प्रारंभिक परीक्षा
विश्व टीकाकरण दिवस 2024
स्रोत: पी.आई.बी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, संक्रामक रोगों से बचाव और लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा में टीकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रत्येक वर्ष 10 नवंबर को विश्व टीकाकरण दिवस मनाया जाता है।
- टीकाकरण द्वारा किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावी करने के लिये टीका लगाकर उसे संक्रामक रोग के विरुद्ध प्रतिरोधी बनाया जाता है।
भारत में टीकाकरण के बारे में मुख्य बिंदु क्या हैं?
भारत में प्रमुख टीकाकरण कार्यक्रम:
- सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP): इसे प्रारंभ में वर्ष 1978 में ‘विस्तृत टीकाकरण कार्यक्रम’ (Expanded Programme of Immunization- EPI) के रूप में शुरू किया गया था, वर्ष 1985 में इसे सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम में परिवर्तित कर शहरी से ग्रामीण क्षेत्रों तक विस्तारित कर दिया गया।
- 1992 में, UIP को बाल जीवन रक्षा और सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम में और बाद में, वर्ष 1997 में राष्ट्रीय प्रजनन और बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में शामिल किया गया।
- वर्ष 2005 से, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत, UIP भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयासों का एक केंद्रीय घटक बन गया है, जो देश के दूरदराज के हिस्सों में भी हर बच्चे तक पहुँच सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करता है।
- वित्त वर्ष 2023-24 के लिये देश का पूर्ण टीकाकरण कवरेज राष्ट्रीय स्तर पर 93.23% है।
- मिशन इन्द्रधनुष (MI) : MI को दिसंबर, 2014 में 90% पूर्ण टीकाकरण कवरेज प्राप्त करने के लक्ष्य के साथ शुरू किया गया था।
- मिशन इंद्रधनुष विशेष रूप से कम टीकाकरण दर वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है, जिसमें दुर्गम क्षेत्र और ऐसे समुदाय शामिल हैं, जहाँ बच्चों को या तो टीका नहीं लगाया गया है या आंशिक रूप से टीका लगाया गया है।
- यू-विन 'किसी भी समय पहुँच' और 'किसी भी जगह' टीकाकरण की सुविधा देता है, जो प्राप्तकर्ताओं के अनुकूल समय-अवधि का विकल्प प्रदान करता है।
- यू-विन (U-WIN) पोर्टल: यह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म जिसका उद्देश्य वैक्सीन वितरण और रिकॉर्ड को सुव्यवस्थित करना है तथा यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक व्यक्ति आसानी से अपने टीकाकरण रिकॉर्ड तक पहुँच सके और इसका प्रबंधन किया जा सके।
- प्लेटफॉर्म एक सार्वभौमिक क्यूआर-आधारित ई-टीकाकरण प्रमाणपत्र भी तैयार करता है और अपने लिए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (आभा) आईडी बनाने का विकल्प प्रदान करता है।
सार्वजनिक स्वास्थ्य की उपलब्धियाँ:
- कोविड-19 टीकाकरण: 16 जनवरी 2021 से 6 जनवरी 2023 के बीच भारत ने 220 करोड़ से अधिक खुराकें दी हैं, जिनमें 97% पात्र नागरिकों को कम से कम एक खुराक और 90% को दोनों खुराकें दी गई हैं।
- पोलियो उन्मूलन: भारत को मार्च 2014 में आधिकारिक तौर पर पोलियो मुक्त प्रमाणित किया गया।
- मातृ एवं नवजात टेटनस (MNTE): भारत ने दिसंबर 2015 के वैश्विक लक्ष्य से काफी पहले अप्रैल 2015 में MNTE को समाप्त कर दिया।
- यॉज़-मुक्त: भारत विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा आधिकारिक तौर पर यॉज़-मुक्त के रूप में मान्यता प्राप्त करने वाला पहला देश बन गया।
- यॉज़ एक दीर्घकालिक जीवाणु संक्रमण है जो त्वचा, हड्डी और उपास्थि को प्रभावित करता है।
