लक्षद्वीप द्वीप समूह में INS जटायु
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
लक्षद्वीप द्वीप समूह में उन्नत नौसैनिक अड्डे INS जटायु का जलावतरण भारत की समुद्री सुरक्षा रणनीति विशेषकर हिंद महासागर क्षेत्र में बढ़ते चीनी के प्रभाव के संदर्भ में एक महत्त्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है।
- इसके अतिरिक्त, भारतीय नौसेना ने कोच्चि में अपने पहले MH-60R मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन इंडियन नेवल एयर स्क्वाड्रन (INAS) 334 का परिचालन किया, जो इसके रोटरी बेड़े और इसकी पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं के लिये एक प्रमुख क्षमता वृद्धि है।
INS जटायु की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- INS जटायु, पूर्व में नौसेना टुकड़ी मिनिकॉय को लक्षद्वीप द्वीपसमूह में मिनिकॉय द्वीप पर एक उन्नत नौसैनिक अड्डे के रूप में नियुक्त किया गया है।
- यह नौसेना प्रभारी अधिकारी (लक्षद्वीप), दक्षिणी नौसेना कमान के परिचालन नियंत्रण के तहत कार्य करेगा।
- यह बेस हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की परिचालन पहुँच को बढ़ाने के साथ ही समुद्री डकैती विरोधी, मादक द्रव्य विरोधी और निगरानी कार्यों के लिये भी इसकी क्षमताओं को बढ़ाता है।
- लक्षद्वीप द्वीपसमूह के सुदूर दक्षिणी एटोल मिनिकॉय में स्थित, INS जटायु रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण समुद्री संचार लाइनों की अनदेखी करता है, जो इस क्षेत्र में भारत की समुद्री उपस्थिति को सुदृढ़ करता है।
- हिंद महासागर में चीन की बढ़ती उपस्थिति के मद्देनज़र, INS जटायु भारत की समुद्री प्रभुत्व और क्षेत्रीय अखंडता को कमज़ोर करने के किसी भी प्रयास को संतुलित करने एवं रोकने की क्षमता को मज़बूत करता है।
- NS जटायु प्रभावी रूप से लक्षद्वीप में देश का दूसरा नौसैनिक बेस होगा। कवरत्ती में द्वीपों पर नौसेना के पहले बेस INS द्वीपरक्षक की शुरुआत वर्ष 2012 में की गई थी।
- INS जटायु में हवाई अड्डा और कर्मियों के आवास सहित अतिरिक्त बुनियादी ढाँचे की सुविधा होगी जिसका उद्देश्य नौसेना संचालन का समर्थन करना तथा व्यापक सुरक्षा कवरेज सुनिश्चित करना है।
- INS जटायु मिनिकॉय द्वीप पर स्थित है। मिनिकॉय द्वीप 8 डिग्री चैनल और 9 डिग्री चैनल जैसी महत्त्वपूर्ण समुद्री संचार लाइनों (SLOC) के मध्य स्थित है जिसके पारिणामस्वरूप यह अत्यधिक समुद्री यातायात के कारण होने वाले समुद्री प्रदूषण के प्रति अतिसंवेदनशील है।
- 8 डिग्री चैनल भारतीय मिनिकॉय द्वीप को मालदीव से अलग करता है।
- 9 डिग्री चैनल मिनिकॉय द्वीप को लक्षद्वीप द्वीपसमूह से अलग करता है।
लक्षद्वीप द्वीपसमूह
- भारत का सबसे छोटा केंद्रशासित प्रदेश, लक्षद्वीप (संस्कृत और मलयालम में अर्थ- 'एक लाख द्वीप') एक द्वीपसमूह है जिसमें कोच्चि से 220 किमी. और 440 किमी. के बीच स्थित 36 द्वीप शामिल हैं।
- इस द्वीपसमूह का कुल क्षेत्रफल केवल 32 वर्ग किमी. है जिनमें से मात्र 11 द्वीपों पर लोग निवास करते हैं। यह केंद्र के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन है।
- लक्षद्वीप हिंद महासागर में स्थित कोरलाइन द्वीपों की शृंखला का हिस्सा है जिसमें दक्षिण में मालदीव और भूमध्य रेखा के दक्षिण में चागोस द्वीपसमूह शामिल है।
