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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

डब्ल्यू बोसॉन

  • 11 May 2022
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

कण भौतिकी का मानक मॉडल, डब्ल्यू बोसॉन, ज़ेड बोसॉन, हिग्स बोसॉन।

मेन्स के लिये:

वैज्ञानिक नवाचार और खोज

चर्चा में क्यों?

हाल ही में अमेरिका में कोलाइडर डिटेक्टर एट फर्मिलैब (CDF) सहयोग के शोधकर्त्ताओं ने घोषणा की है कि उन्होंने डब्ल्यू बोसॉन के द्रव्यमान का सटीक मापन किया है

  • कहा गया है कि यह सटीक रूप से निर्धारित मूल्य कण भौतिकी के मानक मॉडल के अनुमानों से मेल नहीं खाता।

डब्ल्यू बोसॉन क्या है?

  • डब्ल्यू बोसॉन को पहली बार वर्ष 1983 में फ्रेंको-स्विस सीमा पर स्थित CERN में देखा गया था। 
    • फोटॉन के विपरीत डब्ल्यू बोसॉन काफी बड़े पैमाने पर होते हैं जो द्रव्यमान रहित होते हैं, अतः वे जिस कमज़ोर बल की मध्यस्थता करते हैं, वह बहुत कम होता है।
    • यूरोपियन ऑर्गनाइज़ेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च (CERN) विश्व की सबसे बड़ी परमाणु एवं कण भौतिकी प्रयोगशाला है, इसे लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर के संचालक के रूप में भी जाना जाता है। CERN ने वर्ष 2012 में मायावी हिग्स बोसॉन की खोज की थी।
  • फोटॉन के विपरीत यह विद्युतीय रूप से उदासीन है किंतु डब्ल्यू-प्लस और डब्ल्यू-माइनस दोनों पर बड़े पैमाने पर चार्ज किये जाते हैं।
  • इस प्रकार डब्ल्यू बोसॉन का आदान-प्रदान करके न्यूट्रॉन को प्रोटॉन में बदल सकते है, उदाहरण के लिये: 
    • यह घटना तब होती है जब सूर्य में रेडियोएक्टिव क्रिया के दौरान बीटा क्षरण होता है। 
  • डब्ल्यू बोसॉन उन अंतःक्रियाओं को सुगम बनाता है जो सूर्य को ज्वलनशील करने के साथ ऊर्जा उत्पादन करती हैं।

प्राथमिक कण भौतिकी मानक मॉडल:

  • प्राथमिक कणों का मानक मॉडल भौतिकी में सैद्धांतिक निर्माण है जो पदार्थ के कणों और उनकी अंतःक्रियाओं का वर्णन करता है।
  • इसके अनुसार विश्व के प्राथमिक कण गणितीय समरूपता से जुड़ा हुए हैं, जैसे दो वस्तुएंँ द्विपक्षीय (बाएंँ-दाएंँ) समरूपता से जुड़ी होती हैं।
  • ये गणितीय समूह हैं जो एक कण से दूसरे कण में निरंतर परिवर्तन द्वारा उत्पन्न होते है।
  • इस मॉडल के अनुसार, मौलिक कणों की सीमित संख्या होती है जो इन समूहों के विशिष्ट "ईजेन" (Eigen) अवस्था द्वारा दर्शायी जाती है।  
  • मॉडल द्वारा भविष्यवाणी किये गए कण, जैसे कि ज़ेड बोसॉन प्रयोगों में देखे गए हैं।
    • वर्ष 2012 में खोजा जाने वाला आखिरी कण हिग्स बोसाॅन था जो भारी कणों को द्रव्यमान प्रदान करता है।

मानक मॉडल की अपूर्णता:

  • क्योंकि यह प्रकृति की चार मूलभूत शक्तियों (विद्युत चुंबकीय, कमज़ोर परमाणु, मज़बूत परमाणु और गुरुत्वाकर्षण अन्योन्यक्रिया) में से केवल तीन की एक एकीकृत परिभाषा प्रदान करता है। यह गुरुत्वाकर्षण को पूर्ण रूप से छोड़ देता है।
    • इसलिये सभी बलों को एकजुट करने की योजना है ताकि एक ही समीकरण पदार्थ की सभी अन्योन्यक्रियाओं का वर्णन कर सके।
  • साथ ही इसमें ‘डार्क मैटर’ कणों का विवरण शामिल नहीं है। 
    • अब तक इनका पता इनके गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में स्थित आसपास के पदार्थ पर ही लगा है। 

nature

समरूपताओं का कणों से संबंध:

  • मानक मॉडल की समरूपता को ‘गेज समरूपता’ के रूप में जाना जाता है, क्योंकि वे "गेज परिवर्तन" द्वारा उत्पन्न होती हैं।
    • ‘गेज परिवर्तन’ निरंतर परिवर्तनों का एक समूह है (जैसे- रोटेशन एक निरंतर परिवर्तन है)। प्रत्येक समरूपता गेज बोसाॅन से जुड़ी होती है।
    • उदाहरण के लिये इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंटरैक्शन से जुड़ा गेज बोसॉन फोटॉन है। कमज़ोर अंतःक्रियाओं से जुड़े गेज बोसॉन डब्ल्यू और ज़ेड बोसॉन हैं। दो डब्ल्यू बोसॉन हैं- W+ और W-।

विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs):

प्रश्न. निकट अतीत में हिग्स बोसॉन कण के अस्तिव के संसूचन के लिये किये गए प्रयत्न लगातार समाचारों में रहे हैं। इस कण की खोज का क्या महत्त्व है? (2013)

  1. यह हमें यह समझने में मदद करेगा कि मूल कणों में संहति क्यों होती है।
  2. यह निकट भविष्य में हमें दो बिंदुओं के बीच के भौतिक अंतराल को पार किये बिना एक बिंदु  से दूसरे बिंदु  तक पदार्थ स्थानांतरित करने की प्रौद्योगिकी विकसित करने में मदद करेगा।
  3. यह हमें नाभिकीय विखंडन के लिये बेहतर ईंधन उत्पन्न करने में मदद करेगा।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर:A

व्याख्या:

  • यूनिफाइड थ्योरी के बुनियादी समीकरणों ने इलेक्ट्रो-कमज़ोर बल और उससे जुड़े बल-वाहक कणों, अर्थात् फोटॉन एवं डब्ल्यू तथा ज़ेड बोसॉन का वर्णन किया। ये सभी कण बिना द्रव्यमान के निकले। प्रोटॉन का द्रव्यमान नगण्य होता है, लेकिन डब्ल्यू और ज़ेड का द्रव्यमान प्रोटॉन के द्रव्यमान का लगभग 100 गुना होता है।
  • सिद्धांतवादी रॉबर्ट ब्राउट, फ्रेंकोइस एंगलर्ट और पीटर हिग्स ने एक सिद्धांत दिया जिसे ब्राउट-एंगलर्टहिग्स तंत्र के रूप में जाना जाता है जो डब्ल्यू और ज़ेड को अदृश्य क्षेत्र के साथ अंतःक्रिया करते समय एक द्रव्यमान प्रदान करता है, जो ब्रह्मांड में व्याप्त है, जिसे "हिग्स क्षेत्र" कहा जाता है।
  • हिग्स बोसाॅन हिग्स क्षेत्र की दृश्यमान अभिव्यक्ति है।
  • बिग बैंग के ठीक बाद हिग्स क्षेत्र शून्य था, लेकिन जैसे-जैसे ब्रह्मांड ठंडा होता गया और तापमान एक महत्त्वपूर्ण मान से नीचे गिर गया, यह क्षेत्र अनायास ही बढ़ गया ताकि इसके साथ अंतःक्रिया करने वाले किसी भी कण का द्रव्यमान प्राप्त हो जाए।
  • एक कण जितना अधिक इस क्षेत्र के साथ संपर्क करता है, वह उतना ही भारी होता है, जैसे कि फोटॉन जो इसके साथ अंतःक्रिया नहीं करता है,  इसका द्रव्यमान नगण्य होता है।
  • सभी मूलभूत क्षेत्रों की तरह हिग्स क्षेत्र में एक संबद्ध कण हिग्स बोसॉन होता है। अतः कथन 1 सही है और हिग्स बोसाॅन कण का कथन 2 और 3 से कोई संबंध नहीं है। 
  • अतः विकल्प (A) सही उत्तर है।

स्रोत: द हिंदू

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