प्रिलिम्स फैक्ट्स (05 Jul, 2024)



स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि

स्रोत: बिज़नेस स्टैंडर्ड

प्रत्येक वर्ष 4 जुलाई को स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि के रूप में मनाया जाता है। उन्हें आधुनिक भारतीय राष्ट्रवाद का जनक माना जाता है और उन्हें 19वीं सदी के अंत में अंतर-धार्मिक जागरूकता बढ़ाने तथा हिंदू धर्म को एक प्रमुख विश्व धर्म का दर्जा दिलाने का श्रेय भी दिया जाता है।

स्वामी विवेकानंद के संबंध में प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?

  • परिचय: विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कलकत्ता में हुआ और उनके बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्त था।
    • वर्ष 1893 में खेतड़ी राज्य के महाराजा अजीत सिंह के अनुरोध पर उन्होंने 'विवेकानंद' नाम अपनाया।
    • उन्होंने विश्व को वेदांत और योग के भारतीय दर्शन से परिचित कराया।
    • वर्ष 1902 में बेलूर मठ में उनकी मृत्यु हुई। पश्चिम बंगाल में स्थित बेलूर मठ, रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन का मुख्यालय है।
    • प्रत्येक वर्ष स्वामी विवेकानंद की जयंती (12 जनवरी) को राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) के रूप में मनाई जाती है।
  • आध्यात्मिक योगदान:
    • वह भारत के महानतम आध्यात्मिक नेताओं और बुद्धिजीवियों में से एक थे तथा रामकृष्ण परमहंस के प्रमुख शिष्य थे।
    • मानवीय मूल्यों के संबंध में विश्व को विवेकानंद का संदेश उपनिषदों और गीता की शिक्षाओं के साथ-साथ बुद्ध तथा ईसा द्वारा स्थापित उदाहरणों पर आधारित है।
      • उनका मिशन परमार्थ (सेवा) और व्यवहार (व्यवहार) के बीच, साथ ही आध्यात्मिकता तथा दैनिक जीवन के बीच की खाई को पाटना था।
      • उन्होंने सेवा के सिद्धांत का समर्थन किया। जीव (जीवों) की सेवा करना शिव की पूजा मानी जाती है।
    • वर्ष 1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद में उनके ऐतिहासिक भाषण ने पश्चिमी दुनिया को हिंदू दर्शन (नव-हिंदू धर्म) से परिचित कराया।
    • उन्होंने हमारी मातृभूमि के उत्थान के लिये शिक्षा पर ज़ोर दिया। उन्होंने मानव-निर्माण और चरित्र-निर्माण वाली शिक्षा की वकालत की।
    • उन्होंने अपनी पुस्तकों में सांसारिक सुख और आसक्ति से मोक्ष प्राप्त करने के चार मार्ग बताए- राजयोग, कर्मयोग, ज्ञानयोग तथा भक्तियोग
    • उन्होंने सेवा, शिक्षा और आध्यात्मिक उत्थान के आदर्शों के प्रचार के लिये वर्ष 1897 में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।

रामकृष्ण मिशन

  • रामकृष्ण मिशन व्यापक शिक्षा-संबंधी और लोकोपकारी कार्यों में संलग्न है तथा भारतीय दर्शन के संप्रदाय अद्वैत वेदांत के आधुनिक संस्करण का अनुकरण करता है।
  • रामकृष्ण मिशन के दो उद्देश्य थे:
    • संन्यास और आध्यात्मिक जीवन के लिये प्रतिबद्ध भिक्षुओं को संगठित करना जो वेदांत के सार्वभौमिक संदेश का प्रसार कर सके।
    • जाति, पंथ या रंग की परवाह किये बिना सभी पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को ईश्वर की सच्ची अभिव्यक्ति के रूप में देखते हुए लोकोपकारी तथा धर्मार्थ गतिविधियों में संलग्न होना।
  • मिशन की स्थापना वर्ष 1897 में विवेकानंद द्वारा कोलकाता के पास संत रामकृष्ण (वर्ष 1836-86) के जीवन में सन्निहित वेदांत की शिक्षाओं का प्रसार करना और भारतीय लोगों की सामाजिक स्थितियों में सुधार करने के दोहरे उद्देश्य के साथ की गई थी।
  • आदर्श वाक्य: "आत्मनो मोक्षार्थं जगद्धिताय च" ("आत्मा का मोक्ष और जगत का कल्याण")।


