प्रारंभिक परीक्षा
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री ने 'प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना' शुरू की, जो एक नवाचारी सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य देश में एक करोड़ घरों की छत पर सौर ऊर्जा प्रणाली या रूफटॉप सोलर पैनल स्थापित करना है।
रूफटॉप सोलर पैनल क्या है?
- परिचय: रूफटॉप सोलर एक फोटोवोल्टिक प्रणाली है जिसमें विद्युत उत्पादन करने वाले सौर पैनल आवासीय या व्यावसायिक भवन या संरचना की छत पर लगे होते हैं।
- लाभ: यह ग्रिड से जुड़ी विद्युत की खपत को कम करता है और उपभोक्ता के लिये विद्युत की लागत बचाता है।
- रूफटॉप सोलर प्लांट से उत्पन्न अधिशेष सौर ऊर्जा इकाइयों को मीटरिंग प्रावधानों के अनुसार ग्रिड में निर्यात किया जा सकता है।
- उपभोक्ता प्रचलित नियमों के अनुसार अधिशेष निर्यातित विद्युत के लिये मौद्रिक लाभ प्राप्त कर सकता है।
- संबंधित सरकारी पहल: सरकार ने वर्ष 2014 में रूफटॉप सोलर प्रोग्राम लॉन्च किया, जिसका लक्ष्य वर्ष 2022 तक 40,000 मेगावाट (MW) या 40 गीगावाट (GW) की संचयी संस्थापित क्षमता हासिल करना था।
- हालाँकि यह लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सका। परिणामस्वरूप, सरकार ने समय-सीमा वर्ष 2022 से बढ़ाकर वर्ष 2026 कर दी।
- कुछ रिपोर्टों के अनुसार, प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना 40 गीगावॉट रूफटॉप सोलर क्षमता के लक्ष्य तक पहुँचने में मदद करने का एक बड़ा प्रयास है।
भारत की मौजूदा सौर क्षमता की क्या स्थिति है?
- भारत की वर्तमान सौर क्षमता:
- रूफटॉप सौर क्षमता: दिसंबर 2023 तक छत पर लगाए गए/रूफटॉप सोलर प्रणाली की कुल क्षमता लगभग 11.08 गीगावॉट है।
- गुजरात 2.8 गीगावॉट के साथ सूची में शीर्ष पर है जिसके बाद महाराष्ट्र 1.7 गीगावॉट की क्षमता के साथ दूसरे स्थान पर है।
- ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (Council on Energy, Environment and Water- CEEW) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार कुल रूफटॉप सोलर प्रणाली की मात्र 20% स्थापनाएँ आवासीय क्षेत्र में की गई हैं तथा अधिकांश रूफटॉप सोलर प्रणाली वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्रों में हैं।
- रिपोर्ट के अनुसार भारत के 25 करोड़ घर छतों पर कुल 637 गीगावॉट की क्षमता की सोलर प्रणाली स्थापित कर सकते हैं तथा इसकी कुल क्षमता का मात्र एक-तिहाई हिस्सा देश में संपूर्ण आवासीय क्षेत्रों की विद्युत की मांग को पूरा कर सकता है।
- स्थापित सोलर प्रणाली की कुल क्षमता: नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार दिसंबर 2023 तक भारत में छतों पर स्थापित सोलर प्रणाली की क्षमता लगभग 73.31 गीगावॉट तक पहुँच गई है।
- कुल सौर क्षमता के मामले में राजस्थान 18.7 गीगावॉट के साथ शीर्ष पर है। गुजरात 10.5 गीगावॉट के साथ दूसरे स्थान पर है।
- छत पर स्थापित सोलर प्रणाली क्षमता के संदर्भ में गुजरात 2.8 गीगावॉट के साथ सूची में सबसे ऊपर है इसके बाद महाराष्ट्र 1.7 गीगावॉट के साथ दूसरे स्थान पर है।
- रूफटॉप सौर क्षमता: दिसंबर 2023 तक छत पर लगाए गए/रूफटॉप सोलर प्रणाली की कुल क्षमता लगभग 11.08 गीगावॉट है।
भारत की बढ़ती ऊर्जा मांग
- अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (International Energy Agency) के अनुसार भारत को अगले तीन दशकों में वैश्विक स्तर पर ऊर्जा मांग में सबसे अधिक वृद्धि का अनुभव करना पड़ सकता है।
- कोयला उत्पादन में वृद्धि के बावजूद भारत वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने के लिये प्रतिबद्ध है।
- इसके अलावा, देश का लक्ष्य वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 50% विद्युत् ऊर्जा उत्पादन का है, जो पहले ही 43% तक पहुँच चुका है जिसमें कुल स्थापित क्षमता में नवीकरणीय ऊर्जा का योगदान 30% है।
- बढ़ती विद्युत् ऊर्जा की मांग को पूरा करने के लिये नवीकरणीय क्षमता, विशेषकर सौर ऊर्जा में तेज़ी से वृद्धि आवश्यक है।
सौर ऊर्जा का प्रयोग करने के लिये अन्य सरकारी पहल क्या हैं?
