एकल परमाणु का एक्स-रे
हाल ही में वैज्ञानिकों ने एकल परमाणु की एक्स-रे इमेजिंग की सहायता से एक तत्त्व की पहचान कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
- वर्ष 1895 में विल्हेम कॉनराड रॉन्टजेन द्वारा खोजी गई एक्स-रे चिकित्सा और सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में एक अभिन्न अंग बन गई है।
- पहले, एक्स-रे किये जा सकने वाले प्रतिदर्श की सबसे छोटी मात्रा एक एटोग्राम होती है, (जो कि लगभग 10,000 परमाणु अथवा उससे अधिक है)। वैज्ञानिक लंबे समय से सिर्फ एक परमाणु का एक्स-रे करने में सफलता हासिल करना चाहते थे, जो अब संभव हो गया है।
एकल परमाणु एक्स-रे की नई तकनीक:
- वैज्ञानिकों ने पहली बार एक परमाणु के एक्स-रे सिग्नेचर का पता लगाने के लिये सिंक्रोट्रॉन एक्स-रे स्कैनिंग टनलिंग माइक्रोस्कोपी (SX-STM) नामक तकनीक का उपयोग किया है।
- SX-STM स्कैनिंग टनलिंग माइक्रोस्कोपी को सिंक्रोट्रॉन एक्स-रे के साथ संयोजित करती है, जो एक गोलाकार पथ में इलेक्ट्रॉनों को गति प्रदान करने के पश्चात् उत्पन्न उच्च-ऊर्जा वाली एक्स-रे हैं। इसमें एक तेज़ धातु के सबसे उपरी हिस्से (टिप) का उपयोग किया जाता है जो किसी प्रतिदर्श के इलेक्ट्रॉनों के साथ बहुत निकटता में होता है।
- सिंक्रोट्रॉन एक्स-रे प्रतिदर्श को उत्तेजित करते हैं और धातु की नोक/टिप परमाणु द्वारा उत्सर्जित फोटोइलेक्ट्रॉनों को एकत्रित करती है जिससे इसकी पहचान और रासायनिक गुणों का पता चलता है।
पदार्थ विज्ञान:
- ठोस पदार्थों के गुणों/विशेषताओं का अध्ययन और संरचना तथा संरचना की सहायता से उन गुणों के निर्धारण के अध्ययन को पदार्थ विज्ञान कहा जाता है।
- पदार्थ विज्ञान का महत्त्व:
- यह परमाणु-स्तर के गुणों और सामग्रियों की अंतःक्रियाओं के संबंध में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
- यह आणविक संरचनाओं और व्यवहारों की सटीक समझ को सक्षम बनाता है।
- यह नई सामग्री और उपकरणों के डिज़ाइन और विकास की सुविधा प्रदान करता है।
- यह उत्प्रेरक गतिविधि, बायोमोलेक्युलर इंटरैक्शन और क्वांटम घटना संबंधी जानकारी को बढ़ाता है।
एक्स-रे:
- यह दृश्य प्रकाश की तुलना में उच्च ऊर्जा, उच्च आवृत्ति और कम तरंग दैर्ध्य के साथ विद्युत चुंबकीय विकिरण का एक रूप है।
- यह शरीर सहित अधिकांश वस्तुओं के माध्यम से गुज़र सकता है और आंतरिक संरचना छवियों का निर्माण कर सकता है।
- आवेशित कणों या उत्प्रेरित परमाणुओं को तेज़ या कम करके उत्पादित किया जाता है।
- इसका व्यापक रूप से विज्ञान, चिकित्सा, उद्योग और सुरक्षा अनुप्रयोगों में उपयोग किया जाता है।
- इसका अस्थि भंग का पता लगाने, रोगों का निदान करने, सामग्री की पहचान करने और वस्तुओं को स्कैन करने हेतु उपयोग किया जाता है
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. दृश्यमान प्रकाश संचार (VLC) तकनीक के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही है? (2020)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1, 2 और 3 उत्तर: (c) व्याख्या:
प्रश्न. अभिकथन (A) : रेडियो तरंगें चुंबकीय क्षेत्रों में मुड़ जाती हैं। कारण (R) : रेडियो तरंगें प्रकृति में विद्युत चुंबकीय होती हैं। (2008) इन दोनों कथनों का सावधानीपूर्वक परीक्षण कीजिये और नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर इन प्रश्नांशों के उत्तर चुनिये: (a) A और R दोनों सत्य हैं और R, A की सही व्याख्या है उत्तर: (A)
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