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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 21 Jun, 2023
  • 35 min read
प्रारंभिक परीक्षा

जगन्नाथ रथ यात्रा

जगन्नाथ रथ यात्रा आधिकारिक रूप से ओडिशा के पुरी में शुरू होती है। इस वर्ष यह त्योहार 20 जून, 2023 को शुरू हुआ और 28 जून, 2023 को समाप्त होगा। 

जगन्नाथ रथ यात्रा: 

  • जगन्नाथ रथ यात्रा एक वार्षिक हिंदू त्योहार है जिसमें भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई भगवान बलभद्र और उनकी छोटी बहन देवी सुभद्रा की पुरी, ओडिशा में उनके घर के मंदिर से लगभग तीन किलोमीटर दूर गुंडिचा में उनकी मौसी के मंदिर तक की यात्रा का जश्न मनाया जाता है।
    • इस त्योहार के पीछे किंवदंती यह है कि एक बार देवी सुभद्रा ने गुंडिचा में अपनी मौसी के घर जाने की इच्छा व्यक्त की।
    • उसकी इच्छा पूरी करने हेतु भगवान जगन्नाथ और भगवान बलभद्र ने रथ पर उसके साथ जाने का फैसला किया। अतः इस घटना की याद में देवताओं को इसी तरह यात्रा पर ले जाकर प्रत्येक वर्ष त्योहार के रूप में मनाया जाता है।
  • माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में पूर्वी गंग राजवंश के राजा अनंतवर्मन चोडगंग देव द्वारा करवाया गया था। हालाँकि कुछ सूत्रों का कहना है कि यह त्योहार प्राचीन काल से ही चलन में था।
    • इस त्योहार को रथों के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि देवताओं को लकड़ी के तीन बड़े रथों पर ले जाया जाता है और भक्तगण इन रथों को रस्सियों से खींचा जाता है
    • यह त्योहार आषाढ़ (जून-जुलाई) के महीने के शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन से शुरू होता है और नौ दिनों तक चलता है।  
  • रथों की विशेषताएँ:  
    • रूपकार सेवक (Rupakar Servitors), जो कि कुशल कारीगर होते हैं, द्वारा रथों पर पक्षियों, पशुओं, पुष्पों और संरक्षक देवताओं की जटिल आकृतियाँ बनाई जाती हैं।

जगन्नाथ पुरी मंदिर: 

  • जगन्नाथ पुरी मंदिर भारत के ओडिशा राज्य में स्थित सबसे प्रभावशाली स्मारकों में से एक है।
    • इस मंदिर को "व्हाइट पैगोडा" के रूप में जाना जाता है और यह चार धाम तीर्थयात्राओं (बद्रीनाथ, द्वारका, पुरी, रामेश्वरम) का एक हिस्सा है।
  • यह कलिंग वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है जो घुमावदार शिखर, जटिल नक्काशी और अलंकृत मूर्तियों की विशेषता के लिये विख्यात है।
    • मंदिर परिसर ऊँची दीवारों से घिरा हुआ है तथा इसके चारों द्वार चार मुख्य दिशाओं की ओर खुलते हैं।
    • मुख्य मंदिर में चार संरचनाएँ हैं: विमान (गर्भगृह), जगमोहन (सभा कक्ष), नट-मंदिर (त्योहार कक्ष) और भोग-मंडप (प्रसाद कक्ष)
  • जगन्नाथ पुरी मंदिर को ‘यमनिका तीर्थ’ भी कहा जाता है, जहाँ हिंदू मान्यताओं के अनुसार, पुरी में भगवान जगन्नाथ की उपस्थिति के कारण मृत्यु के देवता ‘यम’ की शक्ति समाप्त हो गई है। 

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


प्रारंभिक परीक्षा

विशालकाय लाल तारा बेटेलगेस

भारतीय खगोल विज्ञान में 'थिरुवथिराई' या 'अद्रा' के रूप में विख्यात ओरायन तारामंडल में अपनी प्रमुख स्थिति के साथ चमकदार लाल तारा बेटेलगेस पर्यवेक्षकों को आकर्षित करता है।

