लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 11 Jan, 2024
  • 24 min read
प्रारंभिक परीक्षा

ISRO द्वारा पॉलिमर इलेक्ट्रोलाइट मेम्ब्रेन ईंधन सेल का परीक्षण

स्रोत: द हिंदू 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation- ISRO) ने ऑर्बिटल/कक्षीय प्लेटफॉर्म, POEM3 में 100 W श्रेणी के पॉलिमर इलेक्ट्रोलाइट मेम्ब्रेन ईंधन  सेल (PEMFC) पर आधारित उर्जा प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।

PEMFC परीक्षण के प्रमुख निष्कर्ष क्या हैं?

  • प्रौद्योगिकी का परीक्षण: ISRO ने 100-वॉट की श्रेणी के PEMFC का परीक्षण किया जो हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन को बिजली, जल तथा ऊष्मा में परिवर्तित करता है। यह तकनीक अंतरिक्ष में पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों की तुलना में कई लाभ प्रदान करती है, जिनमें निम्नलिखित चीज़ें शामिल हैं:
    • उच्च दक्षता: PEMFC ईंधन को प्रत्यक्ष रूप से विद्युत में परिवर्तित करता है जिसके परिणामस्वरूप यह बैटरी की तुलना में अधिक कार्यकुशल होती है।
    • शुद्ध संचालन: PEMFC उपोत्पाद के रूप में मात्र जल का उत्पादन करते हैं, जिससे जटिल अपविष्ट प्रबंधन प्रणालियों की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।
      • PEMFC द्वारा उत्पादित जल का उपयोग जहाज़ पर खपत के लिये अथवा अतिरिक्त ऑक्सीजन उत्पन्न करने के लिये इलेक्ट्रोलिसिस के लिये किया जा सकता है।
  • परीक्षण प्लेटफॉर्म: PEMFC का परीक्षण कक्षीय प्लेटफॉर्म, POEM3 में किया गया, जिसे 1 जनवरी, 2024 को PSLV-C58 द्वारा लॉन्च किया गया।
    • POEM3 वास्तविक दुनिया की परिस्थितियों में अंतरिक्ष में नई प्रौद्योगिकियों के परीक्षण के लिये एक मंच के रूप में कार्य करता है।
  • भविष्य के मिशनों के लिये निहितार्थ: PEMFC का सफल परीक्षण भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिये कई उल्लेखनीय संभावनाओं का मार्ग प्रशस्त करता है:
    •   भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन को शक्ति प्रदान करना: PEMFC की उच्च दक्षता और जल उत्पादन क्षमताएँ उन्हें प्रस्तावित भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन को शक्ति प्रदान करने के लिये आदर्श बनाती हैं।
    • गहन अंतरिक्ष अन्वेषण: PEMFC मंगल ग्रह जैसे डीप स्पेस/गहन अंतरिक्ष स्थलों पर दीर्घ अवधि के मिशनों के लिये विद्युत् ऊर्जा का एक विश्वसनीय और धारणीय स्रोत प्रदान कर सकता है।

नोट: ISRO के अनुसार वर्तमान में प्रयुक्त सेल के लिये कम वज़न और सस्ती लागत विकल्प के रूप में 10 AH सिलिकॉन-ग्रेफाइट एनोड आधारित उच्च ऊर्जा घनत्व Li-आयन सेल को मान्य किया है।

ईंधन सेल क्या है? 

  • परिचय:  ईंधन सेल एक विद्युत रासायनिक उपकरण है जो ईंधन (जैसे– हाइड्रोजन) और ऑक्सीडेंट (जैसे– ऑक्सीजन) की रासायनिक ऊर्जा को सीधे विद्युत् ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
    • संग्रहीत रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने वाली बैटरियों के ठीक विपरीत, ईंधन सेल तब तक लगातार विद्युत् ऊर्जा का उत्पादन करती हैं जब तक उन्हें ईंधन और ऑक्सीडेंट की आपूर्ति की जाती है।
  • ईंधन सेल के प्रमुख प्रकार:
    • पॉलिमर इलेक्ट्रोलाइट मेम्ब्रेन ईंधन सेल: इनमें इलेक्ट्रोलाइट के रूप में एक पतली, ठोस बहुलक झिल्ली का उपयोग किया जाता है और ये पोर्टेबल अनुप्रयोगों के लिये उपयुक्त हैं।
    • ठोस ऑक्साइड ईंधन सेल (Solid Oxide Fuel Cells- SOFC): SOFC में एक सिरेमिक इलेक्ट्रोलाइट का उपयोग किया जाता है जो उच्च तापमान पर कार्य कर सकता है। ये अत्यधिक कुशल हैं लेकिन PEMFC की तुलना में अधिक महंगे और जटिल हैं।
    • क्षारीय ईंधन कोशिकाएँ (Alkaline Fuel Cells - AFCs): AFC पोटेशियम हाइड्रॉक्साइड (potassium hydroxide) से बने तरल इलेक्ट्रोलाइट का उपयोग करते हैं। वे PEMFC और SOFC की तुलना में कम कुशल, कम महंगे हैं तथा ईंधन में अशुद्धियों के प्रति अधिक सहनशील हो सकते हैं।

  • ईंधन सेल (Fuel cells) के अनुप्रयोग: 
    • संवहन: ईंधन  सेल का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनोंनावों और यहाँ तक कि हवाई जहाज़ों को बिजली देने के लिये किया जा सकता है।
      • ईंधन सेल अंतरिक्ष मिशनों को भी शक्ति प्रदान कर सकते हैं, अंतरिक्ष यान के लिये विद्युत शक्ति प्रदान कर सकते हैं और लंबी अवधि के मिशनों के लिये एक भरोसेमंद ऊर्जा स्रोत प्रदान कर सकते हैं।
      • शून्य उत्सर्जन के साथ अत्यधिक कुशल, जो उन्हें अंतरिक्ष अभियानों के लिये आदर्श बनाता है।
    • पोर्टेबल पावर: ईंधन सेल का उपयोग लैपटॉप कंप्यूटर, सेल फोन और अन्य पोर्टेबल उपकरणों को बिजली देने के लिये किया जा सकता है।
    • स्थिर विद्युत: ईंधन सेल का उपयोग घरों, व्यवसायों और यहाँ तक कि पूरे शहरों को बिजली देने के लिये किया जा सकता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न1: हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहन "निकास" के रूप में निम्नलिखित में से एक का उत्पादन करते हैं: (2010)

(a) NH3
(b) CH4
(c) H2O
(d) H2O2 

उत्तर: c


प्रारंभिक परीक्षा

अमेरिका की धार्मिक स्वतंत्रता से संबंधित चिंताएँ

स्रोत: द हिंदू 

संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश सचिव ने हाल ही में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के कारण "विशेष चिंता वाले देश (Countries of Particular Concern- CPC)", 'विशेष निगरानी सूची (Special Watch List- SWL) वाले देश' और 'विशेष चिंता वाली संस्थाएँ (Entities of Particular Concern- EPC)' के रूप में नामित देशों की एक सूची घोषित की जिसमें प्रमुख रूप से चीन, पाकिस्तान तथा उत्तर कोरिया शामिल हैं।

धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी चिंताएँ क्या हैं?

  • परिचय:
    • अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर संयुक्त राज्य आयोग (United States Commission on International Religious Freedom- USCIRF) देशों को CPC के रूप में पदनाम देने के लिये राज्य सचिव को अनुशंसा करता है।
      • अमेरिका उन देशों में चल रहे धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन को स्वीकार करता है जिन्हें आधिकारिक तौर पर नामित नहीं किया गया है। सरकारों से धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले, सांप्रदायिक हिंसा, शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति के लिये लंबे समय तक कारावास, अंतर्राष्ट्रीय दमन एवं धार्मिक समुदायों के खिलाफ हिंसा के आह्वान जैसे दुर्व्यवहारों को रोकने का आग्रह किया जाता है।

नोट:

  • इससे पहले, USCIRF ने अपनी 2023 की रिपोर्ट में विभिन्न धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों, ईसाइयों और दलितों के खिलाफ धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन का हवाला देते हुए भारत को CPC के रूप में नामित किया था।
  • रिपोर्ट में भारत सरकार के कुछ कानूनों और नीतियों की भी आलोचना की गई, जैसे कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC), साथ ही धार्मिक असंतुष्टों तथा कार्यकर्त्ताओं का कथित उत्पीड़न, हिंसा एवं भेदभाव।
  • भारत सरकार ने रिपोर्ट को 'पक्षपाती और प्रेरित' बताकर खारिज़ कर दिया। सरकार ने अपने सभी नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करने तथा उन्हें बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता का भी बचाव किया, चाहे उनकी आस्था कुछ भी हो।
  • अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता हेतु मानदंड:
    • अमेरिका इस बात पर बल देता है कि वर्ष 1998 में अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम (International Religious Freedom Act - IRFA) के लागू होने के बाद से धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता को बढ़ावा देना अमेरिकी विदेश नीति का एक मूल लक्ष्य रहा है।
    • विभिन्न श्रेणियों में देशों को नामित करने के मानदंड
      • CPCs: जब देशों की सरकारें IRFA 1998 के तहत धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता के अधिकार के "व्यवस्थित, चल रहे और गंभीर उल्लंघन" में संलग्न होती हैं या अनुमति देती हैं।
      • SWL: यह सरकारों द्वारा गंभीर धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन को अंजाम देने या सहन करने पर आधारित है।
      • EPC: व्यवस्थित रूप से जारी और गंभीर धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के लिये।
  • वर्ष 2024 में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के लिये नामित देश:
    • चिंताजनक स्थिति वाले देश:
      • नामित देशों में चीन, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, क्यूबा, इरिट्रिया, ईरान, निकारागुआ, रूस, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और म्याँमार शामिल हैं।
    • विशेष निगरानी सूची वाले देश:
      • अल्जीरिया, अज़रबैजान, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कोमोरोस और वियतनाम को "विशेष निगरानी सूची वाले देश" के रूप में चिह्नित किया गया है।
    • विशेष चिंताजनक संस्थाएँ:
      • अल-शबाब, बोको हरम, हयात तहरीर अल-शाम, हौथिस, ISIS-साहेल, ISIS-पश्चिमी अफ्रीका, अल-कायदा से संबद्ध ज़मात नस्र अल-इस्लाम वाल-मुस्लिमिन और तालिबान जैसे आतंकवादी संगठनों को "विशेष चिंताजनक संस्थाओं" के रूप में नामित किया गया है।" 

धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति:

  • भारत:
    • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25-28 मौलिक अधिकार के रूप में धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देते हैं। संविधान के अनुसार भारत एक धर्मनिरपेक्ष गणराज्य है तथा किसी भी धर्म को देश का आधिकारिक धर्म घोषित नहीं किया गया है।
      • अनुच्छेद 25 (अन्तःकरण की स्वतंत्रता तथा धर्म का स्वतंत्र आचरण, अभ्यास एवं प्रचार)।
      • अनुच्छेद 26 (धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता)।
      • अनुच्छेद 27 (किसी धर्म विशेष के प्रचार के लिये करों के भुगतान की स्वतंत्रता)।
      • अनुच्छेद 28 (कुछ शिक्षा संस्थानों में धार्मिक शिक्षा अथवा धार्मिक पूजा में उपस्थिति के संबंध में स्वतंत्रता)।
      • इसके अतिरिक्त संविधान के अनुच्छेद 29 तथा 30 अल्पसंख्यकों के हितों की सुरक्षा से संबंधित हैं।
  • वैश्विक:
    • मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (Universal Declaration of Human Rights) का अनुच्छेद 18 पुष्टि करता है कि, “प्रत्येक व्यक्ति को विचार, अन्तःकरण तथा धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार है, इस अधिकार में अपने धर्म अथवा विश्वास को परिवर्तित करने की स्वतंत्रता तथा एकल अथवा दूसरों के साथ समुदाय में एवं सार्वजनिक अथवा निजी तौर पर शिक्षण, अभ्यास, उपासना व अनुसरण में अपने धर्म अथवा आस्था को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता शामिल है।

प्रारंभिक परीक्षा

भारत ने सऊदी अरब के साथ द्विपक्षीय हज समझौते 2024 पर हस्ताक्षर किये

स्रोत: पी. आई. बी.

भारत सरकार ने हाल ही में सऊदी अरब साम्राज्य (KSA) के साथ वर्ष 2024 के लिये द्विपक्षीय हज समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं, जो वार्षिक हज यात्रा की सुविधा में एक महत्त्वपूर्ण विकास है।

  • भारत से वर्ष 2024 के हज के लिये कुल 1,75,025 तीर्थयात्रियों का कोटा निर्धारित किया गया है, जिसमें 1,40,020 सीटें भारतीय हज समिति हेतु और 35,005 सीटें हज समूह संचालकों (Haj Group Operators) के लिये आरक्षित हैं।
  • समझौता महरम (पुरुष साथी) के बिना महिला तीर्थयात्रियों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिये भारत सरकार की पहल की भी सराहना और समर्थन करता है।