INAS 334 स्क्वाड्रन से संबंधित मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- भारतीय नौसेना एयर स्क्वाड्रन (INAS) 334, MH-60R हेलीकॉप्टर श्रेणी का पहला स्क्वाड्रन है, जिन्हें "सीहॉक्स" की संज्ञा दी जाती है। स्क्वाड्रन को INS गरुड़, कोच्चि में तैनात किया गया था।
- स्क्वाड्रन फरवरी 2020 में 24-विमानों के लिये संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ हस्ताक्षरित विदेशी सैन्य बिक्री (FMS) अनुबंध का एक हिस्सा है।
- MH 60आर सीहॉक ब्लैकहॉक हेलीकॉप्टर का एक समुद्री संस्करण है जो निम्नलिखित विभिन्न अनुप्रयागों के लिये डिज़ाइन किया गया है:
- हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में सीहॉक्स की तैनाती भारतीय नौसेना की समुद्री उपस्थिति को मज़बूत करने के साथ ही संभावित खतरों को दूर करती है तथा रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण इस क्षेत्र में एक सुरक्षित वातावरण निर्मित करती है।
भारतीय नौसेना के कमांड:
- इसमें तीन ऑपरेशनल एवं एक थियेटर कमांड शामिल हैं। प्रत्येक कमांड का नेतृत्व वाइस एडमिरल रैंक का एक फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ करता है। अंडमान एवं निकोबार कमांड, 2001: यह पोर्ट ब्लेयर,अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह पर आधारित एक एकीकृत त्रि-सेवा थियेटर कमांड है।
- इसमें भारतीय नौसेना, भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना तथा भारतीय तटरक्षक बल शामिल हैं।
कमांड |
स्थापना वर्ष |
मुख्यालय |
उत्तरदायित्व का क्षेत्र |
पश्चिमी नौसेना कमांड |
1963 |
मुंबई |
अरब सागर, गुजरात से महाराष्ट्र तक समुद्र तट, जिसमें गोवा, लक्षद्वीप और मिनिकॉय द्वीप समूह शामिल हैं। |
पूर्वी नौसेना कमान |
1971 |
विशाखापत्तनम |
बंगाल की खाड़ी, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु की तटरेखा |
दक्षिणी नौसेना कमान |
1951 |
कोच्चि |
हिंद महासागर, केरल, कर्नाटक और लक्षद्वीप तथा मिनिकॉय द्वीप समूह की तटरेखा |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. द्वीपों के निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म 'दस डिग्री चैनल' द्वारा एक-दूसरे से अलग किया जाता है? (2014) (a) अंडमान और निकोबार उत्तर: (a) प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा 'INS अस्त्रधारिणी' का सबसे अच्छा विवरण है, जो हाल ही में खबरों में था? (वर्ष 2016) (A) उभयचर युद्ध पोत उत्तर: (C) प्रश्न 3. हिंद महासागर नौसेना परिसंवाद (सिम्पोज़ियम) (IONS) के संबंध में निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2017)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b) व्याख्या:
अतः विकल्प (b) सही है। मेन्स:प्रश्न. 'मोतियों के हार' (द स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स) से आप क्या समझते हैं? यह भारत को किस प्रकार प्रभावित करता है? इसका सामना करने के लिये भारत द्वारा उठाए गए कदमों की संक्षिप्त रूपरेखा दीजिये। (2013) प्रश्न. मालदीव में पिछले दो वर्षों में हुई राजनैतिक घटनाओं की विवेचना कीजिये। यह बताइए कि क्या ये भारत के लिये चिंता का विषय है? (2013) |
विद्युत (उपभोक्ताओं के अधिकार) नियम, 2020 में संशोधन
स्रोत:पी.आई.बी
चर्चा में क्यों?
