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स्टेट पी.सी.एस.

  • 25 Jun 2024
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राजस्थान Switch to English

राजस्थान उच्च न्यायालय का NTA को नोटिस

चर्चा में क्यों?

राजस्थान उच्च न्यायालय ने कथित अनियमितताओं के कारण मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET-UG को रद्द करने के अनुरोध पर राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (National Testing Agency- NTA) और केंद्र को नोटिस जारी किये।

मुख्य बिंदु:

  • राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (National Eligibility and Entrance Test- NEET) स्नातक परीक्षा के पेपर लीक का मामला बढ़ गया है, जिसके कारण दोबारा परीक्षा कराने और केंद्रीय जाँच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation- CBI) से जाँच कराने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
  • राजस्थान उच्च न्यायालय ने सुनवाई की तिथि 10 जुलाई, 2024 तय की है, जिसके दो दिन बाद सर्वोच्च न्यायालय में इसी तरह की याचिकाओं पर सुनवाई होनी है, जिनमें NEET-UG 2024 परीक्षा रद्द करने और न्यायालय की निगरानी में जाँच की मांग करने वाली याचिकाएँ भी शामिल हैं।

राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी

  • परिचय:
    • राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (National Testing Agency- NTA) की स्थापना भारतीय सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत एक सोसायटी के रूप में की गई थी।
    • यह उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिये प्रवेश परीक्षा आयोजित करने वाला एक स्वायत्त और आत्मनिर्भर परीक्षण संगठन है।
  • शासन व्यवस्था:
    • NTA की अध्यक्षता मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा नियुक्त प्रख्यात शिक्षाविद करते हैं।
    • मुख्य कार्यकारी अधिकारी (Chief Executive Officer- CEO) महानिदेशक होंगे जिनकी नियुक्ति सरकार द्वारा की जाएगी।
    • इसमें एक बोर्ड ऑफ गवर्नर्स होगा जिसमें उपयोगकर्त्ता संस्थानों के सदस्य शामिल होंगे।

नीट- यूजी (NEET-UG)

  • राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (स्नातक) या NEET, जिसे पहले ऑल इंडियन प्री-मेडिकल टेस्ट कहा जाता था, भारत में स्नातक चिकित्सा कार्यक्रमों (MBBS और BDS पाठ्यक्रम) में प्रवेश के लिये एक प्रवेश परीक्षा है।
  • इसका संचालन NTA द्वारा किया जाता है।

झारखंड Switch to English

पर्यटन स्थल के रूप में बुरुडीह बाँध

चर्चा में क्यों?

झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला उप-मंडल में स्थित सुंदर बाँध के दौरे के दौरान अधिकारियों को बुरुडीह बाँध को राष्ट्रीय स्तर के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया।

मुख्य बिंदु 

  • मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण पर ज़ोर देते हुए पौधा रोपण किया और एक पेड़ को राखी बाँधी, इस दौरान उन्होंने झारखंड की प्राकृतिक सुंदरता पर प्रकाश डाला।
    • उन्होंने धार्मिक स्थलों, जंगलों, बाँधों और झरनों सहित राज्य भर में विभिन्न पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने हेतु सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
    • सरकार यह सुनिश्चित करने के लिये कार्य कर रही है कि स्थानीय किसानों को बाँध के जल संसाधनों से लाभ मिले और राज्य की तीव्र प्रगति के लिये सभी क्षेत्रों में समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
  • मुख्यमंत्री ने 45 करोड़ रुपए से अधिक की 2,141 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया और कल्याणकारी योजनाओं के तहत 20,484 लाभार्थियों के बीच 71 करोड़ रुपए से अधिक की परिसंपत्तियाँ वितरित की गईं।
    • उन्होंने 200 यूनिट मुफ्त विद्युत उपलब्ध कराने, 2 लाख रुपए तक के कृषि ऋण माफ करने तथा युवाओं को आजीविका के लिये वित्तीय सहायता देने सहित सरकार की हालिया पहलों पर प्रकाश डाला।
    • उन्होंने वंचित परिवारों के लिये अबुआ आवास योजना के अंतर्गत 20 लाख आवास निर्माण के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई तथा यह सुनिश्चित किया कि 'आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार' कार्यक्रम के माध्यम से कल्याणकारी योजनाएँ समाज के हर वर्ग तक पहुँचे।

