नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


शासन व्यवस्था

विश्व हेपेटाइटिस दिवस

  • 28 Jul 2022
  • 13 min read

प्रिलिम्स के लिये:

हेपेटाइटिस दिवस, हेपेटोट्रोपिक वायरस, अन्य रोग, हेपेटाइटिस बी

मेन्स के लिये:

वैश्विक और भारतीय स्तर पर हेपेटाइटिस की व्यापकता, हेपेटाइटिस से निपटने में चुनौतियाँ और वैश्विक लक्ष्य कैसे प्राप्त करें

चर्चा में क्यों?

वायरल हेपेटाइटिस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रत्येक वर्ष 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है।

  • वर्ष 2022 की थीम "ब्रिंगिंग हेपेटाइटिस केयर क्लोज़र टू यू’' (Bringing hepatitis care closer to you) है।
  • इसका उद्देश्य हेपेटाइटिस देखभाल को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं और समुदायों तक पहुँचाने की आवश्यकता को रेखांकित करना है, ताकि उपचार और देखभाल की बेहतर सुविधाएँ सुनिश्चित की जा सकें।

World-Hepatitis-Day

हेपेटाइटिस:

  • परिचय:
    • हेपेटाइटिस शब्द यकृत की किसी भी सूजन को संदर्भित करता है- किसी भी कारण से यकृत कोशिकाओं में होने वाली जलन या सूजन।
    • यह तीव्र भी हो सकता है (यकृत की सूजन जिस बीमारी की वजह से होती है उनमें पीलिया, बुखार, उल्टी आदि शामिल हैं) यकृत की सूजन छह महीने से अधिक समय तक भी रहती है, लेकिन अनिवार्य रूप से इसका कोई लक्षण नहीं दिखाई देता है।
  • कारण:
    • आमतौर पर यह A, B, C, D और E सहित "हेपेटोट्रोपिक" (यकृत निर्देशित) वायरस के एक समूह के कारण होता है।
    • अन्य वायरस भी इसका कारण हो सकते हैं, जैसे कि वैरिकाला वायरस जो चिकन पॉक्स का कारण बनता है
      • SARS-CoV-2, Covid-19 पैदा करने वाला वायरस भी यकृत को नुकसान पहुँचा सकता है।
    • अन्य कारणों में ड्रग्स और अल्कोहल का दुरुपयोग, यकृत में वसा का निर्माण (फैटी लीवर हेपेटाइटिस) या एक ऑटोइम्यून प्रक्रिया शामिल है जिसमें एक व्यक्ति का शरीर एंटीबॉडी बनाता है जो यकृत (ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस) पर हमला करता है।
    • हेपेटाइटिस एकमात्र संचारी रोग है जिसकी मृत्यु दर में वृद्धि हो रही है।
  • उपचार:
    • हेपेटाइटिस A और E स्व-सीमित रोग (self-limiting diseases) हैं (अर्थात् अपने आप दूर हो जाते हैं) और इसके लिये किसी विशिष्ट एंटीवायरल दवाओं की आवश्यकता नहीं होती है।
    • हेपेटाइटिस B और C के लिये प्रभावी दवाएँ उपलब्ध हैं।
  • वैश्विक परिदृश्य:
    • लगभग 354 मिलियन लोग हेपेटाइटिस B और C से पीड़ित हैं।
    • दक्षिण-पूर्व एशिया में हेपेटाइटिस के वैश्विक रुग्णता बोझ का 20% है।
    • सभी हेपेटाइटिस से संबंधित मौतों में से लगभग 95% सिरोसिस तथा हेपेटाइटिस B और C वायरस की वजह से होने वाले यकृत कैंसर के कारण होती हैं।
  • भारतीय परिदृश्य:
    • वायरल हेपेटाइटिस, हेपेटाइटिस वायरस A और E के कारण होता है, जो अभी भी भारत में एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है।
    • भारत में हेपेटाइटिस बी सरफेस एंटीजन और अनुमानित 40 मिलियन पुराने HVB संक्रमित लोगों के लिये "मध्यवर्ती से उच्च स्थानिकता" है, जो अनुमानित वैश्विक भार का लगभग 11% है।
    • भारत में क्रोनिक HBV संक्रमण का प्रसार लगभग 3-4% जनसंख्या पर है।
  • चुनौतियाँ:
    • स्वास्थ्य सेवाओं तक अक्सर समुदायों की पहुँच नहीं होती है क्योंकि वे आमतौर पर केंद्रीकृत/विशेषीकृत अस्पतालों में उच्च कीमत पर उपलब्ध होती हैं जिन्हें सभी द्वारा वहन नहीं किया जा सकता है।
    • देर से निदान या उचित उपचार की कमी के कारण लोगों की मौत हो जाती है। ऐसें में प्रारंभिक निदान, रोकथाम और सफल उपचार दोनों ही मामलों में आवश्यक है।
      • दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में हेपेटाइटिस वाले लगभग 10% लोग ही अपनी स्थिति के प्रति सजग हैं और उनमें से केवल 5% लोग इलाज करवा रहे हैं।
      • हेपेटाइटिस सी से ग्रसित अनुमानित 10.5 मिलियन लोगों में से केवल 7% ही अपनी स्थिति के प्रति सजग हैं, जिनमें से लगभग पाँच में से एक का इलाज चल रहा है।