ग्राहकों को सशक्त बनाने के साथ छत पर सौर परियोजनाओं के निर्माण में तेज़ी लाने के प्रयास में, विद्युत मंत्रालय ने विद्युत (ग्राहकों के अधिकार) नियम, 2020 में संशोधन अधिसूचित किया है। ये संशोधन आवासों में कनेक्शन के मुद्दों को संबोधित करते हैं और साथ ही मीटर रीडिंग की शिकायतों का समाधान भी करते हैं।
विद्युत नियम, 2020 में प्रमुख संशोधन क्या हैं?
- छत पर सौर ऊर्जा प्रणाली की सरल एवं त्वरित स्थापना:
- 10 किलोवाट क्षमता तक की प्रणालियों के लिये तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन की आवश्यकता से छूट प्रदान की गई है।
- 10 किलोवाट से अधिक क्षमता की प्रणालियों के लिये व्यवहार्यता अध्ययन पूरा करने की समय-सीमा 20 दिन से घटाकर 15 दिन कर दी गई है।
- एक तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन में आमतौर पर साइट उपयुक्तता, इमारत की संरचनात्मक अखंडता, उपलब्ध सूरज की रोशनी, विद्युत बुनियादी ढाँचे की अनुकूलता एवं संभावित बाधाओं अथवा चुनौतियों जैसे कारकों का आकलन करना शामिल होता है जो सौर पैनलों की स्थापना और संचालन को प्रभावित कर सकते हैं।
- यह अनिवार्य है कि 5 किलोवाट क्षमता तक की छत पर सौर PV प्रणालियों के लिये आवश्यक वितरण प्रणाली का सुदृढ़ीकरण वितरण कंपनी द्वारा अपनी लागत पर किया जाएगा।
- इसके अलावा, वितरण लाइसेंसधारी के लिये रूफटॉप सोलर PV सिस्टम चालू करने की समय-सीमा 30 से घटाकर 15 दिन कर दी गई है।
- इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों के लिये अलग कनेक्शन:
- उपभोक्ता अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिये अलग से बिजली कनेक्शन प्राप्त कर सकते हैं।
- यह भारत के कार्बन उत्सर्जन को कम करने और वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के लक्ष्य के अनुरूप है।
- नया बिजली कनेक्शन प्राप्त करने की समयावधि महानगरीय क्षेत्रों में 7 से घटाकर 3 दिन, अन्य नगर निगम क्षेत्रों में 15 से घटाकर 7 दिन और ग्रामीण क्षेत्रों में 30 से घटाकर 15 दिन कर दी गई है।
- हालाँकि, पहाड़ी इलाकों वाले ग्रामीण क्षेत्रों में नए कनेक्शन या मौजूदा कनेक्शन में संशोधन के लिये समय अवधि 30 दिन ही रहेगी।
- उपभोक्ता अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिये अलग से बिजली कनेक्शन प्राप्त कर सकते हैं।
- कॉलोनियों और फ्लैटों में उपभोक्ताओं के लिये अतिरिक्त अधिकार:
- सहकारी समूह हाउसिंग सोसायटियों, बहुमंज़िली इमारतों, आवासीय कॉलोनियों आदि में रहने वाले मालिकों के पास वितरण लाइसेंसधारी से या तो सभी के लिये व्यक्तिगत कनेक्शन या पूरे परिसर के लिये एकल-बिंदु कनेक्शन चुनने का विकल्प होगा।