अबुआ आवास योजना (Abua Awas Yojana- AAY)

  • इस योजना के तहत राज्य सरकार अगले दो वर्षों में 15 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक व्यय करके ज़रूरतमंद लोगों को आवास उपलब्ध कराएगी।
  • इस योजना के तहत गरीब, वंचित, मज़दूर, किसान, आदिवासी, पिछड़े और दलितों को तीन कमरों का आवास उपलब्ध कराया जाएगा।

आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम

  • इस कार्यक्रम के तहत राज्य की 4,351 पंचायतों और 50 वार्डों में शिविर आयोजित किये  जाएंगे।
  • इन शिविरों में उन ज़रूरतमंद लोगों को जन कल्याणकारी योजनाओं से आच्छादित किया जाएगा जो अब तक योजनाओं से वंचित थे।

हरियाणा Switch to English

मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना

चर्चा में क्यों?

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने घोषणा की कि हरियाणा सरकार मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के माध्यम से तीर्थयात्रियों को अयोध्या और अन्य पवित्र स्थलों की यात्रा करने की सुविधा प्रदान कर रही है।

मुख्य बिंदु:

  • इस योजना के तहत 1.80 लाख रुपए से कम वार्षिक आय वाले परिवार के 60 वर्ष से अधिक आयु के सदस्यों को अयोध्या, वाराणसी और अन्य पवित्र स्थलों की तीर्थयात्रा के लिये ले जाया जाता है।
  • मुख्यमंत्री के अनुसार, राज्य सरकार ने राज्य में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये कई कदम उठाए हैं।
    • कुरुक्षेत्र धार्मिक पर्यटन का केंद्र बनता जा रहा है, जो देश भर से और अंतर्राष्ट्रीय स्तर से पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है
    • अन्य स्थानों पर भी पर्यटन के अवसरों को तलाशने के प्रयास किये जा रहे हैं।

वाराणसी

  • वाराणसी दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश राज्य में है। यह गंगा नदी के बाएँ किनारे पर स्थित है और हिंदू धर्म के सात पवित्र शहरों में से एक है। 
  • यह विश्व के सबसे पुराने बसे शहरों में से एक है। इसका प्रारंभिक इतिहास मध्य गंगा घाटी में पहली आर्य बस्ती से जुड़ा है।
    • वाराणसी बुद्ध के समय (छठी शताब्दी ईसा पूर्व) काशी राज्य की राजधानी थी, जिन्होंने अपना पहला उपदेश सारनाथ के पास दिया था
    • यह शहर धार्मिक, शैक्षिक और कलात्मक गतिविधियों का केंद्र बना रहा, जैसा कि प्रसिद्ध चीन बौद्ध तीर्थयात्री ह्वेन त्सांग ने प्रमाणित किया है, जिन्होंने लगभग 635 ई. में यहाँ का दौरा किया था।
  • वर्ष 1194 से शुरू हुए मुस्लिम कब्ज़े के तीन शताब्दियों के दौरान वाराणसी का पतन हो गया
  • 18वीं शताब्दी में वाराणसी एक स्वतंत्र राज्य बन गया और बाद में ब्रिटिश शासन के तहत यह एक वाणिज्यिक एवं धार्मिक केंद्र बना रहा।
    • वर्ष 1910 में अंग्रेज़ों ने वाराणसी को एक नया भारतीय राज्य बनाया जिसका मुख्यालय रामनगर (विपरीत तट पर) था, लेकिन वाराणसी शहर पर इसका कोई अधिकार क्षेत्र नहीं था।
  • वर्ष 1947 में भारतीय स्वतंत्रता के बाद वाराणसी राज्य उत्तर प्रदेश राज्य का हिस्सा बन गया।


हरियाणा Switch to English

राज्य के निवासियों को अतिरिक्त अंक देने का आदेश बरकरार

चर्चा में क्यों?

हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने "सामाजिक-आर्थिक" कारकों के आधार पर विशिष्ट नौकरी की भर्तियों के लिये राज्य के निवासियों को 5% अतिरिक्त अंक देने के हरियाणा सरकार के निर्णय को रद्द करने के उच्च न्यायालय के निर्णय को बरकरार रखा और इसे एक अनुचित कार्रवाई माना।

मुख्य बिंदु:

  • हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की याचिका को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के उस निर्णय को चुनौती देने के लिये खारिज कर दिया गया है, जिसमें वर्ष 2023 के कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET 2023) के दौरान हरियाणा के निवासियों को अतिरिक्त अंक प्रदान करने वाली राज्य अधिसूचना को रद्द कर दिया गया था। न्यायालय ने नई परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया।
  • इस "सामाजिक-आर्थिक" मानदंड के तहत हरियाणा सरकार ने कुछ शर्तों को पूरा करने पर हरियाणा के निवासियों को अतिरिक्त महत्त्व प्रदान किया।
  • इन शर्तों में परिवार का कोई भी सदस्य स्थायी सरकारी कर्मचारी न होना तथा सभी स्रोतों से कुल वार्षिक पारिवारिक आय 1.8 लाख रुपए से कम होना शामिल है।

अधिवास आरक्षण

  • एक ओर संविधान की धारा 16(2) में कहा गया है कि राज्य के अधीन किसी नियोजन या पद के संबंध में केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, उद्भव, जन्म स्थान, निवास या इनमें से किसी के आधार पर न तो कोई नागरिक अपात्र होगा और न उससे विभेद किया जाएगा।”
  • दूसरी ओर, इसी अनुच्छेद का खंड 4 कहता है कि “इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को पिछड़े हुए नागरिकों के किसी वर्ग के पक्ष में जिसका प्रतिनिधित्व राज्य की राय में राज्य के अधीन सेवाओं में पर्याप्त नहीं है, नियुक्तियों या पदों के आरक्षण के लिये उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।”
  • लेकिन ये प्रावधान सरकारी नौकरियों के मामले में लागू हैं।
  • अनुच्छेद 19(1)(g) सभी नागरिकों को कोई भी वृत्ति, उपजीविका, व्यापार या कारोबार करने का अधिकार प्रदान करता है।
  • इस प्रकार राज्य सरकारों द्वारा ऐसी सीमाएँ लगाना किसी व्यक्ति के अपनी पसंद की वृत्ति, व्यापार या कारोबार में शामिल होने के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन करता है, जैसा कि अनुच्छेद 19(1)(g) में कहा गया है।
  • इसके अलावा, उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि ‘‘हरियाणा राज्य से असंबद्ध नागरिकों के समूह को द्वितीयक दर्जा देने (secondary status) और आजीविका कमाने के उनके मौलिक अधिकारों में कटौती करके संवैधानिक नैतिकता (constitutional morality) की अवधारणा का खुले तौर पर उल्लंघन किया गया है
  • आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने भी माना है कि वर्ष 2019 में पारित आंध्र प्रदेश का अधिवास के आधार पर आरक्षण प्रदान करने वाला विधेयक “असंवैधानिक हो सकता है”, हालाँकि अभी मेरिट या योग्यता के आधार पर इस पर सुनवाई किया जाना शेष है।


उत्तराखंड Switch to English

आदि कैलाश, ओम पर्वत यात्रा स्थगित

चर्चा में क्यों?

अधिकारियों के अनुसार, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ ज़िले में आदि कैलाश और ओम पर्वत की तीर्थयात्रा 25 जून, 2024 से अस्थायी रूप से निलंबित कर दी जाएगी।

मुख्य बिंदु:

मानसून के कारण उच्च ऊँचाई वाले स्थलों की तीर्थयात्रा में व्यवधान उत्पन्न होने की आशंका के कारण यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया था। यात्रा की बुकिंग पुनः सितंबर 2024 में प्रारंभ की जाएगी।

आदि कैलाश और ओम पर्वत

  • आदि कैलाश को शिव , छोटा कैलाश, बाबा कैलाश या जोंगलिंगकोंग चोटी के नाम से जाना जाता है, यह उत्तराखंड के पिथौरागढ़ ज़िले में हिमालय पर्वत शृंखला में स्थित एक पर्वत है।
  • ओम पर्वत कैलाश मानसरोवर यात्रा का भी एक हिस्सा है, जिसमें तिब्बत में कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील की यात्रा शामिल है।
  • आदि कैलाश और ओम पर्वत के पूजनीय पर्वत उत्तराखंड के पिथौरागढ़ ज़िले में भारत-चीन सीमा पर स्थित हैं।
  • भगवान शिव के भक्तों के लिये दोनों चोटियाँ धार्मिक महत्त्व रखती हैं।


उत्तराखंड Switch to English

खलंगा आरक्षित वन

चर्चा में क्यों?