प्राइड मंथ

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

प्रत्येक वर्ष जून में मनाया जाने वाला गौरव माह या प्राइड मंथ LGBTQ+ समुदाय के लिये चिंतन, उत्सव और वकालत का समय है। इसकी शुरुआत वर्ष 1969 के स्टोनवॉल विद्रोह से हुई थी।

  • पिछले कुछ दशकों में प्राइड मंथ एक स्मरण दिवस से विकसित होकर एक माह तक चलने वाले उत्सव में बदल गया है, जिसे विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है।

जून में प्राइड मंथ क्यों मनाया जाता है?

  • प्राइड मंथ वर्ष 1969 (न्यूयॉर्क) के स्टोनवॉल विद्रोह की याद दिलाता है, जो LGBTQ+ अधिकार आंदोलन में एक महत्त्वपूर्ण घटना थी। वर्ष 1999 में राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने जून को "गे और लेस्बियन प्राइड मंथ" घोषित किया।
  • बराक ओबामा और जो बिडेन सहित बाद के राष्ट्रपतियों ने इस परंपरा को जारी रखा है, जून को LGBTQ प्राइड मंथ के रूप में मान्यता दी है।

स्टोनवॉल दंगे क्या थे?

  • दंगे: अमेरिका में 1960 के दशक में समलैंगिकता अवैध थी और प्रलोभन एक दंडनीय अपराध था। न्यूयॉर्क शहर के ग्रीनविच विलेज सेक्शन में स्थित एक बार विशेष रूप से LGBTQ समुदाय के लिये बनाया गया था जिसका नाम स्टोनवॉल इन था।
    • 28 जून 1969 को, न्यूयॉर्क पुलिस ने बिना लाइसेंस के शराब बेचने के आरोप में स्टोनवॉल इन पर छापा मारा जिससे LGBTQ समुदाय में रोष उत्पन्न हुआ और दंगे हुए जो छह दिनों तक जारी रहे।
    • इन दंगों को LGBTQ समुदाय के अधिकारों और मान्यता के संघर्ष में एक महत्त्वपूर्ण घटना के रूप में देखा जाता है।
    • मार्शा पी.जॉनसन, एक ट्रांसजेंडर सेक्स वर्कर, ने इन दंगों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई और अब उन्हें LGBTQ समुदाय में एक अहम व्यक्ति माना जाता है।
  • दंगों के बाद: स्टोनवॉल दंगों के बाद, कार्यकर्त्ताओं ने समुदाय की लैंगिक और जेंडर आइडेंटिटी में गर्व तथा एकता की भावना का उत्सव मनाने के लिये "गे प्राइड" थीम के साथ इसकी वर्षगाँठ मनाने के लिये एक मार्च का आयोजन किया।
    • प्राइड को आधिकारिक तौर पर मान्यता दी गई और यह एक माह तक जारी रहने वाला उत्सव बना जिसने LGBTQ समुदाय के भीतर विज़िबिलिटी तथा एकजुटता के आह्वान की भूमिका निभाई।
    • इस आंदोलन को और अधिक समावेशी बनाने के लिये क्षेत्रीय बदलावों के साथ अमेरिका का प्राइड आयोजन समग्र विश्व में प्रचलित हुआ।
  • दंगों का प्रभाव: स्टोनवॉल में दंगे दशकों से समलैंगिक लोगों द्वारा सामना की जाने वाली पुलिस क्रूरता और भेदभाव के खिलाफ एक आंदोलन था। दंगों ने गैर-पारंपरिक लिंग पहचान और सेक्सुअल ओरिएंटेशन को सार्वजनिक दृश्यता प्रदान की तथा वर्तमान में प्राइड मंथ निर्भीक पहचान एवं गर्वित एकता का प्रतीक है।