हेपेटाइटिस हेतु वैश्विक लक्ष्य:

  • परिचय:
    • वैश्विक लक्ष्य 2030 तक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में वायरल हेपेटाइटिस को खत्म करना है
  • लक्ष्य की प्राप्ति:
    • वर्ष 2025 तक हमें हेपेटाइटिस बी और सी के नए संक्रमणों को 50% तक एवं यकृत कैंसर से होने वाली मौतों को 40% तक कम करना होगा, साथ ही यह सुनिश्चित करना चाहिये कि हेपेटाइटिस बी और सीपीड़ित 60% लोगों का निदान किया जाए और उनमें से आधे लोगों को उचित उपचार मिले।
    • क्षेत्र के सभी देशों में राजनीतिक प्रतिबद्धता बढ़ाने की आवश्यकता है और:
      • हेपेटाइटिस के लिये निरंतर घरेलू वित्तपोषण सुनिश्चित करना।
      • कीमतों को और कम करके दवाओं एवं निदान तक पहुँच में सुधार करना।
      • जागरूकता प्रसार के लिये संचार रणनीतियों का विकास करना।
      • HIV में विभेदित और जन-केंद्रित सेवा वितरण विकल्पों का अधिकतम उपयोग के लिये सेवा वितरण में सुधार करना तथा प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल दृष्टिकोण के अनुरूप लोगों की ज़रूरतों एवं प्राथमिकताओं के अनुसार सेवाएँ प्रदान करना।
      • परिधीय स्वास्थ्य सुविधाओं, समुदाय-आधारित क्षेत्रों और अस्पताल से परे स्थानों पर हेपेटाइटिस देखभाल का विकेंद्रीकरण रोगियों को उनके घरों के करीब इलाज़ की सुविधा प्रदान करेगा
    • WHO द्वारा वायरल हेपेटाइटिस, एचआईवी और यौन संचारित संक्रमण (STI) के निदान हेतु वर्ष 2022-2026 के लिये एकीकृत क्षेत्रीय कार्ययोजना विकसित की जा रही है।
      • यह क्षेत्र के लिये उपलब्ध सीमित संसाधनों का प्रभावी और कुशल उपयोग सुनिश्चित करेगा तथा देशों को रोग-विशिष्ट दृष्टिकोण के बजाय व्यक्ति-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने के लिये मार्गदर्शन करेगा।

आगे की राह

  • स्वच्छ भोजन और उचित व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ-साथ साफ पानी एवं स्वच्छता हमें हेपेटाइटिस A और E से बचा सकती है।
  • हेपेटाइटिस B और C को रोकने के उपायों में जन्म की खुराक सहित हेपेटाइटिस B टीकाकरण के साथ-साथ सुरक्षित रक्त, सुरक्षित सेक्स और सुरक्षित सुई के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
  • नई और शक्तिशाली एंटीवायरल दवाओं के साथ-साथ हेपेटाइटिस B को रोकने के लिये सुरक्षित और प्रभावी टीके मौज़ूद हैं जिनका उपयोग क्रोनिक हेपेटाइटिस B के प्रबंधन और हेपेटाइटिस C के अधिकांश मामलों के इलाज में किया जा सकता है।
    • प्रारंभिक निदान और जागरूकता अभियानों के साथ इन हस्तक्षेपों में वैश्विक स्तर पर वर्ष 2030 तक निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों में 4.5 मिलियन समय पूर्व होने वाली मौतों को रोकने की क्षमता है।

