प्रारंभिक परीक्षा
खसरा/मिज़ेल्स
- 05 Oct 2023
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में दिल्ली में खसरे के मामलों और मृत्यु दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसका कारण पिछले वर्षों में कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान मामलों की न्यून रिपोर्टिंग है।
- वर्ष 2020 और 2021 में कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान, फोकस एवं संसाधन मुख्य रूप से महामारी के प्रबंधन की ओर केंद्रित थे, जिससे खसरे/मिज़ेल्स और अन्य बीमारियों की निगरानी पर उस स्तर पर ध्यान केंद्रित नहीं किया गया जितनी कि इसकी आवश्यकता थी, जिससे खसरे के मामलों में वृद्धि हुई, साथ ही समाज की कुछ समृद्ध वर्गों में भी टीका स्वीकृति से संबंधित चुनौतियाँ दर्ज़ की गईं।
खसरा:
- परिचय:
- खसरा वायरस मॉर्बिलीवायरस जीनस से आबद्ध, राइबोन्यूक्लिक एसिड वायरस है।
- करीबी परिचितों को संक्रमित कर देगा। खसरा अत्यधिक संक्रामक बीमारी है और इससे संक्रमित व्यक्ति प्रायः अपने 90% से अधिक असुरक्षित निकट संपर्कों में वायरस के संचार का करण बनता है।
- वायरस पहले श्वसन तंत्र को संक्रमित करता है, फिर पूरे शरीर में फैल जाता है। खसरा एक मानव रोग है और यह जंतुओं में नहीं होता है।
- खसरे को दो-खुराक वाले टीके के माध्यम से पूरी तरह से रोका जा सकता है और उन्नत स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों वाले कई देशों में इसे आधिकारिक तौर पर समाप्त कर दिया गया है।
- उपचार:
- खसरे के वायरस के लिये कोई विशिष्ट एंटीवायरल उपचार मौज़ूद नहीं है।
- भोजन से होने वाली गंभीर जटिलताओं से चिकित्सीय देखभाल के माध्यम से बचा जा सकता है जो अच्छा पोषण, पर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन और निर्जलीकरण का उपचार सुनिश्चित करता है।
- रोकथाम:
- बच्चों के लिये नियमित भोजन टीकाकरण, उच्च मामले और मृत्यु दर वाले देशों में बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान के साथ, वैश्विक भोजन से होने वाली मौतों को कम करने हेतु प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य रणनीतियाँ हैं।
- भारत में खसरा के मामले:
- वर्ष 2017 और वर्ष 2021 के बीच खसरा के मामलों में 62% की गिरावट आई, यानी प्रति दस लाख जनसंख्या पर मामलों की संख्या 10.4 से घटकर 4 हो गई है।
खसरे से निपटने हेतु पहलें:
- खसरा और रूबेला पहल:
- वर्ष 2001 में शुरू की गई खसरा एवं रूबेला पहल (M&R पहल) अमेरिकन रेड क्रॉस, संयुक्त राष्ट्र फाउंडेशन, रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC), UNICEF तथा WHO के नेतृत्व में एक वैश्विक साझेदारी है।
- पहल यह सुनिश्चित करने के लिये प्रतिबद्ध है कि कोई भी बच्चा खसरे से न मरे या जन्मजात रूबेला सिंड्रोम के साथ पैदा न हो। हम देशों को खसरे और रूबेला को हमेशा के लिये रोकने के प्रयासों की योजना बनाने, वित्त पोषण करने एवं मापने में सहायता करते हैं।
- खसरा-रूबेला (MR) टीकाकरण:
- यह पूरे भारत में लगभग 41 करोड़ बच्चों को लक्षित करता है, 9 महीने से लेकर 15 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों को उनके पिछले खसरा/रूबेला टीकाकरण की स्थिति या खसरा/रूबेला रोग की स्थिति के बावजूद एक खसरा-रूबेला(MR) टीका लगाया जाएगा।
- अन्य पहलों में सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (Universal Immunization Programme- UIP), मिशन इंद्रधनुष और सघन मिशन इंद्रधनुष शामिल हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:(2021)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b) |