संयुक्त राज्य अमेरिका में LGBTQIA+ अधिकार

  • अमेरिका की सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय किया कि सभी राज्य समलैंगिक विवाह की अनुमति देते हैं और राज्य के बाहर किये गए विवाहों को मान्यता देते हैं।
  • सेक्सुअल ओरिएंटेशन या लिंग पहचान के आधार पर भेदभाव को विशेष रूप से प्रतिबंधित करने वाला कोई संघीय कानून नहीं है।
    • हालाँकि अमेरिका की सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का तात्पर्य है कि सेक्सुअल ओरिएंटेशन और लिंग पहचान के आधार पर भेदभाव एक प्रकार का लैंगिक भेदभाव है, जो वर्ष 1964 के नागरिक अधिकार अधिनियम के तहत निषिद्ध है।

भारत में LGBTQIA+ के अधिकार

  • वर्ष 1994 में थर्ड जेंडर के रूप में पहचान रखने वाले व्यक्तियों को कानूनी रूप से मताधिकार प्रदान किया गया।
  • वर्ष 2014 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को थर्ड जेंडर श्रेणी के रूप में मान्यता प्रदान की जानी चाहिये।
  • वर्ष 2017 में, भारत में LGBTQIA+ समुदाय को अपनी यौन अभिविन्यास को व्यक्त करने की स्वतंत्रता दी गई, जिसे निजता के अधिकार द्वारा संरक्षित किया गया।
  • ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों की सुरक्षा और कल्याण के लिये प्रावधान करता है।
  • भारतीय संविधान के अंर्तगत समान-लिंग विवाह को मौलिक या संवैधानिक अधिकार के रूप में स्पष्ट रूप से मान्यता नहीं प्रदान की गई है, लेकिन यह समान-लिंग वाले जोड़ों को एक साथ रहने के लिये कुछ सीमित मान्यता प्रदान करता है।
    • सर्वोच्च न्यायालय ने माना है कि अपनी पसंद के व्यक्ति से विवाह करने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 का अभिन्न अंग है और साथ ही LGBTQIA+ समुदाय के सदस्यों को कानून के तहत समान सुरक्षा सहित संवैधानिक अधिकार प्राप्त है।


स्पाइरल गैलेक्सी पर नया अध्ययन

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, एक नए अध्ययन से पता चला है कि प्रारंभिक ब्रह्मांड में खगोलविदों द्वारा पूर्व में लगाए गए अनुमान से अधिक बड़ी स्पाइरल गैलेक्सी (सर्पिल आकाशगंगाएँ) थीं

स्पाइरल गैलेक्सी पर शोध की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

  • विद्यमान सिद्धांत: खगोल विज्ञान में यह माना जाता है कि जैसे-जैसे ब्रह्मांड गर्म एवं  सघन अवस्था से ठंडा होता गया, इसमें अत्यधिक मात्रा में गर्म गैसें शामिल हो गईं। इस गैस ने गुच्छों का निर्माण किया जो अंततः गैलेक्सी का निर्माण करने में सहायक सिद्ध हुए।
    • ये प्रारंभिक गैलेक्सीयाँ अनियमित आकार की थीं और इनमें चपटी डिस्क नहीं थीं, जैसी कि हम आज स्पाइरल गैलेक्सी में देखते हैं।
    • अरबों वर्षों में जब ये गैलेक्सीयाँ ठंडी होती गईं, तब इनमें मोटी, गर्म डिस्क विकसित हुई, जो बाद में चपटी होकर स्पाइरल आर्म (सर्पिल भुजाओं) में परिवर्तित हो गईं, जिन्हें मनुष्य वर्तमान रूप में पहचानता है।
  • अप्रत्याशित प्रारंभिक गठन: उपरोक्त सिद्धांत के विपरीत, नए अध्ययन से पता चलता है कि स्पाइरल गैलेक्सी बहुत पहले निर्मित हुई होंगी, लगभग उसी समय जब अन्य प्रकार की  गैलेक्सीयाँ  विकसित हो रही थीं।
    • अध्ययन में 873 गैलेक्सीयों का विश्लेषण करने के लिये नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप के डेटा का उपयोग किया गया, जिसमें कम से कम 216 की पहचान स्पाइरल गैलेक्सी के रूप में की गई।
    • शोध में पाया गया कि बिग-बैंग के बाद 3 अरब से 7 अरब वर्षों के बीच स्पाइरल आकार वाली गैलेक्सीयों का अनुपात अत्यधिक बढ़ गया, जो लगभग 8% से बढ़कर 48% हो गया।
  • तारों के निर्माण हेतु निहितार्थ: अध्ययन के परिणाम तारों के निर्माण की दर तथा स्पाइरल गैलेक्सीयों में पृथ्वी जैसे ग्रहों के निर्माण के लिये आवश्यक परिस्थितियों की वर्तमान समझ को प्रभावित कर सकते हैं।
    • सुपरनोवा से उत्पन्न स्पाइरल आर्म में भारी तत्त्वों की उपस्थिति ग्रह निर्माण हेतु महत्त्वपूर्ण है।

