भूगोल
एकीकृत नदी बेसिन प्रबंधन
- 27 Mar 2024
- 14 min read
प्रिलिम्स के लिये:सिंधु जल संधि, गंगा, ब्रह्मपुत्र, यमुना मेन्स के लिये:प्रभावी नदी योजना, नदियों के प्रभावी प्रबंधन के लिये बहुपक्षीय संधियों की आवश्यकता, सिंधु जल संधि |
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
काठमांडू स्थित इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट (ICIMOD) तथा ऑस्ट्रेलियाई जल साझेदारी द्वारा जारी एक हालिया रिपोर्ट में सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों के प्रभावी एकीकृत नदी बेसिन प्रबंधन के लिये बहुपक्षीय संधियों की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया है।
रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- एकीकृत नदी घाटी प्रबंधन:
- यह रिपोर्ट एकीकृत नदी बेसिन प्रबंधन के महत्त्व पर ज़ोर देती है, जिसमें नदी नियोजन के लिये घाटी-व्यापी दृष्टिकोण शामिल हैं, जो सभी हितधारकों के बीच जल की उपलब्धता, जैवविविधता तथा प्रदूषण पर गुणवत्ता डेटा साझा करने से समर्थित है।
- बहुपक्षीय संधियों की आवश्यकता:
- जल डेटा साझाकरण पर मौजूदा द्विपक्षीय संधियों एवं समझौतों के बावजूद, क्षेत्र में नदी प्रबंधन हेतु बहुपक्षीय समझौतों की अनुपस्थिति है, जो प्रभावी शासन के लिये एक चुनौती है।
- यह सिंधु, गंगा एवं ब्रह्मपुत्र नदियों के प्रभावी प्रबंधन हेतु बहुपक्षीय संधियाँ स्थापित करने की आवश्यकता पर ज़ोर देती है।
- जल डेटा साझाकरण पर मौजूदा द्विपक्षीय संधियों एवं समझौतों के बावजूद, क्षेत्र में नदी प्रबंधन हेतु बहुपक्षीय समझौतों की अनुपस्थिति है, जो प्रभावी शासन के लिये एक चुनौती है।
- महत्त्वपूर्ण नदियों पर निर्भरता:
- भारत, तिब्बत (चीन), पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल एवं भूटान में लाखों लोग भोजन तथा जल उपलब्धता हेतु सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों पर निर्भर हैं, जिससे व्यापक प्रबंधन रणनीतियाँ अनिवार्य हो गई हैं।
- सभी तीन घाटियाँ सिंधु-गंगा-ब्रह्मपुत्र (IGB) मैदान का भाग हैं, जो एक विशाल जलोढ़ मैदान है और भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा नेपाल के कुछ भागों तक विस्तृत है।
- गंगा नदी घाटी:
- इस बेसिन क्षेत्र में 600 मिलियन भारतीय, 29 मिलियन नेपाली लोगों के साथ-साथ लाखों की संख्या में बांग्लादेशी भी रहते हैं।
- इसको लेकर नेपाल, भारत एवं बांग्लादेश के बीच कोई समझौता नहीं है।
- सिंधु नदी घाटी:
- इसकी घाटी में रहने वाले 268 मिलियन लोगों के लिये जीवनरेखा है।
- ब्रह्मपुत्र नदी घाटी:
- जल, विद्युत, भोजन, कृषि एवं मछली पकड़ने के लिये लगभग 114 मिलियन लोग इस पर निर्भर हैं।
- भारत, तिब्बत (चीन), पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल एवं भूटान में लाखों लोग भोजन तथा जल उपलब्धता हेतु सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों पर निर्भर हैं, जिससे व्यापक प्रबंधन रणनीतियाँ अनिवार्य हो गई हैं।
- अनुशंसाएँ:
- प्रभावी संकट प्रबंधन के लिये स्थानीय समुदायों के ज्ञान को पहचानना और उसका उपयोग करना।
- स्थानीय समुदायों की समुत्थानशीलता बढ़ाने के लिये संसाधनों और प्रौद्योगिकी के साथ उन्हें सशक्त बनाने की आवश्यकता है।
- बेहतर प्रबंधन और प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों के लिये नदी घाटियों में जल की उपलब्धता, जैवविविधता एवं प्रदूषण से संबंधित डेटा अंतराल को समाप्त करने की आवश्यकता है।
- एक समग्र 'संपूर्ण बेसिन' अनुसंधान दृष्टिकोण को अपनाने की आवश्यकता जो डेटा-साझाकरण, रणनीतिक योजना, जलवायु परिवर्तन प्रभावों को समझने और विश्वसनीय जल आपूर्ति सुनिश्चित करने की सुविधा प्रदान करता है।
- सीमा-पार जल मुद्दों पर विश्वास कायम करने और संवाद को बढ़ावा देने के लिये विभिन्न देशों के शोधकर्त्ताओं के बीच 'हाइड्रो-सॉलिडैरिटी' एवं जलवायु कूटनीति को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