नोट:

  • हेपेटाइटिस बी को भारत के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) के तहत शामिल किया गया है। जो हीमोफिलस इन्फ्लुएंज़ा टाइप बी (Hib), खसरा, रूबेला, जापानी इंसेफेलाइटिस (JE), रोटावायरस डायरिया के कारण ग्यारह (हेपेटाइटिस B को छोड़कर) वैक्सीन-रोकथाम योग्य बीमारियों यानी तपेदिक, डिप्थीरिया, पर्टुसिस, टेटनस, पोलियो, निमोनिया और मेनिनजाइटिस के खिलाफ मुफ्त टीकाकरण प्रदान करता है।
  • बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और थाईलैंड विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में हेपेटाइटिस बी को सफलतापूर्वक नियंत्रित करने वाले पहले चार देश बन गए हैं।
  • हाल ही में 'COBAS 6800' नामक एक स्वचालित कोरोनावायरस परीक्षण उपकरण लॉन्च किया गया था जो वायरल हेपेटाइटिस B और C का भी पता लगा सकता है।
  • यह ध्यान दिया जा सकता है कि केवल चार बीमारियों जैसे HIV-एड्स (1 दिसंबर), टीबी (24 मार्च), मलेरिया (25 अप्रैल), हेपेटाइटिस के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) आधिकारिक तौर पर रोग-विशिष्ट वैश्विक जागरूकता दिवसों का समर्थन करता है।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न (पीवाईक्यू)

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही नहीं है?

(a) यकृतशोध B विषाणु HIV की तरह ही संचरित होता है।
(b) यकृतशोध C का टीका होता है, जबकि यकृतशोध B का कोई टीका नहीं होता।
(c) सार्वभौम रूप से यकृतशोध B और C विषाणुओं से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या HIV से संक्रमित लोगों की संख्या से कई गुना अधिक है।
(d) यकृतशोध B और C विषाणुओं से संक्रमित कुछ व्यक्तियों में अनेक वर्षों तक इसके लक्षण दिखाई नहीं देते।

उत्तर: (b)

व्याख्या:

  • यकृतशोथ/हेपेटाइटिस B के खिलाफ टीका वर्ष 1982 से उपलब्ध है। यह टीका संक्रमण को रोकने और पुरानी बीमारी व यकृत कैंसर के खिलाफ 95% प्रभावी है, जिसके कारण इसे पहले 'कैंसर रोधी' टीका के रूप में जाना जाने लगा।
  • डब्ल्यूएचओ के आँकड़ों के अनुसार, अनुमानित 296 मिलियन लोग हेपेटाइटिस B के साथ जी रहे हैं, जबकि अनुमानित 58 मिलियन लोगों को क्रोनिक हेपेटाइटिस C संक्रमण है। वर्ष 2020 के अंत में लगभग 37.7 मिलियन लोग एचआईवी से संक्रमित थे, जिसमें 1.5 मिलियन लोग वैश्विक स्तर पर वर्ष 2020 में नए संक्रमित हुए।
  • हेपेटाइटिस C एक यकृत रोग है जो हेपेटाइटिस वायरस के कारण होता है, जिसकी गंभीरता कुछ हफ्तों तक चलने वाली हल्की बीमारी से लेकर गंभीर, आजीवन बीमारी तक होती है। हेपेटाइटिस C वायरस एक रक्त जनित वायरस है और संक्रमण का सबसे आम तरीका रक्त के साथ संपर्क में आने से होता है। यह नशीली दवाओं के उपयोग, असुरक्षित इंजेक्शन प्रथाओं, असुरक्षित स्वास्थ्य देखभाल और बिना जाँचे रक्त और रक्त उत्पादों के आधान के माध्यम से हो सकता है। कभी-कभी हेपेटाइटिस B एवं C वायरस कई वर्षों तक लक्षण नहीं दिखाते हैं।

अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।

स्रोत : द हिंदू

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow