प्रारंभिक परीक्षा
हिंदी दिवस
- 14 Sep 2022
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भारत के प्रधानमंत्री ने हिंदी दिवस के अवसर पर कहा कि हिंदी भाषा ने भारत को विश्व स्तर पर विशेष सम्मान दिलाया है और इसकी सादगी और संवेदनशीलता हमेशा लोगों को आकर्षित करती है।
हिंदी दिवस के पीछे का इतिहास:
- वर्ष 1949 में भारत की संविधान सभा द्वारा हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाने के दिन को चिह्नित करने के लिये भारत में प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस या राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है।
- भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी का उपयोग करने का निर्णय 26 जनवरी, 1950 को भारत के संविधान द्वारा लिया गया था तथा भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया था।
- हिंदी भाषा आठवीं अनुसूची में भी शामिल है।
- हिंदी शास्त्रीय भाषा नहीं है।
- अनुच्छेद 351 'हिंदी भाषा का प्रचार एवं उत्थान' से संबंधित है।
हिंदी को बढ़ावा देने हेतु सरकार की पहल:
- केंद्रीय हिंदी निदेशालय की स्थापना वर्ष 1960 में भारत सरकार द्वारा शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत हिंदी को बढ़ावा देने और प्रचारित करने के लिये की गई थी।
- भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद ने हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिये विदेशों में विभिन्न विश्वविद्यालयों/संस्थानों में 'हिंदी चेयर' की स्थापना की है।
- लीला-राजभाषा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से भारतीय भाषा को सीखना) हिंदी सीखने के लिये एक मल्टीमीडिया आधारित स्व-शिक्षण अनुप्रयोग है।
- ई-सरल हिंदी वाक्य कोश और ई-महाशब्दकोश मोबाइल एप, राजभाषा विभाग की दोनों पहलों का उद्देश्य हिंदी के विकास के लिये सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करना है।
- राजभाषा गौरव पुरस्कार और राजभाषा कीर्ति पुरस्कार हिंदी भाषा के विकास में योगदान देने वालों को प्रदान किये जाते हैं।
हिंदी भाषा:
- हिंदी विश्व की चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है और देवनागरी लिपि में लिखी जाती है। भाषा का नाम फारसी शब्द 'हिंद' से मिला- जिसका अर्थ है 'सिंधु नदी की भूमि'; और संस्कृत के वंशज हैं।
- 11वीं शताब्दी की शुरुआत में तुर्की के आक्रमणकारियों ने सिंधु नदी के आसपास के क्षेत्र की भाषा को हिंदी यानी 'सिंधु नदी की भूमि की भाषा' नाम दिया।
- यह भारत की आधिकारिक भाषा है, जबकि अंग्रेज़ी दूसरी आधिकारिक भाषा है।
- भारत के बाहर कुछ देशों में भी हिंदी बोली जाती है, जैसे मॉरीशस, फिजी, सूरीनाम, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो एवं नेपाल आदि।
- हिंदी अपने वर्तमान स्वरूप में विभिन्न अवस्थाओं के माध्यम से उभरी, जिसके दौरान इसे अन्य नामों से जाना जाता था। पुरानी हिंदी का सबसे प्रारंभिक रूप अपभ्रंश था। 400 ईस्वी में कालिदास ने अपभ्रंश में ‘विक्रमोर्वशियम’ नामक नाटक लिखा।
- आधुनिक देवनागरी लिपि 11वीं शताब्दी में अस्तित्व में आई।