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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    आंतरिक जलमार्गों के रूप में नदियाँ बहुत उपयोगी हैं। महत्त्वपूर्ण वाणिज्यिक मार्ग के रूप में विश्व के प्रमुख नदी जलमार्गों का उल्लेख करें। भारत में इनका विकास क्यों बाधित रहा है?

    18 Aug, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोल

    उत्तर :

    नदियाँ, नहरें, झीलें प्राचीन समय से ही महत्त्वपूर्ण जलमार्ग रहे हैं। सघन वनों वाले क्षेत्रों में तो मात्र नदियाँ ही परिवहन का साधन रही हैं। आतंरिक जलमार्गों के रूप में नदियों की सार्थकता घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय परिवहन तथा व्यापार के क्षेत्र में सिद्ध हो चुकी है। विश्व के नदी जलमार्ग जो प्रमुख वाणिज्यिक मार्ग भी हैं, इस प्रकार हैं-

    • राइन नदी जलमार्ग – यह नदी जर्मनी व नीदरलैंड से प्रवहित होती है। रूर नदी पूर्व से आकर राइन नदी  से मिलती है। यह नदी एक संपन्न कोयला क्षेत्र से प्रवाहित होती है तथा यह संपूर्ण नदी बेसिन विनिर्माण की दृष्टि से अत्यधिक संपन्न है। 
    • डेन्यूब नदी जलमार्ग – डेन्यूब, ब्लैक फॉरेस्ट से निकलकर अनेक देशों से होती हुई पूर्व की ओर बहती है। गेहूँ, मक्का, इमारती लकड़ी, मशीनरी आदि इसके द्वारा निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुएँ हैं।
    • वोल्गा नदी जलमार्ग- रूस के कई विकसित जलमार्गों में से वोल्गा जलमार्ग सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण मार्ग है। यह नदी लगभग 11000 किलोमीटर तक नौकायन की सुविधा प्रदान करती है।
    • ग्रेट लेक्स-सेंट लॉरेंस जलमार्ग- उत्तरी अमेरिका की ग्रेट लेक्स सुपीरियर, ह्यूरॉन, इरी व ओंटारियो, सू नहर तथा वेलेंड नहर द्वारा जुड़े हुए हैं। ग्रेट लेक्स के साथ सेंट लॉरेंस नदी उत्तरी अमेरिका के लिये विशिष्ट वाणिज्यिक मार्ग का निर्माण करती है।
      नदी-संसाधन की प्रचुरता होने के बावज़ूद भारत में आंतरिक जलमार्गों का उल्लेखनीय विकास नहीं हो पाया है। इसके निम्नलिखित कारण हैं-
    • भारत की प्रायद्वीपीय नदियाँ वर्षा पर निर्भर करती हैं। मानसून के अलावा वर्ष के अन्य समय इनका जलस्तर नीचे तथा बहाव की गति मंद रहती है।
    • देश की बड़ी आबादी के लिये पेयजल एवं कृषि के लिये सिंचाई कार्यों में नदी जल की बड़ी मात्रा का उपभोग कर लिया जाता है। 
    • हिमालयी नदियों में वर्ष भर जलस्तर तो ठीक रहता है, परंतु इनके तल में लगातार सिल्ट व गाद के जमाव के कारण जल परिवहन संभव नहीं हो पाता।
    • बुनियादी संरचना में निवेश की कमी भी इस क्षेत्र के कम विकसित होने का कारण है।
      भारत में नदी परिवहन को सड़क तथा रेल-परिवहन के साथ समेकित करके अधिक उपयोगी बनाया जा सकता है।

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