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST)

  • JWST, हबल स्पेस टेलीस्कोप का अनुवर्ती टेलीस्कोप है। यह एक बड़ा, इन्फ्रारेड टेलीस्कोप है जिसे ब्रह्मांड की दूरस्थ वस्तुओं का अवलोकन करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
  • यह NASA, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी (CSA) के संयुक्त सहयोग से बनाया गया है।

गैलेक्सी कितने प्रकार की होती हैं?

प्रकार

विवरण

उदाहरण

स्पाइरल गैलेक्सी 

स्पाइरल भुजाओं वाली चपटी डिस्क (तारा निर्माण के सक्रिय क्षेत्र) युक्त, केंद्र में उभार। वर्जित अथवा अबर्द्धित हो सकता है।

मिल्की वे, एंड्रोमेडा गैलेक्सी

एलिप्टिकल गैलेक्सी 

निर्बाध, अंडाकार या गोलाकार, गैस और धूल युक्त, अधिकतर पुराने तारे विद्यमान होते हैं।

मेसियर 87

लेंटिक्युलर गैलेक्सी 

स्पाइरल और एलिप्टिकल के बीच की श्रेणी, डिस्क युक्त किंतु भुजा का अभाव।

सोम्ब्रेरो गैलेक्सी

इर्रेगुलर गैलेक्सी 

कोई नियमित आकार नहीं, वामन या बृहद हो सकता है।

बृहद मैगेलैनिक मेघ

एक्टिव गैलेक्सी 

सुपरमैसिव ब्लैक होल द्वारा संचालित, तारों की तुलना में केंद्र से 100 गुना अधिक प्रकाश उत्सर्जित करता है।

विभिन्न उपप्रकार

सीफर्ट गैलेक्सी 

सबसे सामान्य सक्रिय आकाशगंगा, इन्फ्रारेड और एक्स-रे का उत्सर्जित करती है।

टाइप I और II सीफर्ट आकाशगंगाएँ

क्वासर

सर्वाधिक चमकदार सक्रिय आकाशगंगा, स्पेक्ट्रम और विभिन्न प्रबल जेट में प्रकाश उत्सर्जित करती है।

मार्केरियन 231

ब्लेज़ार 

पृथ्वी की ओर निर्देशित जेट वाली सक्रिय आकाशगंगाएँ, अत्यधिक दीप्तिमान।

TXS 0506+056

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित परिघटनाओं पर विचार कीजिये: (2018)

  1. प्रकाश ,गुरुत्व द्वारा प्रभावित होता है। 
  2. ब्रह्मांड लगातार फैल  रहा है। 
  3. पदार्थ अपने चारों ओर के दिक्काल को विकुंचित (वार्प) करता है।

उपर्युक्त में से एल्बर्ट आइंस्टीन के आपेक्षिकता के सामान्य सिद्धांत का/के भविष्य कथन कौन सा/से  है/हैं, जिसकी/जिनकी प्रायः समाचार माध्यमों में  विवेचना  होती है?

(a) केवल 1 और 2 
(b) केवल 3
(c) केवल 1 और 3 
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)


प्रश्न: निम्नलिखित घटनाओं पर विचार करें: (2013)

  1. संध्या के समय सूर्य का आकार
  2. भोर के समय सूर्य का रंग
  3. भोर के चंद्रमा का दिखाई देना
  4. आकाश में तारों का टिमटिमाना
  5. आकाश में ध्रुव तारा दिखाई देना

उपर्युक्त में से क्या दृष्टिभ्रम हैं?

