विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
अल्ट्रामैसिव ब्लैक होल
- 01 Apr 2023
- 6 min read
प्रिलिम्स के लिये:अल्ट्रामैसिव ब्लैक होल, ग्रेविटेशनल लेंसिंग, ब्लैक होल, हबल स्पेस टेलीस्कोप, थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी। मेन्स के लिये:ब्लैक होल के प्रकार, ग्रेविटेशनल लेंसिंग। |
चर्चा में क्यों?
खगोलविदों ने ग्रेविटेशनल लेंसिंग का उपयोग करते हुए एक अल्ट्रामैसिव ब्लैक होल की खोज की है, जहाँ एक पिंड का अग्र-भाग अपने पीछे दूर के पिंड से आने वाले प्रकाश को मोड़ता है।
अल्ट्रामैसिव ब्लैक होल की खोज का महत्त्व:
- शोधकर्त्ताओ ने ब्रह्मांड के माध्यम से यात्रा करने वाली एक दूर की आकाशगंगा से प्रकाश का अनुकरण करने के लिये सुपरकंप्यूटर सिमुलेशन का उपयोग किया, प्रत्येक सिमुलेशन में एक अलग द्रव्यमान का ब्लैक होल पाया गया।
- एक सिमुलेशन में प्रकाश द्वारा अपनाया गया पथ हबल स्पेस टेलीस्कोप द्वारा कैप्चर की गई वास्तविक छवियों में देखे गए पथ से मेल खाता है, जिससे आकाशगंगा के अग्र-भाग में एक अल्ट्रामैसिव ब्लैक होल की खोज हुई।
- अल्ट्रामैसिव ब्लैक होल हमारे सूर्य के द्रव्यमान का 30 अरब गुना अधिक है।
- सुदूर आकाशगंगाओं में निष्क्रिय ब्लैक होल का अध्ययन अब इस नई गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग तकनीक के कारण संभव हो सकता है।
- हालाँकि वर्तमान में ज्ञात अधिकांश ब्लैक होल सक्रिय अवस्था में हैं जो अपने आसपास से पदार्थों को अपनी ओर खींच रहे हैं और प्रकाश, एक्स-रे तथा अन्य विकिरण के रूप में ऊर्जा उत्पन्न कर रहे हैं।
ब्लैक होल:
- परिचय:
- ब्लैक होल स्पेस-टाइम के वे क्षेत्र हैं जहाँ गुरुत्वाकर्षण इतना मज़बूत होता है कि कुछ भी, यहाँ तक कि प्रकाश भी उनके प्रभाव से बच नहीं सकता है।
- ब्लैक होल अंतरिक्ष का एक ऐसा क्षेत्र होता है जहाँ पदार्थ अपने आप खत्म हो जाते हैं, कुछ बड़े तारों के विस्फोट के साथ टूटने से ब्लैक होल पैदा होते हैं और एक गुरुत्वाकर्षण खिंचाव के साथ अविश्वसनीय रूप से घनी वस्तु का निर्माण करते है जो इतना मज़बूत होता है कि यह अपने चारों ओर के स्पेस-टाइम को परिवर्तित कर देता है।
- ब्लैक होल के प्रकार:
- स्टेलर ब्लैक होल: यह एक विशाल तारे के निष्क्रिय होने से बनता है।
- इंटरमीडिएट ब्लैक होल: इसका द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान का 100 से 100,000 गुना के बीच होता है।
- सुपरमैसिव ब्लैक होल: इसका द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान का लाखों से लेकर अरबों गुना तक होता है, जो हमारी अपनी मिल्की वे आकाशगंगा सहित अधिकांश आकाशगंगाओं के केंद्रों में पाया जाता है
- महत्त्व:
- ब्रह्मांड और उसके विकास को समझने के लिये ब्लैक होल महत्त्वपूर्ण हैं।
- वे आकाशगंगाओं के निर्माण एवं विकास के साथ पूरे ब्रह्मांड में पदार्थ के वितरण में भूमिका निभाते हैं।
- ब्लैक होल का अध्ययन करने से हमें अंतरिक्ष, समय और गुरुत्त्वाकर्षण के मूलभूत गुणों को समझने में भी मदद मिल सकती है
- ब्लैक होल का अध्ययन करने से हमें अंतरिक्ष, समय और गुरुत्त्वाकर्षण के मूलभूत गुणों को समझने में भी मदद मिल सकती है
गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग
- गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग एक ऐसी परिघटना है जब बड़े पिंड, जैसे कि एक विशाल आकाशगंगा या आकाशगंगाओं का समूह, एक गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र का निर्माण करता है जो अपने पीछे के पिंडों के प्रकाश को बढ़ाता और विकृत करता है।
- विशाल पिंड और प्रेक्षक के संरेखण के आधार पर प्रकाश के इस विपथन से दूर की वस्तुएँ विकृत या आवर्धित दिखाई दे सकती हैं।
- गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग के प्रभाव की भविष्यवाणी सबसे पहले अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत में की थी और तब से खगोलविदों द्वारा इसका अवलोकन और अध्ययन किया जा रहा है।
निष्कर्ष:
गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग का उपयोग कर अल्ट्रामैसिव ब्लैक होल की खोज ब्लैक होल के अध्ययन में एक रोमांचक विकास है। इस्तेमाल की गई तकनीक से दूर की आकाशगंगाओं में अधिक निष्क्रिय ब्लैक होल की खोज और अध्ययन हो सकता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित परिघटनाओं पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त में से अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत का/के भविष्यकथन कौन सा/से है/हैं, जिनका/जिनकी प्रायः समाचार माध्यमों में विवेचना होती है? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) |