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जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप

  • 18 Jul 2022
  • 13 min read

प्रिलिम्स के लिये:

जेम्स वेब टेलीस्कोप, नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन, हबल टेलीस्कोप, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी। 

मेन्स के लिये:

जेम्स वेब टेलीस्कोप द्वारा ब्रह्मांड के बारे में की गई नई खोज। 

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की सहायता से  आकाश के पाँच अलग-अलग क्षेत्रों की छवियों का एक सेट जारी किया। 

  • इसमें एक आकाशगंगा समूह शामिल है जो आज से करीब 4.6 अरब साल पहले दिखाई दिया था। 
  • यह अब तक खोजी गई कुछ सबसे दूर और सबसे पुरानी आकाशगंगाओं की सबसे गहरी एवं बेहतरीन अवरक्त छवि है। 
  • ये विशेषताएँ वैज्ञानिकों को इन प्राचीन आकाशगंगाओं के द्रव्यमान, आयु, इतिहास और संरचना  के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने में सहायता करेंगी। 

James-Webb-Space-Telescope

 जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप:  

  • परिचय:  
    •  यह टेलीस्कोप नासा, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी के बीच एक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का परिणाम है जिसे दिसंबर 2021 में लॉन्च किया गया था। 
    • यह वर्तमान में अंतरिक्ष में एक बिंदु पर है जिसे सूर्य-पृथ्वी L2 लैग्रेंज बिंदु के रूप में जाना जाता है, जो सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की कक्षा से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर है। 
      • लैग्रेंज प्वाइंट 2 पृथ्वी-सूर्य प्रणाली के कक्षीय तल के पाँच बिंदुओं में से एक है। 
      • इतालवी- फ़्रांसीसी गणितज्ञ जोसेफी-लुई लैग्रेंज के नाम पर रखा गया यह बिंदु पृथ्वी और सूर्य जैसे किसी भी घूर्णन करने वाले दो पिंडों में विद्यमान होते हैंं जहाँ दो बड़े निकायों के गुरुत्वाकर्षण बल एक-दूसरे को संतुलित  कर देते हैं। 
      • इन स्थितियों में रखी गई वस्तुएँ अपेक्षाकृत स्थिर होती हैं और उन्हें वहाँ रखने के लिये न्यूनतम बाहरी ऊर्जा या ईंधन की आवश्यकता होती है, अन्य कई  उपकरण यहाँ पहले से स्थापित हैं। 
    • यह अब तक का सबसे बड़ा, सबसे शक्तिशाली इन्फ्रारेड स्पेस टेलीस्कोप है। 
    • यह हबल टेलीस्कोप का उत्तराधिकारी है। 
    • यह इतनी दूर आकाशगंगाओं की तलाश में बिग बैंग के ठीक बाद के समय में अतीत की ओर देख सकता है जिस प्रकाश को उन आकाशगंगाओं से हमारी दूरबीनों तक पहुँचने में कई अरब वर्ष लग गए। 
  • उद्देश्य:. 
    • यह ब्रह्मांड के अतीत के हर चरण की जाँच करेगा: बिग बैंग से लेकर आकाशगंगाओं, तारों और ग्रहों के निर्माण से लेकर हमारे अपने सौर मंडल के विकास तक। 
    • जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की थीम्स को चार विषयों में बाँटा जा सकता है। 
      • पहला, यह लगभग 13.5 बिलियन वर्ष पीछे मुड़कर देखें तो प्रारंभिक ब्रह्मांड के अंधेरे से पहले सितारों और आकाशगंगाओं का निर्माण हुआ। 
      • दूसरा, सबसे कमज़ोर, आरंभिक आकाशगंगाओं की तुलना आज के भव्य सर्पिलों से करना और यह समझना कि आकाशगंगाएँं अरबों वर्षों में कैसे एकत्रित होती हैं। 
      • तीसरा, यह देखने के लिये कि तारे और ग्रह प्रणालियाँ कहाँ पैदा हो रही हैं। 
      • चौथा, एक्स्ट्रासोलर ग्रहों (हमारे सौरमंडल से परे) के वातावरण का निरीक्षण करने के लिये एवं शायद ब्रह्मांड में कहीं और जीवन के निर्माण खंडों का पता लगाए। 