  • जापानी और स्विस शोधकर्त्ताओं द्वारा किये गए हालिया शोध में तारे के स्पंदन (pulsation) पैटर्न पर प्रकाश डाला गया है।

बेटेलगेस स्पंदन:

  • बेटेलगेस के बारे में:  
    • बेटेलगेस (Betelgeuse) एक विशालकाय लाल तारा है जो अपने जीवन के अंत के करीब है। रिगेल के बाद ओरायन तारामंडल में यह दूसरा सबसे चमकीला तारा है।
      • वैज्ञानिकों ने वर्ष 2019 के अंत में बेटेलगेस के रहस्यमय तरीके से मंद होने का कारण  तारे की दिखाई देने वाली सतह पर एक बड़े धमाके की वजह से  हुए विस्फोट को बताया।
    • बेटेलगेस दो मुख्य कारकों के कारण चमक में भिन्न होता है: इसकी सतह के तापमान में परिवर्तन तथा इसके आकार में परिवर्तन।  
      • एक विशालकाय लाल तारे के रूप में बेटेलगेस की एक बहुत ही अस्थिर बाहरी परत होती है जो संवहन और स्पंदन हेतु प्रवण होती है।
  • स्पंदन तंत्र: 
    • बेटेलगेस का स्पंदन आवधिक संकुचन और तारे के विस्तार को संदर्भित करता है।
      • शोधकर्त्ताओं ने बेटेलगेस के देखे गए स्पंदन की तुलना सैद्धांतिक अनुमानों से की है। यह दर्शाता है कि तारा अपने अंतिम कार्बन-बर्निंग चरण में है
      • स्पंदन की अवधि तारे की त्रिज्या, चमक और द्रव्यमान के बारे में  मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करती है, जो कोर कार्बन-बर्निंग के अपने वर्तमान चरण की पुष्टि करती है।
    • भाप छोड़ते एक बर्तन के ढक्कन को उठाने के समान, लाल विशाल तारे अपनी सबसे बाहरी परतों में हाइड्रोजन के ताप और शीतलन के कारण फैलते और सिकुड़ते हैं।
      • तारे के सबसे बाहरी आवरण में शीतल तटस्थ हाइड्रोजन होता है, जो भीतरी भाग से ऊष्मा को अवशोषित करता है, जिससे तारे का विस्तार होता है।
    • जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, हाइड्रोजन आयनित हो जाता है और अधिक ताप को अवशोषित कर सकता है, जिससे बाहरी आवरण का अत्यधिक विस्तार एवंउत्सर्जन होता है।
    • इस प्रक्रिया की चक्रीय प्रकृति के परिणामस्वरूप तारे का समय-समय पर धुँधला होना और चमकना देखा जाता है।
  • विकास के चरण: 
    • बेटेलगेस जैसे सितारे अपने प्रारंभिक चरण के दौरान हाइड्रोजन को हीलियम से जोड़ते हैं, जो गुरुत्वाकर्षण और ऊर्जा विमुक्ति के बीच संतुलन बनाए रखने में सहायता प्रदान करता है।
    • बेटेलगेस जैसे तारे जब कार्बन बनाने हेतु हीलियम का उपयोग करते हैं, तो कुछ करोड़ वर्षों में उनका बड़े पैमाने पर हाइड्रोजन ईंधन समाप्त हो जाता है। हीलियम करीब 10 लाख वर्ष में खत्म हो जाती है।
      • कुछ सौ वर्षों में कार्बन जलने और लगभग एक दिन में सिलिकॉन जलने के साथ तत्त्वों का दहन प्रत्येक चरण के साथ तीव्र हो जाता है।
        • रेड जायंट तारे आवर्त सारणी के तत्त्वों का एक-एक कर तेज़ी से उपभोग करते हैं, जब तक कि अंत में उनका कोर लोहे से भर नहीं जाता।
      • एक बार जब कोर लोहे से भर जाता है, तो तारे के भीतर का तापमान और दबाव कम हो जाता है। इसे रोकने हेतु कोई भी प्रतिक्रिया नहीं होने के कारण गुरुत्त्वाकर्षण कोर को संकुचित करता है एवं इसे न्यूट्रॉन स्टार या ब्लैक होल में परिवर्तित कर देता है।
    • बेटेलगेस का बाद का कार्बन चरण तारे के आसन्न पतन से पहले अंतिम चरण को दर्शाता है।

