शासन व्यवस्था
भारत के जल संसाधनों के प्रबंधन और संरक्षण में सुधार
- 14 Aug 2023
- 11 min read
प्रिलिम्स के लिये:नदियों को जोड़ने के लिये राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना, राष्ट्रीय जलभृत मानचित्रण और प्रबंधन कार्यक्रम, PMKSY, अमृत सरोवर मिशन, जल जीवन मिशन मेन्स के लिये:भारत के जल संसधनों के प्रबंधन और संरक्षण में सुधार |
चर्चा मे क्यों?
हाल ही में जल शक्ति राज्य मंत्री ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में भारत की जल संसाधन प्रबंधन रणनीतियों और संरक्षण प्रयासों के विषय में बहुमूल्य जानकारी प्रदान की।
- सरकार द्वारा की गई पहलें जल की कमी से संबंधित चुनौतियों का हल करने और इस बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन का धारणीय उपयोग सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
भारत के जल संसाधनों के प्रबंधन से संबंधित पहलें:
- नदियों को जोड़ने के लिये राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना:
- इसे वर्ष 1980 में अधिशेष बेसिनों से जल की कमी वाले क्षेत्रों में पानी पहुँचाने के लिये तैयार किया गया।
- राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी (National Water Development Agency- NWDA) ने नदियों को जोड़ने की परियोजना के तहत 30 इंटरलिंकिंग परियोजनाओं (प्रायद्वीपीय घटक के तहत 16 और हिमालयी घटक के तहत 14) की पहचान की है।
- हालाँकि नदियों को जोड़ने वाली परियोजनाएँ काफी हद तक भागीदार राज्यों के मध्य जल बँटवारे की आम सहमति पर निर्भर करती हैं।
- राष्ट्रीय जलभृत मानचित्रण एवं प्रबंधन कार्यक्रम (National Aquifer Mapping and Management Program- NAQUIM):
- यह केंद्रीय भूजल बोर्ड (Central Ground Water Board- CGWB) द्वारा भूजल प्रबंधन और विनियमन (GWM&R) योजना के तहत कार्यान्वित, एक केंद्रीय प्रायोजित योजना है।
- यह कार्यक्रम जलभृतों (जल धारण करने वाली संरचनाओं/Water-Bearing Formations) का मानचित्रण करता है, उनका वर्णन करता है और जलभृत प्रबंधन योजनाएँ विकसित करता है।
- इसका लक्ष्य पूरे देश में भूजल संसाधनों का सतत् प्रबंधन करना है।
- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) - हर खेत को पानी (HKKP) - भूजल (GW):
- यह योजना कृषि तक जल पहुँच बढ़ाने और किसानों को कुशल सिंचाई को बढ़ावा देने के लिये लॉन्च की गई है।
- इसमें खेत में जल उपयोग दक्षता को बढ़ाना, उसमें टिकाऊ संरक्षण प्रथाएँ लागू करना शामिल है।
- कृषि एवं किसान कल्याण विभाग PMKSY के "प्रति बूँद अधिक फसल (Per Drop More Crop)" घटक को लागू कर रहा है।
- PMKSY- "प्रति बूँद अधिक फसल" मुख्य रूप से सूक्ष्म सिंचाई (ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली) के माध्यम से खेत स्तर पर जल उपयोग दक्षता पर केंद्रित है।
- यह योजना वर्ष 2015-16 से परिचालित है तथा खेत स्तर पर जल संरक्षण को बढ़ावा देती है।
- कमांड एरिया डेवलपमेंट एंड वॉटर मैनेजमेंट (Command Area Development & Water Management- CADWM) प्रोग्राम को PMKSY - HKKP के तहत लाया गया है।
- CAD कार्यों को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य निर्मित सिंचाई क्षमता के उपयोग को बढ़ाना तथा सहभागी सिंचाई प्रबंधन (Participatory Irrigation Management- PIM) के माध्यम से स्थायी आधार पर कृषि उत्पादन में सुधार करना है।
