इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


प्रारंभिक परीक्षा

एवियन इन्फ्लूएंज़ा

  • 26 Oct 2023
  • 6 min read

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

एक हालिया अध्ययन ने अत्यधिक रोगजनक एवियन H5 इन्फ्लूएंज़ा वायरस की पारिस्थितिकी और विकास में महत्त्वपूर्ण बदलावों पर प्रकाश डाला है, जिससे उनके वैश्विक वितरण में बदलाव की जानकारी मिली है।

  • ये वायरस मनुष्यों सहित पक्षी और स्तनधारियों दोनों पर अपने संभावित प्रभाव के कारण बढ़ती चिंता का विषय रहे हैं।

अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष:

  • जबकि इन वायरसों का केंद्र मूल रूप से एशिया तक ही सीमित था, अध्ययन के निष्कर्षों से पता चलता है कि इस केंद्र का विस्तार अब अफ्रीका और यूरोप के नए क्षेत्रों तक हो सकता है
  • अफ्रीकी और यूरोपीय पक्षी आबादी से उत्पन्न होने वाले दो H5 उपभेद फैलते समय कम रोगजनक वायरल वेरिएंट के साथ आनुवंशिक पुनर्संयोजन के माध्यम से विकसित हुए पाए गए।
    • यह आनुवंशिक पुनर्संयोजन इन वायरसों के विकास और विविधीकरण को चलाने वाला एक महत्त्वपूर्ण कारक है।
  • इस अध्ययन में यह पाया गया है कि जंगली पक्षियों की आबादी में एवियन इन्फ्लूएंज़ा की बढ़ती निरंतरता नए वायरल उपभेदों के विकास एवं प्रसार में उत्प्रेरक की भूमिका निभाती है
    • ये वायरस लगातार विकसित हो रहे हैं तथा इन वायरस को संचरित करने एवं बढ़ाने में जंगली पक्षियों की अहम भूमिका होती है।

आनुवंशिक पुनर्वर्गीकरण:

  • आनुवंशिक पुनर्वर्गीकरण एक प्रकार का आनुवंशिक पुनर्संयोजन है जिसमें दो जीवों के जीन को एक नया आनुवंशिक अनुक्रम बनाने के लिये सम्मिश्रित किया जाता है। इस नये अनुक्रम को पुनर्योगज कहा जाता है।
  • यह मौसमी वायरस के विकास के दौरान आनुवंशिक विविधता को बढ़ा सकता है। यह नए तथा संभावित रूप से घातक वायरस को भी जन्म दे सकता है।

एवियन इन्फ्लूएंज़ा:

  • परिचय:
    • एवियन इन्फ्लूएंज़ा, जिसे आमतौर पर ‘बर्ड फ्लू’ भी कहा जाता है, एक अत्यधिक संक्रामक वायरल संक्रमण है जो मुख्य रूप से पक्षियों, विशेष रूप से जंगली पक्षियों तथा घरेलू मुर्गीपालन, को प्रभावित करता है।
    • वर्ष 1996 में अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंज़ा H5N1 वायरस सर्वप्रथम दक्षिणी चीन में घरेलू जलपक्षियों में पाया गया था। इस वायरस का नाम A/गूस/गुआंगडोंग/1/1996 (A/goose/Guangdong/1/1996) है।
  • मनुष्यों में संचरण और संबंधित लक्षण:
    • H5N1 एवियन इन्फ्लूएंज़ा के मानव मामले कभी-कभी होते हैं, लेकिन संक्रमण को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलाना मुश्किल होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, जब लोग इससे संक्रमित होते हैं तो मृत्यु दर लगभग 60% होती है
      • यह बुखार, खाँसी और मांसपेशियों में दर्द सहित हल्के फ्लू जैसे लक्षणों से लेकर निमोनिया, साँस लेने में कठिनाई जैसी गंभीर श्वसन समस्याओं तथा यहाँ तक कि परिवर्तित मानसिक स्थिति एवं दौरे जैसी संज्ञानात्मक समस्याओं तक विस्तृत हो सकता है।
  • एवियन इन्फ्लुएंज़ा और भारत:
    • प्रारंभिक प्रकोप:
      • अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लुएंज़ा (HPAI) H5N1 भारत में पहली बार वर्ष 2006 में नवापुर, महाराष्ट्र में देखा गया और उसके बाद की घटनाएँ वार्षिक रहीं।
      • H5N8 पहली बार भारत में नवंबर 2016 में देखा गया था, जो मुख्य रूप से पाँच राज्यों में जंगली पक्षियों को प्रभावित करता था, जिसमें केरल में सबसे अधिक मामले दर्ज किये गए थे।
      • यह बीमारी 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रिपोर्ट की गई है, जिसके परिणामस्वरूप इसके प्रसार को नियंत्रित करने के लिये 9 मिलियन से अधिक पक्षियों को मार दिया गया है।
    • संबंधित पहल:
      • अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंज़ा (HPAI) को नियंत्रित करने के लिये भारत का दृष्टिकोण एवियन इन्फ्लूएंज़ा की नियंत्रण और रोकथाम के लिये राष्ट्रीय कार्य योजना (संशोधित- 2021) में उल्लिखित "डिटेक्ट एंड कल (detect and cull)" की नीति का अनुसरण करता है।
  • उपचार:
    • एंटीवायरल ने मनुष्यों में एवियन इन्फ्लूएंज़ा वायरस संक्रमण के उपचार में प्रभावशीलता प्रदर्शित की है, जिससे रोग की गंभीरता और मृत्यु का जोखिम कम हो गया है।

इन्फ्लूएंज़ा वायरस के प्रकार

नोट: HPAI का अर्थ है अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लुएंज़ा और LPAI का अर्थ है कम रोगजनक एवियन इन्फ्लुएंज़ा।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. H1N1 वायरस का उल्लेख प्रायः समाचारों में निम्नलिखित में से किस एक बीमारी के संदर्भ में किया जाता है? (2015)

(a) एड्स
(b) बर्ड फलू
(c) डेंगू
(d) स्वाइन फ्लू

उत्तर: (d)

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2