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RNA एडिटिंग

  • 09 Nov 2024
  • 8 min read

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

हाल ही में अमेरिका की जैव प्रौद्योगिकी कंपनी वेव लाइफ साइंसेज़, नैदानिक स्तर पर RNA एडिटिंग द्वारा आनुवंशिक समस्या का इलाज करने वाली पहली कंपनी बन गई है। 

RNA एडिटिंग के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • RNA एडिटिंग, मैसेंजर RNA (mRNA) न्यूक्लियोटाइड को एडिट करने (डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA) द्वारा mRNA निर्मित करने के बाद लेकिन प्रोटीन संश्लेषण शुरू होने से पहले) की प्रक्रिया है। 
    • mRNA एक्सॉन और इंट्रॉन नामक भागों से बना होता है। एक्सॉन अंततः प्रोटीन के लिये कोड करते हैं जबकि इंट्रॉन गैर-कोडिंग भाग होते हैं और प्रोटीन बनाने के लिये उपयोग किये जाने से पहले यह RNA से अलग हो जाते हैं।
  • प्रकार: RNA मोडिफिकेशन तीन प्रकार से होता है अर्थात् युग्मन, विलोपन और प्रतिस्थापन। 
    • युग्मन का आशय न्यूक्लियोटाइड का शामिल होना है। विलोपन का आशय किसी न्यूक्लियोटाइड को हटाना जबकि प्रतिस्थापन का आशय एक न्यूक्लियोटाइड को दूसरे से बदलना है।
  • क्रियाविधि: इस तकनीक में एडेनोसिन डीएमीनेज नामक एंज़ाइम्स का एक समूह शामिल होता है जो RNA (ADAR) पर कार्य करता है।
    • वैज्ञानिक ADAR के प्रभावों को गाइड्स RNA (या gRNA) के साथ जोड़ते हैं, जो ADAR को mRNA के विशिष्ट भाग तक ले जाता है, जहाँ ADAR निर्दिष्ट कार्य करता है।
  • नैदानिक उपयोग: वेव लाइफ साइंसेज़ ने WVE-006 नामक थेरेपी के माध्यम से α-1 एंटीट्रिप्सिन की कमी (AATD) नामक एक वंशानुगत विकार के उपचार के लिये RNA संपादन का उपयोग किया। 
    • हंटिंगटन डिसीज़, ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, मोटापा, पार्किंसंस रोग, तंत्रिका संबंधी विकार, हृदय रोग और अन्य स्थितियों का उपचार RNA एडिटिंग द्वारा किया जा सकता है।

नोट:

  • इसकी अस्थायी प्रकृति के कारण बार-बार उपचार की आवश्यकता, वर्तमान वितरण प्रणालियाँ (जैसे लिपिड नैनोकण और एडेनो-संबंधित वायरस (AAV) वेक्टर), बड़े अणुओं को समायोजित करने, जैसी  चुनौतियाँ का सामना करना पड़ता हैं।

राइबोन्यूक्लिक एसिड (RNA)

  • परिभाषा एवं संरचना: RNA एक न्यूक्लिक अम्ल है जो सभी जीवित कोशिकाओं में मौजूद रहता है।
    • यह संरचनात्मक रूप से DNA के समान है, लेकिन आमतौर पर सिंगलˈस्‍ट्रैन्‌डिड्‌ वाला होता है। 
    • इसका आधार अल्टरनेटिव रूप से बेस (एडेनिन (A), साइटोसिन (C), गुआनिन (G) और यूरैसिल (U)), राइबोज शुगर और फॉस्फेट से बना होता है।
  • RNA के प्रकार:
    • मैसेंजर RNA (mRNA): प्रोटीन संश्लेषण के लिये DNA से राइबोसोम तक आनुवंशिक जानकारी पहुँचाता है।
    • राइबोसोमल RNA (rRNA): राइबोसोम संरचना का आधार है और प्रोटीन संश्लेषण को उत्प्रेरित करता है।
    • ट्रांसफर RNA (tRNA): प्रोटीन संश्लेषण के दौरान अमीनो एसिड को राइबोसोम में स्थानांतरित करता है। 
    • रेगुलेटरी RNA: जीन अभिव्यक्ति विनियमन में भूमिका निभाते हैं।
  • कार्यात्मक महत्त्व: RNA कोशिकीय प्रक्रियाओं जैसे कोशिकाओं का निर्माण, प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया और अमीनो एसिड के परिवहन में आवश्यक भूमिका निभाता है।
  • वायरस में भूमिका: कुछ वायरस में RNA, आनुवंशिक पदार्थ होता है।  