ओरायन तारामंडल:

  • तारामंडल:  
    • तारामंडल अंतरिक्ष में वे क्षेत्र हैं जिसमें दृश्यमान तारों के एक समूह का  कथित स्वरूप या रूपरेखा निर्मित होती है, जो सामान्यतः जानवर, पौराणिक विषय या निर्जीव वस्तुओं को प्रदर्शित करता है। 
      • ये विशेष सितारों की अवस्थिति का पता लगाने में खगोलविदों और नाविकों की मदद करते हैं।
    • आधिकारिक तौर पर रात्रि के समय आकाश में मान्यता प्राप्त तारामंडलों की संख्या 88 है। इन नक्षत्रों को अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) द्वारा परिभाषित और स्थापित किया गया था।
      • अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ की स्थापना वर्ष 1919 में  की गई थी,  इसका मुख्यालय फ्राँस के पेरिस में स्थित है। 
  • ओरायन तारामंडल:  
    • यह एक प्रमुख तारामंडल है जिसे पूरे विश्व में देखा जा सकता है। 
      • यह आकाशीय भूमध्य रेखा पर स्थित है और इसे उत्तरी गोलार्द्ध में जनवरी से अप्रैल तक तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में नवंबर से फरवरी तक शाम के समय आकाश में सबसे स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

स्रोत: द हिंदू


प्रारंभिक परीक्षा

लेप्टोस्पायरोसिस और डेंगू का प्रकोप

लेप्टोस्पायरोसिस जीवाणु संबंधी संभावित घातक रोग है जो मानसून के महीनों के दौरान अधिक प्रभावी हो गया है, यह प्रदूषित जल के संपर्क में आने वाले कृषि क्षेत्र या सैनिटरी सेवाओं में काम करने वाले लोगों हेतु गंभीर जोखिम उत्पन करता है।

  • इसके अलावा सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा संभावित गंभीर डेंगू के प्रकोप के बारे में चेतावनी दी गई है, साथ ही उन्नत नैदानिक एवं विषाणु संबंधी निगरानी की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया है। सर्कुलेटिंग डेंगू वायरस (DENV) सेरोटाइप में परिवर्तन से अधिक गंभीर तथा जीवन-संकट वाली स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
    • केरल के तिरुवनंतपुरम ज़िले की रिपोर्टों के अनुसार, वर्ष 2022 में डेंगू के 70% नमूने DENV3 से संबंधित थे, साथ ही कुछ मामले DENV4 से भी संबंधित थे।

लेप्टोस्पायरोसिस:  

