी. से अधिक मानक ऑप्टिकल फाइबर का सहयोग कर सकता है।
  • सहयोग: उन्नत प्रौद्योगिकी के रक्षा संस्थान (DIAT) और 'सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग' (CDAC) क्वांटम कंप्यूटरों को सहयोग और विकसित करने के लिये सहमत हुए।
  • I-HUB क्वांटम टेक्नोलॉजी फाउंडेशन: विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और IISER पुणे के लगभग 13 अनुसंधान समूहों द्वारा क्वांटम तकनीक के विकास को और बढ़ाने के लिये I-HUB क्वांटम टेक्नोलॉजी फाउंडेशन (I-HUB QTF) लॉन्च किया गया है।
  • स्टार्टअप: कई स्टार्ट-अप जैसे कुनु लैब्स, बंगलुरु; बोसॉनक्यू, भिलाई भी उभरे हैं और इसके परिणामस्वरूप वे इस क्षेत्र में पैठ बना रहे हैं।

आगे की राह:

  • तेज़ी से बढ़ते कृत्रिम बुद्धिमत्ता बाज़ार के समान, क्वांटम कंप्यूटिंग, एक अन्य तकनीक के रूप में, एक दौड़ में शामिल होने और नेतृत्व की स्थिति हासिल करने के लिये विश्व स्तर पर देशों और कंपनियों के मध्य एक लहर पैदा कर दी है।
  • इसलिये समय की आवश्यकता है कि पर्याप्त मात्रा में कम्प्यूटेशनल क्षमता का निर्माण, व्यावहारिक आकार और सस्ती लागत वाले क्वांटम कंप्यूटर के निर्माण और संचालन में कौशल विकसित करना, विभिन्न व्यावहारिक अनुप्रयोगों को साकार करने के लिए अनुसंधान जारी रखना और स्नातक में शैक्षिक पाठ्यक्रमों में सामग्री पेश करना और विश्वविद्यालय स्तर पर क्वांटम विज्ञान और इंजीनियरिंग को एक विषय के रूप में विकसित करने के लिये स्नातकोत्तर स्तर जो बड़ी संख्या में विज्ञान और प्रौद्योगिकी से कौशलयुक्त मानव संसाधन का विकास करेगा।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQ):

प्रिलिम्स:

प्र. निम्नलिखित में से कौन-सा वह संदर्भ है जिसमें "क्विबिट" शब्द का उल्लेख किया गया है?

(a) क्लाउड सेवाएँ
(b) क्वांटम कम्प्यूटिंग
(c) दृश्य प्रकाश संचार तकनीक
(d) बेतार (वायरलेस) संचार तकनीक 

उत्तर: (b)

व्याख्या:

  • क्वांटम वर्चस्व:
    • क्वांटम कंप्यूटर 'क्विबिट्स' (या क्वांटम बिट्स) में गणना करते हैं। वे क्वांटम यांत्रिकी के गुणों का फायदा उठाते हैं, वह विज्ञान जो यह नियंत्रित करता है कि परमाणु पैमाने पर पदार्थ कैसे व्यवहार करता है।
  • अतः विकल्प (b) सही है।

Q. "चौथी औद्योगिक क्रांति (डिजिटल क्रांति) के उद्भव ने सरकार के अभिन्न अंग के रूप में ई-गवर्नेंस की शुरुआत की है"। चर्चा कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2020)

स्रोत: द हिंदू

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