RNA और DNA एडिटिंग में क्या अंतर है?

पहलू

DNA  एडिटिंग

RNA एडिटिंग

स्थायित्व बनाम अस्थायित्व

स्थायी: इससे किसी व्यक्ति के जीनोम में स्थायी परिवर्तन होता है, जिससे समस्या होने पर अपरिवर्तनीय त्रुटियाँ हो सकती हैं। 

अस्थायी: इससे RNA में अस्थायी परिवर्तन होता है जो समय के साथ कम प्रभावी हो जाते हैं, जिससे समस्या उत्पन्न होने पर चिकित्सा बंद करने की सुविधा रहने के साथ दीर्घकालिक जोखिम कम हो जाते हैं।

रोग प्रतिरोधक क्षमता का पता लगना

इसमें प्रायः CRISPR-Cas9 या बैक्टीरिया से प्राप्त अन्य उपकरणों का उपयोग किया जाता है जो बाह्य प्रोटीन के कारण प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर कर सकते हैं।

इसमें मानव कोशिकाओं में स्वाभाविक रूप से मौजूद ADAR एंजाइम का उपयोग होता है, जिससे प्रतिरक्षा या एलर्जी प्रतिक्रियाओं का जोखिम कम होता है। यह बार-बार उपचार और प्रतिरक्षा संवेदनशीलता वाले लोगों के लिये उपयुक्त है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. मानव प्रजनन प्रौद्योगिकी में अभिनव प्रगति के संदर्भ में "प्राक्केन्द्रिक स्थानांतरण ”(Pronuclear Transfer) का प्रयोग किस लिये होता है। (2020)

(a) इन विट्रो अंड के निषेचन के लिये दाता शुक्राणु का उपयोग
(b) शुक्राणु उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं का आनुवंशिक रूपांतरण
(c) स्टेम (Stem) कोशिकाओं का कार्यात्मक भ्रूूणों में विकास
(d) संतान में सूत्रकणिका रोगों का निरोध

उत्तर: (d)


प्रश्न: प्राय: समाचारों में आने वाला Cas9 प्रोटीन क्या है? (2019)

(a) लक्ष्य-साधित जीन संपादन (टारगेटेड जीन एडिटिंग) में प्रयुक्त आण्विक कैंची
(b) रोगियों में रोगजनकों की ठीक से पहचान करने के लिये प्रयुक्त जैव संवेदक
(c) एक जीन जो पादपों को पीड़क-प्रतिरोधी बनाता है
(d) आनुवंशिक रूप से रूपांतरित फसलों में संश्लेषित होने वाला एक शाकनाशी पदार्थ

उत्तर: (a)


प्रश्न.  विज्ञान में हुए अभिनव विकासों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक सही नहीं है? (2019)  

(a) विभिन्न जातियों की कोशिकाओं से लिये गए DNA के खंडों को जोड़कर प्रकार्यात्मक गुणसूत्र रचे जा सकते है।
(b)  प्रयोगशालाओं में कृत्रिम प्रकार्यात्मक DNA के हिस्से रचे जा सकते हैं।  
(c) किसी जंतु कोशिका से निकाले गए DNA के किसी हिस्से को जीवित कोशिका से बाहर प्रयोगशाला में, प्रतिकृत कराया जा सकता है।  
(d) पादपों और जंतुओं से निकाली गई कोशिकाओं में प्रयोगशाला की पेट्री डिश में कोशिका विभाजन कराया जा सकता है।

उत्तर: (a) 

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