हाल ही में देहरादून के स्थानीय निवासी खलंगा आरक्षित वन में 2,000 साल वृक्षों को बचाने के लिये  एकजुट हुए। वृक्षों की कटाई के खिलाफ जनता के विरोध के कारण, राज्य सरकार नियोजित पेयजल संयंत्र को जंगल से स्थानांतरित करेगी।

मुख्य बिंदु:

  • पर्यावरण कार्यकर्त्ताओं ने सोंग बाँध पेयजल परियोजना के लिये खलंगा आरक्षित वन में 2000 साल वृक्षों को चिह्नित करने का विरोध किया, जिससे स्थानीय लोगों में गहरी नाराज़गी उत्पन्न हो गई और उन्होंने परियोजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
  • जागरूकता फैलाने के लिये सोशल मीडिया पर अभियान चलाया गया और कुछ समूहों ने वृक्षों पर रक्षासूत्र बाँधे।
  • देहरादून में सोंग बाँध परियोजना के अंतर्गत 524 करोड़ रुपए की पेयजल परियोजना बनाई जाएगी, जिसकी अनुमानित कुल लागत 3000 करोड़ रुपए है।
    • इस परियोजना में सोंग बाँध के निकट एक जलाशय का निर्माण तथा 4.2 हेक्टेयर भूमि पर 150 MLD (मेगालिटर प्रतिदिन) जल उपचार संयंत्र का निर्माण शामिल है।
    • इस परियोजना का उद्देश्य कनार गाँव से राजधानी के 60 वार्डों को पेयजल आपूर्ति करना है, जिससे अंततः देहरादून के 60 वार्डों को लाभ होगा।

साल वृक्ष 

  • शोरिया रोबस्टा (Shorea robusta) या साल वृक्ष, डिप्टेरोकार्पेसी परिवार का एक वृक्ष प्रजाति है।
  • यह वृक्ष भारत, बांग्लादेश, नेपाल, तिब्बत और हिमालयी क्षेत्रों का मूल निवासी है।
  • विवरण
    • यह 40 मीटर तक ऊँचा हो सकता है तथा इसके तने का व्यास 2 मीटर होता है।
    • पत्तियाँ 10-25 सेमी. लंबी और 5-15 सेमी. चौड़ी होती हैं।
    • आर्द्र क्षेत्रों में साल सदाबहार होता है; शुष्क क्षेत्रों में यह शुष्क ऋतु में पर्णपाती होता है, जिसके अधिकांश पत्ते फरवरी से अप्रैल तक गिर जाते हैं और अप्रैल तथा मई में पुनः पत्ते निकल आते हैं।
    • साल वृक्ष को मध्य प्रदेश, ओडिशा और झारखंड सहित उत्तरी भारत में सखुआ के नाम से भी जाना जाता है।
    • यह दो भारतीय राज्यों- छत्तीसगढ़ और झारखंड का राज्य वृक्ष है।
  • संस्कृति
    • हिंदू परंपरा में साल वृक्ष को पवित्र माना जाता है। इसे भगवान विष्णु से भी जोड़ा जाता है।
    • इस वृक्ष का सामान्य नाम 'साल' शब्द 'शाला' से आया है, जिसका संस्कृत में अर्थ 'प्राचीर' होता है।
    • जैन धर्मावलंबियों का मानना ​​है कि 24वें तीर्थंकर महावीर को साल वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
    • बंगाल की कुछ संस्कृतियों में सरना बूढ़ी की पूजा की जाती है, जो साल वृक्षों के पवित्र उपवनों से जुड़ी देवी है।
    • बौद्ध परंपरा के अनुसार शाक्य की रानी माया ने दक्षिण नेपाल के लुंबिनी के एक बगीचे में साल वृक्ष या अशोक वृक्ष की शाखा को पकड़ते हुए गौतम बुद्ध को जन्म दिया था।
    • बौद्ध परंपरा के अनुसार, बुद्ध की मृत्यु के समय वे साल वृक्षों के बीच विश्राम कर रहे  थे।


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