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शासन व्यवस्था

राष्‍ट्रीय ब्रॉडबैंड अभियान

  • 18 Dec 2019
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड अभियान की विशेषताएँ

मेन्स के लिये:

ग्रामीण भारत के डिजिटल सशक्तीकरण हेतु भारत सरकार की पहलें

चर्चा में क्यों?

हाल ही में संचार मंत्रालय (Ministry of Communications) द्वारा राष्ट्रीय मीडिया केंद्र, नई दिल्ली में राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड अभियान (National Broadband Mission) की शुरुआत की गई।

प्रमुख बिंदु:

  • यह अभियान, राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति, 2018 (National Digital Communications Policy, 2018) का हिस्सा है।
  • अभी तक भारतनेट (BharatNet) कार्यक्रम के माध्यम से ब्रॉडबैंड सेवाएँ 142,000 गाँवों के ब्लॉकों तक पहुँच चुकी हैं।

विज़न:

  • राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड अभियान का विज़न डिजिटल संचार ढाँचे का त्वरित विकास, डिजिटल अंतर की समाप्ति, डिजिटल सशक्तीकरण तथा समावेश पर आधारित है।

उद्देश्य:

  • इस अभियान का उद्देश्य तीन सिद्धांतों पर आधारित है:
    • सभी के लिये ब्रॉडबैंड की उपलब्धता
    • गुणवत्तायुक्‍त सेवा
    • किफायती सेवा।

National-Broadband-Mission

लक्ष्य:

  • ग्रामीण व सुदूर क्षेत्रों समेत पूरे देश में वर्ष 2022 तक ब्रॉडबैंड सेवा को उपलब्ध कराना।
  • वर्ष 2024 तक टावर घनत्व प्रति एक हजार की आबादी पर 0.42 से बढ़ाकर 1.0 करना।
  • मोबाइल और इंटरनेट सेवा की गुणवता बेहतर करना।
  • राज्‍यों / केंद्रशासित प्रदेशों के साथ मिलकर कार्य करने के लिये राइट ऑफ वे (Right of Way- RoW) मॉडल विकसित किया जाएगा।
    • यह मॉडल ऑप्टिक फाइबर बिछाने समेत डिजिटल अवसंरचना के विस्तार संबंधी नीतियों के लिये सहायक होगा।
  • राज्‍य / केंद्रशासित प्रदेश में उपलब्ध डिजिटल संचार अवसंरचना और अनुकूल नीति ईको-सिस्‍टम को मापने के लिए ब्रॉडबैंड रेडीनेस इंडेक्‍स (Broadband Readiness Index- BRI) विकसित किया जाएगा।
  • पूरे देश के लिये डिजिटल फाइबर मानचित्र तैयार किया जाएगा। इसमें संचार नेटवर्क व अवसंरचना, आप्टिक फाइबर केबल, टावर आदि को शामिल किया जाएगा।
  • डिजिटल अवसंरचना और सेवाओं के निर्माण तथा विस्‍तार को गति प्रदान करने के लिये नीतिगत एवं नियामक संबंधी नियमों में बदलाव करना।
  • हितधारकों द्वारा 100 बिलियन डॉलर का निवेश। इसमें यूनिवर्सल सर्विस आब्‍लिगेशन फंड (Universal Service Obligation Fund- USOF) का 70,000 करोड़ रुपए का निवेश शामिल है।
  • अभियान में निवेश के लिये संबंधित मंत्रालयों/विभागों/एजेंसियों समेत सभी हितधारकों के साथ कार्य करना।

यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड

(Universal Service Obligation Fund- USOF)

  • यह ग्रामीण और दूरदराज़ के क्षेत्रों में लोगों तक वहन योग्य कीमतों पर गैर-भेदभावपूर्ण गुणवत्तापूर्ण सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (Information and Communication Technology- ICT) सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित करता है।
  • इसका गठन वर्ष 2002 में दूरसंचार विभाग के तहत किया गया था।
  • इस फंड के लिये संसदीय अनुमोदन की आवश्यकता होती है और इसे भारतीय टेलीग्राफ (संशोधन) अधिनियम, 2003 के तहत वैधानिक समर्थन प्राप्त है।

स्रोत: PIB

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