भारतीय अर्थव्यवस्था
विश्व बैंक ने बंद की 'ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस' रिपोर्ट
- 18 Sep 2021
- 6 min read
प्रिलिम्स के लिये:ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस' रिपोर्ट, विश्व बैंक मेन्स के लिये:विश्व बैंक द्वारा जारी 'ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस' रिपोर्ट के प्रकाशन को बंद किये जाने के कारण |
चर्चा में क्यों?
विश्व बैंक अपनी ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस' रिपोर्ट के वर्ष 2018 और 2020 संस्करणों (क्रमशः 2017 और 2019 में जारी) में बैंक कर्मचारियों के ‘नैतिक मामलों’ से संबंधित ‘डेटा अनियमितताओं’ की जाँच के बाद इसके प्रकाशन को बंद कर देगा।
- यह व्यापार और निवेश के माहौल का आकलन करने के लिये एक नए दृष्टिकोण पर कार्य करेगा।
प्रमुख बिंदु
- ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस' रिपोर्ट:
- इस रिपोर्ट को पहली बार वर्ष 2003 में जारी किया गया था ताकि व्यापार नियमों के उद्देश्य और उपायों का आकलन किया जा सके तथा 190 अर्थव्यवस्थाओं के जीवन चक्र एवं उनके अंतर्गत आने वाले व्यवसाय को प्रभावित करने वाले दस मापदंडों के आधार पर मापा जा सके।
- इस रिपोर्ट के मानकों में व्यवसाय शुरू करना, निर्माण परमिट, विद्युत उपलब्धता, संपत्ति पंजीकरण, ऋण उपलब्धता, अल्पसंख्यक निवेशकों की सुरक्षा, करों का भुगतान, सीमा पार व्यापार, अनुबंध प्रवर्तन और दिवाला समाधान शामिल हैं।
- यह ‘डिस्टेंस टू फ्रंटियर’ (DTF) स्कोर के आधार पर देशों को रैंकिंग प्रदान करता है जो वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के संबंध में अर्थव्यवस्थाओं के बीच के अंतर को उजागर करता है।
- उदाहरण के लिये 75 के स्कोर का अर्थ है कि एक अर्थव्यवस्था सभी अर्थव्यवस्थाओं और पूरे समय में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की तय सीमा से 25 प्रतिशत अंक दूर थी।
- भारत का प्रदर्शन:
- विशेष रूप से वर्ष 2017, 2018 और 2019 में जारी तीन रिपोर्टों में भारत "सबसे उल्लेखनीय सुधार" दिखाते हुए शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं में स्थान पाने में सफल रहा।
- ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस सूचकांक में 190 देशों के बीच भारत की रैंकिग वर्ष 2014 में 142 से सुधरकर 2015 में 130, 2017 में 100, 2018 में 77 और वर्ष 2019 में 63 देखी गई थी।
- अक्तूबर 2019 में प्रकाशित नवीनतम रिपोर्ट में भारत को ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस में 63वें स्थान पर रखा गया।
- भारत ने अन्य शीर्ष सुधारकर्त्ताओं के साथ वर्ष 2018-19 में 59 नियामक सुधारों को लागू किया था जो विश्व में दर्ज सभी सुधारों का पाँचवा हिस्सा था।
- वर्ष 2018-19 के दौरान भारत ने ‘व्यवसाय शुरू करना', 'निर्माण परमिट से निपटना', 'सीमाओं के पार व्यापार' और 'दिवालियापन का समाधान' जैसे मापदंडों में सुधारों को लागू किया था। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2020 तक शीर्ष 50 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होना था।
- भारत के लिये यह स्कोर केवल दो शहरों के कवरेज पर आधारित होता था, जिसमें मुंबई को 47% और दिल्ली को 53% भार दिया जाता था।
- विशेष रूप से वर्ष 2017, 2018 और 2019 में जारी तीन रिपोर्टों में भारत "सबसे उल्लेखनीय सुधार" दिखाते हुए शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं में स्थान पाने में सफल रहा।
विश्व बैंक
- परिचय:
- इसे वर्ष 1944 में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ पुनर्निर्माण और विकास के लिये अंतर्राष्ट्रीय बैंक (International Bank for Reconstruction and Development-IBRD) में स्थापित किया गया था। IBRD को ही विश्व बैंक के रूप में जाना जाता है।
- विश्व बैंक समूह विकासशील देशों में गरीबी को कम करने और साझा समृद्धि का निर्माण करने वाले स्थायी समाधानों के लिये कार्य कर रहे पाँच संस्थानों की एक अनूठी वैश्विक साझेदारी है।
- सदस्य:
- वर्तमान में इसके 189 सदस्य देश हैं।
- भारत भी एक सदस्य देश है।
- प्रमुख रिपोर्ट:
विश्व बैंक पाँच प्रमुख विकास संस्थान:
- अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD): यह लोन, ऋण और अनुदान प्रदान करता है।
- अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (IDA): यह निम्न आय वाले देशों को कम या बिना ब्याज वाले ऋण प्रदान करता है।
- अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC): यह कंपनियों और सरकारों को निवेश, सलाह तथा परिसंपत्तियों के प्रबंधन संबंधी सहायता प्रदान करता है।
- बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी (MIGA): यह ऋणदाताओं और निवेशकों को युद्ध जैसे राजनीतिक जोखिम के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने का कार्य करती है।
- निवेश विवादों के निपटारे के लिये अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (ICSID): यह निवेशकों और देशों के मध्य उत्पन्न निवेश-विवादों के सुलह और मध्यस्थता के लिये सुविधाएँ प्रदान करता है।
- भारत इसका सदस्य नहीं है।