विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
राष्ट्रीय क्वांटम मिशन
- 20 Apr 2023
- 8 min read
प्रिलिम्स के लिये:राष्ट्रीय क्वांटम मिशन, क्वांटम प्रौद्योगिकी मेन्स के लिये:राष्ट्रीय क्वांटम मिशन और क्वांटम प्रौद्योगिकी के विकास में इसकी भूमिका, क्वांटम प्रौद्योगिकी: संभावित लाभ और नुकसान। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने क्वांटम प्रौद्योगिकी में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान और विकास में सहायता के लिये राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) को मंज़ूरी दी है।
राष्ट्रीय क्वांटम मिशन:
- परिचय:
- इसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा लागू किया जाएगा।
- वर्ष 2023-2031 के लिये नियोजित मिशन का उद्देश्य वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास का बीजारोपण, पोषण और पैमाना है तथा क्वांटम प्रौद्योगिकी (Quantum Technology- QT) में एक जीवंत और अभिनव पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है।
- इस मिशन के लॉन्च के साथ ही भारत अमेरिका, ऑस्ट्रिया, फिनलैंड, फ्राँस, कनाडा और चीन के बाद समर्पित क्वांटम मिशन वाला सातवाँ देश बन जाएगा।
- NQM की मुख्य विशेषताएँ:
- यह 5 वर्षों में 50-100 भौतिक क्यूबिट्स और 8 वर्षों में 50-1000 भौतिक क्यूबिट्स के साथ मध्यवर्ती पैमाने के क्वांटम कंप्यूटर विकसित करने का लक्ष्य रखेगा।
- 'क्यूबिट्स' या 'क्वांटम बिट्स' क्वांटम कंप्यूटरों द्वारा उपयोग की जाने वाली प्रक्रिया की इकाइयाँ हैं, जैसे कि बिट्स (1 और 0) बुनियादी इकाइयाँ हैं जिनके द्वारा कंप्यूटर सूचना को संसाधित करते हैं।
- मिशन सटीक समय (परमाणु घड़ियों), संचार और नेविगेशन हेतु उच्च संवेदनशीलता वाले मैग्नेटोमीटर विकसित करने में मदद करेगा।
- यह क्वांटम उपकरणों के निर्माण हेतु सुपरकंडक्टर्स, नवीन अर्द्धचालक संरचनाओं और टोपोलॉजिकल सामग्रियों जैसे क्वांटम सामग्रियों के डिज़ाइन एवं संश्लेषण का भी समर्थन करेगा।
- मिशन निम्नलिखित को विकसित करने में भी मदद करेगा:
- भारत के भीतर 2000 किमी. की सीमा में ग्राउंड स्टेशनों के बीच उपग्रह आधारित सुरक्षित क्वांटम संचार।
- अन्य देशों के साथ लंबी दूरी की सुरक्षित क्वांटम संचार
- 2000 किमी. से अधिक अंतर-शहर क्वांटम कुंजी वितरण
- क्वांटम मेमोरी के साथ मल्टी-नोड क्वांटम नेटवर्क
- क्वांटम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शीर्ष शैक्षणिक और राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास संस्थानों में चार थीमैटिक हब (T-Hubs) स्थापित किये जाएंगे:
- क्वांटम गणना
- क्वांटम संचार
- क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी
- क्वांटम सामग्री और उपकरण
- यह 5 वर्षों में 50-100 भौतिक क्यूबिट्स और 8 वर्षों में 50-1000 भौतिक क्यूबिट्स के साथ मध्यवर्ती पैमाने के क्वांटम कंप्यूटर विकसित करने का लक्ष्य रखेगा।
- महत्त्व:
- यह QT के नेतृत्व में आर्थिक विकास को गति देगा और भारत को हेल्थकेयर तथा डायग्नोस्टिक्स, रक्षा, ऊर्जा एवं डेटा सुरक्षा से लेकर क्वांटम टेक्नोलॉजीज एंड एप्लीकेशन (QTA) के विकास में अग्रणी देशों में से एक बना देगा।
- यह स्वदेशी रूप से क्वांटम-आधारित कंप्यूटर बनाने की दिशा में काम करेगा जो कहीं अधिक शक्तिशाली हैं और बेहद सुरक्षित तरीके से सबसे जटिल समस्याओं को हल करने में सक्षम है।
क्वांटम प्रौद्योगिकी:
- क्वांटम प्रौद्योगिकी विज्ञान और इंजीनियरिंग का एक क्षेत्र है जो क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों से संबंधित है, जो कि सबसे छोटे पैमाने पर पदार्थ और ऊर्जा के व्यवहार का अध्ययन है।
- क्वांटम यांत्रिकी भौतिकी की वह शाखा है जो परमाणु और उप-परमाण्विक स्तर पर पदार्थ और ऊर्जा के व्यवहार का वर्णन करती है।
क्वांटम प्रौद्योगिकी के लाभ:
- बढ़ी हुई कंप्यूटिंग शक्ति: क्वांटम कंप्यूटर आधुनिक कंप्यूटरों की तुलना में बहुत तीव्र और अद्यतन हैं। इनमें जटिल समस्याओं को हल करने की भी क्षमता है जो वर्तमान में हमारी पहुँच से परे हैं।
- बेहतर सुरक्षा: चूँकि ये क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों पर आधारित होते हैं, अतः क्वांटम एन्क्रिप्शन तकनीकें पारंपरिक एन्क्रिप्शन विधियों की तुलना में अधिक सुरक्षित हैं।
- द्रुत संचार: क्वांटम संचार नेटवर्क पारंपरिक नेटवर्क की तुलना में द्रुत गति से और अधिक सुरक्षित रूप से सूचना प्रसारित कर सकते हैं, जिनमें पूरी तरह से अप्राप्य (Unhackable) संचार की क्षमता होती है।
- उन्नत AI: क्वांटम मशीन लर्निंग एल्गोरिदम संभावित रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल के अधिक कुशल और सटीक प्रशिक्षण को सक्षम कर सकते हैं।
- बेहतर संवेदन और मापन: क्वांटम सेंसर पर्यावरण में बेहद छोटे बदलावों का पता लगा सकते हैं जिससे वे चिकित्सा निदान, पर्यावरण निगरानी और भूवैज्ञानिक अन्वेषण जैसे क्षेत्रों में उपयोगी हों।
क्वांटम प्रौद्योगिकी का नुकसान:
- महँगी: प्रौद्योगिकी के लिये विशेष उपकरणों और सामग्रियों की आवश्यकता होती है जो इसे पारंपरिक तकनीकों की तुलना में अधिक महंँगी बनाती हैं।
- सीमित अनुप्रयोग: वर्तमान में क्वांटम तकनीक केवल विशिष्ट अनुप्रयोगों जैसे- क्रिप्टोग्राफी, क्वांटम कंप्यूटिंग और क्वांटम संचार के लिये उपयोगी है।
- पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता: क्वांटम प्रौद्योगिकी पर्यावरणीय हस्तक्षेप, जैसे- तापमान परिवर्तन, चुंबकीय क्षेत्र और कंपन के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है।
- क्यूबिट्स अपने परिवेश से आसानी से बाधित हो जाते हैं जिसके कारण वे अपने क्वांटम गुणों को खो सकते हैं और गणना में गलतियाँ कर सकते हैं।
- सीमित नियंत्रण: क्वांटम सिस्टम को नियंत्रित और इसमें किसी प्रकार का बदलाव करना मुश्किल है।
- क्वांटम-संचालित AI परिणाम अनपेक्षित हो सकते हैं:
- क्वांटम-संचालित AI परिणाम अनपेक्षित हो सकते हैं क्योंकि वे उन सिद्धांतों पर काम करते हैं जो पारंपरिक कंप्यूटिंग से मौलिक रूप से भिन्न हैं।
निष्कर्ष:
कुल मिलाकर क्वांटम प्रौद्योगिकी में अपार संभावनाएँ हैं, परंतु अभी भी ऐसी कई चुनौतियाँ हैं जिन्हें व्यापक रूप से अपनाने से पहले दूर किये जाने की आवश्यकता है।