हज यात्रा की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

    • हज सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का की एक पवित्र तीर्थयात्रा है जिसे प्रत्येक वयस्क मुसलमान को अपने जीवनकाल में कम-से-कम एक बार अवश्य करना चाहिये। यह इस्लाम के पाँच स्तंभों में से एक है।
      • इस्लाम के अन्य स्तंभ:
        • शहादा (विश्वास): ईश्वर की एकता में विश्वास की घोषणा और मुहम्मद को अल्लाह के पैगंबर के रूप में स्वीकार करना।
        • सलाह (प्रार्थना): मक्का में काबा के सामने पाँच दैनिक प्रार्थनाएँ करना। 
        • ज़कात (दान): अपने धन का एक हिस्सा ज़रूरतमंद लोगों को देना। 
        • सावन (उपवास): रमज़ान के महीने के दौरान उपवास। 
    • हज इस्लामिक माह धू अल-हिज्जाह के दौरान होता है और पाँच से छह दिनों तक किया जाता है।
    • तीर्थयात्री समानता और पवित्रता के प्रतीक के रूप में साधारण सफेद वस्त्र (इहराम) पहनते हैं।
    • तीर्थयात्री काबा की परिक्रमा करते हैं, जो ग्रैंड मस्जिद में एक काली घन संरचना है, सात बार वामावर्त दिशा में और उसके कोने पर स्थित काले पत्थर को चूमते हैं या छूते हैं।
      • इस अनुष्ठान को तवाफ़ कहा जाता है, जिसका अरबी में अर्थ है "गोल-गोल घूमना"।

    भारतीय तीर्थयात्रियों के लिये हज यात्रा

    • भारतीय तीर्थयात्रियों के लिये हज यात्रा या तो हज कमेटी ऑफ इंडिया (HCoI) के माध्यम से आयोजित की जाती है, जो अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक वैधानिक संगठन है या फिर मंत्रालय द्वारा विधिवत रूप से अनुमोदित हज समूह आयोजकों (HGO) के माध्यम से किया जाता है।
      • अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय भारत में हज यात्रा संचालित करने वाला नोडल मंत्रालय है।
    • भारतीय हज समिति (HCI) की स्थापना वर्ष 2002 में हज समिति अधिनियम, 2002 के तहत की गई थी।
      • सऊदी अरब में एचसीआई तीर्थयात्रियों के लिये व्यवस्था के सभी पहलुओं का समन्वय भारत के महावाणिज्य दूतावास (CGI), जेद्दा, सऊदी अरब द्वारा किया जाता है।

    विविध

    Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 11 जनवरी, 2024

    बोतल बंद पानी में नैनोप्लास्टिक संदूषण

    संयुक्त राज्य अमेरिका के नवीनतम अध्ययन द्वारा बोतलबंद पानी के बारे में एक चिंताजनक वास्तविकता का पता चला है, जिसमें संभावित स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों को रेखांकित करने वाले सैकड़ों हज़ारों नैनोप्लास्टिक कणों (nanoplastic particles) की उपस्थिति को उजागर किया गया है।

    • एक लीटर बोतलबंद पानी में 110,000 से 370,000 नैनोप्लास्टिक कण होते हैं। इनमें से लगभग 90% कण नैनो आकार के हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिये अधिक खतरा उत्पन्न करते हैं।
    • नैनोप्लास्टिक्स माइक्रोप्लास्टिक्स से भी छोटे होते हैं, जिनका आकार 1 माइक्रोमीटर से भी कम होता है।
      • माइक्रोप्लास्टिक्स (5 मिलीमीटर और 1 माइक्रोमीटर के बीच) के विपरीत, नैनोप्लास्टिक्स हृदय और मस्तिष्क तक पहुँचने से पहले आँतों तथा फेफड़ों से सीधे रक्तप्रवाह में जा सकता है।
    • अध्ययन में पाया गया कि बोतलबंद पानी में सामान्य प्लास्टिक जैसे पॉलियामाइड, पॉलीप्रोपाइलीन, पॉलीइथाइलीन, पॉलीविनाइल क्लोराइड, पॉलीइथाइलीन टेरेफ्थेलेट (PET) बोतलबंद पानी से माइक्रो-नैनो प्लास्टिक के संपर्क में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
      • डिस्पोज़ेबल पेय की बोतलों में उपयोग किया जाने वाला PET गर्मी के संपर्क में आने या निचोड़ने पर पानी में घुल सकता है।

