अंतर्राष्ट्रीय संबंध
गुरुत्वाकर्षण लहर की खोज को भौतिकी का नोबल पुरस्कार
- 05 Oct 2017
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चर्चा में क्यों?
द रॉयल स्वीडिश अकेडमी द्वारा वर्ष 2017 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार गुरुत्वीय तरंगों की खोज करने वाले वैज्ञानिकों रैनर वीस (Rainer Weiss), बैरी सी. बैरिश (Barry C. Barish) एवं किप एस. थॉर्न (Kip S. Thorne) को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष भौतिकी का नोबल पुरस्कार प्राप्त करने वाले तीनों वैज्ञानिक अमेरिका के हैं।
क्या खोज की गई ?
- ध्यातव्य है कि सितंबर 2015 में लीगो-विर्गो डिटेक्टर द्वारा गुरुत्वीय तरंगों की खोज करने में इन तीनों वैज्ञानिकों की एक अहम् भूमिका रही। गुरुत्वीय तरंगें ब्रह्मांड में होने वाली प्रचंड घटनाओं से उत्पन्न होती हैं।
- ये तीनों वैज्ञानिक लेज़र इंटरफेरोमीटर ग्रैविटेशनल वेव ऑब्जर्वेशन यानी लीगो रिसर्च प्रोजेक्ट से जुड़े हुए हैं।
- उल्लेखनीय है कि इस कार्य में सहयोग करने के लिये पाँच महाद्वीपों के 1,000 से अधिक वैज्ञानिकों की टीम ने एक साथ मिलकर कार्य किया।
- गुरुत्वीय तरंगें ब्लैक होल्स के टकराव के विषय में पता लगाने में सबसे सटीक एंव महत्त्वपू्र्ण साधन है।
गुरुत्वीय तरंगें हमारे लिये क्यों महत्त्वपूर्ण हैं?
- यह खोज कुछ बेहद नाजु़क प्रयोगों का परिणाम है। ध्यातव्य है कि लगभग 100 साल पहले महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन द्वारा सर्वप्रथम गुरुत्वाकर्षणीय तरंगों की भविष्यवाणी की गई थी। इस भविष्यवाणी के संदर्भ में तकरीबन 50 वर्षों तक शोध कार्य किये जाने के बाद सितंबर 2015 में पहली बार इन तरंगों को खोजा जा सका।
- तब से अभी तक इसे कई बार डिटेक्ट किया जा चुका है। ध्यातव्य है कि यह खोज न केवल भौतिकी की दृष्टि से बल्कि खगोल विज्ञान के क्षेत्र में भी बहुत अधिक महत्त्वपूर्ण साबित होगी।
- गुरुत्वीय तरंगें, ब्रह्मांड में घटित कुछ सबसे अधिक हिंसक प्रक्रियाओं जैसे कि ब्लैक होल या न्यूट्रॉन स्टार विलय का प्रतिचित्रण करने का एक तरीका है। वस्तुतः इस प्रकार की घटनाओं को प्रकाश के माध्यम से अथवा परंपरागत तरीकों के प्रयोग मात्र से नहीं पहचाना जा सकता है।
- वस्तुतः यह खोज सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत को साबित करने का एक मार्ग प्रशस्त कर सकती है। इसके माध्यम से हम न केवल ब्रह्मांड के संबंध में और अधिक गहराई से अध्ययन कर सकेंगे, बल्कि आवश्यक जानकारियाँ भी प्राप्त कर सकेंगे।
- इसके अतिरिक्त इसकी ब्रह्मांड की उत्पत्ति के विषय में जानकारी प्राप्त करने में भी लाभकारी साबित होने की संभावना है।