- इस विकल्प का प्रयोग वितरण कंपनी द्वारा किये जाने वाले पारदर्शी मतदान पर आधारित होगा।
- एकल-बिंदु कनेक्शन के माध्यम से बिजली की आपूर्ति पाने वाले उपभोक्ताओं और व्यक्तिगत कनेक्शन का लाभ उठाने वाले उपभोक्ताओं से वसूले जाने वाले प्रशुल्क/टैरिफ में भी समानता लाई गई है।
- निम्नलिखित विषयों के संबंध में मीटरिंग, बिलिंग और संग्रहण अलग से किया जाएगा:
- वितरण लाइसेंसधारक से प्राप्त व्यक्तिगत बिजली की खपत
- आवासीय संघ द्वारा आपूर्ति की गई बैकअप बिजली की व्यक्तिगत खपत
- ऐसे आवासीय संघों के कॉमन एरिया के लिये बिजली की खपत, जो वितरण लाइसेंसधारक से प्राप्त की जाती है।
- शिकायतों के मामलों में अतिरिक्त मीटर की आवश्यक सुविधा:
- उपभोक्ता द्वारा मीटर रीडिंग के उनकी वास्तविक बिजली खपत के अनुरूप नहीं होने की शिकायत करने जैसे मामलों में वितरण लाइसेंसधारक को शिकायत मिलने की तिथि से पाँच दिनों के भीतर एक अतिरिक्त मीटर स्थापित करना अनिवार्य कर दिया गया है।
- इस अतिरिक्त मीटर का उपयोग न्यूनतम तीन माह की अवधि के लिये खपत को जाँचने के लिये किया जाएगा, इस प्रकार उपभोक्ताओं को आश्वस्त किया जाएगा और बिलिंग में सटीकता सुनिश्चित की जाएगी।
- उपभोक्ता द्वारा मीटर रीडिंग के उनकी वास्तविक बिजली खपत के अनुरूप नहीं होने की शिकायत करने जैसे मामलों में वितरण लाइसेंसधारक को शिकायत मिलने की तिथि से पाँच दिनों के भीतर एक अतिरिक्त मीटर स्थापित करना अनिवार्य कर दिया गया है।
सौर ऊर्जा से संबंधित अन्य सरकारी पहल क्या हैं? |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) मेन्स:प्रश्न. भारत में सौर ऊर्जा की प्रचुर संभावनाएँ हैं, हालाँकि इसके विकास में क्षेत्रीय भिन्नताएँँ हैं। विस्तृत वर्णन कीजिये। (2020) |
क्लॉड 3 AI चैटबॉट
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में कृत्रिम बुद्धिमत्ता स्टार्ट-अप एंथ्रोपिक ने क्लॉड 3 नामक AI मॉडल के अपने नवीनतम शृंखला की घोषणा की। एंथ्रोपिक के अनुसार यह "संज्ञानात्मक कार्यों की एक विस्तृत शृंखला के संबंध में नए उद्योग मानक स्थापित करता है"।
- इस शृंखला में तीन अत्याधुनिक AI मॉडल शामिल हैं- क्लॉड 3 हाइकु, क्लॉड 3 सॉनेट और क्लॉड 3 ओपस (क्षमता के आरोही क्रम में वर्णित)।
नोट:
- एंथ्रोपिक (Anthropic), OpenAI का प्रतिद्वंद्वी है जिसकी शुरुआत ChatGPT मेकर में शामिल पूर्व के अभिकर्त्ताओं द्वारा की गई थी।
- OpenAI का बिज़नेस पार्टनर माइक्रोसॉफ्ट है जबकि एंथ्रोपिक का प्राथमिक क्लाउड कंप्यूटिंग पार्टनर अमेज़ॅन है।
क्लॉड 3 क्या है?
