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सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थिति

  • 15 Dec 2022
  • 10 min read

प्रिलिम्स के लिये:

सौर उद्यान और अल्ट्रा मेगा, सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास हेतु योजना, सौर ऊर्जा के लिये पहल

मेन्स के लिये:

सौर पार्क और अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास हेतु योजना, परियोजना कार्यान्वयन में चुनौतियां, सौर ऊर्जा की स्थिति, सौर ऊर्जा के लिये पहल

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार, सरकार ने अब तक लगभग 39,000 मेगावाट की क्षमता वाली सौर परियोजनाओं के विकास को मंज़ूरी दी है, लेकिन वास्तव में अभी तक केवल 25% ही अधिकृत हो सकी है।

  • इन सौर परियोजनाओं को 'सोलर पार्क और अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास हेतु योजना' के तहत मंज़ूरी दी गई थी।

सोलर पार्क और अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास हेतु योजना:

  • परिचय: 
    • यह योजना वर्ष 2014 में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा शुरू की गई थी।
    • इस योजना के तहत वर्ष 2014-15 से शुरू होने वाले 5 वर्षों की अवधि के भीतर 20,000 मेगावाट क्षमता से अधिक  सौर ऊर्जा की स्थापना को लक्षित करते हुए कम से कम 25 सौर पार्क और अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा परियोजनाओं को स्थापित करने का प्रस्ताव था।
      • योजना की क्षमता 20,000 मेगावाट से बढ़ाकर 40,000 मेगावाट कर दी गई। इन पार्कों को वर्ष 2021-22 तक स्थापित करने का प्रस्ताव है। 
  • क्रियान्वयन एजेंसी: 
    • इसकी कार्यान्वयन एजेंसी सोलर पावर पार्क डेवलपर (Solar Power Park Developer- SPPD) है।
  • विशेषताएँ: 
    • योजना में सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिये आवश्यक बुनियादी ढाँचा तैयार करने की दृष्टि से देश में विभिन्न स्थानों पर सौर पार्क स्थापित करने में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की सहायता करने की परिकल्पना की गई है।
    • सौर पार्क राज्य सरकारों और उनकी एजेंसियों, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी उद्यमियों के सहयोग से विकसित किये गए हैं।

सौर परियोजनाओं को अधिकृत करने में चुनौतियाँ: 

  • स्पष्ट स्वामित्व वाली भूमि के अधिग्रहण में बाधाएँ।
  • परियोजना और बुनियादी ढाँचे को स्थापित करने तथा ग्रिड में उत्पादित विद्युत को वितरित करने में लगने वाले समय में "बेमेल" है।
  • कोविड-19 के कारण पर्यावरणीय मुद्दे और आर्थिक गतिविधियों में रुकावट।
    • हाल के वर्षों में राजस्थान में 200 से कम संख्या वाली गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजाति ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के आवास पर सौर ऊर्जा परियोजनाओं द्वारा विशेष रूप से ट्रांसमिशन लाइनों द्वारा अतिक्रमण किया गया है जो पक्षी को खतरे में डालती हैं।
      • सर्वोच्च न्यायालय ने अप्रैल 2022 में बिजली कंपनियों को राजस्थान में सौर उद्यानों में भूमिगत केबल बिछाने का निर्देश दिया था, हालाँकि कुछ कंपनियों ने इसका पालन किया है। सरकार ने भूमिगत केबल बिछाने से सौर ऊर्जा की लागत में संभावित वृद्धि के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय को जानकारी दी थी।

भारत में सौर ऊर्जा की समग्र स्थिति:

  • संसद में पेश किये गए आँकड़ों के मुताबिक अक्टूबर 2022 तक अब तक 61GW सौर ऊर्जा स्थापित की जा चुकी है।
  • इसके अलावा भारत ने वर्ष 2022 के अंत तक 175 गीगावाट (GW) अक्षय ऊर्जा क्षमता हासिल करने का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसे वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है। यह अक्षय ऊर्जा के लिये दुनिया की सबसे बड़ी योजना है।
  • भारत सौर ऊर्जा क्षमता के मामले में एशिया में दूसरा और विश्व स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा बाज़ार है। यह पहली बार जर्मनी (59.2 GW) को पछाड़ते हुए कुल स्थापित क्षमता (60.4 GW) के क्षेत्र में चौथे स्थान पर है।
  • जून 2022 तक राजस्थान और गुजरात बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा उत्पादन के मामले शीर्ष राज्य थे, जिनकी स्थापित क्षमता क्रमशः 53% एवं 14% थी, इसके बाद महाराष्ट्र (9%) का स्थान है।

संबंधित पहलें: 

  • सौर पार्क योजना:  
    • सौर पार्क योजना कई राज्यों में लगभग 500 मेगावाट (MW) क्षमता वाले कई सोलर पार्क बनाने की योजना है।
  • रूफटॉप सौर योजना:  
    • रूफटॉप सौर योजना का उद्देश्य घरों की छत पर सोलर पैनल लगाकर सौर ऊर्जा का दोहन करना है।
  • अटल ज्योति योजना (AJY):  
    • अटल ज्योति योजना सितंबर 2016 में उन राज्यों में सौर स्ट्रीट लाइटिंग (SSL) प्रणाली की स्थापना के लिये शुरू की गई थी, जहाँ 50% से कम घरों में ग्रिड आधारित बिजली का उपयोग शामिल है (2011 की जनगणना के अनुसार)।
  • राष्ट्रीय सौर मिशन:  
    • यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा चुनौती को संबोधित करते हुए पारिस्थितिक रूप से सतत् विकास को बढ़ावा देने के लिये भारत सरकार और राज्य सरकारों की एक प्रमुख पहल है।
  • सृष्टि योजना:  
    • भारत में रूफटॉप सौर ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिये सोलर ट्रांसफिगरेशन ऑफ इंडिया (सृष्टि) योजना का कार्यान्वयन किया जा रहा है।
  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA): 
    • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) भारत और फ्राँस द्वारा सह-स्थापित सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के वितरण में वृद्धि के लिये एक सक्रिय तथा सदस्य-संचालित एवं सहयोगी मंच है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)

  1. अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में लॉन्च किया गया था।
  2. इस गठबंधन में संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश शामिल हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 
(b) केवल 2  
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2 

उत्तर: (a) 

व्याख्या: 

  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) भारत और फ्राँस द्वारा सह-स्थापित सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के वितरण में वृद्धि के लिये एक सक्रिय तथा सदस्य-संचालित एवं सहयोगी मंच है।
  • इसे भारत के प्रधानमंत्री और फ्राँसीसी राष्ट्रपति द्वारा नवंबर 2015 में पेरिस में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में लॉन्च किया गया था। इसका सचिवालय भारत के गुरुग्राम में स्थित है। अतः कथन 1 सही है।
  • प्रारंभिक चरण में ISA को पूर्ण या आंशिक रूप से कर्क और मकर रेखा (उष्णकटिबंधीय क्षेत्र) के बीच स्थित देशों की सदस्यता के लिये आमंत्रित किया गया था।
  • वर्ष 2018 में, इसे संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्यों के लिये सदस्यता हेतु आमंत्रित किया गया था। हालाँकि, संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश इसके सदस्य नहीं हैं। अतः कथन 2 सही नहीं है।
  • वर्तमान में, 80 देशों ने ISA फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर और इसकी पुष्टि की है, जबकि केवल 98 देशों ने ISA फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।

मेन्स 

प्रश्न. भारत में सौर ऊर्जा की प्रचुर संभावनाएँ हैं, हालाँकि इसके विकास में क्षेत्रीय भिन्नताएँँ हैं। विस्तृत वर्णन कीजिये। ( 2020)

स्रोत: द हिंदू

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