प्रिलिम्स फैक्ट्स (04 Jul, 2024)



रूस से भारत का कच्चा तेल आयात बढ़ा

स्रोत: बिज़नेस लाइन

भारत ने जून 2024 में रूस से कच्चे तेल के आयात में उल्लेखनीय वृद्धि देखी, जो 1.97 मिलियन बैरल प्रतिदिन (million barrels per day- mbpd) तक पहुँच गई, जो जुलाई 2023 के बाद से सबसे अधिक है।

  • यह वृद्धि, जो महीने-दर-महीने लगभग 15% और वार्षिक आधार पर 2% थी, चीन को रूस से कच्चे तेल की आपूर्ति में कमी आने के कारण हुई, जिससे अधिक बैरल भारत की ओर आ गए।
  • सार्वजनिक क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों जैसे इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Indian Oil Corporation Ltd.- IOCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Bharat Petroleum Corporation Ltd.- BPCL), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Hindustan Petroleum Corporation Ltd.- HPCL) और निजी रिफाइनरियों जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (Reliance Industries Ltd.- RIL) ने भारी मात्रा में आयात किया, जिसमें निजी रिफाइनरियों ने प्रतिदिन रिकॉर्ड 871,200 बैरल का आयात किया।
  • इसी समय, पश्चिम एशिया के पारंपरिक आपूर्तिकर्त्ताओं, खासकर इराक (भारत का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्त्ता) और सऊदी अरब से आयात में काफी गिरावट आई। इराक के शिपमेंट में महीने-दर-महीने 20% की गिरावट आई, जबकि सऊदी अरब के शिपमेंट में 36% की गिरावट आई, जो उच्च आधिकारिक बिक्री मूल्यों से प्रभावित था।
  • इसके विपरीत अमेरिका से भारत में कच्चे तेल के आयात में वृद्धि जारी रही, जो यूरोप में रिफाइनरी व्यवधानों के बीच वैश्विक आपूर्ति गतिशीलता में बदलाव का संकेत है।

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फलीदार फसल की गुणवत्ता और पैदावार को बढ़ाने में जिंक की भूमिका

स्रोत: डाउन टू अर्थ

फ्राँस और डेनमार्क के शोधकर्त्ताओं ने फलीदार फसलों में जिंक की महत्त्वपूर्ण भूमिका के बारे में एक अध्ययन किया है। अध्ययन से पता चलता है कि जिंक फलीदार फसलों में नाइट्रोजन फिक्सेशन को आसान बनाता है, जो अमोनिया उत्पादन और पौधों के पोषण के लिये आवश्यक है।

  • यह सूक्ष्मपोषक एक द्वितीयक संकेत के रूप में भी कार्य करता है, जिसे ट्रांसक्रिप्शन फैक्टर फिक्सेशन अंडर नाइट्रेट (transcription factor Fixation Under Nitrate- FUN) द्वारा प्रबंधित किया जाता है, जो विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों में नाइट्रोजन फिक्सेशन दक्षता को नियंत्रित करता है।
  • निष्कर्ष मिट्टी में नाइट्रोजन की उपलब्धता को अनुकूलित करने, संभावित रूप से फसल की पैदावार को बढ़ाने और सिंथेटिक उर्वरकों पर निर्भरता को कम करने की जिंक की क्षमता पर प्रकाश डालते हैं।
  • यह अंतर्दृष्टि जलवायु चुनौतियों के बीच कृषि स्थिरता को बढ़ाने के लिये रास्ते खोलती है।

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विंडफॉल टैक्स

स्रोत: इकोनॉमिक टाइम्स

हाल ही में भारत सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को 3,250 रुपए प्रति टन से बढ़ाकर 6,000 रुपए प्रति टन कर दिया है।

  • विंडफॉल टैक्स एक प्रकार का कर है जो उन कंपनियों अथवा व्यक्तियों पर लगाया जाता है जिन्होंने अप्रत्याशित रूप से अथवा नाटकीय रूप से अत्यधिक लाभ अर्जित किया है, जो प्राय: उनके नियंत्रण से परे बाह्य कारकों के कारण होता है।
    • यह सामान्यतः तेल, गैस एवं खनन जैसे उद्योगों पर लगाया जाता है।
    • इसका उद्देश्य कम्पनियों द्वारा अर्जित असाधारण लाभ का एक हिस्सा प्राप्त करना तथा उसे सार्वजनिक हित के लिये पुनर्वितरित करना है।
    • यह ऊर्जा उद्योग में पारदर्शिता, निष्पक्षता एवं उत्तरदायित्वपूर्ण आर्थिक प्रथाओं को बढ़ावा देने हेतु एक रणनीतिक उपाय है।
  • इस बढ़ोतरी से भारत में कार्यरत तेल कंपनियों के लाभ प्रभावित होगा और साथ ही उनकी आय भी कम हो जाएगी।
  • भारत ने पहली बार 1 जुलाई 2022 को विंडफॉल लाभ पर कर लागू किया, जो अन्य देशों के साथ संरेखित है जो ऊर्जा कंपनियों के अत्यधिक लाभ पर कर लगाते हैं।
  • कर दरों का प्रति दो सप्ताह में पुनर्मूल्यांकन किया जाता है, जिसमें पिछले पखवाड़े की अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों को ध्यान में रखा जाता है।

और पढ़ें: विंडफॉल टैक्स


भारत तथा ADB महामारी संबंधी तैयारियों को मज़बूत करेंगे

स्रोत: पी.आई.बी.

हाल ही में भारत सरकार तथा एशियाई विकास बैंक (ADB) ने भारत की स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारियों और भविष्य की महामारियों के विरुद्ध कार्रवाई क्षमता को एकीकृत तथा मज़बूत करने के लिये 170 मिलियन डॉलर के नीति-आधारित ऋण पत्र पर हस्ताक्षर किये।

  • इस ऋण से भारत की महामारी संबंधी तैयारियों के साथ-साथ प्रतिक्रिया क्षमताओं को मज़बूत करने में सहायता प्राप्त होगी।
    • सुदृढ़ रोग निगरानी एवं बहुक्षेत्रीय प्रतिक्रिया
    • स्वास्थ्य के लिये मज़बूत मानव संसाधन
    • विस्तारित जलवायु-अनुकूल सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढाँचा और नवीन सेवा वितरण।
  • ADB का कार्यक्रम भारत की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM-ABHIM),वन नेशनल वन हेल्थ मिशन तथा स्वास्थ्य के लिये मानव संसाधन को मज़बूत करने के प्रयासों के साथ संरेखित होगा।
    • यह राज्य, संघ एवं महानगरीय स्तर पर संक्रामक रोग निगरानी हेतु प्रयोगशाला नेटवर्क स्थापित करेगा।
    • यह गरीबों, महिलाओं तथा अन्य कमज़ोर समूहों के लिये राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों की निगरानी एवं समन्वय हेतु मज़बूत डेटा प्रणाली का निर्माण करेगा।
    • यह नर्सों, दाइयों, संबद्ध कर्मचारियों के साथ ही डॉक्टरों की शिक्षा, सेवाओं एवं पेशेवर आचरण के मानकों को विनियमित और बनाए रखेगा।

और पढ़ें:  एशिया डेवलपमेंट आउटलुक रिपोर्ट 2024


कोडेक्स एलीमेंटेरियस कमीशन

स्रोत: इकॉनोमिक टाइम्स

हाल ही में भारत ने  कोडेक्स एलीमेंटेरियस कमीशन  (Codex Alimentarius Commission- CAC) की कार्यकारी समिति के 86वें सत्र में भाग लिया।

कोडेक्‍स एलिमेंटेरियस कमीशन (CAC) क्या है?

  • परिचय
    • CAC एक अंतर्राष्ट्रीय खाद्य मानक निकाय है जिसे उपभोक्ता के स्वास्थ्य की रक्षा करने एवं खाद्य व्यापार में उचित प्रथाओं को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मई 1963 में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (Food and Agriculture Organisation - FAO) तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-WHO) द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित किया गया था।
  • मान्यता
  • सदस्य
    • वर्तमान में इस कमीशन में कुल 189 (188 देश और यूरोपीय संघ) सदस्य हैं।
    • भारत वर्ष 1964 में कोडेक्स एलेमेंट्रिस का सदस्य बना।
  • कोडेक्स मानक:
    • सामान्य मानक, दिशा-निर्देश और अभ्यास संहिता: ये मुख्य कोडेक्स विषय आमतौर पर स्वच्छता अभ्यास, लेबलिंग, संदूषक, योजक, निरीक्षण और प्रमाणन, पोषण तथा पशु चिकित्सा दवाओं एवं कीटनाशकों के अवशेषों से निपटते हैं व उत्पादों और उत्पाद श्रेणियों पर क्षैतिज रूप से लागू होते हैं।
    • कमोडिटी मानक: कोडेक्स कमोडिटी मानक एक विशिष्ट उत्पाद को संदर्भित करते हैं, हालाँकि कोडेक्स अब तेज़ी से खाद्य समूहों के लिये मानक विकसित कर रहा है।
    • क्षेत्रीय मानक: संबंधित क्षेत्रीय समन्वय समितियों द्वारा विकसित मानक, संबंधित क्षेत्रों पर लागू होते हैं।
  • CAC की कार्यकारी समिति (CCEXEC) का 86वाँ सत्र:
    • भारत, जिसका प्रतिनिधित्व भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के CEO कर रहे हैं, रोम स्थित FAO मुख्यालय में कोडेक्स एलिमेंटेरियस आयोग की कार्यकारी समिति (CCEXEC) के 86वें सत्र में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है।
      • CCEXEC नए कार्य के प्रस्तावों की समीक्षा करने तथा मानक विकास की प्रगति की निगरानी करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
    • सत्र के दौरान भारत ने छोटी इलायची, हल्दी और वेनिला सहित विभिन्न मसालों के लिये मानक विकास को आगे बढ़ाने का पुरज़ोर समर्थन किया।
      • यह पहल भारत के लिये विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि भारत इन मसालों का एक प्रमुख उत्पादक और निर्यातक है, क्योंकि इससे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में सुगमता आएगी
      • भारत ने वनस्पति तेलों के लिये मानकों की प्रगति, शिगा टॉक्सिन उत्पादन करने वाले एस्चेरिचिया कोलाई (Shiga Toxin-Producing Escherichia Coli) के नियंत्रण हेतु दिशा-निर्देशों तथा खाद्य उत्पादन और प्रसंस्करण में पानी के सुरक्षित उपयोग और पुनः उपयोग का समर्थन किया।
      • भारत ने खाद्य पैकेजिंग में पुनर्नवीनीकृत सामग्रियों के उपयोग से संबंधित खाद्य सुरक्षा संबंधी विचारों पर कोडेक्स मार्गदर्शन विकसित करने के प्रस्ताव का भी समर्थन किया।
    • यह पहल जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में महत्त्वपूर्ण है।
    • भारत ने खाद्य संपर्क अनुप्रयोगों के लिये पोस्ट उपभोक्ता PET (पॉलीइथिलीन टेरेफ्थेलेट) के पुनर्चक्रण पर FSSAI द्वारा विकसित दिशा-निर्देशों के साथ अपने अनुभव साझा किये।

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण

  • FSSAI खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत स्थापित एक स्वायत्त वैधानिक निकाय है।
  • FSSAI भारत में खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता को विनियमित तथा पर्यवेक्षण करके सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा व संवर्द्धन के लिये ज़िम्मेदार है, जो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।

संबंधित कार्यक्रम और अभियान

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  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 ने खाद्य अपमिश्रण की रोकथाम (प्रिवेंशन ऑफ फूड एडल्टरेशन) अधिनियम, 1954 को प्रतिस्थापित किया।
  2. भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (फूड सेफ्टी एंड स्टैण्डर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) (एफ.एस.एस.ए.आई.) केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक के प्रभार में है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a)    केवल 1   
(b)    केवल 2
(c)    1 और 2 दोनों   
(d)    न तो 1, न ही 2

उत्तर: (a)


प्रश्न. विवाद निपटान के लिये संदर्भ बिंदु के रूप में अंतर्राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मानकों के उपयोग के संबंध में, WTO निम्नलिखित में से किसके साथ सहयोग करता है? (2010) 

(a) कोडेक्स एलिमेंटेरियस कमीशन
(b) इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ स्टैंडर्ड्स यूज़र्स
(c) मानकीकरण के लिये अंतर्राष्ट्रीय संगठन
(d) विश्व मानक सहयोग

उत्तर: (a)


मेन्स:

प्रश्न. खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने के लिये भारत सरकार द्वारा अपनाई गई नीति का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिये। (2019)