- परिचय:
- क्लॉड, एंथ्रोपिक द्वारा विकसित लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) का एक समूह है।
- LLM जेनरेटिव AI मॉडल का एक विशिष्ट वर्ग है जिसे मानव की भाँति संदेश को समझने और उत्पन्न करने के लिये प्रशिक्षित किया जाता है।
- चैटबॉट टेक्स्ट, वॉयस मैसेज और दस्तावेज़ों को संभालने में सक्षम है।
- चैटबॉट अपने प्रत्स्पर्द्धियों की तुलना में तेज़, प्रासंगिक रेस्पॉन्स जेनरेट करने में सक्षम है।
- क्लॉड, एंथ्रोपिक द्वारा विकसित लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) का एक समूह है।
- ट्रेनिंग:
- क्लाउड स्रोतों में इंटरनेट और कुछ लाइसेंस प्राप्त डेटासेट शामिल हैं जो दो तरीकों, सुपरवाइज़्ड लर्निंग (SL) तथा रीइन्फोर्समेंट लर्निंग (RL) का उपयोग करते हैं।
- SL चरण में, LLM संकेतों पर रेस्पॉन्स जेनरेट करता है और फिर गाइडिंग प्रिंसिपल के एक सेट के आधार पर उनका स्व-मूल्यांकन करता है।
- यह बाद में रेस्पॉन्स को संशोधित करता है और इसके निर्माताओं के अनुसार, इस रेस्पॉन्स का उद्देश्य AI के आउटपुट के हानिकारक प्रभावों को कम करना है।
- RL चरण में AI-जनित फीडबैक के आधार पर मॉडल की ट्रेनिंग शामिल है, जिसमें AI के वैधानिक सिद्धांतों के एक सेट के आधार पर रेस्पॉन्स का मूल्यांकन करता है।
- इन तरीकों और सामान्य दृष्टिकोण का चयन क्लाउड को सहायक एवं हानिरहित बनाने के उद्देश्य से किया गया है।
- क्लाउड 3:
- नई रिलीज़ों में, क्लाउड 3 ओपस सबसे शक्तिशाली मॉडल है, क्लाउड 3 सॉनेट मध्य मॉडल है जो सक्षम और कीमत प्रतिस्पर्द्धी है तथा क्लाउड 3 हाइकु किसी भी उपयोग के मामले हेतु प्रासंगिक है जिसके लिये तत्काल प्रतिक्रिया की आवश्यकता होती है।
- क्लाउड सॉनेट वर्तमान में Claude.ai चैटबॉट को निशुल्क संचालित करता है और उपयोगकर्त्ताओं को केवल एक ई-मेल साइन-इन की आवश्यकता होती है।
- हालाँकि ओपस केवल एंथ्रोपिक के वेब चैट इंटरफेस के माध्यम से उपलब्ध है और यदि किसी उपयोगकर्त्ता ने एंथ्रोपिक वेबसाइट पर क्लाउड प्रो सेवा की सदस्यता ली है।
- नई रिलीज़ों में, क्लाउड 3 ओपस सबसे शक्तिशाली मॉडल है, क्लाउड 3 सॉनेट मध्य मॉडल है जो सक्षम और कीमत प्रतिस्पर्द्धी है तथा क्लाउड 3 हाइकु किसी भी उपयोग के मामले हेतु प्रासंगिक है जिसके लिये तत्काल प्रतिक्रिया की आवश्यकता होती है।
- क्लाउड 3 की सीमाएँ:
- क्लॉड 3 तथ्यात्मक प्रश्नों का उत्तर देने और ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन (OCR) यानी छवियों से पाठ निकालने की क्षमता जैसे कार्यों में अच्छा प्रदर्शन करता है।
- कथित तौर पर नया मॉडल निर्देशों का पालन करने और शेक्सपियरियन सॉनेट लिखने जैसे कार्यों को पूरा करने में अच्छा है।
- हालाँकि कई बार इसे जटिल तर्क एवं गणितीय समस्याओं से जूझना पड़ता है। इसने अपनी प्रतिक्रियाओं में पूर्वाग्रहों का भी प्रदर्शन किया, जैसे- दूसरों की तुलना में एक निश्चित नस्लीय समूह का पक्ष लेना।
- क्लॉड 3 तथ्यात्मक प्रश्नों का उत्तर देने और ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन (OCR) यानी छवियों से पाठ निकालने की क्षमता जैसे कार्यों में अच्छा प्रदर्शन करता है।
और पढ़ें…लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स, ChatGPT चैटबोट, AI के नैतिक प्रभाव
