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नीतिशास्त्र

महात्मा गांधी के आदर्श

  • 31 Jan 2023
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

महात्मा गांधी, शहीद दिवस, अस्पृश्यता, संयुक्त राज्य अमेरिका में मार्टिन लूथर किंग, म्याँमार में आंग सान सू की, सांप्रदायिक सद्भाव।

मेन्स के लिये:

प्रमुख गांधीवादी विचारधाराएँ, वर्तमान के संदर्भ में गांधीजी की प्रासंगिकता।

चर्चा में क्यों?  

30 जनवरी, 2023 को महात्मा गांधी को उनकी 75वीं पुण्यतिथि पर राष्ट्र द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दिन को शहीद दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। 

MK-Gandhi

प्रमुख गांधीवादी विचारधाराएँ:  

  • भारत के लिये दूरदृष्टि: भारत के लिये गांधीजी का दृष्टिकोण औपनिवेशिक शासन से राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्त करने से भी आगे का था।
    • उन्होंने सामाजिक मुक्ति, आर्थिक सशक्तीकरण और विभिन्न भाषा, धर्म और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि में एकजुटता की साझा भावना का लक्ष्य रखा।
  • अहिंसा: गांधी अहिंसा के प्रबल समर्थक थे और उनका मानना था कि न्याय तथा स्वतंत्रता के संघर्ष में यह सबसे शक्तिशाली हथियार है।
    • उनका यह भी मानना था कि अहिंसा जीवन का एक अभिन्न अंग होना चाहिये, न कि केवल एक राजनीतिक रणनीति, यह स्थायी शांति एवं सामाजिक सद्भाव की ओर ले जाएगी।
    • गांधी एक ऐसे नेता थे जिन्होंने प्रेम और करुणा के माध्यम से लोगों को प्रेरित एवं सशक्त किया।
  • भेदभाव के खिलाफ: गांधी ने पूरे भारत की यात्रा की और देश के विभिन्न सांस्कृतिक विविधताओं को देखा। वह लोगों को उन सामान्य चीज़ों को उजागर करके एक साथ लाए जो उन्हें एकजुट करती थीं, जैसे उनका विश्वास।
    • गांधी धर्म या जाति की परवाह किये बिना सभी के साथ समान व्यवहार करने में दृढ़ता से विश्वास करते थे। वह भेदभाव और छुआछूत की कुप्रथा के खिलाफ थे।
  • धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण: गांधी हिंदू थे लेकिन एक धर्मनिरपेक्ष भारत में उनका दृढ विश्वास था, जहाँ सभी धर्म एक साथ शांतिपूर्वक रह सकते थे। वह धर्म के आधार पर हुए भारत के बँटवारे से बहुत परेशान एवं चिंतित थे।
    • वर्तमान में गांधी के शांति, समावेश और सद्भाव के मूल्यों को याद रखना महत्त्वपूर्ण है क्योंकि ये मूल्य अब भी प्रासंगिक हैं। 
  • सांप्रदायिक सद्भाव: गांधी सभी समुदायों की एकता में दृढ़ विश्वास रखते थे और उन्होंने सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिये अथक रूप से काम किया।  
    • उनका मानना था कि भारत की ताकत उसकी विविधता में है और इस विविधता का जश्न बिना डरे मनाया जाना चाहिये।
    • वह हिंदू-मुस्लिम विभाजन से बहुत परेशान थे और उन्होंने दोनों समुदायों को एक साथ लाने का काम किया। 
  • आत्मनिर्भरता: गांधी आत्मनिर्भरता के महत्त्व में विश्वास करते थे और उन्होंने भारतीयों को अधिक-से-अधिक तरीकों से आत्मनिर्भर बनने के लिये प्रोत्साहित किया। 
    • उन्होंने स्थानीय संसाधनों और पारंपरिक कौशल के उपयोग एवं कुटीर उद्योगों के विकास को प्रोत्साहित किया।
    • उनका यह भी मानना था कि भारत के लोगों को अपने विकास की ज़िम्मेदारी खुद लेनी चाहिये और बाहरी सहयोग पर निर्भर नहीं रहना चाहिये।

आज के संदर्भ में गांधीवादी विचारधारा की प्रासंगिकता:

  • सत्य और अहिंसा के आदर्श गांधी के संपूर्ण दर्शन को रेखांकित करते हैं तथा यह आज भी मानव जाति के लिये अत्यंत प्रासंगिक हैं।
    • महात्मा गांधी की शिक्षाएँ आज और अधिक प्रासंगिक हो गई हैं जब कि लोग अत्यधिक लालच, व्यापक स्तर पर हिंसा तथा भागदौड़ भरी जीवनशैली का समाधान खोजने की कोशिश कर रहे हैं।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका में मार्टिन लूथर किंग, दक्षिण अफ्रीका में नेल्सन मंडेला और म्याँमार में आंग सान सू की जैसे लोगों के नेतृत्व में कई उत्पीड़ित समाज के लोगों को न्याय दिलाने हेतु गांधीवादी विचारधारा को सफलतापूर्वक लागू किया गया है, जो इसकी प्रासंगिकता का प्रत्यक्ष उदाहरण है।
  • दलाई लामा ने कहा, "आज विश्व शांति और विश्वयुद्ध, अध्यात्म एवं भौतिकवाद, लोकतंत्र व अधिनायकवाद के बीच एक बड़ा युद्ध चल रहा है।" इन बड़े युद्धों से लड़ने के लिये यह ठीक होगा कि समकालीन समय में गांधीवादी दर्शन को अपनाया जाए।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स :


प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन अंग्रेज़ी में प्राचीन भारतीय धार्मिक गीतों के अनुवाद 'सॉन्ग्स फ्रॉम प्रिज़न' से संबंधित है? (2021)

(a) बाल गंगाधर तिलक
(b) जवाहरलाल नेहरू
(c) मोहनदास करमचंद गांधी
(d) सरोजिनी नायडू

उत्तर: (c)


प्रश्न. भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)

  1. महात्मा गांधी ने 'अनुबंधित श्रम' की व्यवस्था को समाप्त करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
  2. लॉर्ड चेम्सफोर्ड के 'युद्ध सम्मेलन' में महात्मा गांधी ने विश्वयुद्ध के लिये भारतीयों को भर्ती करने के प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया।
  3. भारतीय लोगों द्वारा नमक कानून तोड़ने के परिणामस्वरूप औपनिवेशिक शासकों द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस को अवैध घोषित कर दिया गया था।

उपर्युक्त कथनों में से कौन से सही हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)


मेन्स:

प्रश्न. असहयोग आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी के रचनात्मक कार्यक्रमों पर प्रकाश डालिये। (2021)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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