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हेपेटाइटिस B: भारत में लोक स्वास्थ्य संबंधी चिंता

  • 30 Mar 2024
  • 11 min read

स्रोत: डाउन टू अर्थ 

नई दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल द्वारा एक हालिया अध्ययन के अनुसार लीवर सिरोसिस और कैंसर का कारण बनने वाली संभावित घातक बीमारी हेपेटाइटिस B के बारे में, भारत में सार्वजनिक जागरूकता तथा जानकारी अपर्याप्त है।

हेपेटाइटिस क्या है?

  • परिचय:
    • हेपेटाइटिस शब्द यकृत की किसी भी सूजन को संदर्भित करता है- किसी भी कारण से यकृत कोशिकाओं में होने वाली जलन या सूजन।
    • यह तीव्र भी हो सकता है (यकृत की सूजन जिस बीमारी की वजह से होती है उनमें पीलिया, बुखार, उल्टी आदि शामिल हैं) यकृत की सूजन छह महीने से अधिक समय तक भी रहती है, लेकिन अनिवार्य रूप से इसका कोई लक्षण नहीं दिखाई देता है।

  • लक्षण:
    • हेपेटाइटिस से संक्रमित कुछ व्यक्तियों में लक्षण दिखाई नहीं दे सकते हैं, लेकिन सामान्य लक्षणों में बुखार, थकान, भूख न लगना, मतली, उल्टी, पेट में दर्द, डार्क  यूरिन, मिट्टी के रंग का मल त्याग, जोड़ों का दर्द और पीलिया शामिल हैं।
  • कारण:
    • आमतौर पर यह A, B, C, D और E सहित "हेपेटोट्रोपिक" (यकृत निर्देशित) वायरस के एक समूह के कारण होता है। अन्य वायरस भी इसका कारण हो सकते हैं, जैसे कि वैरिकाला वायरस जो चिकन पॉक्स का कारण बनता है
      • SARS-CoV-2, Covid-19 पैदा करने वाला वायरस भी यकृत को नुकसान पहुँचा सकता है।
    • अन्य कारणों में ड्रग्स और अल्कोहल का दुरुपयोग, यकृत में वसा का निर्माण (फैटी लीवर हेपेटाइटिस) या एक ऑटोइम्यून प्रक्रिया शामिल है जिसमें एक व्यक्ति का शरीर एंटीबॉडी बनाता है जो यकृत (ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस) पर हमला करता है। हेपेटाइटिस एकमात्र संचारी रोग है जिसकी मृत्यु दर में वृद्धि हो रही है।
  • हेपेटाइटिस के प्रकार:
    • हेपेटाइटिस A वायरस (HAV): 
      • हेपेटाइटिस A यकृत की सूजन है जो हल्के से लेकर गंभीर तक होती है, जो दूषित भोजन या पानी, संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क से फैलती है और इसे टीके से रोका जा सकता है तथा अधिकांश लोग पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं एवं आजीवन प्रतिरक्षा प्राप्त कर लेते हैं।
    • हेपेटाइटिस B वायरस (HBV):
      • हेपेटाइटिस B एक वायरल संक्रमण है जो तीव्र या दीर्घकालिक यकृत रोग का कारण बन सकता है, जो अक्सर माँ से बच्चे में, बचपन के संपर्क के माध्यम से या यौन संबंध या असुरक्षित इंजेक्शन के माध्यम से फैलता है लेकिन टीकों द्वारा इसे रोका जा सकता है।
        • हेपेटाइटिस B के टीके HBV के संपर्क में आने से पहले दिये जाने पर HBV संक्रमण को रोकने में अत्यधिक प्रभावशाली होते हैं।
    • हेपेटाइटिस C वायरस (HCV):
      • हेपेटाइटिस C एक रक्तजनित वायरस है जो तीव्र और क्रोनिक दोनों प्रकार के हेपेटाइटिस का कारण बनता है, जिसकी गंभीरता कम से लेकर अत्यधिक गंभीर तक होती है, जिसमें लिवर सिरोसिस और कैंसर भी शामिल है, जो मुख्य रूप से असुरक्षित स्वास्थ्य देखभाल, रक्त संक्रमण, इंजेक्शन दवा के उपयोग तथा यौन प्रथाओं के माध्यम से फैलता है।
      • डायरेक्ट-एक्टिंग एंटीवायरल दवाओं (DAA) का उपयोग करके इलाज की दर 95% से अधिक है, फिर भी निदान और उपचार तक पहुँच सीमित है तथा कोई प्रभावी टीका उपलब्ध नहीं है।
    • हेपेटाइटिस D वायरस (HDV):
      • दुनिया भर में क्रोनिक HBV संक्रमण वाले लगभग 5% लोग हेपेटाइटिस D से संक्रमित होते हैं, एक ऐसा वायरस जिसे दोहराने के लिये हेपेटाइटिस B वायरस (HBV) की आवश्यकता होती है। सह-संक्रमण या सुपर-संक्रमण दवा उपयोगकर्त्ताओं, डायलिसिस रोगियों और स्वदेशी आबादी में आम बात है। यह लीवर के स्वास्थ्य के लिये गंभीर खतरा पैदा करता है, जिसमें कैंसर या मृत्यु की संभावना भी शामिल है।
      • इसकी रोकथाम हेपेटाइटिस B टीकाकरण के माध्यम से संभव है, उपचार की प्रभावशीलता सीमित है।
    • हेपटाइटिस E वायरस (HEV): 
      • HIV संक्रमण के कारण होने वाला हेपेटाइटिस E विश्व स्तर पर प्रचलित है, विशेष रूप से पूर्व और दक्षिण एशिया में, चीन तथा कुछ अन्य देशों में लाइसेंस प्राप्त टीके के साथ दूषित पानी के माध्यम से फैलता है एवं दुनिया भर में अतिरिक्त टीकों के लिये शोध चल रहा है।

