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शासन व्यवस्था

अमृत सरोवर मिशन

  • 20 Jun 2022
  • 10 min read

प्रिलिम्स के लिये:

अमृत सरोवर मिशन, आजादी का अमृत महोत्सव, मनरेगा, XV वित्त आयोग अनुदान, पीएमकेएसवाई। 

मेन्स के लिये:

सरकारी हस्तक्षेप और नीतियांँ, XV वित्त आयोग अनुदान, अमृत सरोवर मिशन। 

चर्चा में क्यों? 

केंद्र सरकार ने रेल मंत्रालय और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) से कहा है कि वे अमृत सरोवर मिशन के तहत देश भर के सभी ज़िलों में तालाबों/टैंकों से खुदाई की गई मृदा/गाद का उपयोग अपनी बुनियादी ढांँचा परियोजनाओं के लिये करें। 

अमृत सरोवर मिशन: 

  • परिचय: 
    • अमृत सरोवर मिशन 24 अप्रैल 2022 को जल संरक्षण के उद्देश्य से शुरू किया गया था। 
  • लक्ष्य: 
    • मिशन का उद्देश्य आजादी का अमृत महोत्सव के उत्सव के रूप में देश के प्रत्येक ज़िले में 75 जल निकायों का विकास और कायाकल्प करना है। 
    • कुल मिलाकर इससे लगभग एक एकड़ या उससे अधिक आकार के 50,000 जलाशयों का निर्माण होगा। 
    • मिशन इन प्रयासों को पूरा करने के लिये नागरिक और गैर-सरकारी संसाधनों को जुटाने को प्रोत्त्साहित करता है। 
  • शामिल मंत्रालय: 
    • यह मिशन 6 मंत्रालयों/विभागों के साथ संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण के साथ शुरू किया गया है, अर्थात्: 
      • ग्रामीण विकास विभाग 
      • भूमि संसाधन विभाग 
      • पेयजल एवं स्वच्छता विभाग 
      • जल संसाधन विभाग 
      • पंचायती राज मंत्रालय 
      • वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय। 
  • तकनीकी भागीदार: 
    • भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान (BISAG-N) को मिशन के लिये तकनीकी भागीदार के रूप में नियुक्त किया गया है। 
  • विभिन्न योजनाओं के साथ पुनः ध्यान केंद्रित करना: 
    • यह मिशन राज्यों और ज़िलों के माध्यम से मनरेगा, XV वित्त आयोग अनुदान, पीएमकेएसवाई उप योजनाओं जैसे वाटरशेड विकास घटक, हर खेत को पानी के अलावा राज्यों की अपनी योजनाओं पर फिर से ध्यान केंद्रित करके काम करता है। 
  • लक्ष्य: 
    • मिशन अमृत सरोवर को 15 अगस्त 2023 तक पूरा किया जाना है। 
    • देश में करीब 50,000 अमृत सरोवर बनाए जाने हैं। 
      • इनमें से प्रत्येक अमृत सरोवर 10,000 घन मीटर की जल धारण क्षमता के साथ 1 एकड़ क्षेत्र में होगा। 
    • मिशन में लोगों की भागीदारी केंद्र में है। 
      • स्थानीय स्वतंत्रता सेनानी, उनके परिवार के सदस्य, शहीद के परिवार के सदस्य, पद्म पुरस्कार विजेता और स्थानीय क्षेत्र के नागरिक जहाँ अमृत सरोवर का निर्माण किया जाना है, सभी चरणों में संलग्न रहेंगे। 
    • प्रत्येक 15 अगस्त को प्रत्येक अमृत सरोवर स्थल पर राष्ट्रीय ध्वजारोहण का आयोजन किया जाएगा। 
  • उपलब्धियाँ: 
    • अब तक राज्यों/ज़िलों द्वारा अमृत सरोवरों के निर्माण के लिये 12,241 स्थलों को अंतिम रूप दिया जा चुका है, जिनमें से 4,856 अमृत सरोवरों पर काम शुरू हो गया है। 

आज़ादी का अमृत महोत्सव: 