  • परिचय: 
    • लेप्टोस्पायरोसिस बैक्टीरियम लेप्टोस्पाइरा इंटरऑर्गन के कारण होता है, जो मुख्य रूप से संक्रमित जानवरों के मूत्र में पाया जाता है।
    • रोग के वाहक के रूप में जंगली और घरेलू जानवरों में जैसे- कृंतक, मवेशी, सूअर और कुत्ते शामिल हैं।
  • लक्षण: 
    • लेप्टोस्पायरोसिस में लक्षणों की शृंखला देखी जा सकती है, जो हल्के फ्लू जैसी बीमारी से लेकर जानलेवा स्थिति तक हो सकती है।
      • सामान्य लक्षणों में अचानक बुखार आना, ठंड लगना और सिरदर्द शामिल हैं, कभी-कभी इसके कोई भी लक्षण नहीं देखे जाते हैं।
      • गंभीर स्थिति में अंग शिथिलता के मामले देखने को मिल सकते हैं, जिसका यकृत, गुर्दे, फेफड़े और मस्तिष्क पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
  • प्रसार: 
    • संक्रमित पशुओं के मूत्र में लेप्टोस्पाइरा की मात्रा पाए जाने के साथ ही संचरण चक्र की शुरुआत होती है।
      • संक्रमित पशु मूत्र अथवा दूषित मृदा और जल के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क में आने वाले व्यक्तियों में इसके संक्रमण का जोखिम होता है।
        • त्वचा पर किसी प्रकार का घाव वाले व्यक्तियों में लेप्टोस्पायरोसिस होने की संभावना अधिक होती है।
  • बचाव: 
    • लेप्टोस्पायरोसिस के प्रसार को कम करने और किसानों के आर्थिक नुकसान को कम करने हेतु पशु संक्रमण को रोकना, स्वच्छ पशुपालन तथा रखरखाव, उचित अपशिष्ट प्रबंधन एवं बेहतर स्वच्छता सुविधाएँ महत्त्वपूर्ण हैं।
    • लेप्टोस्पायरोसिस से बचाव हेतु मानव, पशु, पौधे और पर्यावरणीय स्वास्थ्य की परस्पर संबद्धता पर केंद्रित 'वन हेल्थ' दृष्टिकोण” को अपनाना आवश्यक है। 
  • लेप्टोस्पायरोसिस के बारे में गलत धारणाएँ: 
    • लेप्टोस्पायरोसिस के संबंध में एक आम गलत धारणा यह है कि इसे पूरी तरह से चूहों के साथ जोड़कर देखा जाता है, जो कि सही नहीं है क्योंकि इसके संचरण के स्रोत अन्य कई पशु हो सकते हैं।

डेंगू:

  • परिचय:   
    • डेंगू एक मच्छर जनित उष्णकटिबंधीय बीमारी है जो डेंगू वायरस (जीनस फ्लेवीवायरस) के कारण होती है, इसका प्रसार मच्छरों की कई जीनस एडीज़ (Genus Aedes) प्रजातियों,  मुख्य रूप से एडीज़ इजिप्टी (Aedes aegypti) द्वारा होता  है। 
  • डेंगू के सीरोटाइप:   
    • वायरस के 4 अलग-अलग सीरोटाइप (सूक्ष्मजीवों की एक प्रजाति के भीतर अलग-अलग समूह जो सभी एक समान विशेषता साझा करते हैं) एक समान प्रतीत होते हैं जो डेंगू (DEN-1, DEN-2, DEN-3 और DEN-4) का कारण बनते हैं।
  • लक्षण:  
    • अचानक तेज़ बुखार, बहुत तेज़ सिरदर्द, आँखों के पीछे दर्द, हड्डियों, जोड़ों एवं मांसपेशियों में तेज़ दर्द आदि।
  • डेंगू का टीका:  
    • भारत के नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज़ के शोधकर्त्ताओं ने भारत, अफ्रीका और अमेरिका में नौ अन्य संस्थानों के सहयोग से डेंगू बुखार के लिये भारत का पहला और एकमात्र DNA वैक्सीन विकसित किया है।
    • डेंगू वैक्सीन CYD-TDV या Dengvaxia को वर्ष 2019 में यूनाइटेड स्टेट फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा अनुमोदित किया गया था जो अमेरिका में नियामक मंज़ूरी प्राप्त करने वाला पहला डेंगू वैक्सीन था।
      • Dengvaxia मूल रूप से एक जीवित, एटेन्यूयेटेड डेंगू वायरस है जिसे 9 से 16 वर्ष की आयु के उन लोगों को लगाई जाती है जिनकी रिपोर्ट में डेंगू संक्रमण की पुष्टि हुई है और जो स्थानिक क्षेत्रों में रहते हैं।
  • टीका विकसित करने में चुनौतियाँ:   
    • प्रभावी डेंगू वैक्सीन विकसित करना चार एक समान प्रतीत होने वाले वायरस सीरोटाइप के कारण चुनौतीपूर्ण है जो एंटीबॉडी के साथ अलग तरह से प्रतिक्रिया करता है।
    • एक आदर्श वैक्सीन को एंटीबॉडी-निर्भर वृद्धि (ADE) से दूरी बनाए रखते हुए सभी सीरोटाइप को लक्षित करना चाहिये जहाँ एंटीबॉडी वायरस की सहायता कर सकती है तथा जिससे गंभीर बीमारी हो सकती है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित बीमारियों में से कौन-सी टैटू बनवाने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संचरित हो सकती है/हैं?