  • हेपेटाइटिस से निपटने हेतु सरकार की पहल:
    • राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम: राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम का लक्ष्य वर्ष 2030 तक देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में वायरल हेपेटाइटिस को समाप्त करना है।
    • भारत का यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम (UIP): भारत का यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम (UIP) हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (Hib), खसरा, रूबेला, जापानी एन्सेफलाइटिस (JE), और रोटावायरस डायरिया के कारण होने वाले हेपेटाइटिस बी, तपेदिक, डिप्थीरिया, पर्टुसिस, टिटनेस, पोलियो, निमोनिया, मेनिनजाइटिस सहित 11 वैक्सीन-रोकथाम योग्य रोगों के खिलाफ मुफ्त टीकाकरण प्रदान करता है।
  • वैश्विक पहल:
    • WHO की वैश्विक हेपेटाइटिस रणनीति
    • वैश्विक हेपेटाइटिस उन्मूलन के लिये गठबंधन (CGHE)
    • वैश्विक हेपेटाइटिस कार्यक्रम

सर्वेक्षण द्वारा की गई सिफारिशें क्या हैं?

  • सर्वेक्षण के अनुसार, केवल 22.7% प्रतिभागियों ने पूर्ण हेपेटाइटिस B टीकाकरण को पूरा किया था।
    • इसलिये यह अनुशंसा करता है कि समग्र टीकाकरण प्रयासों को बढ़ाने के साथ-साथ HBV के खिलाफ प्रभावी टीकाकरण के लिये पहुँच सुनिश्चित करना और आबादी के सभी वर्गों, विशेष रूप से उच्च जोखिम वाली आबादी तक पहुँचना महत्त्वपूर्ण है।
  • सर्वेक्षण से पता चलता है, कि सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से केवल एक-चौथाई लोगों को रोग की पर्याप्त समझ थी, जिसमें इसके संचरण, यकृत पर प्रभाव और टीकाकरण की महत्त्वपूर्ण भूमिका शामिल थी।
    • इसलिये हेपेटाइटिस B पर व्यापक गलत धारणाओं और अपर्याप्त शिक्षा का सामना करने के लिये ज्ञान अंतराल को संबोधित करने के लिये लक्षित सूचना अभियानों की आवश्यकता ही एक माध्यम है।
    • इसके लिये, लोगों की  इष्टतम प्रभावशीलता के लिये पूर्ण टीकाकरण की आवश्यकता पर शिक्षित किया जाना चाहिये, क्योंकि व्यक्तियों के लिये एक या दो खुराक प्राप्त करने के बाद अंतिम खुराक चूकना सामान्य है।
  • यह अनुशंसा करता है कि शैक्षिक अभियानों को आम जनता, विशेष रूप से महिलाओं, वृद्ध व्यक्तियों, निम्न शिक्षा स्तर वाले लोगों और ग्रामीण निवासियों को लक्षित करना चाहिये, जिन्होंने अध्ययन में कम ज्ञान स्कोर तथा टीकाकरण दर प्रदर्शित की है।
  • इसका निष्कर्ष यह है कि व्यापक रणनीतियाँ, जो स्वास्थ्य साक्षरता और टीकाकरण कवरेज को एकीकृत करती है, राष्ट्रीय तथा वैश्विक HBV नियंत्रण लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।

हेपेटाइटिस B - टू द पॉइंट | दृष्टि आईएएस हिंदी

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही नहीं है?

(a) यकृतशोध B विषाणु HIV की तरह ही संचरित होता है।
(b) यकृतशोध C का टीका होता है, जबकि यकृतशोध B का कोई टीका नहीं होता।
(c) सार्वभौम रूप से यकृतशोध B और C विषाणुओं से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या HIV से संक्रमित लोगों की संख्या से कई गुना अधिक है।
(d) यकृतशोध B और C विषाणुओं से संक्रमित कुछ व्यक्तियों में अनेक वर्षों तक इसके लक्षण दिखाई नहीं देते।

उत्तर: (b)


प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा रोग टैटू गुदवाने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है? (2013) 

  1. चिकनगुनिया  
  2.  हेपेटाइटिस बी  
  3.  HIV-एड्स 

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: 

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3 

उत्तर: (b)

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