(a) 1, 2 और 3
(b) 3, 4 और 5
(c) 1, 2 और 4
(d) 2, 3 और 5

उत्तर: (c)


संपूर्णता अभियान

स्रोत: पी.आई.बी.

नीति आयोग ने 4 से 30 सितंबर 2024 तक 3 महीने का 'संपूर्णता अभियान' शुरू किया है।

  • इसका उद्देश्य आकांक्षी ज़िलों में 6 चिन्हित संकेतकों और आकांक्षी ब्लॉकों में 6 संकेतकों में संतृप्ति प्राप्त करना है।
  • आकांक्षी जिले/ब्लॉक भारत के वे जिले/ब्लॉक हैं, जो खराब सामाजिक-आर्थिक संकेतकों से प्रभावित हैं।

आकांक्षी जिला कार्यक्रम (ADP) और आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम (ABP)

कार्यक्रम

आकांक्षी जिला कार्यक्रम(ADP)

आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम (ABP)

प्रारंभ

2018

2023 

उद्धेश्य

देश भर के 112 ज़िलों में शीघ्रतापूर्वक एवं प्रभावी परिवर्तन लाना

देश भर के 500 ब्लॉकों (329 ज़िलों) में आवश्यक सरकारी सेवाओं की संतृप्ति के लिये

विषय-वस्तु (Themes)

  • स्वास्थ्य एवं पोषण
  • शिक्षा
  • कृषि एवं जल संसाधन
  • वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास
  • बुनियादी ढांँचा
  • स्वास्थ्य एवं पोषण
  • शिक्षा
  • कृषि एवं संबद्ध सेवाएँ
  • बुनियादी अवसंरचना
  • सामाजिक विकास

संकेतकों की संख्या

81

40

और पढ़ें: आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम


महिलाओं के लिये व्यापक टीकाकरण कार्यक्रम

स्रोत: द हिंदू 

फेडरेशन ऑफ ऑब्सटेट्रिक एंड गायनेकोलॉजिकल सोसायटीज़ ऑफ इंडिया (FOGSI) ने महिलाओं के लिये एक व्यापक टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया है जिसका उद्देश्य समग्र भारत में वयस्क नागरिकों को टीकाकरण के बारे में जागरूक करना है। चूँकि पुरुषों की अपेक्षा, महिलाएँ 25% अधिक समय अस्वस्थता में जीवन निर्वाह करती हैं इसलिये इस पहल का उद्देश्य महिलाओं के स्वास्थ्य की गुणवत्ता में सुधार करना है।

  • यह पहल महिलाओं की वैक्सीन-निवार्य रोगों (Vaccine-Preventable Diseases- VPD) से रक्षा करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण प्रयास है।
    • VPD जीवाणु या विषाणु के कारण होते हैं और टीकों से इनकी रोकथाम की जा सकती है। इनके कारण दीर्घकालिक व्याधि और मृत्यु भी हो सकती है। चिकनपॉक्स, डिप्थीरिया और पोलियोवायरस संक्रमण VPD के प्रमुख उदाहरण हैं।
  • भारत सरकार ने देश में टीकाकरण कवरेज बढ़ाने के लिये दो व्यापक पहल की हैं।
    • यूनिवर्सल इम्यूनाइज़े शन प्रोग्राम (UIP) में 12 वैक्सीन-निवार्य रोगों के निदान के लिये निःशुल्क टीकाकरण किया जाता है, जिसमें डिप्थीरिया, पर्टुसिस, टेटनस, पोलियो, खसरा, रूबेला, क्षय रोग, हेपेटाइटिस बी और हीमोफिलस इन्फ्लुएंज़ा टाइप बी के कारण होने वाले मेनिन्जाइटिस तथा निमोनिया जैसी 9 राष्ट्रीय स्तर पर लक्षित बीमारियाँ शामिल हैं।
    • इसके अतिरिक्त, UIP के तहत टीकाकरण से छूटे बच्चों के टीकाकरण के लिये वर्ष 2014 में मिशन इंद्रधनुष की शुरुआत की गई थी। इसके चार चरणों के माध्यम से 2.53 करोड़ से अधिक बच्चों और 68 लाख गर्भवती महिलाओं को जीवन रक्षक टीके लगाए गए।
  • FOGSI स्वास्थ्य सेवाओं, प्रजनन संबंधी अधिकारों को बढ़ावा देने और मातृ मृत्यु दर को कम करने के माध्यम से भारत में प्रसूति तथा स्त्री रोग चिकित्सकों का समर्थन करता है।

