भारतीय अर्थव्यवस्था
भारत विकास रिपोर्ट: विश्व बैंक
- 07 Dec 2022
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चर्चा में क्यों?
विश्व बैंक ने 'नेविगेटिंग द स्टॉर्म' शीर्षक से प्रकाशित भारत विकास रिपोर्ट में, यह अनुमान लगाया है कि 2022-23 में भारत की अर्थव्यवस्था में 6.9% तक वृद्धि होगी।
- अक्तूबर 2022 में, विश्व बैंक ने भारत के सकल घरेलू उत्पाद के विकास के अनुमान को 7.5% से घटाकर 6.5% कर दिया था।
मुख्य विशेषताएँ:
- विकास प्रक्षेपण:
- चुनौतीपूर्ण बाह्य परिस्थितियों में भी आर्थिक गतिविधियों में भारत का लचीलापन।
- चुनौतीपूर्ण बाह्य परिस्थितियों के प्रति भारत की अर्थव्यवस्था उल्लेखनीय रूप से लचीली रही है और मज़बूत समष्टि आधार ने इसे अन्य उभरती बाज़ार अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अच्छी स्थिति में रखा है।
- अधिक निजी खपत और निवेश।
- पूंजीगत व्यय को बढ़ाने पर सरकार के लक्ष्य ने भी 2022-23 की पहली छमाही में घरेलू मांग को समर्थन दिया।
- भारत का एक बड़ा घरेलू बाज़ार है और अपेक्षाकृत कम अंतर्राष्ट्रीय प्रवाह के संपर्क में है।
- 3 (अक्तूबर से दिसंबर तिमाही), 2022-23 की शुरुआत में घरेलू मांग में लगातार तीव्र वृद्धि हुई है।
- वैश्विक अव्यवस्था के लिए एक सुनियोजित और विवेकपूर्ण नीति के तहत प्रतिक्रिया, भारत को वैश्विक और घरेलू चुनौतियों से निपटने में मदद कर रही है।
- चुनौतीपूर्ण बाह्य परिस्थितियों में भी आर्थिक गतिविधियों में भारत का लचीलापन।
- चुनौतियाँ:
- वैश्विक मौद्रिक नीति चक्र में लचीलापन, वैश्विक वृद्धि में सुस्ती और जिंसों की ऊँची कीमतों (मुद्रास्फीति) तथा बढ़ती ऋण लागत का असर वित्त वर्ष 2023-24 में घरेलू मांग, विशेष रूप से निजी खपत पर पड़ेगा, जबकि वैश्विक वृद्धि में कमी से भारत के निर्यात की मांग में वृद्धि बाधित होगी। इन कारकों का अर्थ है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2022 की तुलना में वित्त वर्ष 2023 में कम वृद्धि का अनुभव करेगी।
- सुझाव:
- नवीकरणीय ऊर्जा और हरित अर्थव्यवस्था क्षेत्र रोज़गार के अवसर उत्पन्न कर सकते हैं।
- यह विकास और उपलब्ध नीति विल्प परनकारात्मक वैश्विक प्रभाव को रोकने हेतु ट्रेड ऑफ के संदर्भ में चेतावनी जारी करता है।
विश्व बैंक:
- परिचय:
- अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD) तथा अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की स्थापना एक साथ वर्ष 1944 में अमेरिका के न्यू हैम्पशायर में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन के दौरान हुई थी।
- विश्व बैंक समूह विकासशील देशों में गरीबी को कम करने और साझा समृद्धि का निर्माण करने वाले स्थायी समाधानों के लिये काम कर रहे पाँच संस्थानों की एक अनूठी वैश्विक साझेदारी है।
- सदस्य:
- 189 देश इसके सदस्य हैं।
- भारत भी इसका सदस्य है।
- प्रमुख रिपोर्ट:
- इसके पाँंच विकास संस्थान:
- अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD)
- अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (IDA)
- अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC)
- बहुपक्षीय गारंटी एजेंसी (MIGA)
- निवेश विवादों के निपटान के लिये अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (ICSID)
- भारत इसका सदस्य नहीं है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. 'ईज ऑफ़ डूइंग बिजनेस सूचकांक’ में भारत की रैंकिंग समाचार-पत्रों में कभी-कभी देखी जाती है। निम्नलिखित में से किसने इस रैकिंग की घोषण की है?(2016) (a) आर्थिक सहयोग और विकास संगठन उत्तर: (c) |