- 'हाइड्रो-सॉलिडैरिटी' साझा जल संसाधनों के प्रबंधन में राष्ट्रों के बीच सहयोग और एकजुटता को बढ़ावा देने के बारे में है। इसमें जल संसाधनों के संबंध में देशों की परस्पर निर्भरता और जल संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिये सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता का अभिनिर्धारण शामिल है।
- इसमें निष्पक्ष जल-संधियों को लागू करना, सहयोगात्मक शासन को बढ़ावा देना, जल अवसंरचना में निवेश करना और जल-ऊर्जा-खाद्य गठजोड़ को प्रोत्साहित करना शामिल है।
- जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले जल तनाव को दूर करने में जलवायु कूटनीति महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है और जल कूटनीति को जलवायु कूटनीति के साथ एकीकृत करने से जल की कमी एवं जलवायु परिवर्तन की परस्पर जुड़ी चुनौतियों से निपटने में मदद मिल सकती है।
- 'हाइड्रो-सॉलिडैरिटी' साझा जल संसाधनों के प्रबंधन में राष्ट्रों के बीच सहयोग और एकजुटता को बढ़ावा देने के बारे में है। इसमें जल संसाधनों के संबंध में देशों की परस्पर निर्भरता और जल संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिये सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता का अभिनिर्धारण शामिल है।
- प्रभावी संकट प्रबंधन के लिये स्थानीय समुदायों के ज्ञान को पहचानना और उसका उपयोग करना।
गंगा, सिंधु और ब्रह्मपुत्र नदी घाटी/बेसिन के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?
- गंगा नदी बेसिन:
- स्रोत और हेडवाटर्स:
- गंगा का उद्गम भागीरथी के रूप में उत्तराखंड के गंगोत्री ग्लेशियर (3,892 मीटर की ऊँचाई पर) से होता है।
- कई छोटी-छोटी धाराएँ गंगा की जलधाराओं में समाहित हैं। इनमें अलकनंदा, धौलीगंगा, पिंडर, मंदाकिनी और भिलंगना प्रमुख हैं।
- देवप्रयाग में जहाँ अलकनंदा नदी भागीरथी से मिलती है, वहाँ इसे गंगा के रूप में जाना जाता है। बंगाल की खाड़ी में बहने से पहले यह 2525 किमी. की दूरी तय करती है।
- मार्ग और प्रमुख सहायक नदियाँ
- बांग्लादेश में प्रवेश करने से पूर्व भारत में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्यों से होकर बहती है।
- गंगा नदी बेसिन का लगभग 80% भाग भारत में है, शेष भाग नेपाल, तिब्बत (चीन) और बांग्लादेश में है।
- प्रमुख सहायक नदियों में यमुना, गोमती, घाघरा, गंडक और कोसी नदियाँ शामिल हैं।
- यह अपने उपजाऊ जलोढ़ मैदानों के लिये प्रसिद्ध है, जहाँ सदियों से कृषि और मानव बस्तियों को सहारा मिला है।
- डेल्टा और बहिर्वाह
- लगभग 2,510 किलोमीटर की यात्रा के बाद, गंगा नदी बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र नदी में विलीन हो जाती है और इसे पद्मा नदी के नाम से जाना जाता है।
- पद्मा नदी बाद में मेघना नदी में मिलती है और मेघना मुहाना के माध्यम से बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
- लगभग 2,510 किलोमीटर की यात्रा के बाद, गंगा नदी बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र नदी में विलीन हो जाती है और इसे पद्मा नदी के नाम से जाना जाता है।
- स्रोत और हेडवाटर्स:
- सिंधु नदी बेसिन:
- उद्गम:
- सिंधु (तिब्बती-सेंगगे चू, 'लायन नदी'), दक्षिण एशिया की एक प्रमुख नदी, ट्रांस-हिमालय में मानसरोवर झील के पास तिब्बत से निकलती है।
- यह नदी तिब्बत, भारत और पाकिस्तान से होकर बहती है तथा इसके जल निकासी बेसिन के क्षेत्र में लगभग 200 मिलियन लोग निवास करते हैं।
- सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच एक संधि है जिस पर सिंधु नदी प्रणाली के पानी के उपयोग के संबंध में प्रत्येक देश के अधिकारों एवं ज़िम्मेदारियों को परिभाषित करने के लिये वर्ष 1960 में हस्ताक्षर किये गए थे। इस संधि की मध्यस्थता विश्व बैंक ने की थी।