और पढ़ें: वैश्विक टीकाकरण पर WHO की रिपोर्ट, आधुनिक टीकों की स्थायित्व की खोज


अमेरिका का 248वाँ स्वतंत्रता दिवस

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

हाल ही में अमेरिका ने 4 जुलाई 2024 को अपने स्वतंत्रता दिवस की 248वीं वर्षगाँठ मनाई है।

  • 4 जुलाई 1776 को द्वितीय महाद्वीपीय कॉन्ग्रेस द्वारा स्वतंत्रता की घोषणा को अपनाने के बाद अमेरिका को एक संप्रभु राष्ट्र घोषित किया गया।
    • इस दिन ब्रिटिश उपनिवेशों का ग्रेट ब्रिटेन से पृथक्करण हुआ था।
  • स्वतंत्रता के लिये संघर्ष वर्ष 1775 में शुरू हुआ जब 13 अमेरिकी उपनिवेशों ने किंग जॉर्ज तृतीय के अधीन ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता की मांग की।
    • इस संघर्ष ने अमेरिकी क्रांतिकारी युद्ध (1775-1783) को जन्म दिया, जो उपनिवेशों की स्वशासन और दमनकारी ब्रिटिश नीतियों से मुक्ति की इच्छा से प्रेरित था।
  • अमेरिकी उपनिवेशों ने घोषणा-पत्र स्वीकृत होने के दो दिन पहले 2 जुलाई 1776 को स्वतंत्रता की घोषणा के लिये मतदान किया और 13 में से 12 उपनिवेशों ने आधिकारिक तौर पर ग्रेट ब्रिटेन के साथ राजनीतिक संबंध तोड़ने का फैसला किया।
  • अमेरिकी क्रांतिकारी युद्ध के कारणों में आर्थिक विकास में बाधा डालने वाले ब्रिटिश व्यापार प्रतिबंध, पश्चिम की ओर विस्तार पर प्रतिबंध, ज्ञानोदय विचारकों का प्रभाव, उपनिवेशों पर कर लगाने के ब्रिटिश प्रयास, ब्रिटिश संसद में प्रतिनिधित्व की कमी और औपनिवेशिक असंतोष को बढ़ाने वाले कोएर्सिव एक्ट जैसे कठोर उपाय शामिल थे।

और पढ़ें: संयुक्त राज्य अमेरिका का 244वाँ स्वतंत्रता दिवस


घड़ियाल

स्रोत: द हिंदू

असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एवं टाइगर रिजर्व में एकल मादा घड़ियाल की उपस्थिति से ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली (BRS) में इस प्रजाति के पुनरुद्धार की आशा है।

  • घड़ियाल (गेवियलिस गैंगेटिकस) अपनी लंबी थूथन के कारण अन्य मगरमच्छों से भिन्न होते है। ऐसा माना जाता है कि यह 1950 के दशक में BRS से विलुप्त हो गए थे, और साथ ही 1990 के दशक में इनकों यहाँ देखा गया था।
  • भारतीय वन्यजीव संस्थान के अनुसार, घड़ियाल भारत, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल तथा पाकिस्तान की ब्रह्मपुत्र, गंगा, सिंधु एवं महानदी-ब्राह्मणी-बैतरणी नदी प्रणालियों में व्यापक रूप से पाए जाते हैं।
    • वर्तमान में, उनकी प्रमुख आबादी गंगा की तीन सहायक नदियों (भारत में चंबल और गिरवा, तथा नेपाल में राप्ती-नारायणी नदी) में पाई जाती है।
  •  IUCN की रेड लिस्ट के अनुसार निर्माण परियोजनाओं एवं जल निकासी के कारण इसके नदी पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभाव पड़ने के कारण घड़ियाल गंभीर रूप से संकतग्रस्त है।

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और पढ़ें: घड़ियाल,  ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली (BRS)