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. विकास की वर्तमान स्थिति में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence), निम्नलिखित में से किस कार्य को प्रभावी रूप से कर सकती है? (2020)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1, 2, 3 और 5 उत्तर: (b) |
डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म और चक्षु
स्रोत: द हिंदू
दूरसंचार विभाग द्वारा संचार साथी पोर्टल के माध्यम से स्पैम एवं धोखाधड़ी कॉल से निपटने के लिये दो पहल, चक्षु, डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (DIP) की शुरुआत की।
- चक्षु (जिसका अर्थ है- आँख) डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म है जो sancharsathi.gov.in/sfc पर उपलब्ध है, जिससे नागरिकों को संदिग्ध संचार की रिपोर्ट करने में सुविधा प्राप्त होती है।
- प्लेटफॉर्म उपयोगकर्त्ताओं को विभिन्न प्रकार की धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने में सहायता प्रदान करता है, जिसमें बैंक खाते, भुगतान वॉलेट, सिम कार्ड, गैस तथा बिजली कनेक्शन, KYC अपडेट, प्रतिरूपण के साथ-साथ सेक्सटॉर्शन से संबंधित धोखाधड़ी शामिल है।
- चक्षु का प्राथमिक उद्देश्य संदिग्ध गतिविधियों की सक्रिय रिपोर्टिंग को सक्षम बनाना, दूरसंचार से संबंधित धोखाधड़ी तथा स्पैम कॉल की रोकथाम और शमन में योगदान प्रदान करना है।
- भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण, चक्षु प्लेटफॉर्म हेतु एक ऐप विकसित करने पर कार्य कर रहा है, जो उपयोगकर्त्ताओं के लिये रिपोर्टिंग प्रक्रिया को और सुव्यवस्थित करेगा।
- DIP दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, कानून प्रवर्तन एजेंसियों (LEA), बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों के व्यापक स्पेक्ट्रम को कवर करने वाले हितधारकों के बीच खुफिया जानकारी साझा करने के साथ-साथ सूचना विनिमय के माध्यम से दूरसंचार संसाधनों तथा डेटा के दुरुपयोग को रोकने के लिये DoT द्वारा बनाया गया एक सुरक्षित और एकीकृत मंच है।
- यह "दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (TSP), LEA, बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों, पहचान दस्तावेज़ जारी करने वाले प्राधिकरणों आदि के लिये एक गैर-सार्वजनिक डेटा-साझाकरण संसाधन होगा।
और पढ़ें… विश्व दूरसंचार दिवस 2023
आर्कटिक और ग्रेट लेक्स में बर्फ की स्थिति
स्रोत: डाउन टू अर्थ
एक हालिया अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि उत्सर्जन परिदृश्यों के बावजूद वर्ष 2030 के अगस्त या सितंबर तक आर्कटिक क्षेत्र में प्रारंभिक बर्फ-मुक्त स्थिति बनी रहेगी जिसकी पुनरावृत्ति की संभावना सदी के मध्य (वर्ष 2035-2067) तक होगी।
- हाल के वर्षों के दौरान सितंबर 2023 में आर्कटिक महासागर में लगभग 3.3 मिलियन km2 समुद्री बर्फ थी, जो न्यूनतम स्तर पर थी।
- आर्कटिक समुद्री बर्फ प्रत्येक वर्ष सितंबर में अपनी न्यूनतम सीमा तक चली जाती है।
- समवर्ती रूप से, ग्रेट लेक्स, जिसमें सुपीरियर, मिशिगन, ह्यूरन, एरी और ओंटारियो शामिल हैं, में लगातार 2 वर्षों से बर्फ के आवरण में उल्लेखनीय रूप से कमी देखी गई है।
- ये पृथ्वी के 'फ्रेशवाॅटर टॉवर' के रूप में प्रसिद्ध हैं और अब ग्लोबल वार्मिंग एवं अल नीनो घटना के कारण बर्फ के आवरण में अभूतपूर्व गिरावट देखी जा रही है।
- वर्ष 2023 को रिकॉर्ड पर सबसे गर्म वर्ष के रूप में नामित किया गया था, जो बहुत हद तक अल नीनो से प्रभावित था।
