अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत-सऊदी अरब संबंध
- 21 Sep 2022
- 8 min read
प्रिलिम्स के लिये:सऊदी अरब के पड़ोसी देश, सऊदी अरब के साथ व्यापार मेन्स के लिये:भारत-सऊदी अरब संबंध |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री ने भारत-सऊदी अरब रणनीतिक साझेदारी परिषद की मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने के लिये सऊदी अरब का दौरा किया।
बैठक के प्रमुख निष्कर्ष:
- फरवरी 2019 में सऊदी अरब द्वारा किये गए भारत में 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश की घोषणा को साकार करने के प्रयासों को सुव्यवस्थित करना।
- तकनीकी टीमों द्वारा 4 व्यापक क्षेत्रों के तहत पहचाने गए सहयोग के 41 क्षेत्रों का समर्थन:
- कृषि और खाद्य सुरक्षा
- ऊर्जा
- प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी
- उद्योग और बुनियादी ढाँचा
- प्राथमिकता वाली परियोजनाओं का समयबद्ध तरीके से क्रियान्वयन करने का संकल्प। इसमें शामिल सहयोग के प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं:
- सऊदी अरब में यूपीआई और रुपे कार्ड के संचालन के माध्यम से डिजिटल फिनटेक क्षेत्र में सहयोग।
- पश्चिमी तट पर एक रिफाइनरी का निर्माण, तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) बुनियादी ढाँचे में निवेश और भारत में सामरिक पेट्रोलियम भंडारण सुविधाओं के विकास सहित संयुक्त परियोजनाओं में निरंतर सहयोग की दोबारा पुष्टि।
- चर्चा में कुछ और प्रमुख बिंदु शामिल थे:
- दोनों देशों के एक्ज़िम बैंकों का संस्थागत गठजोड़
- मानकों की पारस्परिक मान्यता
- स्टार्टअप और इनोवेशन ब्रिज की स्थापना
- बुनियादी ढाँचे के विकास में सहयोग को मज़बूत करना, विशेष रूप से निर्माण के क्षेत्र में
- रेलवे आदि।
भारत-सऊदी अरब रणनीतिक साझेदारी परिषद
- सामरिक भागीदारी परिषद की स्थापना अक्तूबर, 2019 में भारत के प्रधानमंत्री की सऊदी अरब की यात्रा के दौरान की गई थी।
- इसके दो मुख्य स्तंभ हैं:
- राजनीतिक, सुरक्षा, सामाजिक और सांस्कृतिक समिति
- अर्थव्यवस्था और निवेश पर समिति
- ब्रिटेन, फ्राँस और चीन के बाद भारत चौथा देश है जिसके साथ सऊदी अरब ने इस तरह की रणनीतिक साझेदारी की है।
सऊदी अरब के साथ भारत के संबंध:
- तेल और गैस:
- सऊदी अरब वर्तमान में भारत को कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्त्ता है (इराक शीर्ष आपूर्तिकर्त्ता है)।
- भारत अपनी कच्चे तेल की आवश्यकता का लगभग 18% और अपनी तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (Liquified Petroleum Gas-LPG) आवश्यकता का लगभग 22% सऊदी अरब से आयात करता है।
- सऊदी अरामको, संयुक्त अरब अमीरात के एडनोक और भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों द्वारा महाराष्ट्र के रायगढ़ में दुनिया की सबसे बड़ी ग्रीनफील्ड रिफाइनरी की स्थापना के लिये अध्ययन किया जा रहा है।
- सऊदी अरब वर्तमान में भारत को कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्त्ता है (इराक शीर्ष आपूर्तिकर्त्ता है)।
- द्विपक्षीय व्यापार:
- सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार (अमेरिका, चीन और जापान के बाद) है।
- वित्त वर्ष 2021-22 में द्विपक्षीय व्यापार8 अरब अमेरिकी डॉलर का था।
- सऊदी अरब से भारत का आयात 34.01 अरब डॉलर और सऊदी अरब को 8.76 अरब डॉलर का निर्यात हुआ। वर्ष 2021 की तुलना में 49.5% की वृद्धि हुई।
- वित्त वर्ष 2021-22 में सऊदी अरब के साथ व्यापार भारत के कुल व्यापार का 4.14% है।
- भारतीय प्रवासी:
- सऊदी अरब में 6 मिलियन भारतीय प्रवासी समुदाय सऊदी का सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है और उनकी विशेषज्ञता, अनुशासन की भावना, कानून का पालन करने और शांतिप्रिय प्रकृति के कारण 'सबसे पसंदीदा समुदाय' है।
- सांस्कृतिक संबंध:
- हज यात्रा भारत और सऊदी अरब के बीच द्विपक्षीय संबंधों का एक अन्य महत्त्वपूर्ण घटक है।
- नौसेना अभ्यास:
- वर्ष 2021 में भारत और सऊदी अरब ने अल-मोहद अल-हिंदी अभ्यास नामक अपना पहला नौसेना संयुक्त अभ्यास शुरू किया।
आगे की राह
- भारत, सऊदी अरब के साथ अपने मैत्रीपूर्ण संबंधों का उपयोग इसे अफगानिस्तान में तालिबान को नियंत्रित करने के लिये पाकिस्तान पर अपने प्रभाव का प्रयोग करने के लिये राजी करने में कर सकता है।
- दोनों अर्थव्यवस्थाओं का एक संयुक्त सहयोगात्मक प्रयास दक्षिण-पश्चिम एशिया के उप-क्षेत्रों में परिवर्तन लाने का कार्य करेगा।
- वर्तमान में सऊदी अरब के साथ भारत का व्यापार घाटा 25.25 बिलियन डॉलर का है। भारत को विभिन्न क्षेत्रों में निर्यात को बढ़ावा देने पर अधिक ध्यान देना चाहिये। यह हमें स्वस्थ व्यापार संबंधों का निर्माण करते हुए राज्य के साथ व्यापार संतुलन बनाए रखने में सक्षम बनाएगा।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न:प्रिलिम्सप्रश्न. निम्नलिखित में से कौन 'खाड़ी सहयोग परिषद' का सदस्य नहीं है? (2016) (a) ईरान उत्तर: (a)
अत: विकल्प (a) सही उत्तर है। मेन्सप्रश्न. भारत की ऊर्जा सुरक्षा का प्रश्न भारत की आर्थिक प्रगति का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण भाग है। पश्चिम एशियाई देशों के साथ भारत के ऊर्जा नीति सहयोग का विश्लेषण कीजिये। (2017) |