  1. चिकनगुनिया
  2. यकृतशोथ B
  3. HIV-AIDS

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b) 

स्रोत: द हिंदू


प्रारंभिक परीक्षा

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023

चर्चा में क्यों?  

21 जून को 9वाँ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (IDY) देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों और पहलों के साथ मनाया गया।

  • इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम "वसुधैव कुटुंबकम के लिये योग" थी जो भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाश डालती है और एकता को बढ़ावा देती है।

IDY 2023 की मुख्य विशेषताएँ: 

  • जनजातीय कारीगरों को बढ़ावा देना: 
    • भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ (TRIFED) ने विशेष रूप से आदिवासी कारीगरों द्वारा बनाए गए योग मैट की आपूर्ति के लिये आयुष मंत्रालय के साथ सहयोग किया।
      • ये मैट भारत की जनजातियों की विविध सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा साथ ही उनकी कहानियों, लोककथाओं एवं कलात्मक परंपराओं को भी प्रदर्शित करते हैं।
    • TRIFED मेदिनीपुर की मदुर मैट या मधुरकाठी, मयूरभंज की सबाई घास योगा मैट और झारखंड के गोंधा घास मैट जैसे उत्पादों को बढ़ावा देगा।
  • योग का महासागर वलय: 
    • भारतीय नौसेना और व्यापारिक जहाज़ वैश्विक भागीदारी को बढ़ावा देने हेतु मित्र देशों के बंदरगाहों और जहाज़ों पर योग कार्यक्रम आयोजित करेंगे। 
  • आर्कटिक से अंटार्कटिक तक योग: 
    • विदेश मंत्रालय (MEA) एवं आयुष मंत्रालय के बीच प्रधान मध्याह्न रेखा वाले देशों और संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों में योग कार्यक्रम आयोजित करने के लिये समन्वय स्थापित किया गया।
    • आर्कटिक में हिमाद्रि और अंटार्कटिक में भारती में आयोजित होने वाले योग सत्र, चरम क्षेत्रों में योग की पहुँच को प्रदर्शित करेंगे।
  • योग भारतमाला और योग सागरमाला:
  • राष्ट्रीय स्तर की पहलें: 
    • प्रधानमंत्री न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में योग के प्रति वैश्विक प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हुए योग का नेतृत्व करेंगे।
    • आयुष मंत्रालय ग्रामीण स्तर पर "हर आँगन योग" अर्थात् हर घर के में योग को प्रोत्साहित करता है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और महत्त्व:  