- ये पृथ्वी के 'फ्रेशवाॅटर टॉवर' के रूप में प्रसिद्ध हैं और अब ग्लोबल वार्मिंग एवं अल नीनो घटना के कारण बर्फ के आवरण में अभूतपूर्व गिरावट देखी जा रही है।
और पढ़ें: आर्कटिक क्षेत्र और पिघलते बर्फ, ग्रेट लेक्स
भारत की पहली अंडरवाटर मेट्रो सेवा
स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स
प्रधानमंत्री ने भारत की पहली अंडरवाटर परिवहन सुरंग के उद्घाटन के क्रम में, कोलकाता मेट्रो के एस्प्लेनेड-हावड़ा मैदान खंड का उद्घाटन किया।
- हुगली नदी के नीचे से गुज़रने वाला यह मार्ग, देश के इंजीनियरिंग कौशल का प्रदर्शन करने वाला, भारत में सबसे गहरे मेट्रो स्टेशन (30 मीटर की गहराई वाले हावड़ा मेट्रो स्टेशन) का परिचायक है।
- हुगली नदी (जिसे भागीरथी-हुगली और कटी-गंगा नदियों के नाम से भी जाना जाता है) पश्चिम बंगाल की महत्त्वपूर्ण नदियों में से एक है। यह लगभग 260 किमी लंबी है और गंगा नदी की एक सहायक नदी या शाखा है। इसकी उत्पात्ति मुर्शिदाबाद (जहाँ गंगा दो भागों में विभाजित हो जाती है) में होती है - बांग्लादेश से बहने वाली शाखा को पद्मा कहा जाता है तथा इसकी दूसरी शाखा हुगली कहलाती है।
और पढ़ें: अटल सेतु न्हावा शेवा सी लिंक, सुदर्शन सेतु
वैश्विक सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन फोरम
स्रोत: डाउन टू अर्थ
कोलंबिया के कार्टाजेना डी इंडियास में पहले ग्लोबल सर्वाइकल कैंसर एलिमिनेशन फोरम (GCF) ने विश्व बैंक, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और यूनिसेफ से लगभग 600 मिलियन अमेरिकी डॉलर की फंडिंग हासिल की।
- इस धनराशि का उपयोग सर्वाइकल कैंसर के टीकाकरण, जाँच और उपचार तक वैश्विक पहुँच बढ़ाने के लिये किया जाएगा।
- फोरम का उद्देश्य सरकारों, दानदाताओं, नागरिक समाज और अन्य लोगों को सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन के लिये प्रेरित करना तथा वैश्विक समुदाय को प्रेरित करना है।
- गर्भाशय ग्रीवा कैंसर, एक प्रकार का कैंसर है जो गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में प्रारंभ होता है। गर्भाशय ग्रीवा, गर्भाशय (गर्भ) का निचला, संकीर्ण सिरा है। गर्भाशय ग्रीवा, गर्भाशय को योनि (जन्म नलिका) से जोड़ती है। यह लंबे समय तक चलने वाले (ह्यूमन पेपिलोमावायरस) HPV संक्रमण के कारण होता है, जो यौन संपर्क के माध्यम से प्रसारित होने वाला एक आम वायरस है।
- सर्वाइकल कैंसर को वैश्विक स्तर पर महिलाओं में चौथा सबसे अधिक प्रचलित कैंसर माना जाता है।
- रोकथाम और उन्मूलन के लिये उपलब्ध उपकरणों के बावजूद, यह वैश्विक स्तर पर हर 2 मिनट में एक महिला की जान ले लेता है, वर्ष 2022 में सर्वाइकल कैंसर से होने वाली 90% से अधिक मौतें निम्न तथा मध्यम आय वाले देशों में होंगी।
- नवंबर 2020 में लॉन्च की गई सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन के लिये WHO की वैश्विक रणनीति, 2030 तक लक्ष्य:
- 90% लड़कियों को 15 वर्ष की उम्र तक HPV के खिलाफ टीका लगाया गया।
- 35 और 45 वर्ष की उम्र में 70% महिलाओं की उच्च-प्रदर्शन परीक्षण से जाँच की गई।
- सर्वाइकल रोग से पीड़ित 90% महिलाओं को उपचार मिलता है।
- भारत सरकार 9-14 वर्ष की लड़कियों के लिये ह्यूमन पेपिलोमावायरस के खिलाफ तीन चरण का टीकाकरण अभियान शुरू करने का इरादा रखती है, जिसका लक्ष्य सर्वाइकल कैंसर के खतरे को कम करना है।
और पढ़ें: सर्वाइकल कैंसर रोकथाम पहल का विस्तार, सर्वाइकल कैंसर के लिये HPV टीका