हाल ही में विश्व बैंक ने अपनी नवीनतम ‘डूइंग बिज़नेस रिपोर्ट’ (DBR 2019) जारी की। भारत ने DBR- 2019 के ‘व्यापार सुगमता सूचकांक’ (Ease of Doing Business) में अपनी स्थिति को बेहतर करते हुए 23 पायदान की छलांग लगाई है।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
‘डूइंग बिज़नेस रिपोर्ट’ के अनुसार, 2 जून, 2017 से 1 मई, 2018 के बीच रिकॉर्ड 314 नियामक सुधार हुए। दुनिया भर में 128 अर्थव्यवस्थाओं ने पर्याप्त विनियामक सुधार प्रस्तुत किये जिससे डूइंग बिज़नेस द्वारा मापन में शामिल सभी क्षेत्रों में व्यवसाय करना आसान हो गया है।
डूइंग बिज़नेस 2019 में सबसे उल्लेखनीय सुधार करने वाली अर्थव्यवस्थाएँ अफगानिस्तान, जिबूती, चीन, अज़रबैजान, भारत, टोगो, केन्या, कोट डी आईवर (आइवरी कोस्ट), तुर्की और रवांडा हैं।
डूइंग बिज़नेस 2019 द्वारा दर्ज किये गए सभी व्यापार नियामक सुधारों में से एक-तिहाई सुधार उप-सहारा अफ्रीका की अर्थव्यवस्थाओं में हुए। कुल 107 सुधारों के साथ उप-सहारा अफ्रीका में हुए सुधारों की संख्या एक रिकॉर्ड है।
ब्रिक्स अर्थव्यवस्थाओं- ब्राजील, रूसी संघ, भारत और चीन में कुल 21 सुधार हुए, जिसमें सुधार के सबसे आम क्षेत्रों- सीमा-पार व्यापार और विद्युत् उत्पादन में हुआ।
व्यापार सुगमता सूचकांक की 10 शीर्ष अर्थव्यवस्थाएँ विनियामक दक्षता और गुणवत्ता की सामान्य विशेषताओं को साझा करती हैं, जिसमें निर्माण के दौरान अनिवार्य निरीक्षण, बिजली कटौती के दौरान सेवा बहाल करने के लिये स्वचालित उपकरणों का उपयोग, दिवालिया कार्यवाही में लेनदारों के लिये उपलब्ध मज़बूत सुरक्षा उपायों की उपलब्धता और स्वचालित विशेषीकृत वाणिज्यिक अदालतें शामिल हैं।
भारत की स्थिति
विश्व बैंक द्वारा ‘डूइंग बिज़नेस रिपोर्ट’ के आकलन में 190 देशों को शामिल किया गया जिसमें भारत 2017 के 100वें पायदान से और ऊपर चढ़कर अब 77वें पायदान पर पहुँच गया है।
भारत द्वारा ‘कारोबार में सुगमता’ सूचकांक में लगाई गई 23 पायदानों की ऊँची छलांग निश्चित तौर पर महत्त्वपूर्ण है क्योंकि पिछले वर्ष इस सूचकांक में भारत ने अपनी रैंकिंग में 30 पायदानों की ज़बरदस्त छलांग लगाई थी जो भारत के आकार वाले किसी भी विशाल एवं विविधतापूर्ण देश के लिये एक बड़ी उपलब्धि है।
‘कारोबार में सुगमता’ सूचकांक में भारत पिछले दो वर्षों में 53 पायदान और पिछले चार वर्षों में 65 पायदान ऊपर चढ़ गया।
डूइंग बिज़नेस रिपोर्ट का महत्त्व
‘डूइंग बिज़नेस आकलन’ से उन 10 पैमानों पर 190 देशों में व्यवसाय या बिज़नेस संबंधी नियम-कायदों और उन पर अमल के वस्तुनिष्ठ लक्ष्यों के बारे में पता चलता है जो किसी भी व्यवसाय के समूचे कारोबारी चक्र पर असर डालते हैं।
DBR में देशों की रैंकिंग ‘डिस्टेंस टू फ्रंटियर (DTF)’ के आधार पर की जाती है जो एक विशिष्ट स्कोर है और जो किसी भी अर्थव्यवस्था में अपनाए जाने वाले कारोबारी तौर-तरीकों तथा वैश्विक सर्वोत्तम कारोबारी तौर-तरीकों में अंतर को दर्शाता है। भारत का DTF स्कोर जो पिछले वर्ष 60.76 था, इस वर्ष बढ़कर 67.23 हो गया है।