- चेचक: भारत में चेचक का उन्मूलन वर्ष 1977 में कर दिया गया था।
- कुष्ठ रोग: कुष्ठ रोग को 2005 में समाप्त कर दिया गया था।
- कालाज़ार: भारत सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में कालाज़ार के उन्मूलन के करीब है।
- भारत ने क्रमागत दो वर्षों तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमाणन मानदंड हासिल किये हैं तथा प्रमाणन के लिये अर्हता प्राप्त करने हेतु उसे एक और वर्ष तक इस स्तर को बनाए रखना होगा।
नोट:
- UIP के अंतर्गत, 12 टीका-निवारणीय रोगों के विरुद्ध निःशुल्क टीकाकरण प्रदान किया जाता है:
- राष्ट्रीय स्तर पर 9 बीमारियों के विरुद्ध अभियान चलाया गया: डिप्थीरिया, पर्टुसिस, टेटनस, पोलियो, खसरा, रूबेला, गंभीर बाल क्षय रोग, हेपेटाइटिस B एवं हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप B के कारण होने वाला मेनिनजाइटिस और निमोनिया।
- उप-राष्ट्रीय स्तर पर 3 बीमारियों के विरुद्ध अभियान चलाया गया: रोटावायरस डायरिया, न्यूमोकोकल न्यूमोनिया और जापानी इंसेफेलाइटिस।
- UIP ने पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर को वर्ष 2014 में प्रति 1000 जीवित जन्मों पर 45 से घटाकर प्रति 1000 जीवित जन्मों पर 32 तक लाने में सहायता की है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्स:प्रश्न: ‘पुन:संयोजित (रीकॉम्बिनेंट) वेक्टर वैक्सीन’ से संबंधित हाल के विकास के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2021)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c) प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन-सा एक कथन सही नहीं है? (2019) (a) यकृतशोध B विषाणु काफी कुछ HIV की तरह ही संचरित होता है। उत्तर: (b) प्रश्न: निम्नलिखित रोगों पर विचार कीजिये: (2014)
उपर्युक्त में से किस रोग/किन रोगों का भारत में उन्मूलन हो चुका है? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) |
प्रारंभिक परीक्षा
स्वास्थ्य लाभ के लिये चोकरयुक्त बाजरा
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
हाल ही में '‘इम्पैक्ट ऑफ डीब्रानिंग (अनाज के बाहरी चोकर की परत को हटाने की प्रक्रिया) ऑन द न्यूट्रिशनल, कुकिंग, माइक्रो स्ट्रक्चरल, कैरेक्टरिस्टिक ऑफ फाइव इंडियन स्माॅल मिल्लेट्स’’ शीर्षक से एक अध्ययन प्रकाशित हुआ था।
अध्ययन की मुख्य बातें क्या हैं?
- डी-ब्रानिंग का पोषण संबंधी प्रभाव: बाजरे से चोकर निकालने से प्रोटीन, आहार फाइबर, वसा, खनिज और फाइटेट सामग्री कम हो जाती है, जबकि कार्बोहाइड्रेट तथा एमाइलोज सामग्री बढ़ जाती है।
- इससे उनके स्वास्थ्य लाभ कम हो जाते हैं और उनका ग्लाइसेमिक लोड अधिक हो जाता है।
- बाजरे की ऊपरी परत हटाने और उसे चमकदार बनाने से उसकी शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है तथा वह मुलायम हो जाता है, जिससे इसके पकने का समय कम हो जाता है।
- हालाँकि वैक्यूम-सीलिंग के माध्यम से चोकर को हटाए बिना साबुत अनाज वाले बाजरे की शेल्फ लाइफ बढ़ाई जा सकती है।
- बाजरे के स्वास्थ्य संबंधी लाभ: बाजरे में लौह, जस्ता और कैल्शियम जैसे खनिज पाए जाते हैं, साथ ही इसमें बायोएक्टिव फ्लेवोनोइड्स भी होते हैं, जो स्वास्थ्य हेतु लाभदायक होते हैं।
- वे मधुमेह को रोकने, हाइपरलिपिडिमिया को प्रबंधित और वज़न कम करने तथा रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं, साथ ही हृदय रोग (CVD) पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
- वे ग्लूटेन मुक्त होते हैं और इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो सीलिएक रोग या मधुमेह वाले लोगों के लिये लाभकारी होता है।
बाजरे के विषय में मुख्य बिंदु क्या हैं?