  • पृष्ठभूमि:  
    •  वर्ष 2014 में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 69वें सत्र के उद्घाटन के दौरान भारत द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (IDY) का विचार प्रस्तावित किया गया था।
      •  संयुक्त राष्ट्र ने दिसंबर 2014 में एक प्रस्ताव पारित करके 21 जून को IDY के रूप में घोषित किया।
      • नई दिल्ली में राजपथ पर वर्ष 2015 में पहले योग दिवस समारोह ने दो गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए।
        • यह 35,985 लोगों के साथ विश्व का सबसे बड़ा योग सत्र था।
        • इसमें 84 देशों के लोगों ने भाग लिया।
  • योग और इसका महत्त्व:  
    • योग एक प्राचीन शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी।
      • 'योग' शब्द संस्कृत से लिया गया है और इसका अर्थ है जुड़ना अर्थात् शरीर और चेतना का मिलन। 
      • आज यह दुनिया भर में विभिन्न रूपों में प्रचलित है और इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही रही है।
      • क्वारंटाइन और आइसोलेशन में कोविड-19 रोगियों के मनो-सामाजिक देखभाल एवं पुनर्वास में योग ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
      • विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation- WHO) ने भी अपने सदस्य देशों को योग का अभ्यास करने के लिये कहा है और इसे वर्ष 2018-30 की शारीरिक गतिविधि के लिये अपनी वैश्विक कार्य योजना में शामिल किया है।

संबंधित पहलें:

  • एम-योग एप:
    • प्रधानमंत्री ने एम-योग एप की घोषणा की जो 'एक विश्व एक स्वास्थ्य' के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।
    • एप विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization- WTO) और आयुर्वेद, योग तथा प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध एवं होम्योपैथी (आयुष मंत्रालय), भारत सरकार के बीच सहयोग का परिणाम है।
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (IDY) के लिये नई वेबसाइट:
    • यह वेब पोर्टल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस से संबंधित सभी अद्यतन और प्रासंगिक जानकारियाँ प्रदान करता है।
    • यह एक सामाजिक आधार है जहांँ आगंतुकों के लिये चर्चाओं पर नज़र रखने और उनमें भाग लेने के लिये सभी सोशल मीडिया इंटरैक्टिव प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं।
    • पोर्टल महत्त्वपूर्ण वेब पेजों जैसे- स्वच्छ भारत, मेक इन इंडिया आदि से भी जुड़ा हुआ है।
  • खेल अनुशासन के रूप में मान्यता प्राप्त योग:
    • खेल मंत्रालय ने विभिन्न खेल विषयों के वर्गीकरण की समीक्षा के बाद योग को एक खेल अनुशासन के रूप में मान्यता दी और इसे सितंबर 2015 में 'प्राथमिकता' श्रेणी में रखा।
  • योग संबंधी सामान्य नियम:  
    • आयुष मंत्रालय ने अपने 'सामान्य योग नियम' में प्रमुख योग 'साधनाओं' में यम, नियम, आसन आदि को सूचीबद्ध किया है। 
  • योग में व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम:  
    • ब्यूटी एंड वेलनेस सेक्टर स्किल काउंसिल (B&WSSC) CBSE विद्यालयों के लिये योग में व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम का संचालन करती है।
    • B&WSSC को राष्ट्रीय कौशल विकास निगम, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के तत्त्वावधान में एक गैर-लाभकारी संगठन के रूप में स्थापित किया गया है। 
  • कौशल विकास संबंधी पहल:  
  • फिट इंडिया मूवमेंट:  
    • योग फिट इंडिया मूवमेंट का भी हिस्सा है।
    • फिट इंडिया मूवमेंट एक राष्ट्रव्यापी अभियान है जिसका उद्देश्य लोगों को अपने दैनिक जीवन में शारीरिक गतिविधियों और खेलों को शामिल करने के लिये प्रोत्साहित करना है।  

स्रोत: द हिंदू


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 21 जून, 2023

राजमार्ग विकास हेतु NHAI का नॉलेज शेयरिंग प्लेटफॉर्म 

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highways Authority of India- NHAI) ने सड़क डिज़ाइन, निर्माण, सड़क सुरक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता जैसे क्षेत्रों में ज्ञान एवं सर्वोत्तम विधियों के आदान-प्रदान की सुविधा हेतु अपनी वेबसाइट पर 'नॉलेज शेयरिंग' प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है। यह प्लेटफॉर्म विशेषज्ञों एवं नागरिकों को अंतर्दृष्टि साझा करने तथा वीडियो क्लिप, पॉवरपॉइंट प्रस्तुतियों व PDF फाइलों को अपलोड करने की अनुमति देता है, जिसके संभावित कार्यान्वयन हेतु NHAI के अधिकारियों द्वारा समीक्षा की जाएगी। इस पहल का उद्देश्य फ्लाई-ऐश और प्लास्टिक अपशिष्ट जैसे पुनर्नवीनीकरण सामग्री के अभिनव उपयोग सहित अभिनव विधियों और टिकाऊ दृष्टिकोणों को अपनाने को प्रोत्साहित करके राष्ट्रीय राजमार्ग आधारभूत संरचना के समग्र विकास को बढ़ावा देना है। NHAI टिकाऊ एवं पर्यावरण के अनुकूल विधियों को बढ़ावा देने हेतु राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में पुनर्नवीनीकरण एस्फाल्ट/डामर (Recycled Asphalt- RAP) और पुनर्नवीनीकरण समिश्रण (Recycled Aggregates- RA) के उपयोग को भी प्रोत्साहित कर रहा है। यह प्लेटफॉर्म सुरंगों, पुलों, वन्यजीव गलियारों और एक्सप्रेसवे जैसे आधुनिक बुनियादी ढाँचे के एकीकरण के साथ लोगों को शामिल करता है तथा देश के राजमार्ग विकास लक्ष्यों की दिशा में सामूहिक प्रयासों को बढ़ावा देना चाहता है।

और पढ़ें…भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण

विश्व सिकल सेल दिवस 2023 

हाल ही में 19 जून को विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस मनाया गया, यह सिकल सेल रोग (SCD) और इसके वैश्विक प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाता है। इस वर्ष विश्व सिकल रोग दिवस का विषय 'वैश्विक सिकल सेल समुदायों का निर्माण करना तथा उन्हें मज़बूत करना, नवजात शिशु की स्क्रीनिंग को औपचारिक बनाना एवं अपनी सिकल सेल रोग की स्थिति जानना’ (Building and strengthening global sickle cell communities, formalizing   newborn screening and knowing your sickle cell disease status) है। यह विषय सिकल सेल रोग से लड़ने में शिशुओं तथा वयस्कों में जीनोटाइप को समझने के लिये पहले चरण की पहचान करने के संबंध में है। यह सिकल सेल रोग की स्थिति की पहचान करने में उन्नत तकनीक के उपयोग का भी आग्रह करता है। SCD एक पुरानी एकल जीन बीमारी है, जो रक्ताल्पता, तीव्र दर्द का अनुभव और पुरानी चोट तथा जीवन प्रत्याशा में कमी के कारण एक दुर्बल प्रणालीगत सिंड्रोम का कारण बनता है। सिकल सेल रोग के लक्षण भिन्न हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षणों में क्रोनिक एनीमिया (थकान, कमज़ोरी और पीलापन), तीव्र दर्द तथा युवावस्था प्राप्ति तथा विकास होने में विलंब आदि शामिल हैं। इसके उपचार के अंतर्गत रक्ताधान: ये एनीमिया से छुटकारा पाने और तीव्र दर्द के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं, हाइड्रॉक्सीयूरिया: यह दवा दर्द की निरंतरता की आवृत्ति को कम करने एवं बीमारी की कुछ दीर्घकालिक जटिलताओं को रोकने में मदद कर सकती है तथा इसमें अस्थि मज्जा अथवा स्टेम सेल प्रत्यारोपण शामिल है।