- मार्ग और प्रमुख सहायक नदियाँ:
- यह नदी लद्दाख के माध्यम से भारत में प्रवेश करती है और पाकिस्तान के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में पहुँचने से पहले जम्मू-कश्मीर से होकर बहती है।
- सिंधु नदी की प्रमुख बाएँ किनारे की सहायक नदियाँ ज़स्कर, सुरू, सोन, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास, सतलज और पंजनाद नदियाँ हैं। इसके दाहिने किनारे की प्रमुख सहायक नदियाँ श्योक, गिलगित, हुंजा, स्वात, कुन्नार, कुर्रम, गोमल और काबुल नदियाँ हैं।
- सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियाँ इस क्षेत्र में कृषि और जल आपूर्ति के लिये महत्त्वपूर्ण हैं, विशेष रूप से पाकिस्तान में जहाँ यह देश की अर्थव्यवस्था हेतु लाइफलाइन के रूप में कार्य करती है।
- डेल्टा और बहिर्वाह:
- सिंधु नदी दक्षिणी पाकिस्तान में कराची शहर के पास अरब सागर में गिरती है।
- यह नदी एक विशाल डेल्टा का निर्माण करती है जिसे सिंधु डेल्टा के नाम से जाना जाता है।
- डेल्टा अनेक खाड़ियों, दलदलों और मैंग्रोव वनों का आवास है।
- सिंधु नदी दक्षिणी पाकिस्तान में कराची शहर के पास अरब सागर में गिरती है।
- उद्गम:
- ब्रह्मपुत्र नदी बेसिन:
- उद्गम:
- इसे उत्पत्ति स्थल पर सियांग या दिहांग के नाम से जाना जाता है, जिसका उद्गम मानसरोवर झील के पास कैलाश पर्वत के चेमायुंगडुंग (Chemayungdung) ग्लेशियर से होता है। औसत निर्वहन के मामले में ब्रह्मपुत्र दुनिया में पाँचवें स्थान पर है।
- यह बेसिन तिब्बत (चीन), भारत, भूटान और बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में फैले लगभग 580,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करता है।
- ब्रह्मपुत्र नदी और उसकी सहायक नदियाँ क्षेत्र में कृषि, जल विद्युत उत्पादन एवं परिवहन के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।
- मार्ग और प्रमुख सहायक नदियाँ:
- इसे तिब्बत में यारलुंग सांगपो (Yarlung Tsangpo) के नाम से जाना जाता है तथा यह हिमालय से होकर पूर्व की ओर प्रवाहित होते हुए भारत के अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है।
- भारत में असम और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से प्रवाहित होते हुए यह अंततः बांग्लादेश में प्रवेश करती है।
- भारत में सुबनसिरी, कामेंग, मानस और धनसिरी जैसी नदियाँ तथा बांग्लादेश में तीस्ता नदी इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं।
- डेल्टा और बहिर्वाह:
- ब्रह्मपुत्र नदी बांग्लादेश में गंगा नदी से मिलकर पद्मा नदी बनाती है।
- पद्मा नदी अंततः मेघना नदी से मिल जाती है और मेघना ज्वारनदमुख (Estuary) के माध्यम से बंगाल की खाड़ी में प्रवाहित हो जाती है।
- ब्रह्मपुत्र नदी बांग्लादेश में गंगा नदी से मिलकर पद्मा नदी बनाती है।
- उद्गम:
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्सप्रश्न. सिंधु नदी प्रणाली के संदर्भ में निम्नलिखित चार नदियों में से तीन नदियाँ इनमें से किसी एक नदी में मिलती हैं, जो सीधे सिंधु नदी से मिलती है। निम्नलिखित में से वह कौन-सी नदी है जो सिंधु नदी से सीधे मिलती है? (2021) (a) चेनाब उत्तर: (d) प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2019)
उपर्युक्त में से कौन-से युग्म सही सुमेलित हैं? (a) 1, 2 और 4 उत्तर: (a) मेन्स:प्रश्न. सिंधु जल संधि का एक विवरण प्रस्तुत कीजिये और बदलते हुए द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में उसके पारिस्थितिक, आर्थिक एवं राजनीतिक निहितार्थों का परीक्षण कीजिये। (2016) प्रश्न. नमामि गंगे एवं स्वच्छ गंगा का राष्ट्रीय मिशन (NMCG) कार्यक्रमों पर और इससे पूर्व की योजनाओं के मिश्रित परिणामों के कारणों पर चर्चा कीजिये। गंगा नदी के परिरक्षण में कौन-सी प्रमात्रा छलांगें, क्रमिक योगदानों की अपेक्षा ज़्यादा सहायक हो सकती हैं? (2015) |