- यह एक सामूहिक शब्द है जो अनेक छोटे बीज वाली घासों को संदर्भित करता है, जिनकी खेती अनाज की फसलों के रूप में की जाती है, ये घासें मुख्य रूप से समशीतोष्ण, उपोष्णकटिबंधीय और उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में शुष्क भूमि (विशेष रूप से सीमांत भूमि पर) पर उगाई जाती हैं।
- भारत में उपलब्ध कुछ सामान्य मोटे अनाज में रागी (फिंगर मिलेट), ज्वार (सोरघम), समा (लिटिल मिलेट), बाजरा (पर्ल मिलेट) और वरिगा (प्रोसो मिलेट) शामिल हैं।
- वैश्विक और भारतीय उत्पादन: भारत बाजरा का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है, जिसके बाद नाइज़र तथा चीन का स्थान है।
- वर्ष 2020 में वैश्विक बाजरा उत्पादन 28 मिलियन मीट्रिक टन था, जिसकी प्रमुख खपत अफ्रीका और एशिया में हुई।
- बाजरा संवर्द्धन: खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मान्यता दी गई।
- भारत सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत बाजरा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये विभिन्न कदम उठा रही है।
- पारिस्थितिक और आर्थिक लाभ: बाजरे को बहुत कम पानी, उर्वरक और कीटनाशकों की आवश्यकता होती है तथा यह सूखे की स्थिति के अनुकूल है जो शुष्क और अर्द्ध-शुष्क वातावरण में भी अच्छी तरह विकसित हो सकता है।
- यह दोहरे उद्देश्य की पूर्ति करता है, इसका उपयोग भोजन और चारे दोनों के रूप में किया जाता है, जिससे कृषि दक्षता में वृद्धि होती है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्सप्रश्न: निम्नलिखित में से कौन से 'राष्ट्रीय पोषण मिशन (नेशनल न्यूट्रिशन मिशन)' के उद्देश्य हैं? (2017)
नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (a) प्रश्न: 'गहन कदन्न संवर्धन के माध्यम से पोषण सुरक्षा हेतु पहल (Initiative for Nutritional Security through Intensive Millets Promotion)' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही है/हैं? (2016)
नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (c) |
प्रारंभिक परीक्षा
भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति
स्रोत: TH
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत के राष्ट्रपति ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ दिलाई।
- वे न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ के स्थान पर 51वें मुख्य न्यायाधीश बने।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना के प्रमुख न्यायिक निर्णय
- वह संविधान पीठ के कई निर्णयों का हिस्सा थे, जिनमें संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और वर्ष 2018 के चुनावी बॉण्ड योजना को निरस्त करने का निर्णय शामिल है।
- वह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) अल्पसंख्यक स्थिति निर्धारण मामले में हाल ही में बहुमत के निर्णय का भी हिस्सा थे।
- उन्होंने चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के इस्तेमाल का समर्थन किया और पेपर बैलेट पर वापस लौटने की मांग को खारिज कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश से संबंधित प्रमुख प्रावधान क्या हैं?
- योग्यता: मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने वाले व्यक्ति में निम्नलिखित योग्यताएँ होनी चाहिये:
- वह भारत का नागरिक होना चाहिये।
- वह पाँच वर्षों तक किसी उच्च न्यायालय (या लगातार उच्च न्यायालयों) का न्यायाधीश रहा हो ; या
- वह किसी उच्च न्यायालय (या लगातार उच्च न्यायालयों) में दस वर्ष तक अधिवक्ता रहा हो ;
- राष्ट्रपति की राय में उन्हें एक प्रतिष्ठित न्यायविद होना चाहिये।
- नियुक्ति: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 124 के खंड (2) के अंतर्गत की जाती है। प्रोटोकॉल के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश को CJI के रूप में नामित किया जाता है।
- वरिष्ठता का मापन सर्वोच्च न्यायालय में सेवा की अवधि के आधार पर किया जाता है।
- मुख्य न्यायाधीश की भूमिका: "रोस्टर के मास्टर" के रूप में मुख्य न्यायाधीश के पास विशिष्ट मामलों को विशेष पीठों को सौंपने तथा सर्वोच्च न्यायालय में उनकी सुनवाई का कार्यक्रम निर्धारित करने का अधिकार होता है।
- सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिये राष्ट्रपति द्वारा मुख्य न्यायाधीश (सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों के कॉलेजियम के साथ) से परामर्श किया जाता है।
- मुख्य न्यायाधीश संविधान के अनुच्छेद 127 के तहत सर्वोच्च न्यायालय के तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति करते हैं।
- राष्ट्रपति की स्वीकृति से मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय की सीट को दिल्ली से किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित कर सकते हैं।
- निष्कासन: मुख्य न्यायाधीश को राष्ट्रपति द्वारा तभी हटाया जा सकता है जब संसद दोनों सदनों में विशेष बहुमत (कुल सदस्यों का बहुमत तथा उपस्थित और मतदान करने वालों में से कम से कम दो-तिहाई) द्वारा समर्थित अभिभाषण प्रस्तुत करे।
अन्य लोकतांत्रिक देशों में मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति
- संयुक्त राज्य अमेरिका: मुख्य न्यायाधीश का कार्यकाल आजीवन होता है, अर्थात मुख्य न्यायाधीश तब तक पद पर रह सकते हैं जब तक उन पर महाभियोग नहीं लगाया जाता।
- यूनाइटेड किंगडम: न्यायिक नियुक्ति आयोग अपील न्यायालय के न्यायाधीशों या सर्वोच्च न्यायालय के एक विशेष पैनल के माध्यम से लॉर्ड चीफ जस्टिस की नियुक्ति करता है।
- लॉर्ड चीफ जस्टिस का कार्यकाल आजीवन होता है तथा अनिवार्य सेवानिवृत्ति आयु 75 वर्ष होती है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्स:प्रश्न. भारतीय न्यायपालिका के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2021)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c) प्रश्न: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2013)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c) प्रश्न: भारत के उच्चतम न्यायालय की स्वायत्तता की रक्षा हेतु क्या प्रावधान है? (2012)
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? (a) केवल 1 और 3 उत्तर: (a) |
रैपिड फायर
रखाइन में भीषण अकाल
स्रोत: द हिंदू
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने चेतावनी दी है कि म्याँमार का रखाइन राज्य, जो रोहिंग्या अल्पसंख्यकों का निवास स्थान है, आंतरिक संघर्षों, आर्थिक पतन और प्राकृतिक आपदाओं के कारण भीषण अकाल का सामना कर रहा है।