- राष्ट्रीय सौर मिशन
- सौर ऊर्जा पार्क योजना
- किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM)
- सूर्यमित्र कौशल विकास कार्यक्रम
- अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) मेन्सप्रश्न. भारत में सौर ऊर्जा की प्रचुर संभावनाएँ हैं, हालाँकि इसके विकास में क्षेत्रीय भिन्नताएँ हैं। विस्तृत वर्णन कीजिये। (2020) |
प्रारंभिक परीक्षा
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में गोल्डन टाइगर
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (KNP) में एक दुर्लभ सुनहरे रंग के बाघ को देखा गया।
गोल्डन टाइगर के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?
- गोल्डन टाइगर (जिसे गोल्डन टैबी टाइगर के रूप में भी जाना जाता है) सफेद और काले बाघों की तरह एक अलग उप-प्रजाति नहीं, बल्कि सिर्फ दुर्लभ रंग-रूप की प्रजाति है।
- वे वन और कैद (captive ) में भी साधारण रूप से दुर्लभ हैं।
- KNP में देखे गए गोल्डन टाइगर बंगाल टाइगर का दुर्लभ रंग-रूप है जो "वाइडबैंड" नामक अप्रभावी जीन के कारण होता है।
- वाइडबैंड जीन बालों के विकास के चक्र के दौरान मेलेनिन उत्पादन को कम कर देता है। इस प्रकार, एगौटी उत्परिवर्तन (एक प्रोटीन का उत्पादन जो आमतौर पर त्वचा में व्यक्त होता है) सुनहरे या सुनहरे रंग की त्वचा के लिये जिम्मेदार है, जबकि नारंगी धारियां 'टैबी' उत्परिवर्तन के कारण दिखाई देती हैं।
- टैबी जीन घरेलू बिल्लियों में अधिकांश टैबी पैटर्न (कोट पैटर्न) के लिये जिम्मेदार है।
- काले और सुनहरे बाघ मूल रूप से अस्तित्व में हैं क्योंकि उन दोनों में एक अप्रभावी जीन होता है जो इसे दबाने के लिये एक प्रमुख जीन की अनुपस्थिति के कारण व्यक्त होता है। जब प्रमुख लक्षणों वाले दो विपरीत लिंग वाले जीव प्रजनन करते हैं, तो अप्रभावी जीन छिप जाते हैं, लेकिन जब अप्रभावी जीन वाले प्रजनन करते हैं, तो अप्रभावी जीन व्यक्त हो जाता है और इन दो बाघ (काले और सुनहरे) उत्परिवर्ती के मामले में ऐसा ही है।
काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान
- वर्ष 1908 में निर्मित काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (KNP) असम राज्य के गोलाघाट और नागोअन ज़िले में देश के उत्तर पूर्वी हिस्से के किनारे पर स्थित है। इसे वर्ष 1974 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था।
- वर्ष 1985 में इस पार्क को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था और वर्ष 2006 में इसे टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया था।
- यह ब्रह्मपुत्र घाटी बाढ़ के मैदान में एकमात्र सबसे बड़ा अविभाजित और प्रतिनिधि क्षेत्र है।
- KNP में मुख्य रूप से चार प्रकार की वनस्पतियाँ पायी जाती हैं, जैसे- जलोढ़ जलमग्न घास के मैदान, जलोढ़ सवाना वन, उष्णकटिबंधीय नम मिश्रित पर्णपाती वन और उष्णकटिबंधीय अर्ध-सदाबहार वन।
- यह 2200 से अधिक भारतीय एक सींग वाले गैंडों का निवास स्थान है, जो उनकी संपूर्ण विश्व आबादी का लगभग 2/3 हिस्सा हैं।
- KNP में बाघ, हाथी, जंगली जल भैंस और भालू के साथ-साथ गंगा नदी डॉल्फ़िन सहित जलीय प्रजातियों सहित अन्य संकटग्रस्त प्रजातियाँ की महत्त्वपूर्ण आबादी है। प्रवासी पक्षियों के लिये यह एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2013) राष्ट्रीय उद्यान - पार्क से बहने वाली नदी
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) प्रश्न. निम्नलिखित बाघ आरक्षित क्षेत्रों में से "क्रांतिक बाघ आवास (Critical Tiger Habitat)" के अंतर्गत सबसे बड़ा क्षेत्र किसके पास है? (2020) (a) कॉर्बेट उत्तर: (c) मेन्सप्रश्न. "विभिन्न प्रतिस्पर्द्धी क्षेत्रों और हितधारकों के बीच नीतिगत विरोधाभासों के परिणामस्वरूप पर्यावरण के अपर्याप्त 'संरक्षण एवं गिरावट की रोकथाम' हुई है।" प्रासंगिक दृष्टांतों के साथ टिप्पणी कीजिये। (2018) |
रैपिड फायर
तकनीकी वस्त्र पर राष्ट्रीय सम्मेलन
हाल ही में वस्त्र मंत्रालय ने आंध्र प्रदेश सरकार के सहयोग से विजयवाड़ा में तकनीकी वस्त्रों पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें तकनीकी वस्त्रों के संबंध में नीतिगत मार्गों को आगे बढ़ाने के साथ-साथ नवाचार पर ज़ोर दिया गया।
- पैनल चर्चा में सर्कुलर इकोनॉमी के लिये रणनीतियों, तकनीकी वस्त्रों में स्थिरता, एग्रोटेक्सटाइल्स, बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये जियोटेक्सटाइल्स के साथ-साथ भविष्य में तकनीकी वस्त्रों के रुझान जैसे विभिन्न विषयों को शामिल किया गया।
- आंध्र प्रदेश में उपस्थित वस्त्र उद्योगों से तकनीकी वस्त्रों के संबंध में अपने विचारों और नवोन्मेषिता को अधिक भागीदारी के साथ प्रदर्शित करने के लिये आगामी मेगा इवेंट भारत टेक्स 2024 (BHARAT TEX 2024) में भाग लेने का आग्रह किया।
- भारत टेक्स, 2024 वर्ष 2024 का सबसे बड़ा वस्त्र संबंधी कार्यक्रम है जो वस्त्र मंत्रालय और भारत के 11 वस्त्र निर्यात संवर्द्धन परिषदों द्वारा आयोजित किया जाता है। इसका आयोजन 26 से 29 फरवरी, 2024 तक नई दिल्ली में किया जाएगा।
- भारत टेक्स 2024 भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और वस्त्र परंपराओं से लेकर नवीनतम तकनीकी नवाचारों तक संपूर्ण वस्त्र उद्योग मूल्य शृंखला का एक व्यापक प्रदर्शन होगा।
- भारत टेक्स 2024 का लक्ष्य भारत को वस्त्र क्षेत्र में एक वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करना तथा विश्व भर से निवेश, व्यापार एवं साझेदारी को आकर्षित करना है।
- भारत टेक्स, 2024 वर्ष 2024 का सबसे बड़ा वस्त्र संबंधी कार्यक्रम है जो वस्त्र मंत्रालय और भारत के 11 वस्त्र निर्यात संवर्द्धन परिषदों द्वारा आयोजित किया जाता है। इसका आयोजन 26 से 29 फरवरी, 2024 तक नई दिल्ली में किया जाएगा।
रैपिड फायर
सत्येन्द्र नाथ बोस के महान कार्य के 100 वर्ष