    और पढ़ें: जठरांत्र माइक्रोबायोम्स पर माइक्रोप्लास्टिक्स का प्रभाव

    उच्च न्यायालय की मंज़ूरी: यक्षगान मेला पूरी रात हेतु फिर से शुरू

    एक सदी से भी अधिक पुराना यक्षगान मेला, कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के पालन के अधीन अनुमति दिये जाने के बाद, दक्षिण कन्नड़ में कतील दुर्गापरमेश्वरी प्रसादिता यक्षगान मंडली 14 जनवरी, 2024 से पूरी रात का शो फिर से शुरू हो जाएगा।   

    • यक्षगान कर्नाटक का एक अनोखा नृत्य-नाट्य प्रदर्शन है। इसमें परंपरागत रूप से पुरुषों को सभी भूमिकाएँ निभाते हुए दिखाया गया है। लेकिन, महिलाएँ अब इन मंडलियों का हिस्सा हैं।
    • मुख्य तत्त्वों में रामायण या महाभारत जैसे हिंदू महाकाव्यों की प्रासंगिक कहानियाँ शामिल हैं।
      • चंदे, हारमोनियम, मैडेल, ताल और बाँसुरी जैसे संगीत वाद्ययंत्र इन प्रदर्शनों के साथ होते हैं।
    • सालिग्राम मेला, धर्मस्थल मेला और मंदारथी मेला जैसे विभिन्न प्रसिद्ध मंडल पूरे वर्ष यक्षगान का प्रदर्शन करते हैं।

    निलंबित राज्यसभा सांसदों से जवाब मांगेगी विशेषाधिकार समिति

    राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति ने हाल ही में समाप्त हुए संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विशेषाधिकार हनन के आरोप में निलंबित 11 सदस्यों से प्रतिक्रिया/जवाब मांगने का निर्णय लिया।

    • राज्यसभा में विशेषाधिकार के प्रश्नों से निपटने की प्रक्रिया राज्यों की परिषद् में प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के नियम187 से 203 में निर्धारित की गई है।
      • विशेषाधिकार का प्रश्न सभापति की सहमति प्राप्त करने के बाद ही सदन में उठाया जा सकता है।
    • संसद और उसकी समितियों के साथ-साथ उनके सदस्यों के पास कुशल कामकाज के लिये आवश्यक अधिकार, विशेषाधिकार एवं प्रतिरक्षाएँ हैं। हालाँकि ये अधिकार संसदीय कामकाज के लिये आवश्यक कार्यों तक ही सीमित हैं और सदस्यों को सामान्य सामाजिक दायित्वों से मुक्त नहीं करते हैं।
    • विशेषाधिकार समिति एक स्थायी समिति है। यह सदन और उसके सदस्यों के विशेषाधिकारों के उल्लंघन के मामलों की जाँच और उचित कार्रवाई की अनुशंसा करती है।
      • लोकसभा समिति में 15 सदस्य होते हैं, जबकि राज्यसभा समिति में 10 सदस्य होते हैं।

    और पढ़ें: विशेषाधिकार प्रस्ताव

    विश्व हिंदी दिवस

    प्रतिवर्ष 10 जनवरी को मनाया जाने वाला विश्व हिंदी दिवस, हिंदी बोलने वालों के विशाल योगदान और भाषा के वैश्विक महत्त्व का सम्मान करता है।

    • हिंदी भाषा संयुक्त राष्ट्र महासभा में पहली बार साल 1949 में बोली गई थी। विश्व हिंदी दिवस का उद्घाटन 2006 में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्त्व में हुआ था। तभी से 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
    • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार, देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी संघ की आधिकारिक भाषा है।
    • हिंदी इंडो-यूरोपीय भाषा समूह की इंडो-आर्यन शाखा से संबंधित है।
    • वर्ष 2018 में मॉरीशस के पोर्ट लुइस में विश्व हिंदी सचिवालय (World Hindi Secretariat) भवन का उद्घाटन किया गया।
    • वर्ष 1949 में भारत की संविधान सभा द्वारा आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाए जाने वाले दिन को चिह्नित करने के लिये भारत में हर साल 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है।
    • मंदारिन और अंग्रेज़ी के बाद यह देखा गया है कि हिंदी दुनिया में तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।

    और पढ़ें: विश्व हिंदी दिवस


    close
    एसएमएस अलर्ट
    Share Page
    images-2
    images-2