- मिशन अमृत सरोवर
- यह जल निकायों के संरक्षण के लिए आज़ादी का अमृत महोत्सव के भाग के रूप में लॉन्च किया गया।
- प्रत्येक ज़िले में 75 जल निकायों का विकास और कायाकल्प करने का लक्ष्य है।
- जल जीवन मिशन:
- इसका लक्ष्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को पीने योग्य नल का पानी उपलब्ध कराना है।
- पानी की कमी और सूखाग्रस्त क्षेत्रों में नल के पानी की आपूर्ति पर ध्यान देना।
- इसमें थोक जल अंतरण और क्षेत्रीय जल आपूर्ति योजनाएँ शामिल हैं।
- जल शक्ति अभियान:
- यह कार्यक्रम जल संरक्षण और प्रबंधन के लिए संकटग्रस्त ज़िलों में आयोजित किया जा रहा है।
- “कैच द रेन अभियान” सभी जिलों, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को कवर करने के लिये लॉन्च किया गया।
- इसका उद्देश्य वर्षा जल को एकत्रित करना है।
- जल उपयोग दक्षता एवं निष्पादन मूल्यांकन अध्ययन:
- केंद्रीय जल आयोग,सिंचाई परियोजनाओं हेतु अध्ययन को बढ़ावा देता है।
- इसका मुख्य उद्देश्य जल उपयोग दक्षता और संरक्षण प्रथाओं में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना है।
- अटल भूजल योजना:
- यह सात राज्यों अर्थात् हरियाणा, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के 81 जिलों की 8,774 ग्राम पंचायतों में जल संकट वाले क्षेत्रों में कार्यरत केंद्रीय योजना है।
- अटल भूजल योजना का उद्देश्य सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से देश के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में भूजल प्रबंधन में सुधार करना है।
- राष्ट्रीय एकीकृत जल संसाधन विकास आयोग (NCIWRD):
- यह विभिन्न परिदृश्यों के लिए अनुमानित जल आवश्यकताओं पर रिपोर्ट तैयार करता है।
- यह जल संसाधनों की योजना और प्रबंधन के लिए अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी (National Disaster Management Agency- NDMA):
- यह आपदा चेतावनी और प्रबंधन के लिये जल-संबंधित डेटा और प्रौद्योगिकियों का उपयोग करती है।
- यह चेतावनी के समय पर प्रसार के लिये NavIC जैसे प्लेटफॉर्म का उपयोग करती है।
- "सही फसल" अभियान:
- इसे जल-तनावग्रस्त क्षेत्रों में जल-कुशल फसल विकल्पों (Water-Efficient Crop Choices) को प्रोत्साहित करने के लिये लॉन्च किया गया।
- यह आर्थिक रूप से व्यवहार्य और टिकाऊ फसल कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. 'एकीकृत जलसंभर विकास कार्यक्रम' को कार्यान्वित करने के क्या लाभ हैं? (2014)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (c) व्याख्या:
प्रश्न. पृथ्वी ग्रह पर अधिकांश ताज़ा पानी बर्फ की चोटियों और ग्लेशियरों के रूप में मौजूद है। शेष मीठे जल में से सबसे बड़ा अनुपात: (a) वायुमंडल में नमी और बादलों के रूप में पाया जाता है। उत्तर: (c) मेन्स:प्रश्न. भारत की राष्ट्रीय जल नीति का उल्लेख कीजिये। उदाहरण के तौर पर गंगा नदी को लेते हुए नदी जल प्रदूषण नियंत्रण और प्रबंधन के लिये अपनाई जा सकने वाली रणनीतियों पर चर्चा कीजिये। भारत में खतरनाक अपशिष्टों के प्रबंधन एवं प्रबंधन के कानूनी प्रावधान क्या हैं? (2013) प्रश्न. “भारत में घटते भूजल संसाधनों का आदर्श समाधान जल संचयन प्रणाली है।” इसे शहरी क्षेत्रों में कैसे प्रभावी बनाया जा सकता है? (2018) प्रश्न. जल तनाव (Water Stress) क्या है? भारत में क्षेत्रीय स्तर पर यह कैसे और क्यों भिन्न है? (2019) |