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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

लाल सागर व्यवधान और भारत की तेल आयात गतिशीलता

  • 10 Feb 2024
  • 11 min read

प्रिलिम्स के लिये:

लाल सागर, फारस की खाड़ी, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी, भारत की तेल आयात गतिशीलता, PTA (प्रदर्शन, उपलब्धि और व्यापार), इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम, फेम योजना

मेन्स के लिये:

तेल आयात की स्थिति, बढ़ती तेल मांग को नियंत्रित करने के लिये सरकार की हाल में की गई पहल

स्रोत:इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों? 

लाल सागर में हाल की अशांति से भारत के तेल आयात की गतिशीलता प्रभावित हुई है, जिससे संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे पारंपरिक आपूर्तिकर्त्ताओं पर इसकी निर्भरता में महत्त्वपूर्ण बदलाव आया है।

भारत अपने तेल आयात को अमेरिका से कम क्यों कर रहा है?

  • कुछ समय के लिये, अमेरिका लगातार भारत के शीर्ष पाँच कच्चे आपूर्तिकर्त्ताओं में स्थान पर रहा है, घरेलू रिफाइनरों ने वर्ष 2023 में औसतन 205,000 बैरल प्रति दिन (bpd) कच्चे तेल की खरीद की है। 
  • हालाँकि आँकड़ों से संकेत प्राप्त होता है कि भारतीय रिफाइनरों ने जनवरी 2024 में किसी भी अमेरिकी क्रूड का अधिग्रहण नहीं किया। 
  • लाल सागर की समस्याओं के कारण माल ढुलाई दरें बढ़ गईं, जिससे भारतीय रिफाइनरों के लिये अमेरिकी कच्चा तेल आर्थिक रूप से अव्यवहार्य हो गया। परिणामस्वरूप, भारतीय रिफाइनर फारस की खाड़ी (पश्चिम एशिया) में पारंपरिक आपूर्तिकर्त्ताओं से अपनी ज़रूरतें पूरी करने लगे।
    • हाल ही में गुजरात के तट से लगभग 200 समुद्री मील दूर, रासायनिक टैंकर MV केम प्लूटो पर ड्रोन हमला किया गया था।
      • MV केम प्लूटो एक लाइबेरिया-ध्वजांकित, जापानी स्वामित्व वाला और नीदरलैंड द्वारा संचालित रासायनिक टैंकर है।
      • इसने सऊदी अरब के अल जुबैल से कच्चा तेल लेकर अपनी यात्रा शुरू की थी और इसके भारत के न्यू मैंगलोर पहुँचने की आशा थी।
    • माना जा रहा है कि गाज़ा में इज़रायल की कार्रवाई के विरोध का हवाला देते हुए यमन स्थित हूती विद्रोहियों ने इस हमले को अंज़ाम दिया है।

भारत के लिये शीर्ष कच्चे तेल आपूर्तिकर्ता कौन हैं? 

  • तेल आयात की स्थिति: भारत वर्तमान में अमेरिका और चीन के बाद तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। यह अपनी तेल ज़रूरतों का 85% आयात करता है तथा घरेलू उत्पादन कम होने के साथ यह निर्भरता बढ़ने की संभावना है।
    • भारत वर्ष 2027 में वैश्विक तेल मांग के सबसे बड़े चालक के रूप में चीन से आगे निकल जाएगा। डीज़ल मांग वृद्धि का सबसे बड़ा स्रोत होगा, जो देश की मांग (अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी) में लगभग आधी वृद्धि के लिये ज़िम्मेदार होगा।
  • प्रमुख तेल आपूर्तिकर्त्ता:
    • रूस: रूस वर्तमान में भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्त्ता है। जनवरी 2024 में भारत में रूसी तेल आयात बढ़कर 1.53 मिलियन बैरल प्रति दिन (bpd) हो गया।
      • रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों (रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण) के बाद भारत ने पारंपरिक आपूर्तिकर्त्ताओं को विस्थापित करते हुए रियायती रूसी प्रस्तावों का लाभ उठाया।
      • रूस का यूराल कच्चा तेल ग्रेड भारत के ऊर्जा विविधीकरण प्रयासों की आधारशिला बन गया है।
    • इराक: यह भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति करने वाला दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है, जनवरी 2024 में आयात 1.19 मिलियन bpd तक पहुँच गया, जो अप्रैल 2022 के बाद सबसे अधिक है।
      • तेल खरीद चैनलों में विविधता लाने के भारत के प्रयासों का उद्देश्य भू-राजनीतिक जोखिमों को कम करना और स्थिर ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करना है।
    • सऊदी अरब: सऊदी अरब भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्त्ता है और उसने जनवरी, 2024 में भारत को लगभग 690,172 bpd कच्चे तेल का निर्यात किया तथा भारत के ऊर्जा सुरक्षा परिदृश्य में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रखी।
    • संयुक्त अरब अमीरात: जनवरी, 2024 में UAE से तेल आयात 81% बढ़कर लगभग 326,500 bpd तक पहुँच गया।
      • अबू धाबी भारत का चौथा सबसे बड़ा कच्चे तेल का आपूर्तिकर्त्ता है।

बढ़ती तेल माँगों को नियंत्रित करने के लिये सरकार की हालिया पहल क्या हैं?

  • मांग का प्रबंधन:
    • ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देना: प्रदर्शन उपलब्धि और व्यापार  (PAT) जैसी योजनाएँ उद्योगों को ऊर्जा खपत कम करने के लिये प्रोत्साहित करती हैं।
      • उपकरणों के लिये स्टार लेबलिंग से उपभोक्ताओं को कुशल विकल्प चुनने में मदद मिलती है।
    • ईंधन विविधीकरण: इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम (EBP) जैसी पहल का लक्ष्य 2025 तक गैसोलीन के साथ 20% इथेनॉल मिश्रण करना है, जिससे गैसोलीन पर निर्भरता कम हो जाएगी।
      • इसी तरह वाहनों के लिये संपीड़ित प्राकृतिक गैस (CNG) को बढ़ावा दिया जाता है।
    • विद्युत गतिशीलता: FAME योजना एक सब्सिडी कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य सार्वजनिक और साझा परिवहन के विद्युतीकरण का समर्थन करना है।
      • वर्ष 2030 तक, सरकार का इरादा इलेक्ट्रिक वाहन (EV) की बिक्री को निजी कारों के लिये 30%, वाणिज्यिक वाहनों हेतु 70% और दोपहिया तथा तिपहिया वाहनों के लिये 80% तक पहुँचाने का है।
  • घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना:
    • आकर्षक अन्वेषण नीतियाँ: उत्पादन साझाकारण अनुबंध (PSC) व्यवस्था, खोजे गए लघु क्षेत्र नीति तथा हाइड्रोकार्बन अन्वेषण और लाइसेंसिंग नीति (HELP) का उद्देश्य तेल व गैस संबंधी अन्वेषण में निवेश को आकर्षित करना है।
    • तकनीकी प्रगति: ONGC मौजूदा क्षेत्रों से अधिक तेल निष्कर्षण के उद्देश्य से संवर्द्धित तेल पुनर्प्राप्ति (Enhanced Oil Recovery- EOR) तकनीकों में निवेश कर रही है।

आगे की राह 

  • जैव-ईंधन विकास में विविधता लाना: इथेनॉल मिश्रण के अतिरिक्त सरकार शैवाल, कृषि अपशिष्ट तथा नगरपालिका ठोस अपशिष्ट से प्राप्त उन्नत जैव-ईंधन के अनुसंधान और विकास में निवेश कर सकती है।
    • इन जैव-ईंधन का उपयोग परिवहन और औद्योगिक क्षेत्रों में किया जा सकता है जिससे जीवाश्म ईंधन की आवश्यकता कम हो जाएगी।
  • सार्वजनिक परिवहन और सक्रिय आवागमन को बढ़ावा देना: अंतिम बिंदु तक कुशल कनेक्टिविटी के साथ एकीकृत सार्वजनिक परिवहन प्रणाली अधिक लोगों को यात्रा के सतत् तरीकों को अपनाने के लिये प्रोत्साहित कर सकती है और साथ ही तेल-आधारित परिवहन ईंधन की मांग को कम कर सकती है।
  • हरित भवन मानक: आवासीय और वाणिज्यिक विनिर्माणों के लिये हरित भवन मानकों को अनिवार्य करने से तापन, कूलिंग और प्रकाश व्यवस्था में उपयोग की जाने वाली ऊर्जा की खपत को कम किया जा सकता है।
    • भवनों में ऊर्जा-कुशल डिज़ाइन और सामग्री के उपयोग से विद्युत तथा तापन संबंधी उद्देश्यों के लिये आवश्यक जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम हो सकती है।
  • हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था की ओर: भारत को हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित करना पारंपरिक जीवाश्म ईंधन का एक स्वच्छ विकल्प प्रदान कर सकता है।
    • हाइड्रोजन ईंधन सेल का उपयोग परिवहन, विनिर्माण तथा विद्युत उत्पादन सहित विभिन्न क्षेत्रों में किया जा सकता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न   

प्रिलिम्स:

प्रश्न: कभी-कभी समाचारों में पाया जाने वाला शब्द 'वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट' निम्नलिखित में से किसे संदर्भित करता है: (वर्ष 2020)

(a) कच्चा तेल
(b) बहुमूल्य धातु
(c) दुर्लभ मृदा तत्त्व
(d) यूरेनियम

उत्तर: (a)


मेन्स:

प्रश्न. परंपरागत ऊर्जा की कठिनाईयों को कम करने के लिये भारत की ‘हरित ऊर्जा पट्टी’ पर एक लेख लिखिये। (2013)

प्रश्न. "वहनीय (एफोर्डेबल), विश्वसनीय, धारणीय तथा आधुनिक ऊर्जा तक पहुँच संधारणीय (सस्टेनबल) विकास लक्ष्यों (एस.डी.जी.) को प्राप्त करने के लिये अनिवार्य है।" भारत में इस संबंध में हुई प्रगति पर टिप्पणी कीजिये। (2018)

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