हाल ही में देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और प्रशासक सत्येन्द्र नाथ बोस (S.N. Bose) के चार क्रांतिकारी प्रकाशनों में से अंतिम की 100वीं वर्षगाँठ मनाने के लिये कोलकाता में S.N. बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज (SNBNCBS) में एकत्र हुए। इन प्रकाशनों में से अंतिम, जिसने नए क्वांटम यांत्रिकी को जन्म दिया (अन्य 1900 में प्लैंक, 1905 में आइंस्टीन और 1913 में नील्स बोहर के थे), ने वर्षों के दौरान क्वांटम यांत्रिकी के विकास का पता लगाया।।
- SNBNCBS, SN बोस के जीवन और कार्य का सम्मान करने के लिये 1986 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DoST) के तहत स्थापित एक स्वायत्त अनुसंधान संस्थान है।
- क्वांटम सांख्यिकी पर SN बोस के अग्रणी कार्यों ने बोस-आइंस्टीन कंडेनसेट्स, क्वांटम सुपरकंडक्टिविटी और क्वांटम सूचना सिद्धांत सहित आधुनिक क्वांटम प्रौद्योगिकियों के विकास का मार्ग प्रशस्त किया है।
- ब्रह्मांड में आधे मूलभूत कणों का नाम उनके नाम पर बोसॉन रखा गया है।
- इस सम्मेलन में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि 23 देशों ने राष्ट्रीय क्वांटम मिशन स्थापित किये हैं और भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, विशेष रूप से क्वांटम एल्गोरिदम के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।
और पढ़ें: राष्ट्रीय क्वांटम मिशन
रैपिड फायर
शहीद दिवस
देश की स्वतंत्रता और कल्याण हेतु अपने जीवन का बलिदान देने वाले साहसी आत्माओं को श्रद्धांजलि देने के लिये प्रत्येक वर्ष 30 जनवरी को शहीद दिवस मनाया जाता है।
- इस दिन से जुड़ी सबसे महत्त्वपूर्ण घटनाओं में से एक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि है।
- अर्थात् मृत्यु किसी भी क्षण सौभाग्यशाली होती है, लेकिन एक योद्धा के लिये यह दोगुनी सौभाग्यशाली होती है जो अपने उद्देश्य अर्थात् सत्य के लिये अपने प्राण की आहुति देता है।
- इसके अतिरिक्त, भारत के तीन असाधारण क्रांतिकारियों – भगत सिंह, शिवराम राजगुरु, सुखदेव थापर के बलिदान की स्मृति में 23 मार्च को राष्ट्रीय शहीद दिवस भी मनाया जाता है।
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रैपिड फायर
सदा तनसीक
भारत और सऊदी अरब के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास 'सदा तनसीक' (SADA TANSEEQ) का प्रारंभिक संस्करण आज राजस्थान के महाजन में शुरू हुआ। रॉयल सऊदी लैंड फोर्सेज़ और भारतीय सेना, दोनों 45-45 कर्मियों के साथ, इस अभ्यास में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।
- इस अभ्यास का प्राथमिक उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII के तहत अर्द्ध-रेगिस्तानी क्षेत्र में संयुक्त अभियानों के लिये दोनों देशों के सैनिकों को प्रशिक्षित करना है।
- इस अभ्यास की प्रमुख गतिविधियों में सचल वाहन चेक पोस्ट की स्थापना, घेरा डालना और खोज अभियान, हाउस इंटरवेंशन ड्रिल, रिफ्लेक्स शूटिंग, स्लिथरिंग तथा स्नाइपर फायरिंग शामिल हैं। यह अभ्यास साझा सुरक्षा उद्देश्यों को प्राप्त करने तथा द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूती प्रदान करने का कार्य करेगा।
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