हबल और जेम्स वेब टेलीस्कोप:  

  • तरंग दैर्ध्य: 
    • जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (जिसे JWST या वेब भी कहा जाता है) मुख्य रूप से इन्फ्रारेड रेंज में निरीक्षण के साथ 0.6 से 28 माइक्रोन तक कवरेज प्रदान करेगा। 
    • हबल के उपकरण मुख्य रूप से स्पेक्ट्रम के पराबैंगनी और दृश्य भाग में देखते हैं। यह इन्फ्रारेड में 0.8 से 2.5 माइक्रोन तक केवल एक छोटी सी सीमा का निरीक्षण कर सकता है। 
  • कक्ष: 
    • वेब टेलीस्कोप पृथ्वी की परिक्रमा नहीं करेगा। यह पृथ्वी से 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर सूर्य की परिक्रमा करेगा। 
    • हबल इससे 575 किलोमीटर की ऊँचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा करता है। 
  • अवलोकन: 
    • नासा के अनुसार, हबल सभी आकाशगंगाओं में सबसे छोटी और नवीनतम आकाशगंगाओं को देख सकता है। 
    • वेब नई आकाशगंगाओं को भी देख सकेगा।  
    • वेब के निकट और मध्य-अवरक्त उपकरण पहले गठित आकाशगंगाओं और एक्सोप्लैनेट का अध्ययन करने में सहायक होंगे।   

अन्य अंतरिक्ष अन्वेषण मिशन: 

  • पायनियर (Pioneer): 
    • यह सौरमंडल में सबसे अधिक फोटोजेनिक/प्रकाशमान और विशाल गैस भंडार वाले बृहस्पति तथा शनि का दौरा करने वाला पहला अंतरिक्षयान था। 
    • पायनियर 10 सौरमंडल के क्षुद्रग्रह बेल्ट के माध्यम से मंगल और बृहस्पति के बीच परिक्रमा करने वाली चट्टानों के एक क्षेत्र के माध्यम से यात्रा करने वाली पहली जाँच थी। 
  • वोएजर (Voyager): 
    • प्रथम अन्वेषक के उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद वोएजर 1 और वोएजर 2 ने जाँच की। उन्होंने बृहस्पति और शनि के बारे में कई महत्त्वपूर्ण खोज की, जिसमें बृहस्पति के चारों ओर के रिंग और बृहस्पति के चंद्रमा पर ज्वालामुखी की उपस्थिति शामिल है 
    • वोएजर 1 वर्तमान में पृथ्वी से सबसे दूर मानव निर्मित वस्तु है, जो पृथ्वी से सूर्य की दूरी से सौ गुना से अधिक और प्लूटो से दोगुने से भी अधिक दूर है। 
  • चंद्रा : 
    • वर्ष 1999 से चंद्रा एक्स-रे वेधशाला कुछ सबसे दूर और विचित्र खगोलीय घटनाओं को देखते हुए एक्स-रे प्रकाश में आकाश को स्कैन कर रही है। 
    •  चूँकि पृथ्वी का अजीब वातावरण अधिकांश एक्स-रे को अवरुद्ध कर देता है, खगोलविद् इस उच्च-ऊर्जा, लघु-तरंग दैर्ध्य प्रकाश में ब्रह्मांड को तब तक नहीं देख सकते जब तक उन्होंने चंद्र को अंतरिक्ष में नहीं भेजा। 
  • SPHEREx’s: 
    •  स्पेक्ट्रो-फोटोमीटर फॉर द हिस्ट्री ऑफ द यूनिवर्स, एपोच ऑफ रियनाइज़ेशन एंड आईसेस एक्सप्लोरर (Spectro-Photometer for the History of the Universe, Epoch of Reionization and Ices Explorer-SPHEREx) एक दो वर्षीय मिशन है जो दृश्य प्रकाश और अवरक्त प्रकाश में आकाश का सर्वेक्षण करेगा। हालांँकि यह प्रकाश मानव आँंख को दिखाई नहीं देता, लेकिन ब्रह्मांडीय प्रश्नों का उत्तर देने के लिये एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में कार्य करेगा। 
    • इसे वर्ष 2024 में लॉन्च किया जाएगा। 
    • इस मिशन का उपयोग खगोल विज्ञानी 300 मिलियन से अधिक आकाशगंगाओं के साथ ही अपनी आकाशगंगा में पाए जाने वाले 100 मिलियन से अधिक सितारों के आँकड़े (डेटा) एकत्र करने के लिये करेंगे। 