- भीषण अकाल के प्रमुख कारक: वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाने वाली नाकेबंदी, उच्च मुद्रास्फीति, आय की कमी, खाद्य उत्पादन में कमी, आवश्यक सेवाओं का अभाव।
- पूर्वानुमानों से ज्ञातव्य है कि घरेलू खाद्य उत्पादन मार्च-अप्रैल 2025 तक रखाइन की ज़रूरतों का केवल 20% ही पूरा कर पाएगा। घरेलू खाद्य उत्पादन में गिरावट के कारण मार्च-अप्रैल 2025 तक 2 मिलियन से अधिक लोगों को भुखमरी का सामना करना पड़ सकता है।
- सैन्य नेतृत्व वाली सरकार ने मानवीय सहायता के वितरण और पहुँच पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे रखाइन राज्य में बिगड़ते मानवीय संकट को और भी गंभीर बना दिया है।
- म्याँमार का सबसे पश्चिमी राज्य रखाइन, सबसे गरीब क्षेत्रों में से एक है, जो निरंतर संघर्ष, विस्थापन और गरीबी का सामना कर रहा है।
- म्याँमार में रोहिंग्या मुस्लिम अल्पसंख्यक दशकों से व्यवस्थित भेदभाव और नागरिकता कानूनों के कारण हाशिये पर हैं, जिससे उन्हें राज्यविहीनता तथा अधिकारों से वंचित जीवन जीने पर मजबूर होना पड़ा है। जिसके कारण लाखों लोग उत्पीड़न के कारण पलायन कर रहे हैं।
- वर्ष 2017 में, भारत ने म्याँमार को रखाइन राज्य में विस्थापित व्यक्तियों के लिये आवासीय बुनियादी ढाँचे के निर्माण में सहायता करने के लिये एक विकास कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किये थे।
- UNDP की स्थापना वर्ष 1965 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई थी, जिसका उद्देश्य गरीबी उन्मूलन तथा सतत् विकास, लोकतांत्रिक शासन और जलवायु अनुकूलन को बढ़ावा देना है।
और पढ़ें: म्याँमार में जारी मुद्दे
रैपिड फायर
H5N1 रीअसॉर्टेंट वायरस
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में कंबोडिया में H5N1 बर्ड फ्लू वायरस के नए रीअसॉर्टेंट के मानव संक्रमण से जुड़े मामले सामने आए हैं।
- क्लेड 2.3.2.1c, जो दक्षिण-पूर्व एशिया में प्रसारित हो रहा था, वैश्विक क्लेड 2.3.4.4b के साथ मिश्रित होकर नए रीअसॉर्टेंट वायरस का निर्माण करता है।
- H5N1 कई इन्फ्लूएंज़ा वायरसों में से एक है, जो पक्षियों में अत्यधिक संक्रामक श्वसन रोग उत्पन्न करता है, जिसे एवियन इन्फ्लूएंज़ा (या "बर्ड फ्लू") कहा जाता है।
- H5N1 बर्ड फ्लू की पहचान सबसे पहले वर्ष 1996 में चीन में गीज़ में हुई थी।
- यह उन लोगों को संक्रमित कर सकता है जो संक्रमित पशुओं या उनके उपोत्पादों (जैसे- कच्चा दूध) के संपर्क में रहते हैं, जैसे- डेयरी कर्मचारी।
- यह वायरस संक्रमित स्तनधारियों से मनुष्यों में तो संचारित हो सकता है, लेकिन मानव-से-मानव में नहीं।
- इन्फ्लूएंज़ा वायरस एक सिंगल-स्ट्रैंडेड RNA वायरस है जिसमें लिपिड-युक्त आवरण होता है।
- मौसमी इन्फ्लूएंज़ा के टीके मानव H5N1 वायरस जैसे पशुजनित इन्फ्लूएंज़ा A वायरस के संक्रमण से सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं, क्योंकि ये टीके मुख्य रूप से मौसमी मानव इन्फ्लूएंज़ा वायरस उपभेदों को लक्षित करने के लिये डिज़ाइन किये गए हैं।
और पढ़ें: H5N1 बर्ड फ्लू
रैपिड फायर
लिग्नोसैट
स्रोत: इडियन एक्सप्रेस
भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिये सतत् निर्माण सामग्री के रूप में लकड़ी की व्यवहार्यता का परीक्षण करने हेतु दुनिया का पहला लकड़ी के पैनल वाला उपग्रह, लिग्नोसैट, प्रक्षेपित किया गया।