भारत 10 संकेतकों में से 6 संकेतकों से जुड़ी अपनी रैंकिंग को बेहतर करने में कामयाब रहा है और इसके साथ ही वह 10 संकेतकों में से 7 संकेतकों पर वैश्विक सर्वोत्तम कारोबारी तौर-तरीकों के और करीब पहुँच गया है।
सबसे उल्लेखनीय सुधार ‘निर्माण परमिट’ और ‘सीमा पार व्यापार’ से जुड़े संकेतकों के मामले में देखा गया है। निर्माण परमिट की स्वीकृति देने के मामले में भारत की रैंकिंग वर्ष 2017 की 181वीं से बेहतर होकर वर्ष 2018 में 52वीं हो गई है जो एक ही वर्ष में 129 रैंकिंग के अभूतपूर्व सुधार को दर्शाता है।
इसी तरह ‘सीमा पार व्यापार’ से जुड़े संकेतकों के मामले में भारत की रैंकिंग वर्ष 2017 की 146वीं से बेहतर होकर वर्ष 2018 में 80वीं हो गई है जो एक ही वर्ष में 66 रैंकिंग के उल्लेखनीय सुधार को दर्शाता है।
जिन छह संकेतकों पर भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है वे निम्नलिखित हैं-
इस वर्ष भारत के प्रदर्शन संबंधी मुख्य बातें
विश्व बैंक ने वर्ष के दौरान उल्लेखनीय सुधार करने वाले शीर्ष देशों में भारत को भी शामिल किया है।
उल्लेखनीय सुधार करने वाले शीर्ष देशों में भारत की गिनती लगातार दूसरे वर्ष भी की गई है।
भारत प्रथम ब्रिक्स और दक्षिण एशियाई देश है जिसे सुधार करने वाले शीर्ष देशों में लगातार दूसरे वर्ष शामिल किया गया है।
भारत ने दो वर्षों में अपनी रैंकिंग में 53 पायदानों की ऊँची छलांग लगाई है जो डूइंग बिज़नेस आकलन में वर्ष 2011 के बाद किसी भी बड़े देश द्वारा दो वर्षों में की गई सर्वाधिक बेहतरी को दर्शाता है।
प्रदर्शन में निरंतर सुधार की बदौलत भारत अब दक्षिण एशियाई देशों में प्रथम स्थान पर पहुँच गया है, जबकि वर्ष 2014 में यह छठे स्थान पर था।
डूइंग बिज़नेस- 2019
‘डूइंग बिज़नेस-2019: ट्रेनिंग फॉर रिफॉर्म’ विश्व बैंक समूह का एक महत्त्वपूर्ण प्रकाशन है। यह कारोबार को बढ़ाने और इसमें बाधा उत्पन्न करने वाले नियामकों को मापने वाली वार्षिक गतिविधियों की एक श्रृंखला का 16वाँ संस्करण है।
डूइंग बिज़नेस, व्यापार नियमों और संपत्ति अधिकारों की सुरक्षा पर मात्रात्मक संकेतक प्रस्तुत करता है जिनकी तुलना अफगानिस्तान से ज़िम्बाब्वे तक 190 अर्थव्यवस्थाओं के बीच की जा सकती है।
डूइंग बिज़नेस, व्यापार के 11 क्षेत्रों को प्रभावित करने वाले नियमों की समीक्षा करता है। इन क्षेत्रों में से दस को इस साल की व्यापार सुगमता सूचकांक रैंकिंग में शामिल किया गया है। ये 10 क्षेत्र हैं-
किसी व्यवसाय को शुरू करना
निर्माण परमिट
बिजली प्राप्त करना
संपत्ति पंजीकृत करना
ऋण प्राप्त करना
लघु निवेशकों की रक्षा करना
करों का भुगतान करना
सीमा पार व्यापार
अनुबंधों को लागू करना
दिवालियापन की समस्या को हल करना।
डूइंग बिज़नेस में श्रम बाज़ार विनियमन की भी माप की जाती है लेकिन इस वर्ष की रैंकिंग में इसे शामिल नहीं किया गया है।
संकेतकों का प्रयोग आर्थिक परिणामों का विश्लेषण करने के लिये तथा यह जानने के लिये किया जाता है कि किन नियमों ने कब और कैसे काम किया।