प्रारंभिक परीक्षा
दूरसंचार विभाग द्वारा ब्रॉडबैंड की परिभाषा का अद्यतन
- 16 Feb 2023
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भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (Telecom Regulatory Authority of India- TRAI) की सिफारिश पर दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications- DoT) ने दूरसंचार ऑपरेटरों हेतु ब्रॉडबैंड की परिभाषा को अद्यतन किया है, जिसमें वर्ष 2013 से लागू 512Kbps की न्यूनतम गति को बढ़ाकर 2Mbps कर दिया गया है।
- TRAI के आँकड़ों के अनुसार, पिछली परिभाषा के तहत नवंबर 2022 में भारत में 825.38 मिलियन ब्रॉडबैंड उपयोगकर्त्ता थे।
नई परिभाषा:
- ब्रॉडबैंड एक डेटा कनेक्शन है जो इंटरनेट एक्सेस सहित इंटरएक्टिव सेवाओं का समर्थन कर सकता है और ब्रॉडबैंड सेवा प्रदान करने के इच्छुक सेवा प्रदाता की उपस्थिति के बिंदु (Point of Presence- POP) से व्यक्तिगत ग्राहक हेतु 2Mbps (मेगाबिट्स प्रति सेकंड) की न्यूनतम डाउनलोड गति की क्षमता रखता है।
- वायर्ड ब्रॉडबैंड और वायरलेस ब्रॉडबैंड दोनों इस 2Mbps की सीमा के अधीन होंगे।
- राष्ट्रीय दूरसंचार नीति 2012, जिसे राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति, 2018 द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था, ने वर्ष 2015 तक ब्रॉडबैंड की सीमा को 2Mbps तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। यह अद्यतन लंबे समय से लंबित था।
ब्रॉडबैंड स्पीड की वर्तमान स्थिति:
- Ookla के स्पीड टेस्ट ग्लोबल इंडेक्स (दिसंबर 2022) के अनुसार:
- भारत में मेडियन वायर्ड ब्रॉडबैंड स्पीड 75Mbps से अधिक है।
- मेडियन वायरलेस ब्रॉडबैंड (मोबाइल) स्पीड 36Mbps से अधिक है।
- 5G नेटवर्क के विस्तार के साथ ब्रॉडबैंड की स्पीड और बढ़ने की उम्मीद है।
उद्योग का दृष्टिकोण:
- चूँकि एक टावर से बहुत सारे उपकरण जुड़े हो सकते हैं अथवा उपयोगकर्त्ता निकटतम मूल साइट से दूर होने के कारण 4G नेटवर्क 2Mbps स्पीड को बनाए रखने में सक्षम न हो, इसलिये इस उद्योग ने किसी भी प्रकार के अद्यतन को अस्वीकार कर दिया।
- ग्राहक के लिये उपलब्ध या अनुभव की गई वास्तविक गति कई गतिशील कारकों के आधार पर अलग-अलग होगी।
- सामर्थ्य और उपलब्धता पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही ब्रॉडबैंड के लिये 512Kbps की पिछली परिभाषा को जारी रखा जाना चाहिये था।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. WiMAX निम्नलिखित में से किससे संबंधित है? (2009) (a) जैव प्रौद्योगिकी उत्तर: (d)
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