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न: 

प्रश्न. वैज्ञानिक निम्नलिखित में से किस/किन परिघटना/परिघटनाओं को ब्रह्मांड के निरंतर विस्तरण के साक्ष्य के रूप में उद्धृत करते हैं? (2012) 

  1. अंतरिक्ष में सूक्ष्म तरंगों की उपस्थिति का पता चलना 
  2. अंतरिक्ष में रेडशिफ्रट परिघटना का अवलोकन 
  3. अंतरिक्ष में क्षुद्रग्रहों की गति 
  4. अंतरिक्ष में सुपरनोवा विस्फोटों का होना 

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: 

(a) केवल 1 और 2 
(b) केवल 2 
(c) 1, 3 और 4 
(d) उपर्युक्त में से कोई भी साक्ष्य के रूप में उद्धत नही किया जा सकता 

उत्तर: (a)  

  • वर्ष 1963 में अर्नो पेनज़ियास और रॉबर्ट विल्सन ने रहस्यमय माइक्रोवेव को सभी दिशाओं से समान रूप से गमन करते हुए देखा। कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड रेडिएशन नामक विकिरण की वर्षों पहले गामो, हरमन और अल्फर द्वारा भविष्यवाणी की गई थी। इसने अधिकांश खगोलविदों को आश्वस्त किया कि बिग बैंग सिद्धांत सही था और ब्रह्मांड के निरंतर विस्तार के लिये एक साक्ष्य आधार प्रदान किया। अत: कथन 1 सही है। 
  • वर्ष 1929 में एडविन हबल ने दूर की कई आकाशगंगाओं के रेडशिफ्ट को मापा। सापेक्ष दूरी के सामने रेडशिफ्ट की घटना घटित होने पर, दूर की आकाशगंगाओं का रेडशिफ्ट उनकी दूरी के रैखिक दूरी के रूप में विस्तारित होता है। डॉप्लर शिफ्ट का उपयोग करके खगोलविद हमारे सापेक्ष वस्तुओं की गति को मापते हैं। ब्रह्मांड में दूर की वस्तुओं से प्रकाश को फिर से स्थानांतरित किया जाता है (प्रकाश की आवृत्ति में लाल रंग की ओर बदलाव), जो हमें बताता है कि सभी वस्तुएंँ हमसे दूर जा रही हैं। अत: कथन 2 सही है। 
  • अंतरिक्ष में क्षुद्रग्रह की गति प्रारंभिक ब्रह्मांड में सामग्री के प्रकार के बारे में जानकारी प्रदान कर सकती है, लेकिन इस तरह ब्रह्मांड के विस्तार के संबंध में कोई प्रमाण नहीं है। अत: कथन 3 सही नहीं है। 
  • सुपरनोवा विस्फोट तब होता है जब किसी तारे के केंद्र में कोई परिवर्तन होता है। यह या तो बाइनरी स्टार सिस्टम में होता है या किसी सिंगल स्टार के जीवनकाल के अंत में होता है। यह पूरे ब्रह्मांड में तत्त्वों के वितरण का अध्ययन करने में मदद करता है। ये तत्त्व ब्रह्मांड में नए तारे, ग्रह और बाकी सब कुछ बनाने के लिये विचरण करते हैं। हालांँकि यह ब्रह्मांड के विस्तार के लिये प्रमाण नहीं देता है। अत: कथन 4 सही नहीं है। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है। 

स्रोत : द हिंदू

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