और पढ़ें… सिकल सेल रोग 

स्वदेशी mRNA-आधारित ओमिक्रॉन-विशिष्ट बूस्टर वैक्सीन  

भारत में जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) ने GEMCOVAC®-OM नामक एक स्वदेशी ओमिक्रॉन-विशिष्ट mRNA आधारित बूस्टर वैक्सीन की स्वीकृति के साथ कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की है। जेनोवा बायोफार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड द्वारा एक स्वदेशी प्लेटफॉर्म तकनीक का उपयोग करके विकसित तथा जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (BIRAC) द्वारा कार्यान्वित मिशन कोविड सुरक्षा पहल द्वारा समर्थित, वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से आपातकालीन उपयोग के लिये मंजूरी (EUA) मिल गई। GEMCOVAC®-OM अन्य अनुमोदित mRNA आधारित टीकों के लिये आवश्यक अल्ट्रा-कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता को समाप्त करते हुए अपनी थर्मोस्टेबिलिटी के लिये जानी जाती है। यह सुविधा पूरे भारत में परिनियोजन को सरलता से सुनिश्चित करती है। mRNA टीके mRNA या मैसेंजर RNA का उपयोग करके कार्य करते हैं जो कि अणु हैं और अनिवार्य रूप से DNA को सक्रिय रखते हैं। एक कोशिका के अंदर प्रोटीन बनाने के लिये mRNA का उपयोग टेम्पलेट के रूप में किया जाता है। इससे यह पता चलता है कि वैक्सीन हमारी कोशिकाओं में प्रोटीन निर्माण में कैसे मदद करती है या प्रोटीन किस प्रकार हमारे शरीर के अंदर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया शुरू करता है। यह वही प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया है जो एंटीबॉडी का उत्पादन करती है तथा वायरस के हमारे शरीर में प्रवेश करने पर हमें संक्रमित होने से बचाती है। 

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चाइल्डलाइन सेवाओं के लिये 'एक राष्ट्र एक हेल्पलाइन' पहल

भारत में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MoW&CD) ने आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ERSS) चाइल्डलाइन आपातकालीन परामर्श और संकट हेल्पलाइन को नंबर 112 के साथ विलय करके बच्चों के लिये एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है। इस कदम का उद्देश्य प्रभावशीलता और दक्षता को बढ़ाना है। चाइल्ड हेल्पलाइन सेवाओं को अन्य आपातकालीन सेवाओं जैसे- पुलिस, अग्निशमन और एम्बुलेंस विभागों के साथ भी एकीकृत किया गया है। यह निर्णय MoW&CD द्वारा प्रारंभ की गई 'एक राष्ट्र, एक हेल्पलाइन' पहल का हिस्सा है। प्रारंभ में इसे नौ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लागू किया जाएगा जिसमें आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, गुजरात, गोवा, मिज़ोरम, लद्दाख, पुद्दुचेरी और दादरा एवं  नगर हवेली तथा दमन और दीव शामिल हैं, अन्य क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। पहले चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन (CIF) और उसके सहयोगी NGOs बाल संरक्षण सेवा योजना के अंतर्गत 24x7 हेल्पलाइन के संचालन के लिये ज़िम्मेदार थे। हालाँकि मौजूदा प्रणाली में अन्य आपातकालीन सेवाओं के साथ अंतःक्रियाशीलता का अभाव था जिसके परिणामस्वरूप संकट की स्थितियों के दौरान देरी हुई। इसके अतिरिक्त लगभग 200 ज़िलों को कवरेज के बिना छोड़कर केवल 568 ज़िलों  में चाइल्डलाइन सेवाएँ उपलब्ध थीं। ERSS 112 के साथ चाइल्डलाइन 1098 सेवा को स्वचालित और एकीकृत करने के लिये मंत्रालय ने केरल स्थित उन्नत कंप्यूटिंग विकास केंद्र (सी-डैक) को "कुल समाधान प्रदाता" नियुक्त किया है। यह एकीकरण इनकमिंग 1098 कॉल्स को आपातकालीन, गैर-आपातकालीन और सूचना श्रेणियों में वर्गीकृत करने में सक्षम बनाएगा

और पढ़ें…आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली , चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन (CIF) 


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