- लिग्नोसैट का निर्माण पारंपरिक जापानी तरीकों का उपयोग करते हुए, क्योटो विश्वविद्यालय और जापान के सुमितोमो फॉरेस्ट्री के द्वारा किया गया है, यह गोंद या स्क्रू के उपयोग के बिना मैगनोलिया वृक्षों से निर्मित दृढ़ लकड़ी के पैनलों से बना हुआ है।
- इसमें पारंपरिक एल्युमीनियम संरचनाएँ और इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं तथा आवरण सामग्री के रूप में लकड़ी का उपयोग किया गया है।
- उपग्रह का उद्देश्य चरम अंतरिक्ष स्थितियों (-100°C से 100°C तक का तापमान) में लकड़ी के स्थायित्व तथा अंतरिक्ष विकिरण से अर्द्धचालकों की रक्षा करने की इसकी क्षमता का परीक्षण करना है।
- शोधकर्त्ताओं का मानना है कि लकड़ी अंतरिक्ष में धातु के कुछ हिस्सों का सतत् विकल्प बन सकती है, ठीक वैसे ही जैसे 1900 के दशक की शुरुआत में लकड़ी का उपयोग हवाई जहाज़ के निर्माण में किया जाता था।
- एल्युमिनियम से बने पारंपरिक उपग्रह अपने जीवन के अंत में पृथ्वी के वायुमंडल में ही नष्ट होते हैं जो एल्युमीनियम ऑक्साइड उत्पन्न करते हैं, ये गैसें पृथ्वी की सुरक्षात्मक ओज़ोन परत को नुकसान पहुँचा सकती हैं। मेगा-तारामंडल सहित उपग्रहों की बढ़ती संख्या अंतरिक्ष प्रदूषण के बारे में चिंताएँ उत्पन्न करती है।
- एल्युमीनियम के बजाय मैगनोलिया से बने लिग्नोसैट वायुमंडल में प्रवेश करने पर जलकर नष्ट हो जाएगा, जिससे वायुमंडल में कोई अवशेष नहीं बचेगा।
- एल्युमिनियम से बने पारंपरिक उपग्रह अपने जीवन के अंत में पृथ्वी के वायुमंडल में ही नष्ट होते हैं जो एल्युमीनियम ऑक्साइड उत्पन्न करते हैं, ये गैसें पृथ्वी की सुरक्षात्मक ओज़ोन परत को नुकसान पहुँचा सकती हैं। मेगा-तारामंडल सहित उपग्रहों की बढ़ती संख्या अंतरिक्ष प्रदूषण के बारे में चिंताएँ उत्पन्न करती है।
रैपिड फायर
दिव्यांगजनों के लिये सुगम्यता
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने पुष्टि की कि दिव्यांगजनों (PWD) के लिये पर्यावरण, सेवाओं और अवसरों तक पहुँच का अधिकार एक मानवीय और मौलिक अधिकार है।
- पहुँच: न्यायालय ने सरकार से आग्रह किया कि वह दिव्यांगजन अधिकार नियम, 2017 के नियम 15 के तहत सार्वभौमिक पहुँच वाले सार्वजनिक और निजी स्थानों, सेवाओं तथा उत्पादों का निर्माण सुनिश्चित करें।
- दिव्यांगजन अधिकार नियम, 2017 के नियम 15 में भौतिक वातावरण, परिवहन तथा सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की पहुँच को शामिल किया गया है।
- कानूनी ढाँचा: दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 का उद्देश्य दिव्यांगजनों (PwD) के अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें बढ़ावा देना है।
- इसका उद्देश्य दिव्यांगजनों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (UNCRPD) को प्रभावी बनाना है, जिसे भारत ने वर्ष 2007 में अनुमोदित किया था।
- बेंचमार्क दिव्यांगता वाले व्यक्ति को उस व्यक्ति के रूप में परिभाषित किया जाता है, जिसमें निर्दिष्ट दिव्यांगता का कम-से-कम 40% हिस्सा हो।
- दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण से संबंधित पहल: सहायक उपकरण खरीदने/लगाने के लिये दिव्यांगजनों को सहायता, सुगम्य भारत अभियान और विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पोर्टल।
और पढ़ें: दिव्यांगजनों के लिये सुगम्यता बढ़ाना