  • आज़ादी का अमृत महोत्सव स्वतंत्रता के 75 वर्ष और अपने लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को मनाने के लिये भारत सरकार की एक पहल है। 
  • यह महोत्सव भारत के लोगों को समर्पित है, जिन्होंने न केवल भारत को अपनी विकासवादी यात्रा में शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि इसमें आत्मनिर्भर भारत द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत 2.0 को सक्रिय करने के दृष्टिकोण को सक्षम करने की शक्ति और क्षमता भी है। । 
  • 12 मार्च 2021 को आज़ादी का अमृत महोत्सव की आधिकारिक यात्रा शुरू हुई, जिसने हमारी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांँठ के लिये 75-सप्ताह की उलटी गिनती शुरू की जो 15 अगस्त 2023 को एक वर्ष के बाद समाप्त होगी। 

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न: 

प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन भारत सरकार के 'हरित भारत मिशन' के उद्देश्य का सबसे अच्छा वर्णन करता है? (2016) 

  1. संघ और राज्य के बजट में पर्यावरणीय लाभों और लागतों को शामिल करना जिससे 'हरित लेखांकन' को लागू किया जा सके।
  2. कृषि उत्पादन बढ़ाने हेतु दूसरी हरित क्रांति शुरू करना ताकि भविष्य में सभी के लिये खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
  3. अनुकूलन और शमन उपायों के संयोजन से वन आवरण को बहाल करना और बढ़ाना तथा जलवायु परिवर्तन का प्रतिउत्तर देना।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये। 

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3  
(c) केवल 3
(d) 1, 2और 3 

उत्तर: (c) 

  • हरित भारत के लिये राष्ट्रीय मिशन, जिसे हरित भारत मिशन GIM) के रूप में भी जाना जाता है, जलवायु परिवर्तन पर भारत की राष्ट्रीय कार्य योजना के तहत उल्लिखित आठ मिशनों में से एक है। इसे फरवरी 2014 में लॉन्च किया गया था। 
  • मिशन के लक्ष्य: 
    • वन/वृक्ष आच्छादन को 5 मिलियन हेक्टेयर (mha) तक बढ़ाना और वन/गैर वन भूमि के अन्य 5 mha पर वन/वृक्ष आवरण की गुणवत्ता में सुधार करना। विभिन्न वन प्रकारों और पारिस्थितिक तंत्रों (जैसे, आर्द्रभूमि, घास के मैदान, घने जंगल, आदि) के लिये अलग-अलग उप-लक्ष्य मौजूद हैं। अत: 3 सही है। 
    • मध्यम घने, खुले वन, अवक्रमित घास के मैदान और आर्द्रभूमि (5 मिलियन हेक्टेयर) सहित वनों/गैर-वनों की वनावरण और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार। 
    • उनमें से प्रत्येक के लिये अलग-अलग उप-लक्ष्यों के साथ स्क्रब, शिफ्टिंग खेती क्षेत्रों, शीत मरुस्थल, मैंग्रोव, खड्डों और परित्यक्त खनन क्षेत्रों (1.8 मिलियन हेक्टेयर) की पारिस्थितिकी-पुनर्स्थापना / वनीकरण। 
    • शहरी / उपनगरीय भूमि में वन और वृक्षों के आवरण में सुधार (0.20 मिलियन हेक्टेयर)। 
    • कृषि वानिकी/सामाजिक वानिकी के अंतर्गत सीमांत कृषि भूमि/परती और अन्य गैर-वन भूमि पर वन और वृक्ष आवरण में सुधार (3 मिलियन हेक्टेयर)। 
    • ईको-सिस्टम सेवाओं जैसे कार्बन सीक्वेस्ट्रेशन और स्टोरेज (जंगलों और अन्य पारिस्थितिक तंत्रों में), हाइड्रोलॉजिकल सेवाओं और जैव विविधता में सुधार / वृद्धि करना; प्रावधान सेवाओं के साथ-साथ ईंधन, चारा, और लकड़ी और गैर-लकड़ी वन उत्पाद (लघु वन उत्पाद या एमएफपी) आदि, जो उपचार के परिणामस्वरूप 10 मिलियन हेक्टेयर की होने की उम्मीद है। 
    • इन वन क्षेत्रों में और आसपास के लगभग 30 लाख परिवारों के लिये वन आधारित आजीविका आय में वृद्धि करना; और वर्ष 2020 तक वार्षिक CO2 ज़ब्ती को 50 से 60 मिलियन टन तक बढ़ाना। दूसरी हरित क्रांति शुरू करना और केंद्र और राज्य के बजट में हरित लेखांकन को शामिल करना ग्रीन इंडिया मिशन का उद्देश्य नहीं है। अतः 1 और 2 सही नहीं हैं। 

अतः विकल्प (c) सही उत्तर है। 

स्रोत : द हिंदू 

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